भारतीय मंदिरों का पुनरुद्धार

Published By : Admin | February 24, 2024 | 16:45 IST

भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह विरासत समय, भूगोल और पीढ़ियों के अनन्त प्रवाह में रची गयी है और भाषाओं, कला रूपों, परंपराओं और रीतियों की विविधता से परिभाषित होती है। मोदी सरकार ने सांस्कृतिक क्षेत्र में बहुत जरूरी बदलाव लाया है, विभिन्न समुदायों को एक साथ लाया है और आज के युवाओं और बुजुर्गों में देशभक्ति की भावना को आत्मसात किया है। लंबे समय से भूली हुई परंपराओं, उपेक्षित सांस्कृतिक मूल्यों और स्मारकों के जीर्णोद्धार की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास किया गया है, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रमाण है।

मंदिरों के रूप में हमारे गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने और बढ़ावा देने से लेकर संग्रहालयों को अनुभवात्मक शिक्षा के केंद्र के रूप में बनाने और पांडुलिपियों और संग्रहालयों को डिजिटाइज़ करने तक, पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले दस वर्षों में हमारी सांस्कृतिक संपत्ति को बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए कई पहल की हैं। भारत को आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक विश्व स्तरीय गंतव्य में बदलने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई पुनर्विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं शुरू की हैं।

जनवरी 2024 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लोकार्पण के साथ, कई शताब्दियों पहले शुरू हुई एक यात्रा अपने शिखर पर पहुंची। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का लोकार्पण, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लाखों हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। अपने आध्यात्मिक महत्व के अलावा, यह मंदिर उन हजारों नागरिकों की सच्ची भक्ति और बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने इस सपने को वास्तविकता में बदलने के लिए अथक प्रयास किया। मंदिर के लोकार्पण के दिन पीएम मोदी का भावुक भाषण इस बात की गवाही देता है जब उन्होंने कहा था- “राम भारत की आस्था हैं; राम भारत के आधार हैं। राम भारत के विचार हैं; राम भारत के संविधान हैं; राम भारत की चेतना हैं; राम भरत के चिंतन हैं; राम भारत का गौरव हैं; राम भारत के गौरव हैं; राम एक सतत प्रवाह है; राम एक प्रभाव हैं; राम एक विचार है; राम एक नीति भी हैं; राम शाश्वत हैं; राम व्यापक हैं, राम सर्वव्यापी हैं। राम विश्व की आत्मा हैं और इसलिए, जब राम की प्रतिष्ठा होती है, तो उसका प्रभाव सिर्फ वर्षों या सदियों तक नहीं होता है; इसका प्रभाव हजारों वर्षों तक रहता है।” पीएम मोदी के ये शब्द हर उस व्यक्ति को रोमांचित कर देने के लिए काफी थे जो उन्हें उस समय सुन रहे थे।

कुछ अन्य प्रमुख उदाहरणों में काशी विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार, केदारनाथ धाम का पुनर्विकास, उत्तराखंड के चार धाम तीर्थ स्थलों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना, श्री उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर का ऐतिहासिक पुनरुद्धार, नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा में कई घाटों की कायाकल्प, सफाई और रखरखाव शामिल हैं।

धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को उत्तरोत्तर विकसित करने के लिए पीएम मोदी की दृढ़ता और दृष्टि के कारण, भारत इस क्षेत्र और राष्ट्र में सकारात्मक विकास देख रहा है। ऐसी असंख्य परियोजनाएं हैं जिन्हें एक दशक में नया रूप दिया गया है या पुनर्विकास किया गया है। अगस्त 2020 में अयोध्या में शिलान्यास हो या उज्जैन में रूपांतरित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का उद्घाटन, पीएम मोदी हमेशा परंपराओं की पवित्रता और राष्ट्र की सभ्यता के मूल्यों को बनाए रखने के साथ-साथ राष्ट्र के लोगों को आस्था से जोड़ने में कामयाब रहे हैं।

केदारनाथ के पुनर्विकास के साथ ही मोदी सरकार ने चार धाम परियोजना के जरिए चार स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने की पहल की जिसके तहत चारों तीर्थस्थलों को जोड़ने वाली बारहमासी सड़कों के निर्माण का काम किया गया है। एक अन्य परियोजना में, सरकार ने ऋषिकेश को कर्णप्रयाग के साथ एक रेलवे लाइन के माध्यम से जोड़ने की योजना बनाई, जो संभवतः 2025 तक चालू हो जाएगी।

2017 में, पीएम मोदी ने कोयंबटूर में 112 फीट ऊंची आदियोगी शिव प्रतिमा का अनावरण किया और योग को सामने लाया, जिससे देश के नागरिकों को एक बेहतर और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ भारत बनाने के लिए एक साथ लाया गया। 2021 में, वाराणसी में एक पुनर्निर्मित काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया गया था। पीएम मोदी ने सोमनाथ समुद्र तटीय पैदल-पथ का भी उद्घाटन किया, और उनकी सरकार ने पुराने (जूना) सोमनाथ के मंदिर परिसर के पुनर्निर्माण की पहल की। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने श्रीनगर सहित घाटी के कई मंदिर परिसरों में नवीनीकरण कार्य शुरू किए।

चार धाम परियोजना के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य राज्य के चार पवित्र शहरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इस परियोजना में उत्तराखंड राज्य को जोड़ने वाले 825 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। सितंबर 2023 तक, 825 किलोमीटर में से लगभग 601 किलोमीटर पूरा हो चुका होगा। 11,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली यह परियोजना, जिसके शुरू में मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद थी, अब इसे दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना है।

वर्ष 2022 में सांस्कृतिक क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां देखी गईं। हैदराबाद में 216 फीट ऊंची Statue of Equality का अनावरण, 11 वीं शताब्दी के भक्ति संत रामानुजाचार्य और पीएम मोदी की गुजरात में पावागढ़ पहाड़ी की यात्रा के साथ-साथ कालिका माता के पुनर्विकसित मंदिर की आधारशिला रखी गई। हाल ही में वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा असम में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक और परियोजना - कामाख्या दिव्यलोक परियोजना शुरू की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिरों की स्थापना की पहल केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी की है। 2018 में, उन्होंने अबू धाबी में एक हिंदू मंदिर की शुरुआत की। एक साल बाद उन्होंने बहरीन में 200 साल पुराने भगवान श्री कृष्ण श्रीनाथजी मंदिर के पुनरुद्धार परियोजना की शुरुआत की। 2024 में, प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के स्वामीनारायण मंदिर का लोकार्पण किया। गुलाबी बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर अपनी वास्तुकला से चमत्कृत करता है।

प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक पहल, जो भारतीय परंपराओं को बढ़ावा देने से लेकर भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने तक फ़ैली है, ने न केवल राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया है, बल्कि विश्व संस्थानों और नेताओं से राष्ट्र के लिए सम्मान और प्रशंसा भी अर्जित की है। सांस्कृतिक संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। यह विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाने, दूरियों को पाटने, क्षेत्रों को जोड़ने और दुनिया के सांस्कृतिक वातावरण को समृद्ध बनाने के लिए एक प्रेरणा साबित हुआ है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।