ज्ञान के आदान-प्रदान एवं सहभागिता के लिए वैश्विक फोरम खड़ा करें – मुख्यमंत्री
१४५ अंतरराष्ट्रीय, ५२ भारतीय एवं गुजरात की ६३ शैक्षणिक संस्थाओं सहित कुल २६० यूनिवर्सिटियों-शैक्षणिक संस्थाओं के शिक्षा विदों का सामूहिक चिंतन
मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में गुजरात की पहल
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर में विश्व की गणमान्य यूनिवर्सिटियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं की अंतरराष्ट्रीय परिषद (आईसीएआई) का प्रारंभ करते हुए यूनिवर्सिटी शिक्षा सहित उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान के आदान-प्रदान और सहभागिता के लिए वैश्विक फोरम खड़ा करने का प्रेरक सुझाव दिया। श्री मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिषद के आयोजन के जरिए मानव संसाधन विकास के लिए जरूरी अवसर उपलब्ध कराया है।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-२०१३ के अंतर्गत आज से गांधीनगर के निकट पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी परिसर में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के ज्ञान सहयोग के लिए यह परिषद आयोजित की गई। परिषद में तकरीबन २६० गणमान्य यूनिवर्सिटियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के शिक्षा विद भाग ले रहे हैं। परिषद में १४५ अंतरराष्ट्रीय, ५२ भारत के विभिन्न राज्यों की और गुजरात की ६३ शिक्षण संस्थाएं परस्पर सहभागिता के विनियोग के लिए सामूहिक चिंतन-मनन करेंगी।
शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण, उत्कृष्ट संशोधन-इनोवेशन एवं कौशल विकास में ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान के लिए ग्लोबल समिट में गुजरात द्वारा की गई इस पहल को उमदा मकसद की करार देते हुए दुनिया भर से आए शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इसकी प्रशंसा की। २१वीं सदी को ज्ञान की सदी बताते हुए और हर सप्ताह विश्व में शिक्षा-संशोधन और ज्ञान विकास के क्षेत्र में नई क्षीतिजों के आकार लेने की रूपरेखा पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान ही मानव संसाधन विकास का मूल आधार है।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नॉलेज थीम के केन्द्र स्थान में होने का विशेष रूप से जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि, टेक्नोलॉजी, कम्यूनिकेशन और सूचना विस्फोट के आज के इस युग में “इंफर्मेशन एज” को नॉलेज सोसायटी में तब्दील करने और समग्रतया प्रत्येक व्यक्ति के गुणात्मक विकास तथा जीवन विकास में हमारा दायित्व भविष्य की पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए निभाना होगा। गुजरात के ग्लोबल नॉलेज कम्यूनिटी का पार्टनर बनने की बेला पर खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने तो सुसंस्कृत मानव समाज के लिए २५०० वर्ष पूर्व उच्च शिक्षा ज्ञान का प्रभाव सर्वोपरिता का दर्शन कराया था। भारत की नालंदा, तक्षशिला एवं गुजरात की वलभी जैसी विद्यापीठों ने मानव संसाधन एवं ज्ञान-विज्ञान के सभी क्षेत्रों का समावेश कर लिया था। दुनिया के तमाम देशों के ज्ञान पिपासु ज्ञान-शिक्षा के लिए भारत का रुख करते थे। भारतीय ज्ञान-शिक्षा की इस उत्कृष्ट विरासत के साथ भारत ज्ञान की सदी के लिए समूचे विश्व को बेस्ट प्रेक्टीस एंड एक्सीलेंस इन इनोवेशन एंड रिसर्च के लिए अपना अनोखा योगदान प्रदान कर सकेगा। गुजरात ने तो पहल कर दी है, यह अवसर उसका महत्तम विनियोग करने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने एजुकेशनल इनोवेशन कमीशन का गठन कर शैक्षणिक नवोन्मेशी आयामों के लिए कानूनी छत्र खड़ा कर देश में पहल की है। इतना ही नहीं, I-CREATE (आई-क्रिएट) के इन्क्यूबेशन सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा यंग एंटरप्रिनियोर्स एवं रिसर्च-इनोवेशन का सपना साकार करने वालों को प्रोत्साहन दिया है। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने विश्व भर की ज्ञान सृष्टि खड़ी की है। गुजरात जो सपने देखता है उसे साकार करता है, और मात्र गुजरात या भारत ही नहीं बल्कि विश्व की मानवजाति के लिए पथप्रदर्शक बनेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात ने स्किल डेवलपमेंट और हुनर-कौशल विकास के लिए आईटीआई, स्कोप, EMPOWER द्वारा स्किल डेवलपमेंट पर कार्य कर सॉफ्ट स्किल और आईटी स्किल का विशाल फलक विकसित किया है।
उद्योग-व्यापार सहित विश्व में नॉलेज इकोनॉमी के लिए जिस तरह के प्रशिक्षित कौशल वाले युवाओं की आवश्यकता है, इसके लिए गुजरात का स्किल डेवलपमेंट कल्चर बिल्कुल नया विश्वास प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने समग्र विश्व को टेक्नोलॉजी एवं नॉलेज के विकास का ‘ग्लोबल विलेज’ करार देते हुए कहा कि ज्ञान-विकास की राह में अवरोध समान सभी सीमाएं एवं बंधन छोड़ने की हमारी मानसिकता ही विविध मानव समाज एवं संस्कृतियों को ज्ञान-उपार्जन के क्षेत्र में सहभागिता और सहकारिता के सेतु से जोड़ेगी। भविष्य की पीढ़ियों के ओज-तेज के लिए शिक्षा विदों का ज्ञान के लिए यह आदान-प्रदान ‘बैंक ऑफ नॉलेज कैपिटल’ के समान है। गुजरात की धरती पर यह अवसर विश्व के लिए उच्च शिक्षा के सहयोग, सहभागिता और आदान-प्रदान के लिए परमानेंट फोरम का स्वरूप बनें, ऐसी प्रेरक हिमायत मुख्यमंत्री ने की। विश्व समाज का प्रत्येक व्यक्ति नॉलेज क्रिएटर ज्ञान-सर्जक बने, ऐसे महासपने को साकार करने की गुजरात की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने अभिलाषा जतायी कि यह ज्ञान विकास परिषद इसी का रोडमैप तैयार करेगी जिसे कार्यान्वित किया जाएगा।
