इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विवोडो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति विवोडो ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हितों के वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया
भारत-इंडोनेशिया बहुपक्षीय कार्यक्रमों के साथ-साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन के बैठक का आयोजन करने पर भी राजी हुए
भारत-इंडोनेशिया इमिनेन्ट पर्सन्स ग्रुप द्वारा एक विजन दस्तावेज 2025 पेश किये जाने का भारत और इंडोनेशिया ने स्वागत किया
भारत और इंडोनेशिया ने सुरक्षा और रक्षा सहयोग को आगे और मजबूत बनाने पर जोर दिया
भारत और इंडोनेशिया आतंकवाद से लड़ने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए
  • भारतीय गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर इंडोनेशिया गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री जोको विडोडो 11 से 13 दिसंबर 2016 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हुए हैं। राष्ट्रपति जोको विडोडो की भारत यह पहली द्वपक्षीय यात्रा है।
  • राष्ट्रपति जोको विडोडो ने 12 दिसंबर 2016 को राष्ट्रपति भवन में भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोको विडोडो ने द्वपक्षीय सहित समान हित वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। नवंबर 2015 में इंडोनेशिया की यात्रा करने वाले भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मुलाकात की।
  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस बात को माना कि भारत और इंडोनेशिया दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी सभ्यतामूलक संपर्कों के साथ दोनों दोस्ताना समुद्री पड़ोसी हैं। इसमें हिंदू धर्म सहित बौद्ध धर्म और इस्लाम की साझी विरासत शामिल है। दोनों ने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्राप्त करने के लिए बहुलवाद, लोकतंत्र और कानून के शासन के महत्व को मूल्यों के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक हितों में समानता का स्वागत किया जो एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक स्थायी आधार प्रदान करता है।
  • इन दोनों नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि नवंबर 2005 में एक सामरिक भागीदारी की स्थापना के बाद दोनों देशों के संबंधों ने एक नई गति प्राप्त कर ली है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के 2011 में भारत दौरे के समय आने वाले दशक के लिए ‘भारत-इंडोनेशिया नई सामरिक भागीदारी के विजन’ को परिभाषित करने के लिए एक संयुक्त वक्तव्य और अक्टूबर 2013 में भारतीय प्रधानमंत्री की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाने के मकसद से एक पांच सूत्रीय पहल को स्वीकार किए जाने से दोनों देशों के रिश्ते को एक और बढ़त मिली। दोनों नेताओं ने आसियान शिखर सम्मेलन के मौके पर 13 नवंबर, 2014 को नाय पी ताव में अपनी पहली बैठक को याद किया जिसमें उन्होंने भारत और इंडोनेशिया के बीच सहयोग के ठोस क्षेत्रों पर चर्चा की थी।

सामरिक साझेदारी

  • इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने वार्षिक शिखर सम्मेलन की बैठकें आयोजित करने पर सहमति जताई जिसमें बहुपक्षीय कार्यक्रम भी शामिल हैं। उन्होंने मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह तंत्र सहित नियमित द्विपक्षीय विचार-विमर्श जारी रखने के महत्व पर बल दिया।
  • इन नेताओं ने नाय पी ताव में नवंबर 2014 में दोनों नेताओं के बीच हुई पिछली बैठक के बाद कोयला, कृषि, आतंकवाद से मुकाबला, स्वास्थ्य, ड्रग्स, मादक पदार्थों और नारकोटिक्स में अवैध तस्करी का मुकाबला करने को लेकर गठित क्षेत्रीय संयुक्त कार्य समूह के तहत हुई प्रगति का स्वागत किया। इन नेताओं की बैठकों में तमाम मुद्दों पर बनी सहमति को लेकर कार्यान्वयन का आग्रह किया।
  • नेताओं ने दोनों लोकतंत्रों के बीच संसदीय आदान-प्रदान के महत्व की पुष्टि की और दो संसदों के बीच शिष्टमंडलों के नियमित आवागमन पर संतोष व्यक्त किया। इस संबंध में, उन्होंने अप्रैल 2016 में भारत की ओर से इंडोनेशिया गए संसदीय सद्भावना प्रतिनिधिमंडल और अक्टूबर एवं दिसंबर 2015 में भारत की यात्रा पर आए इंडोनेशिया गणराज्य के जनप्रतिनिधियों तथा क्षेत्रीय परिषदों के सदस्यों के भारत आने की सराहना की।
  • दोनों नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया के प्रसिद्ध जनों के समहू(ईपीजी) के द्वारा दृष्टि दस्तावेज-2025 सौंपे जाने के कदम का स्वागत किया जिसने इस साल की शुरुआत से अपना काम शुरू कर दिया। उस दस्तावेज में 2025 और उससे आगे के लिए द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य के प्रक्षेपवक्र को लेकर रूपरेखा की सिफारिश की गई है।
  • दोनों नेताओं ने इसरो द्वारा सितंबर 2015 में एलएपीएएन ए2 और जून 2016 में एलएपीएएन ए3 उपग्रह को प्रक्षेपित किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने एलएपीएएन और इसरो को लेकर बाह्य अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में सहयोग पर अंतर सरकारी समझौते की रूपरेखा को पूरा करने के वास्ते तेजी लाने और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष का उपयोग करने है तथा जल, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, फसल की भविष्यवाणी और संसाधनों का मानचित्रण के समझौतों; और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की खातिर एक प्रारंभिक तिथि पर संयुक्त समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

