गांधीनगर, शुक्रवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात की स्वर्णिम जयंति समारोह के समापन महोत्सव के तहत दाहोद में आयोजित पंचशक्ति आधारित स्वर्णिम जनशक्ति उत्सव में संकल्प व्यक्त किया कि गुजरात में समाजशक्ति द्वारा विकास का विराट जनआंदोलन शुरू होगा।

पंचशक्ति आधारित स्वर्णिम उत्सवों द्वारा स्वर्णिम जयंति महोत्सव के समापन की शुरूआत वनवासी क्षेत्र दाहोद में मुख्यमंत्री ने की, तब एक लाख से ज्यादा विराट वनवासी जनशक्ति के दर्शन हुए।

स्वर्णिम जयंति महोत्सव समापन के आज के प्रथम चरण में मध्य गुजरात के दाहोद, पंचमहाल, वड़ोदरा, भरुच और नर्मदा जिले के आदिवासी प्रभुत्व वाली तहसीलों को शामिल किया गया है। इस मौके पर जनशक्ति थीम आधारित आदिजाति संस्कृति को प्रस्तुत करती हुई विशाल प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। उन्होंने लगभग एक घंटे तक घूमकर समग्र प्रदर्शनी को तन्मयता से निहारा और आदिजाति कलाकारों द्वारा तैयार की गई आकर्षक कृतियों के बारे में गहनता से पूछताछ भी की।

श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है, ऐसे में गुजरात का प्रत्येक बालक और युवा ज्ञान की उपासना करने वाला उपासक बन जाए, इसके लिए
वांचे गुजरात अभियान के माध्यम से शहरों और गांवों में बालकों की ज्ञान पिपासा को तृप्त करने का अभियान चलाया गया। बालक मात्र तीव्र बुद्घिशाली और तंदुरुस्त मन का ही नहीं बल्कि तंदुरुस्त तन का भी स्वामी बनें, इसके लिए स्वर्णिम खेल महाकुंभ का आयोजन कर गुजरात के 16 लाख जितने बालकों, युवाओं की शक्ति से कौशल्य को नया रूप दिया गया है।

गुजरात ने स्वर्णिम जयंति वर्ष में 5,600 जितने अद्भुत शाकाहारी व्यंजन बनाकर नया रिकार्ड बनाया है, तो गुजरात के बीस हजार जितने नागरिकों ने एक साथ शतरंज खेलकर विश्व को गुजराती युवाओं के धैर्य और सामर्थ्य के दर्शन कराए हैं। श्री मोदी ने वनबंधुओं के कल्याण की तीव्र इच्छा दोहराते हुए कहा कि, राज्य सरकार ने गुजरात के आदिजाति क्षेत्रों में बसे वंचितों के सर्वांगीण विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना पेश की, तब इसकी सफलता को लेकर शंका-कुशंकाएं खड़ी की गई। ऐसे तत्वों को 17,000 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य करके गुजरात ने मुंह तोड़ जवाब दिया है।

मुख्यमंत्री ने आदिजाति को शिक्षित और सामर्थ्यवान बनाने का संकल्प जताते हुए कहा कि आदिवासी बालक आने वाले कल का इंजीनियर, डॉक्टर या वैज्ञानिक बनें, इसके लिए मूलभूत आवश्यकता के रूप में प्रत्येक आदिजाति तहसील में विज्ञान विषय की शालाएं शुरू की गई हैं। पूर्व में पंचमहाल-दाहोद जिले में 100 में से मात्र 30 माताओं की प्रसूति हॉस्पीटल में होती थी,

जबकि आज 100 में से 92 माताओं की प्रसूति हॉस्पीटलों में करवाकर सरकार ने माता-शिशुओं की जिंदगियां बचाई हैं। आदिजाति की किशोरियों में से कुपोषण दूर करने के लिए उनको आवश्यक पोषणयुक्त औषधि और खुराक उपलब्ध करवाकर तंदुरुस्त बालक के जन्म की राह सुनिश्चित की गई है।

राज्य की कोई भी दलित, पीडि़त और दरिद्र माता-बहन पराश्रित जीवन व्यतीत न करे, इसके लिए गुजरात ने दो लाख सखी मंडल कार्यरत कर ग्रामीण महिलाओं के हाथ में 1,000 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रशासन सौंपा है। इन महिलाओं के हाथों में आगामी दिनों में 5,000 करोड़ का प्रशासन सौंपने की योजना है। राज्य की इस महत्वाकांक्षी मिशन मंगलम् का केस स्टडी करने के लिए आगामी दिनों में विश्वभर की यूनिवर्सिटियों के संशोधक आएंगे।

श्री मोदी ने कहा कि वंचितों के विकास के लिए राज्य सरकार एक वर्ष में 350 से भी ज्यादा गरीब कल्याण मेले आयोजित कर 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम की सहायता गरीबों के हाथ में पहुंचा चुकी है और बिचौलियों को खत्म किया गया है। यह स्वर्णिम जयंति उत्सव प्रत्येक गुजराती के घर में विकास का दिया जलाने का अवसर बनेगा।

श्री मोदी ने दृढ़ अभिलाषा व्यक्त करते हुए कहा कि अवसर को मनाते हुए नई शक्तियां प्राप्त कर आगे बढ़ना है, इन शक्तियों को गुजरात के घर-घर में पहुंचाना है और शिक्षा की बुनियाद पर विकास की बुलंद इमारत तैयार कर नूतन गुजरात का निर्माण करना है।

इस अवसर पर परम्परागत आदिजाति पगड़ी और चांदी के सट (बटन) वाली झुलड़ी मुख्यमंत्री को पहनाई गई थी।

कार्यक्रम में आदिजाति कल्याण राज्यमंत्री जशवंतसिंह भाभोर ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर पंचायत एवं ग्राम गृह निर्माण मंत्री नरोत्तमभाई पटेल, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य जयसिंहभाई चौहान, जयद्रथसिंह परमार, किरीटसिंह राणा, ईश्वरसिंह पटेल, संसदीय सचिव हर्षदभाई वसावा, सांसद मनसुखभाई वसावा, रामसिंह राठवा, डॉ. प्रभाबेन तावियाड़, पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीपसिंह भूरिया, विधायक, मुख्य सचिव ए.के.जोति, ग्राम विकास विभाग के अग्र सचिव आर.एम. पटेल, दाहोद जिला कलेक्टर, पांच जिलों के जिला विकास अधिकारी, उच्च अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं नागरिक भारी संख्या में उपस्थित थे।

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."