"Shri Narendra Modi addresses 29th Annual Session of FICCI Ladies Organisation (FLO) in New Delhi"
"Empowerment of women is key to enhancing entrepreneurship. Till we do not empower women, there is no change for entrepreneurship among them: Shri Modi"
"In every sphere, wherever women have got the opportunity they are two steps ahead of men and this has to be accepted: Shri Modi"
"In Indian culture, position of women is supreme. Wherever there is purity, we see Mother. The Ganga is an incarnation of the Mother, so is India. Even the cow is revered as a Mother. Position of women has always been supreme, there are no two views on this: Shri Modi"
"No question of differentiation between girl and boy child: Shri Modi"
"Shri Modi talks extensively of steps taken by Gujarat Government for empowerment of women"
"In the west, people think of Indian women as housewives. I am not convinced with this thought. In tribal dominated areas, see what women are doing for economic development. In dairy sphere, I feel the contribution of men is minimum. It is not that the women are not there in the development journey, only thing is that they are not partners in decision making process: Shri Modi"
"Shri Modi answers questions on his weaknesses, steps to strengthen handicrafts and women reservation bill"
"He (Narendra Modi) is a person whose Mantra is Teamwork: FICCI President Smt. Naina Lal Kidwai"
मातृशक्ति के सामर्थ्य, गौरव और भागीदारी के लिए श्री मोदी का आह्वान
भ्रूण हत्या के कलंक को मिटाने की अपील
गुजरात में मनोवैज्ञानिक और सर्वांगीण व्यूहरचना से महिलाओं का सशक्तिकरण
भारतीय सांस्कृतिक परंपरा और विरासत में माता का स्थान सर्वोपरि
आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाशक्ति के सामर्थ्य को भागीदार बनाने के लिए श्री मोदी ने आर्थिक सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया
महिला उद्योग साहसिकता की सफलता महिला सशक्तिकरण पर आधारित है
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में फिक्की की लेडिज विंग एफएलओ द्वारा आयोजित वार्षिक परिषद को संबोधित करते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में मातृशक्ति के सामर्थ्य, गौरव और भागीदारी को सुनिश्चित करने की प्रेरक हिमायत की। उन्होंने कहा कि आधुनिक विकास में महिलाओं को भागीदार बनाने के लिए उन्हें सर्वप्रथम निर्णय में भागीदार बनाना होगा। निर्णय की इस भागीदारी की प्रथम शर्त यह है कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण किया जाए। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने मनोवैज्ञानिक आधार पर नारी सशक्तिकरण की अनोखी पहल की है। देश की गणमान्य महिला उद्योग साहसिक, महिला संगठनों के आमंत्रित प्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में महिलाएं एफएलओ के इस कार्यक्रम में मौजूद थी।
मुख्यमंत्री ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति की परंपरा और विरासत में माता के प्रति पवित्र और शुद्ध श्रद्धाभावना के संस्कारों का आविर्भाव हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में नदी माता, गौ माता और भारत माता का स्थान सर्वोपरि रहा है, परन्तु १२०० वर्ष के गुलामी काल के परिणामस्वरूप समाज में जो विकृतियां और बुराइयां आईं उनके कारण नारी गौरव और सामर्थ्य की उपेक्षा की गई। १८वीं सदी में तो बेटियों को जन्म लेने के साथ ही दूध में डुबोकर मौत के घाट उतार दिया जाता था। इस दर्दनाक सामाजिक बुराई का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि २१वीं सदी में भी माता के गर्भ में भ्रूण हत्या करके समाज घोर पाप कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप भविष्य में समग्र संसार चक्र बिखर जाएगा और समाज असंतुलित हो जाएगा। श्री मोदी ने इस स्थिति को बदलने के लिए मातृशक्ति को नेतृत्व लेने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने कहा कि स्वभाव से संवेदनशील महिला, माता और बहन समय पर अपनी शक्ति का साक्षात्कार करवा सकती है। नारी शक्ति का झरना है और माता शक्ति का अंबार है। संघर्ष करते रहकर शक्ति का संचय करने वाली नारी के सामर्थ्य को श्री मोदी ने जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि महिला उद्योग साहसिकता महिलाओं में सशक्तिकरण के बगैर संभव नहीं है। इनका सशक्तिकरण आर्थिक रूप से उन्हें शक्तिशाली बनाने पर आधारित है। महिला का आर्थिक सामर्थ्य ही उनको निर्णय में भागीदार बना सकता है। अगर भारत का भाग्य बदलना है तो देश की ५० प्रतिशत नारी शक्ति के सामर्थ्य को स्वीकार करने के साथ ही उन्हें गौरव और प्रतिष्ठा देनी होगी।
गुजरात में महिला सशक्तिकरण के प्रेरणात्मक उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि राज्य में लाखों परिवारों में संपत्ति महिला के नाम पर किये जाने पर कोई शुल्क नहीं लगता। इस योजना के चलते गुजरात में लाखों महिलाओं को संपत्ति का मालिक बनाया गया है। शाला में बालक के प्रवेश नामांकन के वक्त उसकी माता का नाम अनिवार्य रूप से लिखने की राज्य सरकार की नीति के परिणामस्वरूप गुजरात की मातृशक्ति को अनोखा गौरव मिला है। मुख्मयंत्री ने महिला सरपंचों के नेतृत्व में ३०० से ज्यादा महिला समरस ग्राम पंचायतों के सफल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात की महिलाओं ने प्रशासन में भी कुशल नेतृत्व उपलब्ध करवाया है। समाज की प्रत्येक वर्ग की महिलाओं में कोई न कोई आंतरिक शक्ति विद्यमान है और इस शक्ति को उजागर करने के लिए व्यवस्था, सुरक्षा और अवसर दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी के लिए पश्चिम की विचारधारा भ्रामक है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं ने अपने आर्थिक सामर्थ्य की प्रतीति करवाई है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नारीशक्ति का प्रभुत्व स्थापित हुआ है।
समाज में बेटी-बेटे के भेदभाव को मिटाने की जागृति पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में बेटियों को जब भी अवसर मिला है, तब उन्होंने बेटों से भी बढ़कर हर क्षेत्र में मैदान मारा है। व्यक्ति, परिवार और समाज नारीशक्ति के गौरव और सामर्थ्य को प्रोत्साहित करने के लिए वातावरण तैयार करें तो महिलाएं उनकी उत्तम भागीदारी से स्थिति को सुधारने में निर्णायक शक्ति का योगदान दे सकती हैं। गुजरात में सफल महिला उद्योग साहसिकों की सूझबूझ वाली सफलतागाथाओं का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी की अनुयायी गंगाबेन मजुमदार ने चरखे से बुनाई के लिए महिला उद्योग साहसिकता का समूह कार्यरत किया था। अहमदाबाद में इन्दुबेन खाखरावाला, जशुबेन के पिज्जा, आदिवासी महिलाओं द्वारा लिज्जत पापड़ के उद्योग और श्वेत क्रांति की मशाल समान अमूल सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी जैसे अनेक महिला उद्यमशीलता के प्रेरणास्रोतों का श्री मोदी ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नारीशक्ति स्वयं संघर्ष करके भी सफल उद्योग साहसिक बन सकती है।
मुख्यमंत्री ने फिक्की की महिला शाखा को समग्र देश में महिला उद्योग साहसिकों की सफलतागाथा का संशोधन कर उसे पुस्तक के रूप में पेश करने तथा वेबसाइट बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि भारत में कॉरपोरेट सेक्टर की कंपनियों के परिवार की महिलाएं कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की प्रवृत्ति का नेतृत्व लें तो उत्तम परिणाम दे सकती हैं। गुजरात में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मिशन मंगलम और सखी मंडल की प्रवृत्तियों की सफलता को प्रेरणास्रोत करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के समुद्रीतट पर समुद्री शैवाल (सी विड कल्टीवेशन) का पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ है जिसमें सागर तट पर बसने वाले सागरखेड़ु समाज की महिलाएं समुद्री शैवाल की खेती में पारंगत हुई हैं। गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में भी महिलाओं ने सखी मंडलों द्वारा केटरिंग मैनेजमेंट के कार्य द्वारा नई आर्थिक प्रवृत्ति की दिशा दिखलाई है। इतना ही नहीं, वाड़ी प्रोजेक्ट और फूलों की खेती में आदिवासी किसान बहनों ने अपना कौशल्य दिखाते हुए फूलों-काजू के निर्यात द्वारा समृद्धि की दिशा दिखलाई है। उन्होंने कहा कि गुजरात में हस्तकला कारीगरी की परंपरागत कला में भी ग्रामीण महिलाओं ने आर्थिक प्रवृत्तियों द्वारा देश-विदेश में प्रशंसा पाई है। राज्य सरकार ने इसकी बाजार व्यवस्था तक उद्दीपक का किरदार निभाया है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में पंचायत और स्थानीय स्वराज की संस्थाओं में महिलाओं को ५० प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने वाला विधेयक विधानसभा में पास किया गया है लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका, क्योंकि गुजरात के राज्यपाल की इसे मंजूरी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने भारत माता का ऋण चुकाने और देश की सेवा के लिए अपना दायित्व निभाने का प्रेरणात्मक अनुरोध करते हुए कहा कि, हम जो कुछ भी हैं उसमें समाज के किसी न किसी व्यक्ति और समुदाय का हम पर ऋण है। इस कर्ज को चुकाने के लिए भारत माता की सेवा करने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा।
मुख्यमंत्री ने महिला जागृति की सराहना करते हुए कहा कि सोशल मीडिया- ट्विटर और फेसबुक जैसे तकनीकी माध्यमों के जरिए अनेक महिलाएं लैंगिग असमानता सहित विविध सामाजिक विषयों और महिलाओं की समस्याओं के संबंध में प्रो-एक्टिव भूमिका निभाते हुए नवीनतम सुझाव देती हैं। अनेक महिलाओं ने विविध विषयों पर अपने सूझाव सोशल मीडिया पर मुझसे साझा किये हैं। मुख्यमंत्री के साथ फिक्की लेडिज विंग की महिलाओं ने प्रश्नोत्तरी भी की। प्रारंभ में फिक्की लेडिज विंग की प्रमुख कविता वरदराजन ने श्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात द्वारा विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत करार दिया और मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। फिक्की की प्रमुख नैनालाल किदवई और एफएलओ की नवनियुक्त प्रमुख मालविका ने भी मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
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आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी
जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।
जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...
आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।
साथियों,
आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।
साथियों,
मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।
साथियों,
छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
साथियों,
ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।
साथियों,
मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।
साथियों,
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।
साथियों,
महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।
साथियों,
लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।
साथियों,
इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।
साथियों,
देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।
साथियों,
आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।
साथियों,
महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।
साथियों,
भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।
साथियों,
सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।
साथियों,
कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।
साथियों,
एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।
साथियों,
कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।
साथियों,
जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।
साथियों,
आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।
साथियों,
मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।