  • रणनीतिक साझेदारों और समुद्री पड़ोसियों के रूप में, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। इस संदर्भ में, उन्होंने रक्षा मंत्रियों की वार्ता और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक के प्रारंभिक आयोजन की समीक्षा करने और एक ठोस द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समझौते के लिए मौजूदा "रक्षा के क्षेत्र में सहयोग कार्यों पर समझौते" का उन्नयन करने के लिए मंत्रियों का निर्देश दिया।
  • इन नेताओं ने दोनों देशों की सेनाओं (अगस्त 2016) और नौसेनाओं(जून 2016) के के बीच स्टाफ वार्ता पूरा होने का उल्लेख किया जिसके परिणामस्वरूप दो सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने और वायु सेना स्टाफ वार्ता एक प्रारंभिक तिथि पर आयोजित करने को सहमति बनी थी। दोनों पक्षों में विशेष बलों सहित रक्षा आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास की आवृत्ति में वृद्धि करने के लिए सहमति बनी। उन्होंने दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ उपकरणों के संयुक्त उत्पादन, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में सहयोग के लिए रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग का पता लगाने के लिए निर्देश दिया।
  • दोनों नेताओं ने वैश्विक आतंकवाद और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों से खतरा पर चर्चा की और साइबर अपराध, आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण, मनी लांड्रिंग, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी का मुकाबला करने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने आतंकवाद पर संयुक्त कार्य समूह की सराहना की, जिसने नियमित रूप से मुलाकात की और अक्टूबर 2015 में आयोजित पिछली बैठक के नतीजे का जायजा लिया जिसमें साइबर सुरक्षा सहित परस्पर हित वाले मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने आतंकवाद से मुकाबला करने, स्वास्थ्य, ड्रग्स, मादक पदार्थों और नारकोटिक्स में अवैध तस्करी का मुकाबला करने को लेकर गठित क्षेत्रीय संयुक्त कार्य समूह के तहत हुई प्रगति का स्वागत किया। इस संबंध में अगस्त 2016 में बैठक हुई थी। दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने का वचन दिया था।
  • नेताओं ने नई दिल्ली में "आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2016 पर एशियाई मंत्रिस्तरियों के सम्मेलन" के सफल आयोजन का स्वागत किया और इस क्षेत्र में सहयोग के लिए क्षमता को चिह्नति किया। साथ ही अपने संबंधित पक्षों को नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण के सहयोग तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रतिक्रिया करने के लिए इस प्रकार की क्षमताओं को बढ़ाने को संस्थागत रूप देने में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए।
  • दोनों नेताओं ने दुनिया और अपने-अपने देशों के आसपास के क्षेत्रों के लिए समुद्री क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने समुद्री सहयोग को गहरा करने का वादा किया है और इस यात्रा के दौरान एक अलग "समुद्री सहयोग पर वक्तव्य" जारी किया। वक्तव्य में एक व्यापक क्षेत्र शामिल, जिसमें समुद्री सुरक्षा, समुद्री उद्योग, समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन और दोनों देशों द्वारा की चिह्नित द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों सम्मिलित हैं।
  • नेताओं ने अवैध, अनियमित और गैर रिपोर्टेड (आईयूयू) फिशिंग को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता की पुष्टि की और आईयूयू पर हस्ताक्षर किए जाने और इंडोनेशिया और भारत के बीच स्थायी मत्स्य शासन को बढावा देने का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने उभरते हुए अंतरराष्ट्रीय संगठित मत्स्य अपराधों, जो दुनिया के लिए एक बढ़ता हुआ खतरा बन गया है, को एक संगठित अपराध की मान्यता दी।

