महात्मा मंदिर में कौशल विकास की राष्ट्रीय परिषद का शानदार शुभारंभ
देश के २८ राज्यों और ४ केन्द्रशासित प्रदेशों से ५००० डेलीगेट्स और विशेषज्ञ रहे मौजूद
देश में कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर का चिन्तन करने की पहल मुख्यमंत्री ने गुजरात में की
भारत की युवा शक्ति को कौशलवान बनाएं- श्री मोदी
गुजरात के स्किल डेवलपमेंट मॉडल को भारत सरकार ने स्वीकारा
स्किल डेवलपमेंट के लिए २००८ से अनिर्णायक स्थिति में है केन्द्र सरकार
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में कौशल विकास की राष्ट्रीय परिषद (नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन स्किल डेवलपमेंट) का उद्घाटन करते हुए भारत की युवा शक्ति को कौशलवान बनाने का प्रेरक आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए युवा भारत अपना सामर्थ्य बताने को तत्पर है और उसे इसका अवसर मिलना चाहिए। गुजरात ने इस दिशा में पहल की है।
एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर भारत में कौशल विकास को केन्द्र में रखकर राष्ट्रीय स्तर का चिन्तन करने की पहल गुजरात ने की है। आज महात्मा मंदिर में गुजरात सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के तत्वावधान में कौशल विकास की राष्ट्रीय परिषद का शानदार शुभारंभ हुआ। परिषद में देश के २८ राज्यों और ४ केन्द्रशासित प्रदेशों से ५००० डेलीगेट्स एवं विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं, जिसमें विदेशी महानुभाव और केन्द्र सरकार तथा केन्द्रीय एजेन्सियों के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
महात्मा मंदिर में युवा भारत का साक्षात्कार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि विराट भारत के विकास के सपने को साकार करने के लिए यह युवा पीढ़ी तत्पर है। टेक्नोलॉजी ने व्यवस्था और विकास के परिमाण बदल दिये हैं, ऐसे में उन्होंने वैश्विक परिवर्तनों की आवश्यकता के अनुकूल भारत की युवा संपदा के कौशल-सामर्थ्य को उजागर करने की जरूरत पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने श्रम की महिमा उजागर करते हुए कहा कि हुनर-कौशल गरीब श्रमजीवी की अमानत है। वह स्वयं किसी झुग्गी या सेवाबस्ती में रहता है लेकिन अपनी कौशल कारीगरी के जरिए ऊंचे महल तैयार करने का सामर्थ्य रखता है। देश का निर्माण इन्हीं कुशल कारीगरों के हुनर-हाथों के कमाल और परिश्रम के पसीने से होता है। श्रमिक का गौरव और श्रम की महिमा ही भारत के विकास में जनशक्ति के विराट सामर्थ्य को सहभागी बनाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में युवा शक्ति, बौद्धिक संपदा, हुनर-कौशल की क्षमता और विकास के लिए कुशल मानवबल की मांग- यह सभी कुछ है, लेकिन उसे एक कड़ी में पिरोकर प्रगति में भागीदार बनाने को लेकर उदासीनता व्याप्त है। विश्व में भारत सबसे युवा देश है जहां ७५ फीसदी युवा ३५ वर्ष से कम आयु के हैं। यदि इस युवा शक्ति को राष्ट्रीय संपत्ति के तौर पर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाने की दिशा आजादी के बाद के शासकों ने पकड़ी होती तो हिन्दुस्तान दुनिया का शक्तिशाली राष्ट्र बन गया होता। परन्तु किसी ने इस दिशा में कुछ नहीं किया इसलिए हम कर रहे हैं। गुजरात ने युवा शक्ति को हुनर-कौशल के जरिए विकसित करने की पहल की है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जिसने युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित नहीं किया है। विकास का आधार ही कुशल युवा शक्ति है और गुजरात ने स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर सही दिशा में कदम बढ़ाया है।
श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री देश में कौशल विकास के ५०० पाठ्यक्रमों की चर्चा करते हैं, जबकि चीन ने तो अपने युवाओं के कौशलवर्द्धन के लिए हजारों पाठ्यक्रम शुरू कर दिए हैं। कब तक हम भारत के युवाओं के अरमानों को इंतजार करवाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि निपुणता के जरिए बेरोजगारी की समस्या को हल किया जा सकता है।
युवाओं के स्किल डेवलपमेंट को लेकर वर्तमान केन्द्र सरकार की अनिर्णायक मानसिकता की मिसाल पेश करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष २००८ में नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल का गठन किया था। वर्ष २००९ में स्किल डेवलपमेंट की नेशनल पॉलिसी बनाई, उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में स्किल डेवलपमेंट के एडवाइजर का कार्यालय खोला और फिर नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का गठन किया, लेकिन कुल मिलाकर अमलीकरण के नाम पर कोई प्रगति नहीं हुई। और आखिर में जुलाई-२०१३ में इन सभी एजेंसियों को मिलाकर एक नई एजेंसी का गठन किया है, परन्तु स्किल डेवलपमेंट का मॉडल अब तक खड़ा नहीं कर सके हैं। जबकि गुजरात ने कौशलवर्द्धन केन्द्रों का नेटवर्क खड़ा कर भारत सरकार को प्रेरणा दी है।