विश्व के ५६ देशों एवं भारत के १४ राज्यों के शिक्षा विदों का गुजरात की धरती पर भावभीना स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दूसरी इन्टरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस है लेकिन गुजरात को इस बात की खुशी है कि इसकी महिमा ने सारे विश्व को स्पर्श किया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गुजरात की उच्च शिक्षा संस्थाओं, राज्य सरकार एवं अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटियों के बीच सहयोग एवं सहभागिता के समझौता करार हुए। गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हसमुख अढिया ने स्वागत भाषण में कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-२०१३ के तहत तकरीबन १२२ विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें शैक्षणिक संस्थाओं की इस अंतरराष्ट्रीय परिषद का विशेष महत्व है।
गुजरात भारत का ग्रोथ इंजन है, इसी तरह ज्ञान की दुनिया में भी गुजरात ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है। गुजरात विकास एवं नेतृत्व में ऊंची उड़ान भर रहा है, ऐसे में यह कॉन्फ्रेंस स्प्रिंग बोर्ड साबित होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने जो विकास किया है उससे समाज के जीवनस्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है। कनाडा की इंटरनेशनल रिलेशनशिप यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के वाइस प्रिंसिपल सुश्री जुडिथ वोल्फस ने कहा कि २१वीं सदी में ज्ञान का सामूहिक चिंतन अत्यंत महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में व्यक्तिगत विकास एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान अनिवार्य है।
गुजरात के प्रतिष्ठित उद्योग घराने अरविंद लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय लालभाई ने भारत में पहली बार आयोजित हो रही इस तरह की कॉन्फ्रेंस के लिए मुख्यमंत्री श्री मोदी एवं उनकी टीम को अभिनंदन देते हुए कहा कि भावी दौर में अर्थव्यवस्था का विकास ज्ञान आधारित होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट सहित व्यवसायिक शिक्षा को खूब महत्व दिया जा रहा है। लालभाई ने कहा कि श्री मोदी के विकासोन्मुख दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में निश्चित रूप से अग्रसर रहेगा। विश्व बैंक के अग्रणी शिक्षा विद टोबी लिन्डन ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में सहभागी बनकर विश्व बैंक भी गौरवांवित हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए विश्व बैंक ने दो बिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
वेल्स्पन एनर्जी लिमिटेड इंडिया के सह-स्थापक एवं प्रबंध निदेशक विनित मित्तल ने मुख्यमंत्री श्री मोदी को लगातार चौथी बार चुनावी जीत के लिए अभिनंदन देते हुए कहा कि हम गुजरात के साथ अपने लंबे दौर के संबंध को लेकर गौरव का अनुभव कर रहे हैं। गुजरात के समाज के आने वाले कल को उज्जवल बताते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। मित्तल ने कहा कि जिस तरह श्री मोदी थ्री-डी तकनीक के जरिए एक साथ एक ही वक्त में कई जगहों पर मौजूद रहे थे, उसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी थ्री-डी तकनीक के इस्तेमाल से नये आयाम सिद्ध किए जा सकते हैं।
केडिला फार्मास्यूटिकल्स के डॉ. राजीव मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में मुख्यमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने उल्लेखनीय, प्रशंसनीय एवं ध्यानाकर्षक विकास किया है। उन्होंने सभी क्षेत्रों में संशोधन की महत्ता पर प्रकाश डाला। ब्रिटिश काउंसिल, इंडिया की निदेशक सुश्री साम हार्वी ने गुजरात के अहमदाबाद में वर्ष १९७९ से ब्रिटिश लाइब्रेरी के अस्तित्व में होने का उल्लेख करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में स्किल डेवलपमेंट में ब्रिटिश काउंसिल सहभागी बनी है। आने वाले दौर में गुजरात में शिक्षा के विविध क्षेत्रों में ब्रिटिश काउंसिल सहभागी बनेगी।
इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिषद के शुभारंभ अवसर पर गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी, वरिष्ठ मंत्री सौरभभाई पटेल, मध्यप्रदेश के वरिष्ठ मंत्री पारस जैन, मुख्य सचिव ए.के. जोति, वेल्लुर इंडिया के जी.विश्वनाथन, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव महेश्वर शाहु, ऊर्जा एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव डी.जे. पांडियन, प्राथमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती संगीता सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं महानुभाव मौजूद थे।