 व्यापक आर्थिक भागीदारी

  • दोनों नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार एवं विनिवेश में वृद्धि पर संतोष जाहिर किया और उम्मीद के मुताबिक खुले तथा पारदर्शी आर्थिक नीति ढांचे के महत्व को स्वीकार किया जिससे दोतरफ व्यापार, निवेश तथा निजी क्षेत्र की अगुआई वाले आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • दोनों देशों के नेता चाहते हैं कि द्विवार्षिक व्यापार मंत्रियों के फोरम(बीटीएमएफ) की बैठक जल्द बुलाई जाए। फोरम व्यापार और निवेश की बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य के साथ आर्थिक नीतियों पर आवश्यक बातचीत करने में सक्षम होगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति विडोडो को अपनी सरकार की तरफ से भारत में बदलाव के लिए किए जा रही पहलों मसलन ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटिल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटी’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया ’ और ’स्वच्छ भारत’ से अवगत कराया। साथ ही इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए इंडोनेशिया के व्यापारियों को आमंत्रित किया। राष्ट्रपति विडोडो ने भी इंडोनेशिया में हाल में सुधार को लेकर उठाए गए कदमों और कारोबारों को सुगम बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी। उन्होंने भारतीय कंपनियों को इंडोनेशिया में औषधि निर्माण, बुनियादी ढांचा, आईटी, ऊर्जा और उत्पादन उद्योग के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
  • भारत और इंडोनेशिया के प्रमुख उद्योपतियों के फोरम की 12 दिसंबर 2016 को नई दिल्ली में हुई बैठक का स्वागत किया और ऐसी बैठकों को नियमित किए जाने को बढ़ावा देने की बात कही ताकि द्वपक्षीय व्यापार एवं निवेश सहयोग को और आगे बढ़ाया जा सके। इंडोनेशिया और भारत के चुनिंदा कार्यकारी अधिकारियों की 13 दिसंबर 2016 और दोनों देशों के प्रमुख उद्योपतियों के फोरम की 12 दिसंबर 2016 को नई दिल्ली में हुई बैठक की रिपोर्ट राष्ट्रपति जोको विडोडो को सौंप दी गई।
  • नेताओं ने यह बात स्वीकार की कि दोनों देशों के आर्थिक विकास के लिए विश्वसनीय, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा तक पहुंच बनाना महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए नवंबर 2015 में किए गए करार का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा पर गठित संयुक्त कार्य समूह के समझौतों के क्रियान्वयन की सराहना की। उन्होंने इस दिशा में द्विपक्षीय स्तर की ठोस कार्य योजना को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्य समूह की जल्द ही बैठक बुलाने को कहा।
  • राष्ट्रपति विडोडो ने अक्षय ऊर्जा, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की पहल का स्वागत किया।
  • नेताओं ने नवंबर 2015 में कोयला पर आयोजित संयुक्त कार्य समूह की बैठक के नतीजे का उल्लेख किया। दोनों नेता साझा आकांक्षा के साथ ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही संबंधित जलवायु परिवर्तन के लक्ष्य को पूरा सहमत हुए हैं।
  • भविष्य में मिश्रित ऊर्जा की मांग को पूरा करने की दिशा में, दोनों नेताओं ने तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग को लेकर नवीकरण ऊर्जा के समझौता ज्ञापन के लिए प्रोत्साहित किया। इस दिशा में और विस्तार के लिए संयुक्त कार्य समूह कार्य कर रहा है।
  • दोनों नेता आम स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में घनिष्ठ सहयोग का मार्ग प्रशस्त करने के लिए स्वास्थ्य सहयोग पर समझौता ज्ञापन के नवीकरण को सकारात्मक तरीके से देख रहे हैं। उन्होंने दवा के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों पक्षों को प्रोत्साहित भी किया।
  • नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया और इस क्षेत्र में ठोस कार्रवाई की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चाव, चीनी और सोयाबीन की आपूर्ति के लिए भारत की तैयारी की जानकारी दी।
  • सूचना और संचार प्रौद्योगिकी द्वारा पेश आ रही अवसरों एवं चुनौतियों को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने दोनों नेताओं ने नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग को विकसित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
  • व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी के महत्व को ध्यान देने योग्य बात कहते हुए उन्होंने दिसंबर 2016 से जकार्ता और मुंबई के बीच गरूड़ इंडोनेशिया की शुरू उड़ानों का स्वागत किया। उन्होंने भारत की एयरलाइनों द्वारा इंडोनेशिया के लिए भारत से सीधी उड़ानों को प्रोत्साहित किया है। दोनों देशों ने प्रत्यक्ष शिपिंग लिंक को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह एवं हवाई पोर्ट के क्षेत्र में निजी सेक्टर को प्रोत्साहित किया है। इसमें सार्वजनिक-निजी-साझेदारी या अन्य रियायती योजनाएं शामिल हैं।
  • नेताओं ने जोर देकर कहा कि मानकों पर आधारित द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस संबंध में, मानकीकरण के सहयोग के लिए इंडोनेशियाई राष्ट्रीय मानकीकरण एजेंसी(बीएसएन) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्‍वागत किया ।

