महात्मा मन्दिर गांधीनगर में यंग इंडियन लीडर्स कॉन्कलेव
200 युवा भारतीय नेताओं का संवाद सम्मेलन सम्पन्न
राजनीति में अच्छे लोग आएं इसके लिए अनिवार्य मतदान और राइट टू रिजेक्ट के चुनाव सुधार जरूरी : श्री मोदी
सोशियल मीडिया- फेसबुक, ट्वीटर के नेटीजन की स्वयंसेवी संस्था CAG का नवीनतम प्रयोग
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, ब्रिज कोठारी, दीपक पारेख, डॉ. सईद जफर महमूद, वल्लभ भणशाली और सिद्धार्थ पुंशी का सामूहिक चिंतन
भारत के युवाओं के लिए उत्तम अवसर सरकार और उद्योग- वाणिज्य जगत किस प्रकार दे, इस पर सामूहिक चिंतन किया
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में यंग इंडियन लीडर्स कॉन्कलेव में भाग लेने भारतभर में से विभिन्न क्षेत्रों के युवा बौद्धिक समुदायों के विभिन्न मंतव्यों के प्रतिभाव में कहा कि लोकतंत्र में अच्छे निष्ठावान लोग राजनीति में आएं, इसके लिए अनिवार्य मतदान और राइट टू रिजेक्ट का चुनाव सुधार लाना जरूरी है। यह होगा तो राजनैतिक दलों को बेहतर उम्मीदवारों की आवश्यकता पड़ेगी और राजनीति का शुद्धिकरण होगा। गुजरात ने यह कानून बनाया है।
6 करोड़ गुजरातियों की परिभाषा और एकता की भाषा है और विकास में सर्वसमावेशक जाति- धर्म के भेदभाव वाला मॉडल है।
भारतीय युवा बौद्धिकों की स्वयंसेवी संस्था- काउंसिल ऑफ एकाउंटेबल गवर्नेंस CAG के तत्वावधान में महात्मा मंदिर में आयोजित इस संवाद सम्मेलन का विषय- सरकार और उद्योग- व्यापार जगत भारत के युवाओं को ज्यादा बेहतर अवसर कैसे उपलब्ध करवाने के लिए वातावरण बदल सकता है, था।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने 2020 में भारत आर्थिक रूप से विकसित देश किस प्रकार बन सकता है इसका चिंतन प्रस्तुत कर संवाद सत्र का शुभारम्भ करवाया।मुख्यमंत्री दिनभर चले पांचों चर्चा सत्रों में श्रोता के रूप में उपस्थित रहे और डॉ. अब्दुल कलाम के साथ ही दीपक पारेख (एचडीएफसी) ब्रीज कोठारी (आईआईएम-ए), सिद्धार्थ पुंशी (जेपी मॉर्गेज), वल्लभ भणशाली (ग्लोबल पेगोडा) और डॉ. सईद जफर मेहमूद (जकात काउन्डेशन) जैसे प्रतिष्ठित महानुभावों के प्रेरक मंतव्य सुने।
संवाद- परिषद का समापन करते हुए सोश्यल मीडिया के माध्यम से शक्तिशाली भारत और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए फेसबुक- ट्वीटर के युवा नेटीजन की यह स्वयंसेवी संस्था CAG साकार हुई इसका लोकतंत्र के नये आयाम के रूप में श्री मोदी ने स्वागत किया।उन्होंने देश में शिक्षा की दुर्दशा और खास तौर पर कन्या शिक्षा और समाज में उपेक्षा की पीड़ा का निवारण करने के लिए गुजरात ने दस वर्ष में जनाभियान चलाकर 100 प्रतिशत शाला प्रवेश की उपलब्धि हासिल की है। श्री मोदी ने कहा कि इसी कारण किसी भी समाज की संतान शालाप्रवेश से वंचित नहीं रही और साम्प्रदायिक भेदभाव की बात सिरेसे खारिज हो गई।
समग्र देश में एकमात्र गुजरात ने सरकारी प्राथमिक शाला का ग्रेडेशन गुणोत्सव द्वारा करके शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अपनाए गए आयामों की भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ गरीबतम लाभार्थी को किस तरह सरलता से मिल सके, इस चिंतन द्वारा गरीब कल्याण मेलों का अभियान गरीबों को सशक्त बनाने वाला साबित हुआ। पारदर्शी स्तर पर सच्चे लाभार्थी को खोजकर सरकार के लाभ दिए जा सकें इसके लिए गांव स्तर पर लाभार्थी की सूची लगाई जाती है। इसके साथ ही सरकार नयी नीति तैयार कर उसका मसौदा जनता के समक्ष ऑनलाइन रखकर नीति निर्धारण में जनभागीदारी का सफल प्रयोग कर चुकी है।जनता का भरोसा हासिल हो जाए तो विकास के लिए विवाद या संघर्ष का सवाल ही नहीं पैदा होता। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शासन जितना जनता के साथ सक्रियता से जुड़ा हुआ हो तो बेहतर परिणाम लाए जा सकते हैं। इस सरकार ने चिंतन शिविरों और और वाइब्रेंट लेक्चर सीरीज द्वारा नये चिंतन विषयों की कार्य संस्कृति विकसित की है।
देश और समाज के लिए जिन्हें योगदान देना है ऐसे तेजस्वी होनहार युवाओं के लिए गुजरात में सीएम फेलॉशिप कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसका सफल मूल्यांकन हुआ है और इसे व्यापक सतर पर विकसित करने का संकल्प श्री मोदी ने जताया।गुजरात के प्रशासन में प्रशासनिक अधिकारियों को जनहित के स्वांत: सुखाय प्रोजेक्ट प्रारम्भ करने के लिए प्रेरित करने के अवसर और सुशासन के सैंकड़ों नये आयामों की उपलब्धियों की मुख्यमंत्री ने चर्चा की। उन्होंने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए किसान हित की नीतियों, कश्मीर और भारत के युवाओं के लिए अवसर, सामाजिक सेवाओं का गुणात्मक परिवर्तन आदि विषयों पर श्री मोदी ने अपने विचार रखे।
श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार मीट मटन के निर्यात के लिए प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था में पशुओं का कत्लेआम बहुत भारी संकट बनेगा।भारत को युवा सशक्तिकरण और विकास की सोच बदलकर स्कील डवलपमेंट का दायरा फैलाना होगा। विदेश नीति निर्धारण के लिए भी भारत के हितों और सार्वभौमत्व को केन्द्र में रखने की जरूरत पर श्री मोदी ने बल दिया।