भारत को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ में विश्वास करने वाली भूमि के रूप में प्रदर्शित करने से लेकर ‘डेमोक्रेसी, डेमोग्राफिक डिविडेंट और डिमांड’ के रूप में भारत की शक्ति को दर्शाने तक; समावेश विकास के महत्व पर जोर देने से लेकर भारत को एक आदर्श निवेश गंतव्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करने तक; भारत में कारोबार को आसान बनाने के लिए सरकार के ठोस कदमों के बारे में बताने से लेकर भारत के प्रति अपने विजन से सभी को प्रेरित करने तक, श्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात में भारत की ओर दुनिया का ध्यान खींचा।
इस अवसर पर उनके भाषण की कुछ झलकियां यहां दी गई हैं-
- हम यहां एक परिवार के रूप में हैं, न सिर्फ साथ में बैठने की वजह से, बल्कि हम ये मानते भी हैं कि एक के सपने दूसरे के मार्गदर्शन पर निर्भर हैं, एक की सफलता दूसरे की सहायता से संबंधित है, एक की जिज्ञासा दूसरी की देखभाल से जुड़ी है। यही एक परिवार करता है। अंतिम उद्देश्य सबकी भलाई है। “लोक: समस्त सुखिन: भवंतु।”
- यहां हमारी बैठक में न सिर्फ हाथ, बल्कि दिल भी मिल रहे हैं। ये सिर्फ विचारों का मेल नहीं, बल्कि आकांक्षाओं का मेल भी है।
• ये अत्यधिक गर्व की बात है कि आज भारत को लेकर अत्यधिक दिलचस्पी है। कई देश हमारे साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर तौर पर इसने उम्मीदों को भी पैदा किया है।
• ये आयोजन बड़े के साथ छोटे के समावेश के लिए है, अमीर के साथ गरीब के समावेश के लिए है, परिपक्व विचारों के साथ मन की भावनाओं के समावेश के लिए है।
• भारत वैश्विक नेतृत्व के साथ काम करना चाहता है। चाहें वो गरीबी के मसले हों या इकोलॉजी के, हम वैश्विक समुदाय की भलाई के लिए योगदान करना चाहते हैं।
• मेरी सरकार भारत की आर्थिक और सामाजिक दशाओं में बदलाव और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें रहन-सहन का स्तर शामिल है। सात महीने के छोटे कार्यकाल में, हम निराशा और अनिश्चय के माहौल को बदलने में कामयाब रहे हैं।
• हम सिर्फ वादे और घोषणाएं नहीं कर रहे। हम नीतियों और कार्यान्वयन के स्तर पर ठोस कार्रवाइयों के जरिये उन्हें आगे भी बढ़ा रहे हैं।
• आपके और हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता भारत में कारोबार करने की सहूलियतों को लेकर है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम इन मुद्दों पर बेहद गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं। हम उन्हें न सिर्फ पहले के मुकाबले आसान बनाना चाहते हैं, न सिर्फ दूसरों के मुकाबले आसान बनाना चाहते हैं, बल्कि हम उन्हें सबसे आसान बनाना चाहते हैं।
• आप में कई ये जानना चाहते होंगे कि आखिर भारत ही क्यों? भारत के पास अपने पक्ष में तीन बाते हैं- डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड। आपको इसकी ही तलाश है।
• भारत में वैश्विक निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं हैं। विकास की जिस प्रक्रिया को हम अपना रहे हैं वो ‘इंक्रीमेंटल’ नहीं है। हम एक लंबी छलांग लगाने की योजना बना रहे हैं।
• हम बड़ा सपना देख रहे हैं, और हमारे अनगिनत सपने हैं। हमारे सपने आपके विकास के लिए बीज बन सकते हैं। हमारी आकांक्षाएं आपकी महत्वाकांक्षाओं को गति दे सकती हैं।
•भारत तेजी से बदल रहा है। भारत तेजी से विकास कर रहा है। भारत उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहा है। भारत कहीं अधिक तेजी से सीख रहा है। भारत पहले से कहीं अधिक तैयार है।