संस्कृति एवं लोगों के बीच संपर्क

  • दोनों नेता सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम 2015-2018 के तहत कला, साहित्य, संगीत, नृत्य एवं पूरातत्व के जरिये दोनों देशों के लोगों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को स्थापित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने में युवाओं पर फिल्मों के प्रभाव और उसकी लोकप्रियता को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने फिल्म उद्योग के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई है।
  • नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया में युवा पीढ़ी को सशक्त करने के लिए शिक्षा और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में निवेश के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने संकाय आदान प्रदान, शिक्षिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, दोहरी डिग्री कार्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय के संबंधों का संस्थानीकरण करने की दिशा में किए जा रहे सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौते के प्रारंभिक निष्कर्ष के महत्व पर बल दिया और संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
  • दोनों नेताओं ने इंडोनेशिया के विभिन्न विश्यविद्यालयों में भारतीय अध्ययन के लिए केंद्र खोले जाने का स्वागत किया और भारतीय विश्वविद्यालयों में भी इंडोनेशियाई अध्ययन केंद्र खोले जाने पर सहमति जताई है।
  • दोनों पक्ष युवा मामले और खेल पर सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और इस संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया है।

आम चुनौतियों से निपटने में सहयोग

  • दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी शब्दों में निंदा की और आतंकी गतिविधियों को लेकर ‘जीरो टोलरेंस’नीति यानी बर्दाश्त नहीं करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने बड़ी चिंता के साथ आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के बढ़ने और उसकी सार्वभौमिक पहुंच के बढ़ते खतरे का उल्लेख किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 1267 को लागू करने के लिए सभी देशों से आह्वान किया। उन्होंने सभी देशों से आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने को मिटाने और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की दिशा में काम करने के लिए सभी देशों का आह्वान किया ताकि आतंकवादी नेटवर्क और वित्तपोषण को खत्म किया जा सके। साथ ही सीमा पार से आतंकवाद को रोकने का भी आह्वान किया गया। उन्होंने अपने क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले राष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के वास्ते सभी देशों के लिए प्रभावी आपराधिक न्याय प्रतिक्रिया स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस संदर्भ में, दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच अधिक से अधिक खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
  • दोनों नेताओं ने नौवहन की स्वतंत्रता का सम्मान करने और उड़ान भर में नियम कायदों का पालन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जोकि संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन समुद्र के कानून (यूएनसीएलओएस) में विशेष रूप से परिलक्षित होता है। इस संबंध में, उन्होंने सभी दलों से खतरे का सहारा लिए बिना शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से विवादों को हल करने का आग्रह किया जिससे गतिविधियों के संचालन में आत्म-संयम बरतने और एकतरफा कार्रवाई करने से बचने को कहा ताकि अनावश्यक तनाव से बचा जा सके। यूएनसीएलओएस में देशों के नेताओं के रूप में, उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी दलों को यूएनसीएलओएस के लिए अत्यंत सम्मान दिखाना चाहिए जिसे समुद्र और महासागरों के अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए स्थापित किया गया है। दक्षिण चीन सागर के बारे में, दोनों पक्षों ने यूएनसीएलओएस  के मुताबिक विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के महत्व पर बल दिया।
