इनोवेशन सिम्पोजियम
इनोवेशन सम्बन्धी तीन समझौता करार सम्पन्न
रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए फाइनेंसिंग की उदासीनता का माइंडसेट बदलें इनोवेशन द्वारा विकास की नयी पहल गुजरात ने की है
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के इनोवेशन सिम्पोजियम का समापन करते हुए नये आविष्कारों और संशोधनों को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया है। श्री मोदी ने कहा कि इनोवेशन, नये आविष्कारों की अनेक पहलों को गुजरात ने सफल बनाया है। संशोधन टेलैंट किसी की बपौती नहीं है, इसे संवेदना से प्रेरित किया जाना चाहिए।गुजरात सरकार और केन्द्र के विज्ञान- तकनीकी मंत्रालय के तत्वावधान में यह सिम्पोजियम आयोजित किया गया। इनोवेशन, नयी पहल, शोध, चिंतन, आयामों का विकास और नॉलेज इकॉनोमी में महत्वपूर्ण भूमिका को निर्देशित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इनोवेशन को धन के मापदंड से मापा नहीं जा सकता। रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए फंडिंग की उदासीनता की मानसिकता बदलने की बात रखते हुए उन्होंने कहा कि विश्व का युवामन नयी पीढ़ी को बदलना चाहता है। दुनिया तेजी से परिवर्तन के प्रवाहों में है। अगर हम नये आविष्कारों के साथ कदम नहीं मिलाएंगे तो अप्रस्तुत हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में वाटर मेनेजमेंट सेक्टर, पीएचडी. फेलॉशिप प्रोग्राम, आईटी. इनोवेशन के तीन समझौता करार गुजरात सरकार के साथ किए गए। इनोवेशन विकास की जरूरत है। स्पर्धा के इस दौर में यदि टिकना है तो शोध जरूरी है।इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि परम्परागत तौर- तरीकों से जमीन के संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग नहीं हो सकता। उत्पादकता बढ़ाने के लिए जमीन, संसाधनों का नये आविष्कारों के लिए उपयोग करने की जरूरत श्री मोदी ने समझाई। दलहन, दाल की उत्पादकता बढ़ाने के संशोधन के प्रति अभीतक उदासीनता क्यों है ? पतंग उत्पादन के लिए उपयोग में आने वाले बांस गुजरात में उपलब्ध नहीं है इसलिए पतंग उद्योग के आर्थिक विकास के लिए डांग के जंगलों में बढ़िया गुणवत्ता के बांस का उत्पादन किया गया।
श्री मोदी ने इसके साथ ही बांस के बाद गन्ने में शक्कर का शुगर कंटेंट ज्यादा मिले इसके लिए सफल शोध का उदाहरण दिया। अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी बिजली की कमी दस साल पूर्व थी। इस स्थिति को को बदलने के लिए ज्योतिग्राम योजना का आविष्कार किस तरह किया गया, इसकी नयी पद्धति की भूमिका में मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में कृषि विषयक फीडर और रूरल फीडर को अलग करके ही 24 घंटे थ्री फेज बिजली दी गई है।
श्री मोदी ने गैर परम्परागत सौर ऊर्जा के नये नये आविष्कारों की सफलता की भूमिका पेश की। उन्होंने कहा कि नर्मदा केनाल पर केनाल टॉप सोलर पेनल बनाकर जमीन, पानी और बिजली की बचत की है। प्रधानमंत्री के समक्ष उन्होंने स्वयं राजस्थान- गुजरात की पाकिस्तान से लगी सीमा पर सोलर पार्क बनाने की मांग चार साल पहले की थी जिसका अभी तक कोई परिणाम नहीं आया है। मगर गुजरात ने इस सीमावर्ती क्षेत्र के चारणका में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क बनाया है।विंड एनर्जी द्वारा नये आविष्कार से हवा में नमी हासिल कर पानी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी विंड मिलों का प्रयोग किए जाने की जरूरत है। इनोवेशन के प्रत्येक पहलु को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए श्री मोदी ने कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इनोवेशन के लिए शाला स्तर पर विज्ञान मेले के अवसरों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण समाज में हासिल की जा सकती है। राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेशन या साइंस टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट विजेता विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए वे स्वयं उनसे मिला करते हैं।
गुजरात ने आई-क्रिएट का इंक्युबेशन सेंटर शुरु करके इनोवेशन के लिए नये क्षितिज ख्ले हैं। जीवन को गतिशील बनाने और समस्याओं का समाधान करने के लिए इनोवेशन को प्रोत्साहित करने का मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की संशोधन खोज ने दुनिया को विकास के लिए गतिशील रखने का ऐसा योगदान दिया है जो युगों तक प्रभावी रहेगा। इस ज्ञान की सदी में ज्ञान आधारित विकास को धरती पर उतारने का मंथन गुजरात ने किया है।
कॉर्पोरेट सोश्यल रिस्पोंसिबिलिटी का तय फंड इनोवेशन के लिए आवंटित करने का उन्होंने सुझाव दिया। इनोवेशन सिम्पोजियम में केन्द्रीय साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग के सेक्रेटरी हरेश कुमार मित्तल, सीआईआई के वेंकटेश वासुरी, गुजरात इनोवेशन सोसायटी के सुनील शाह और अंजनदास ने प्रासंगिक विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी महेश्वर शाहु और डेलिगेट्स भारी तादाद में मौजूद थे।