गुजरात के कौशलवर्द्धन केन्द्रों को तो स्वयं प्रधानमंत्री का बेस्ट स्किल डेवलपमेंट का नेशनल अवार्ड हासिल हुआ है और इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृती मिली है। गुजरात ने आईटीआई जैसे बुनियादी स्तर के टेक्निकल एजुकेशन का नेटवर्क सक्षम बनाया है और प्रत्येक तहसील में आईटीआई शक्तिशाली टेक्निकल कौशल प्रशिक्षण का माध्यम बन गई है, जिसका समाज में गौरव प्रस्थापित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के जो राज्य युवाओं के कौशल विकास के लिए निर्णायक अमलीकरण कर रहे हैं, उन्हें बेरोजगारी घटाने में सफलता मिली है। कुशल मानव संसाधन विकास के लिए विश्व की मांग की पूर्ति करने को भारत समर्थ है। जरूरत है तो बस युवा शक्ति को हुनर-कौशल विकास के महत्तम अवसर प्रदान करने की। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, मलेशिया जैसे अनेक देशों का उदाहरण पेश कर उन्होंने कौशल विकास की महिमा को उजागर किया।
भारत में एप्रेंटिसशिप एक्ट के अमल को लेकर भारत सरकार के उपेक्षित रवैये की आलोचना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एप्रेंटिस को स्टाइपेंड देने के वर्तमान १४९० रुपये के मासिक स्तर में गुजरात ने पहल करते हुए १५०० रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहक एप्रेंटिस स्टाइपेंड जोड़ा है और इसकी वजह से एप्रेंटिस की संख्या में १०,००० की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर उनका श्रद्धा-स्मरण करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल जी ने कौशल-स्किल के लिए “सेवन-एम फॉर स्किल” का मंत्र दिया था। जिसमें मैन, मनी, मशीन, मोटिव पॉवर, मैनेजमेंट, मटीरियल और मार्केट का समावेश होता है। इन सभी का समन्वय कर युवाओं को कौशलवान बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जितना गुणगान हमनें आईआईटी और आईआईएम की उच्च शिक्षा का किया है उतना ही स्किल डेवलपमेंट के लिए आईटीआई का करने की जरूरत है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का निर्णायक योगदान है और जीरो डिफेक्ट प्रोडक्शन तथा लो-कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग के जरिए विश्व के बाजारों पर छा जाने के लिए भी स्किल डेवलपमेंट सेक्टर को सामर्थ्यवान बनाने की आवश्यकता है।
प्रारंभ में श्रम एवं रोजगार मंत्री सौरभभाई पटेल ने स्वागत भाषण में इस राष्ट्रीय परिषद के उद्देश्य की भूमिका पेश की।
श्री पटेल ने श्रम और कौशल निर्माण की महिमा उजागर करते हुए कहा कि गुजरात मंद आईटीआई के परंपरागत पाठ्यक्रमों में समयानुकूल बदलाव लाकर मुख्यमंत्री ने युवा शक्ति की भुजाओं में कौशलसंवर्द्धन के जरिए स्वाभिमान के साथ स्वरोजगार का नया प्रेरणाबल भरा है।
विश्व बैंक के सोशल प्रमोशन यूनिट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जॉन डेविड ब्लोमक्विस्ट ने विश्व में श्रम शक्ति और बाजार तथा उत्पादन व्यवस्था की मांग के अनुरूप कौशलवर्द्धक मानव संसाधन की आवश्यकता के सन्दर्भ में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि अब विश्व बैंक स्वयं विकसित और विकासशील देशों में औद्योगिक एवं बाजार व्यवस्था की उभरती हुई संभावनाओं को जोड़कर मानव संसाधन निर्माण के आयाम शुरू करने जा रहा है। ब्लोमक्विस्ट ने विश्वास जताया कि भारत में युवा शक्ति के कौशलवर्द्धन द्वारा सशक्तिकरण की जरूरत के सन्दर्भ में गुजरात का यह राष्ट्रीय परिसंवाद उद्दीपक बनेगा।
इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के ट्रेड कमिश्नर टॉम क्लेडर सहित राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, विविध राज्यों के वरिष्ठ सचिव, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के अध्यक्ष मंथा तथा योजना आयोग की सलाहकार श्रीमती सुनीता सांघी एवं उद्योगगृहों, स्वैच्छिक औद्योगिक तालीम संस्थाओं के पदाधिकारी के अलावा कौशल निर्माण क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
श्रम रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.पनीरवेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
दिन के दौरान इस परिषद में १० विभिन्न विषयों पर ३० चर्चा एवं तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ।