मातृशक्ति के सामर्थ्य, गौरव और भागीदारी के लिए श्री मोदी का आह्वान
भ्रूण हत्या के कलंक को मिटाने की अपील
गुजरात में मनोवैज्ञानिक और सर्वांगीण व्यूहरचना से महिलाओं का सशक्तिकरण
भारतीय सांस्कृतिक परंपरा और विरासत में माता का स्थान सर्वोपरि
आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाशक्ति के सामर्थ्य को भागीदार बनाने के लिए श्री मोदी ने आर्थिक सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया
महिला उद्योग साहसिकता की सफलता महिला सशक्तिकरण पर आधारित है
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में फिक्की की लेडिज विंग एफएलओ द्वारा आयोजित वार्षिक परिषद को संबोधित करते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में मातृशक्ति के सामर्थ्य, गौरव और भागीदारी को सुनिश्चित करने की प्रेरक हिमायत की। उन्होंने कहा कि आधुनिक विकास में महिलाओं को भागीदार बनाने के लिए उन्हें सर्वप्रथम निर्णय में भागीदार बनाना होगा। निर्णय की इस भागीदारी की प्रथम शर्त यह है कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण किया जाए। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने मनोवैज्ञानिक आधार पर नारी सशक्तिकरण की अनोखी पहल की है। देश की गणमान्य महिला उद्योग साहसिक, महिला संगठनों के आमंत्रित प्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में महिलाएं एफएलओ के इस कार्यक्रम में मौजूद थी।
मुख्यमंत्री ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति की परंपरा और विरासत में माता के प्रति पवित्र और शुद्ध श्रद्धाभावना के संस्कारों का आविर्भाव हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में नदी माता, गौ माता और भारत माता का स्थान सर्वोपरि रहा है, परन्तु १२०० वर्ष के गुलामी काल के परिणामस्वरूप समाज में जो विकृतियां और बुराइयां आईं उनके कारण नारी गौरव और सामर्थ्य की उपेक्षा की गई। १८वीं सदी में तो बेटियों को जन्म लेने के साथ ही दूध में डुबोकर मौत के घाट उतार दिया जाता था। इस दर्दनाक सामाजिक बुराई का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि २१वीं सदी में भी माता के गर्भ में भ्रूण हत्या करके समाज घोर पाप कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप भविष्य में समग्र संसार चक्र बिखर जाएगा और समाज असंतुलित हो जाएगा। श्री मोदी ने इस स्थिति को बदलने के लिए मातृशक्ति को नेतृत्व लेने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने कहा कि स्वभाव से संवेदनशील महिला, माता और बहन समय पर अपनी शक्ति का साक्षात्कार करवा सकती है। नारी शक्ति का झरना है और माता शक्ति का अंबार है। संघर्ष करते रहकर शक्ति का संचय करने वाली नारी के सामर्थ्य को श्री मोदी ने जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि महिला उद्योग साहसिकता महिलाओं में सशक्तिकरण के बगैर संभव नहीं है। इनका सशक्तिकरण आर्थिक रूप से उन्हें शक्तिशाली बनाने पर आधारित है। महिला का आर्थिक सामर्थ्य ही उनको निर्णय में भागीदार बना सकता है। अगर भारत का भाग्य बदलना है तो देश की ५० प्रतिशत नारी शक्ति के सामर्थ्य को स्वीकार करने के साथ ही उन्हें गौरव और प्रतिष्ठा देनी होगी।
गुजरात में महिला सशक्तिकरण के प्रेरणात्मक उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि राज्य में लाखों परिवारों में संपत्ति महिला के नाम पर किये जाने पर कोई शुल्क नहीं लगता। इस योजना के चलते गुजरात में लाखों महिलाओं को संपत्ति का मालिक बनाया गया है। शाला में बालक के प्रवेश नामांकन के वक्त उसकी माता का नाम अनिवार्य रूप से लिखने की राज्य सरकार की नीति के परिणामस्वरूप गुजरात की मातृशक्ति को अनोखा गौरव मिला है। मुख्मयंत्री ने महिला सरपंचों के नेतृत्व में ३०० से ज्यादा महिला समरस ग्राम पंचायतों के सफल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात की महिलाओं ने प्रशासन में भी कुशल नेतृत्व उपलब्ध करवाया है। समाज की प्रत्येक वर्ग की महिलाओं में कोई न कोई आंतरिक शक्ति विद्यमान है और इस शक्ति को उजागर करने के लिए व्यवस्था, सुरक्षा और अवसर दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी के लिए पश्चिम की विचारधारा भ्रामक है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं ने अपने आर्थिक सामर्थ्य की प्रतीति करवाई है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नारीशक्ति का प्रभुत्व स्थापित हुआ है।
समाज में बेटी-बेटे के भेदभाव को मिटाने की जागृति पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में बेटियों को जब भी अवसर मिला है, तब उन्होंने बेटों से भी बढ़कर हर क्षेत्र में मैदान मारा है। व्यक्ति, परिवार और समाज नारीशक्ति के गौरव और सामर्थ्य को प्रोत्साहित करने के लिए वातावरण तैयार करें तो महिलाएं उनकी उत्तम भागीदारी से स्थिति को सुधारने में निर्णायक शक्ति का योगदान दे सकती हैं। गुजरात में सफल महिला उद्योग साहसिकों की सूझबूझ वाली सफलतागाथाओं का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी की अनुयायी गंगाबेन मजुमदार ने चरखे से बुनाई के लिए महिला उद्योग साहसिकता का समूह कार्यरत किया था। अहमदाबाद में इन्दुबेन खाखरावाला, जशुबेन के पिज्जा, आदिवासी महिलाओं द्वारा लिज्जत पापड़ के उद्योग और श्वेत क्रांति की मशाल समान अमूल सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी जैसे अनेक महिला उद्यमशीलता के प्रेरणास्रोतों का श्री मोदी ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नारीशक्ति स्वयं संघर्ष करके भी सफल उद्योग साहसिक बन सकती है।
मुख्यमंत्री ने फिक्की की महिला शाखा को समग्र देश में महिला उद्योग साहसिकों की सफलतागाथा का संशोधन कर उसे पुस्तक के रूप में पेश करने तथा वेबसाइट बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि भारत में कॉरपोरेट सेक्टर की कंपनियों के परिवार की महिलाएं कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की प्रवृत्ति का नेतृत्व लें तो उत्तम परिणाम दे सकती हैं। गुजरात में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मिशन मंगलम और सखी मंडल की प्रवृत्तियों की सफलता को प्रेरणास्रोत करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के समुद्रीतट पर समुद्री शैवाल (सी विड कल्टीवेशन) का पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ है जिसमें सागर तट पर बसने वाले सागरखेड़ु समाज की महिलाएं समुद्री शैवाल की खेती में पारंगत हुई हैं। गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में भी महिलाओं ने सखी मंडलों द्वारा केटरिंग मैनेजमेंट के कार्य द्वारा नई आर्थिक प्रवृत्ति की दिशा दिखलाई है। इतना ही नहीं, वाड़ी प्रोजेक्ट और फूलों की खेती में आदिवासी किसान बहनों ने अपना कौशल्य दिखाते हुए फूलों-काजू के निर्यात द्वारा समृद्धि की दिशा दिखलाई है। उन्होंने कहा कि गुजरात में हस्तकला कारीगरी की परंपरागत कला में भी ग्रामीण महिलाओं ने आर्थिक प्रवृत्तियों द्वारा देश-विदेश में प्रशंसा पाई है। राज्य सरकार ने इसकी बाजार व्यवस्था तक उद्दीपक का किरदार निभाया है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में पंचायत और स्थानीय स्वराज की संस्थाओं में महिलाओं को ५० प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने वाला विधेयक विधानसभा में पास किया गया है लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका, क्योंकि गुजरात के राज्यपाल की इसे मंजूरी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने भारत माता का ऋण चुकाने और देश की सेवा के लिए अपना दायित्व निभाने का प्रेरणात्मक अनुरोध करते हुए कहा कि, हम जो कुछ भी हैं उसमें समाज के किसी न किसी व्यक्ति और समुदाय का हम पर ऋण है। इस कर्ज को चुकाने के लिए भारत माता की सेवा करने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा।
मुख्यमंत्री ने महिला जागृति की सराहना करते हुए कहा कि सोशल मीडिया- ट्विटर और फेसबुक जैसे तकनीकी माध्यमों के जरिए अनेक महिलाएं लैंगिग असमानता सहित विविध सामाजिक विषयों और महिलाओं की समस्याओं के संबंध में प्रो-एक्टिव भूमिका निभाते हुए नवीनतम सुझाव देती हैं। अनेक महिलाओं ने विविध विषयों पर अपने सूझाव सोशल मीडिया पर मुझसे साझा किये हैं। मुख्यमंत्री के साथ फिक्की लेडिज विंग की महिलाओं ने प्रश्नोत्तरी भी की। प्रारंभ में फिक्की लेडिज विंग की प्रमुख कविता वरदराजन ने श्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात द्वारा विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत करार दिया और मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। फिक्की की प्रमुख नैनालाल किदवई और एफएलओ की नवनियुक्त प्रमुख मालविका ने भी मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।