पीएम मोदी के भारत में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का विश्लेषण
भारत के आर्थिक बदलाव की कहानी में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का नैरेटिव एक महत्वपूर्ण सूत्र के रूप में सामने आया है, जो प्रगति और बदलाव के ताने-बाने में बुना हुआ है। उस दौर से जब किसी महिला की आर्थिक स्वतंत्रता एक दूर का सपना था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक आदर्श बदलाव देखा है। आज, महिलाएं सिर्फ बराबर भागीदार ही नहीं हैं, बल्कि आर्थिक विकास की अग्रदूत भी हैं, जो आत्मविश्वास के साथ अपने भाग्य का निर्माण कर रही हैं और अपने समुदायों की समृद्धि में योगदान दे रही हैं। यह मोदी का भारत है।
बार-बार, भारत की निडर नारी शक्ति ने अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने दिखाया है कि जब उन्हें सही अवसर मिलते हैं, तो वे न केवल अपनी क्षमता तक पहुंच सकती हैं, बल्कि समुदाय और देश के विकास में भी योगदान देकर उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं।
महिला नेतृत्व वाले विकास की लहर
अधिक से अधिक महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रशिक्षित करने से, वे देश को आगे ले जाने के लिए सशक्त होती हैं। अब तक, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) के तहत प्रशिक्षित लोगों में से 53% से अधिक महिलाएं हैं। देश में महिला-नेतृत्व विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023 में, ई-संजीवनी के 57% से अधिक लाभार्थी और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) में 56% से अधिक प्रतिभागी महिलाएं थीं।
SHG बैंक लिंकेज प्रोजेक्ट (SHG-BLP) दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस परियोजना बन गई है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY NRLM) के तहत लगभग 82.6 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) हैं। महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को 15,000 महिला किसान ड्रोन प्रदान किया जाना एक और ऐतिहासिक घटना है। 'ड्रोन की उड़ान' पहल के तहत, SHG को ड्रोन के संचालन और रखरखाव के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जबकि लीड फर्टिलाइजर कंपनियां नैनो यूरिया और कीटनाशकों के वितरण के लिए किसानों और SHG के बीच कार्यात्मक मध्यस्थ के रूप में कार्य करेंगी।
इसके अलावा, 2015 से 2022 तक, 59 लाख से अधिक महिलाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत प्रशिक्षित किया गया है और 2015-2023 के बीच 12.51 लाख महिला उम्मीदवारों को PMKVY के तहत रोजगार प्रदान किया गया है। ई-श्रम पोर्टल पर 2.67 करोड़ घरेलू महिला श्रमिकों ने अपना पंजीकरण कराया है। यह महिला श्रमबल भागीदारी दर में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, जो 2022-23 में बढ़कर 37% हो गई है। यह सामाजिक बदलाव की एक सकारात्मक दिशा को इंगित करता है।
घरेलू निर्णय लेने वाली महिलाओं की संख्या में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा सकता है, जिससे वे अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएंगी। यह देखा गया है कि 2019-21 के बीच आयोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़ों के अनुसार 88% से अधिक महिलाएं प्रमुख घरेलू निर्णयों में भाग लेती हैं, और 79% अखिल भारतीय स्तर पर बैंक खाते संचालित करती हैं। ये आंकड़े भारत में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की प्रगति और सशक्तिकरण को रेखांकित करते हैं।
बैंकिंग सुविधाओं से वंचितों को बैंकों से जोड़ना:
आंकड़ों से पता चलता है कि कैसे सही अवसरों के साथ महिलाएं न केवल अपने परिवार को बल्कि अपने समुदाय और देश को भी समृद्ध बनाने में सक्षम हैं। पीएम-जन धन योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है, जिसके 2014 में लॉन्च होने के बाद से 8 नवंबर, 2023 तक 50 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले गए। इनमें से लगभग 56% या 27.82 करोड़ जन-धन खाता धारक महिलाएं हैं और 67% या 33 करोड़ से अधिक जन-धन खाता धारक ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं। इस प्रकार, पीएम मोदी के भारत में एक महिला के पास अपने स्वयं के बैंक खाते तक पहुंच है। वे दिन गए जब किसी को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए परिवहन के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। GIS-आधारित जन-धन दर्शक ऐप पर मैप किए गए 13 लाख से अधिक बैंकिंग टचपॉइंट्स के साथ बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच में आसानी सुनिश्चित की है।
