प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात की दो दिनों की ऐतिहासिक यात्रा पर, रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात को ‘मिनी इंडिया’ बताया
संयुक्त अरब अमीरात अतुल सोच और उल्लेखनीय कौशल के साथ रेगिस्तान में निर्मित एक स्वर्ग समान है: प्रधानमंत्री मोदी
खाड़ी क्षेत्र भारत के आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है: प्रधानमंत्री मोदी
भारत निवेश और बचत के लिए एक आकर्षक, स्थिर और सुरक्षित गंतव्य है: प्रधानमंत्री मोदी
ईरान परमाणु करार से सहयोग की प्रक्रिया शुरू होगी, आपसी विश्वास बढ़ेगा और शांति एवं स्थिरता कायम करने में मदद मिलेगी: प्रधानमंत्री मोदी
मैं संयुक्त अरब अमीरात को हमारे सबसे महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश भागीदार के रूप में देखता हूँ: प्रधानमंत्री मोदी

आप 34 साल में 26 लाख प्रवासी भारतीयों वाले देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। क्या आपको लगता है कि हालिया वर्षों में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात की उपेक्षा अनजाने में की है?

यह थोड़ा अजीब है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री 34 साल के बाद संयुक्त अरब अमीरात का दौरा कर रहा है। हमारे बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं और एक-दूसरे के साथ अपनेपन का रिश्ता है। हम एक दूसरे के करीब स्थित हैं। हम दोनों के बीच धर्म, संस्कृति और वाणिज्य का स्थायी लिंक है। हमारा समाज बहु-सांस्कृतिक और बहुलतावादी है। हम अब एक दूसरे के शीर्ष तीन व्यापारिक भागीदारों में से हैं। भारत के साथ जितना बेहतर हवाई संपर्क संयुक्त अरब अमीरात का है, उतना किसी और देश का नहीं है। यहाँ रह रहे 26 लाख भारतीय नागरिक दोनों देशों के बीच मानव रिश्ते का एक अटूट जोड़ है। हाल के दशकों में, संयुक्त अरब अमीरात नेतृत्व की दूरदर्शी सोच ने इस देश को विश्व में अग्रणी बना दिया है। भारत प्रमुख वैश्विक शक्तियों में से एक है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक नये मोर्चे के रूप में उभरा है। अपने क्षेत्रों में आतंकवाद और उग्रवाद सहित जन सुरक्षा और हमारी सामरिक चिंताएं समान हैं।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के पास एक दूसरे के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बनने के लायक सब कुछ है। मैं संयुक्त अरब अमीरात को इस रूप में देखता हूँ। खाड़ी क्षेत्र भारत के आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है। मैंने संयुक्त अरब अमीरात के साथ अपनी क्षेत्रीय गतिविधियां शुरू कर दी हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि मेरे लिए संयुक्त अरब अमीरात कितना महत्वपूर्ण है। हमारा संकल्प है - नियमित रूप से उच्च स्तर के संबंध बनाए रखने और एक मजबूत और व्यापक सामरिक भागीदारी बनाना।

संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा धन अपने घर भेजते हैं। आप उनसे क्या कहना चाहेंगे ताकि वे आश्वस्त हों कि भारत बचत एवं निवेश का एक लाभप्रद स्थान बना रहेगा?

हमें अपने भारतीय समुदाय पर गर्व है जो न केवल मेजबान देश की प्रगति और विकास में योगदान दे रहे हैं बल्कि स्वदेश में धन भेजकर भारत के आर्थिक विकास में भी योगदान दे रहे हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि समग्र आर्थिक सुधार कार्यक्रम में हो रही प्रगति के फलस्वरूप वे भारत को अपने निवेश और बचत के लिए एक आकर्षक, स्थिर और सुरक्षित गंतव्य के रूप में पाएंगे।

विदेशों में रह रहे भारतीय भारत में हो रहे बदलावों से उत्साहित और गौरवान्वित हैं। मैं उनमें भारत को लेकर एक नया विश्वास और भारत में आ रहे बदलावों में भाग लेने की तीव्र इच्छा देखता हूँ। मैं भारत की सफलता का हिस्सा बनने के लिए न सिर्फ़ उन्हें प्रोत्साहित करता हूँ बल्कि मैं उनके लिए सामान्य और विशिष्ट दोनों ही तरह से कदम भी उठा रहा हूँ ताकि वे भारत आएं और अपने देश की प्रगति और विकास में अपना योगदान दें।

मध्य-पूर्व और खाड़ी क्षेत्र के सभी देशों के साथ भारत के बहुत अच्छे संबंध हैं। अभी ऐसा समय है जब इस क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है, ऐसे समय में एक सामान्य दोस्त के रूप में भारत क्या भूमिका निभा सकता है?

