'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी से प्रोडक्टिविटी में सुधार से संबंधित प्रश्न पूछे गए। 10वीं कक्षा की छात्रा श्वेता कुमारी ने कहा कि रात के समय उसकी पढ़ाई की प्रोडक्टिविटी अच्छी होती है, लेकिन उसे दिन में पढ़ने के लिए कहा जाता है। एक अन्य छात्र राघव जोशी को असमंजस था कि पहले खेलें और फिर पढ़ाई करें क्योंकि खेलने के बाद उसे पढ़ाई करने में ज्यादा मन लगता है।
पीएम मोदी ने जवाब दिया कि किसी काम में निवेश किए गए समय से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करना वांछनीय है। हमें यह मूल्यांकन करने की आदत डालनी चाहिए कि हमने जो समय लगया उसका हमें ऐच्छिक परिणाम प्राप्त हुआ या नहीं। जैसे मैंने गणित हल करने में एक घंटे का समय लगाया और मुझे जो एक घंटे में करना था वो मैं कर पाया या नहीं?
इसके अलावा पीएम मोदी ने सलाह दी कि 'मन, दिल और शरीर' हमारे साथ धोखा न करे इसके लिए हमें महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। वो 'श्रेय' (हमें क्या करना चाहिए) और 'प्रिय' (आदतन जो हम करते हैं) की बात करते थे। पीएम मोदी ने कहा कि हमें 'श्रेय' से चिपके रहना चाहिए, भले ही दिमाग हमें 'प्रिय' की तरफ ले जाने की कोशिश करे।
हमें यह देखना चाहिए कि हम किस स्थिति में सहज हैं ताकि प्रोडक्टिविटी में सुधार हो और अधिकतम परिणाम पर फोकस करना चाहिए। इसलिए जीवन में यह आवश्यक है कि हम बाधाओं के बावजूद अपना काम करते रहें।