  • दोनों पक्षों ने व्यापक क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी को लेकर आगे बढ़ने के लिए वार्ता के   निष्कर्ष के महत्व को दोहराया।
  • दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रमुख निकायों में सुधार के लिए चल रहे कार्यक्रमों को अपने समर्थन की मंशा को दोहराया जिसमें सुरक्षा परिषद में सुधार शामिल है। आज की दुनिया की चुनौतियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र को अधिक लोकतांत्रिक, पारदर्शी और कुशल बनाना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि परिषद का इस तरह के एक पुनर्गठन किया जाना चाहिए जिससे कि विकासशील देशों को पर्याप्त रूप से परिषद के स्थायी सदस्यों के जरिये प्रतिनिधित्व मिल सके। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधार से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सहमति जताई।
  • यह महसूस करते हुए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय वैश्विक आर्थिक सुधार और जलवायु परिवर्तन की गति को बढ़ाने की साझा चुनौतियों का सामना कर रहा है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रमुख सदस्यों के रूप में सहमति व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों ने माना कि भारत और इंडोनेशिया को मिलकर बहुपक्षीय मंचों पर एक साथ प्रभावी ढंग से काम करना चाहिए।
  • दोनों नेताओं ने पिछले 24 वर्षों में आसियान-भारत वार्ता के संबंध में की गई लगातार प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और आसियान-भारत वार्ता संबंध की 25 वीं वर्षगांठ और सामरिक भागीदारी 2017 की पांचवीं वर्षगांठ मनाने के लिए की गई तैयारियों का स्वागत किया है। इसमें भारत में एक स्मारक शिखर सम्मेलन सहित मंत्रिस्तरीय बैठक, व्यापार सम्मेलन, सांस्कृतिक समारोह और अन्य गतिविधियां शामिल हैं जिससे लोगों के बीत रिश्ते प्रगाढ़ हो सकें। दोनों पक्ष इस तरह पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस), आसियान क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) और आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक(ए डी एम एम +) के रूप में आसियान से संबंधित तंत्र में घनिष्ठ समन्वय जारी रखने पर सहमत हुए हैं।
  • नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि एक बड़े देश के रूप में भारत और इंडोनेशिया हिन्द महासागर में अपना विस्तार कर रहे हैं। दोनों देशों को हिंद महासागर रिम संघ(आईओआरए) और संगठन द्वारा पहचाने गए क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में और हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी(आईओएनएस) में भागीदारी करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले साल होने वाले पहले आईओएनएस और आईओआरए सम्मेलन की अगुआई करने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो को बधाई दी।

दोनों नेता इस यात्रा के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई इस पर आगे बढ़ने की बात को लेकर सहमत हुए। साथ ही बैठकों के आयोजन के जरिये द्वपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी। इसके लिए 2017 तक के लिए निम्मलिखित कार्यक्रय तय किए गए हैं-

  1. मंत्रिस्तरीय संयुक्त आयोग का गठन
  2. रक्षा मंत्रियों की वार्ता और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति
  3. दिवर्षीय व्यापार मंत्रियों के फोरम(बीटीएमएफ)
  4. ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की रूपरेखा तय करने के लिए एंनर्जी फोरम की बैठक बुलाने की तैयारी
  5. सुरक्षा सहयोग पर एक व्यापक कार्य योजना विकसित करने के लिए सुरक्षा वार्ता की तैयारी

 

राष्ट्रपति विडोडो ने प्रधानमंत्री मोदी को इंडोशिया की यात्रा के लिए आमंत्रित किया जिसे भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.