नारी शक्ति: भविष्य की उद्यमी
क्या आप जानते हैं कि भारत में 47% से अधिक स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है! दूरदर्शी ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना के तहत, महिला उद्यमी केवल लाभार्थी नहीं हैं; वे भविष्य की निर्माता हैं। स्टार्टअप इंडिया के तहत 48,000 से अधिक डायरेक्टर के रूप में रजिस्टर्ड हैं। योजना की कैपेसिटी बिल्डिंग पहल ने एक ऐसे कल्चर को विकसित किया है जहां महिलाएं न केवल अपना उद्यम चला रही हैं बल्कि अगली पीढ़ी को प्रेरित भी कर रही हैं। 2015 में शुरू की गई पीएम-मुद्रा योजना एक गेम-चेंजर रही है, जो छोटे उद्यमियों को गारंटी-मुक्त लोन प्रदान करती है। नतीजतन, इसके लाभार्थियों में से 70% महिलाएं हैं, 2015 से 2018 तक 69 लाख महिलाओं को शुद्ध अतिरिक्त रोजगार मिला है। पीएम मोदी के भारत में महिलाएं केवल अपना उद्यम स्थापित करने तक ही सीमित नहीं हैं। स्टैंड-अप इंडिया योजना, एक इकोसिस्टम बनाने में मदद करती है जो कारोबार को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। योजना के तहत 1.8 करोड़ खातों में 40,710 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 81% महिलाओं के हैं।
‘उद्यम सखी’ पोर्टल के माध्यम से, महिलाओं के स्वामित्व वाले 6 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) की स्थापना (2023 तक) एक वास्तविकता है। इसके अतिरिक्त, 1.45 लाख से अधिक महिला MSME ने 15,922 करोड़ रुपये के 7.32 लाख ऑर्डर पूरे किए हैं। महिलाओं की उद्यमिता में यह उछाल एक आदर्श बदलाव को दर्शाता है, जो देश के आर्थिक परिदृश्य में महिलाओं की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करता है। छोटे पैमाने के कारोबारों से लेकर इनोवेटिव स्टार्टअप तक के ये उद्यम महिलाओं की मजबूती और सरलता का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से 2021 तक सूक्ष्म उद्यमों की संख्या 27,000 को पार कर गई। ये उद्यम देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
PM SVANidhi योजना, स्ट्रीट वेंडर्स को उनके कारोबार की सहायता करने और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए गारंटी मुक्त वर्किंग कैपिटल लोन की सुविधा प्रदान करने के लिए है। इस योजना के तहत कवर किए गए स्ट्रीट वेंडर्स में 43% महिलाएं हैं। इस प्रकार, पीएम मोदी के भारत में, स्टार्टअप की मुखिया से लेकर सड़क पर सामान बेचने वालों तक सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करती हैं।
महिलाओं की बचत को मजबूत करना
आर्थिक स्वतंत्रता केवल कमाई के बारे में नहीं है; यह भविष्य को मजबूत और सुरक्षित करने के बारे में है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल 'महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट्स' के तहत अब तक 14 लाख से अधिक खाते खोले जा चुके हैं, जिससे महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की बचत करने का अवसर मिलता है।
यह नैरेटिव समूचे ग्रामीण भारत तक फैला है, जहां 9 करोड़ महिलाएं SHG की सक्रिय सदस्य हैं। ये महिलाएं समाज की निष्क्रिय सदस्य नहीं रह गई हैं, बल्कि ग्रामीण विकास में बदलाव लाने वाली अग्रणी शक्तियां बन रही हैं। वे अब सिर्फ भागीदार नहीं हैं, बल्कि बदलाव की सक्रिय एजेंट बन रही हैं।
पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत की नारी शक्ति को बदलाव का चेहरा बनने और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सशक्त बनाया गया है। महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का पीएम मोदी का विजन, केवल भाषणों तक सीमित नहीं है; यह एक जीवंत वास्तविकता है। ये पहल महज़ नीतिगत निर्णय नहीं हैं; वे परिवर्तन के साधन हैं, जो किसी राष्ट्र के आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। पीएम मोदी के भारत में, महिलाएं सिर्फ समान भागीदार नहीं हैं; वे बदलाव का चेहरा हैं, जो राष्ट्रीय विकास की दिशा में एक अनोखा रास्ता बना रही हैं।