इस मामले में भारत सौभाग्यशाली है कि इस क्षेत्र के सभी देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं। इसलिए इस क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता पर दुखी और चिंतित हैं। मेरा हमेशा से विश्वास रहा है कि क्षेत्रीय या द्विपक्षीय समस्याओं का वही देश बेहतर तरीके से समाधान निकाल सकते हैं जो इसमें शामिल हैं। हमने अक्सर बाहरी हस्तक्षेप के परिणामों को देखा है। भारत ने हमेशा से अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत का पालन करते हुए बातचीत के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने का समर्थन किया है।

मुझे पूरा विश्वास है कि इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान केवल सभी देशों की रचनात्मक भागीदारी और सामूहिक प्रयासों से किया जा सकता है। क्षेत्र की शांति और स्थिरता सभी के हित में है। मैंने हमेशा से इस क्षेत्र के देशों और संबद्ध अन्य देशों को इसी दृष्टिकोण के साथ चलने की सलाह दी है। जब इस क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद की गंभीर समस्या है, तो इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए यह अनिवार्य है कि वे क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और समृद्धि के लिए इस खतरे से निपटने के लिए एकसाथ मिलकर काम करें।

जहाँ तक भारतीय आर्थिक और भू-राजनीतिक हितों का संबंध है, आप ईरान समझौते को कैसे देखते हैं?

इस क्षेत्र के अन्य देशों के समान ही ईरान के साथ सदियों से भारत के घनिष्ठ सभ्यतागत संबंध हैं। ईरान के साथ हमारा मजबूत आर्थिक और ऊर्जा संबंधी हित जुड़ा हुआ है। अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ भारत की कनेक्टिविटी के लिए भी ईरान महत्वपूर्ण है। हमने हमेशा ही बातचीत के माध्यम से ईरान के परमाणु मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है जो इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बेहतर तरीका है। हमें उम्मीद है कि परमाणु समझौता इस क्षेत्र में अस्थिरता का कारण नहीं बनेगा। यह समझौता एक तरह से इस क्षेत्र में परामर्श और सहयोग प्रक्रिया की शुरूआत होगी जिससे आपसी विश्वास और आत्मविश्वास की वृद्धि होगी एवं इस क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

आप भारत-संयुक्त अरब अमीरात संबंधों में अगले पांच साल में क्या प्रगति देखना चाहते हैं?

जैसा कि मैंने कहा, मैं दोनों देशों के बीच सही मायने में एक व्यापक सामरिक साझेदारी विकसित होते देखना चाहता हूँ। मैं संयुक्त अरब अमीरात को सबसे बड़े व्यापार और निवेश भागीदार के रूप में देखना चाहता हूँ। हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उन्नत क्षेत्रों में एक साथ काम करना चाहते हैं। हम सुरक्षा चुनौतियों की पूरी श्रृंखला में नियमित और प्रभावी सहयोग करेंगे। हमारे सशस्त्र बलों की एक-दूसरे के साथ भागीदारी और अधिक बढ़ेगी। हम अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर और क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान में एकजुट होकर काम करेंगे। हम अपने सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को और आगे बढ़ाएंगे। हमारे रिश्ते में कोई सीमा नहीं है। संक्षेप में कहें तो सभी क्षेत्रों में हमें आदतन एक-दूसरे के लिए खड़ा होना चाहिए।

इस ऐतिहासिक यात्रा पर आपको क्या कहना है?

मैं पिछले कई वर्षों में दुबई में हुई प्रगति के बारे में सुन रहा है। हालांकि, निजी तौर पर मुझे कभी इस देश की यात्रा करने का मौका नहीं मिला। हालांकि प्रधानमंत्री के रूप में, मैं 34 साल बाद संयुक्त अरब अमीरात जा रहा हूँ, लेकिन व्यक्तिगत रूप से यह इस देश की मेरी पहली यात्रा होगी। मैं हमेशा सोचता था कि इस रेगिस्तान में स्वर्ग कैसे हो सकता है? क्या सोच है! क्या जबर्दस्त कौशल है!

दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री बनने के बाद, मैंने देखा है कि विश्व स्तर पर देशों के बीच करीबी रिश्ते पहले सरकार बनाती है और इसके बाद लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ता है। हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात के मामले में दोनों देशों के लोगों के बीच तो अच्छे संबंध हैं लेकिन सरकारों के बीच थोड़ी-सी दूरी है। मेरे हिसाब से यह ठीक नहीं है। एक राजनयिक दृष्टिकोण से यह सही प्रतीत नहीं होता है। इसे बदलना होगा। मुझे विश्वास है कि मेरी यह यात्रा सफल होगी और मैं अबू धाबी और दुबई के शासकों को मुझे निमंत्रण देने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

आप संयुक्त अरब अमीरात सरकार को कौन सा महत्वपूर्ण संदेश देना चाहते हैं?

संयुक्त अरब अमीरात सरकार को “संदेश” देने का मुझे कोई अधिकार नहीं है। सबसे पहले तो यह 34 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। दूसरा यह कि मैं संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व से कभी नहीं मिला। हालांकि उनके विज़न, उनके सामर्थ्य और आधुनिक दुनिया को एक रूप देने की उनकी क्षमता के बारे में अद्भुत बातें सुनी हैं। निश्चित रूप से उन्हें संदेश देने का मुझे कोई अधिकार नहीं है। लेकिन हाँ, मैं चाहता हूँ कि हमारे संबंध और हमारी मित्रता गहरी और मजबूत हो एवं भारत-संयुक्त अरब अमीरात संबंधों में सामरिक भागीदारी बढ़े।

जहां तक भारतीय समुदाय का संबंध है, भारत में बोली जाने वाली सभी भाषाएं संयुक्त अरब अमीरात में भी बोली जाती हैं! बोलने के तरीके में, संयुक्त अरब अमीरात ‘मिनी इंडिया’ है। भारतीय समुदाय को संयुक्त अरब अमीरात ने काफ़ी गर्मजोशी से अपनाया है। जिस तरह से दोनों समुदायों के साथ काम कर रहे हैं, इससे एक खास रिश्ता बन गया है। वहां लाखों ऐसे लोग हैं जो हर पल भारत से जुड़े हुए हैं। मुझे विश्वास है कि दुनिया भारतीय समुदाय के योगदान को पहचानेगा। पिछले 30-40 वर्षों से ये लोग वहां पर हैं। उन्होंने एक मिसाल कायम की है कि कैसे एक प्रवासी समुदाय अपने निवासी देश की विकास यात्रा का हिस्सा बन सकता है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद आपने कई देशों की यात्रा की है और कई भारतीय प्रवासी समुदायों से मुलाकात की है। संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीय समुदाय के बारे में क्या खास है और खाड़ी देशों की यात्रा करने के लिए आपने यही समय क्यों चुना, इस पर आपके विचार?

पूरी दुनिया मानती है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। और एशिया में संयुक्त अरब अमीरात की एक खास जगह है। भारत संख्या के मामले में बड़ा देश है। अगर एशिया को विकास करना है तो एशिया की सभी शक्तियां को एक साथ लाने की जिम्मेदारी भारत की है और साथ-ही-साथ एशियाई सदी को वास्तविकता बनाने के लिए एक साथ काम करने की जिम्मेदारी भी भारत की है।

दूसरी बात यह कि पहले विकास की प्रक्रिया एक चुनौती थी। आज विकास अपने आप में एक चुनौती है। इसके अलावा, आतंकवाद मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। इसलिए मानवता में विश्वास करने वाले सभी देशों को बिना किसी देरी के एक साथ खड़ा होना होगा। आतंकवाद की ताकतों को चुनौती देने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।

जहाँ तक मेरी यात्रा के समय की बात है, तो मैं कहीं की भी यात्रा करूं, यह प्रश्न स्वाभाविक है। मैं उपलब्ध समय के आधार पर अपने कार्यक्रमों को समायोजित करता हूँ। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात में एक अतिरिक्त लाभ यह है कि वहां शनिवार और रविवार को भी काम कर सकते हैं।

खलीज टाइम्स के एसोसिएट बिजनेस संपादक आईजेक जॉन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.