सरदार पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय उद्घाटन समारोह
- सरदार साहब अगर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते तो देश की तासीर और तस्वीर कुछ अलग ही होती
- आतंकवाद, माओवाद की बम-बन्दूक की राजनीति किसी समाज या देश का भला नहीं करेगी
- भारत की एकता के लिए सरदार पटेल प्रेरणास्त्रोत हैं
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद में नवनिर्मित सरदार पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में अतिथि विशेष के तौर पर कहा कि देश आज सरदार पटेल की कमी महसूस करता है। सरदार साहब देश के प्रथम प्रधानमंत्री होते तो आज भारत की तासीर और तस्वीर कुछ अलग ही होती।
देश की आजादी के बाद स्वराज से सुराज्य की यात्रा में गुजरात को उत्तम कामकाज के लिए प्रधानमंत्री के ७ अवार्ड देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताया।
श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सरकार के ९० जितने अवार्ड और देश-दुनिया में से यूनो, यूनेस्को, कापम सहित अवार्ड गुजरात को मिलने का भी उल्लेख किया।
श्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल जब अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन में काउंसिलर थे तब देश में स्थानयी स्वराज की संस्थाओं में महिला प्रतिनिधियों के आरक्षण के लिए पहली बार प्रस्ताव पेश कर उसे सर्वानुमति से पारित करवाया। वह जब अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के प्रमुख थे तब उन्होंने देश में पहली बार टाउन प्लानिंग की योजना बनाई थी। सरदार साहब की दीर्घदृष्टि कैसी थी, इसके यह उदाहरण हैं।
श्री मोदी ने सरदार पटेल के इस राष्ट्रीय संग्रहालय की संरचना को नई पीढ़ी के प्रेरणास्त्रोत के रूप में उत्तम नजराना करार दिया।
देश की एकता और अखंडता के लिए सरदार साहब ने जीवन भर कैसा भगीरथ कार्य किया, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज आतंकवाद और माओवाद की समस्याएं पनप रही हैं, ऐसे में देश के युवाओं को बंदूक और बम की राजनीति का रास्ता छोड़कर विकास का मार्ग अपनाना चाहिए।
पंजाब जैसे राज्य ने बम और बंदूक का मार्ग छोड़कर विकास का मार्ग अपनाया है, यह उदाहरण हमारे समक्ष है। मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि सरदार साहब ने देश की एकता का मार्ग तैयार किया था, उसी रास्ते के माध्यम से देश की एकता के लिए जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी और माओवादी हिंसा की राजनीति से किसी समाज या देश का भला नहीं होने वाला।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ रहकर सरदार साहब के इस नवनिर्मित संग्रहालय का निरीक्षण किया।