सभी राजनीतिक दलों को राष्ट्र सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बजट सत्र पहले करने और जीएसटी जैसे ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों में सरकार के समर्थन के लिए सभी दलों को आभार: पीएम मोदी
सभी दल भ्रष्टाचार से लड़ाई में अपना समर्थन एवं योगदान दें: सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने सभी दलों से गौरक्षा के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में एकजुट होकर समर्थन करने का आग्रह किया

• कल से मॉनसून सत्र का प्रारंभ हो रहा है। आज समय की मांग है कि समय का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग हो। एक-दो अपवादों को छोड़ दें तो पिछले तीन वर्षों मे लगभग हर सत्र में Parliament Productivity में काफी बढ़ोतरी हुई है। मैं इसके लिए हर राजनितिक दल को धन्‍यवाद देता हूं।

• मुझे उम्‍मीद है कि मॉनसून सत्र में भी समय का सदुपयोग किया जाएगा और ये सत्र Parliament Productivity के मामले में रिकार्ड बनाएगा। इसके लिए सभी दलों की सहभागिता आवश्‍यक है।

• समय, संसाधन और सदन की मर्यादा का ध्‍यान रखते हुए सार्थक विचार-मंथन से ही हम सभी अपनी जिम्‍मेदारियोंको भली-भांति निभा सकते हैं।

जीएसटी के लिए आभार

• जीएसटी के समय जिस तरह से सभी राजनीतिक दल एकसाथ आए, उसके लिए मैं एक बार फिर आप सभी का आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

• जीएसटी लागू हुए 15 दिन से ज्‍यादा हो रहे हैं और इन 15 दिनों में ही सकारात्‍मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कई राज्‍यों के बॉर्डर से चुंगी हट चुकी है और ट्रकों की आवाजाही आसान हुई है।

• राज्‍य सरकारों के सहयोग से केन्‍द्र सरकार प्रयास कर रही है कि जिन व्‍यापारियों ने अब भी जीएसटी के लिए रजिस्‍ट्रेशन नहीं कराया है, वो जल्‍द से जल्‍द इस प्रकिया को पूरा करें।

बजट सत्र बुलाने का परिणाम


• पिछला बजट सत्र लगभग एक महीना पहले बुलाया गया था। सभी राजनीतिक दलों ने इसमें सहयोग किया था। मैं आप सभी को इसके बेहद सकारात्‍मक परिणाम बताना चाहता हूं।

• बजट की पूरी प्रक्रिया एक महीना पहले करने का असर ये हुआ कि मॉनसून से पहले ही अधिकांश विभागों के पास उनकी योजनाओं के लिए तय राशि पहुंच गई। पहले होता ये था कि विभागों तक तय योजनाओं का पैसा पहुंचने में दो-तीन महीने लग जाते थे। मॉनसून की वजह से और देरी होती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ है और मार्च के बाद जो Lag Period होता था, वैसी स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं हुई है। इस वजह से इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्‍त समय मिल गया है।

• कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल जून के मुकाबले इस बार 30 प्रतिशत ज्‍यादा राशि खर्च की गई है।

• इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर से जुड़े प्रोजेक्‍टों में इस बार Capital expenditure पिछले साल के मुकाबले 49 प्रतिशत बढ़ा है।

• योजनाओं पर पैसा खर्च करने का जो ट्रेंड सामने आ रहा है, उससे ये तय है कि अब पूरे साल भर एक संतुलित तरीके से योजनाओं पर तय राशि खर्च होगी। जबकि पहले मॉनसून खत्‍म होने के बाद खर्च शुरू होते थे और फिर उस पैसे को मार्च से पहले खत्‍म करने का दबाव बढ़ जाता था। ये व्‍यवस्‍था में कई तरह की गड़‍बडि़यों की भी वजह था।

उत्‍तर-पूर्वी राज्‍यों में बाढ़ पर

• देश के कई हिस्‍सों में और विशेषकर उत्‍तर पूर्व के राज्‍यों में बाढ़ और बारिश की वजह से संकट के हालात बने हुए हैं। केंद्र सरकार राज्‍यों के संपर्क में है और इस पर लगातार नजर रख रही है।

• एनडीआरएफ समेत केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां बाढ़ राहत के कार्य में जुटी हुई हैं। राज्‍य सरकारें को कहा गया है कि वो किसी भी तरह की आवश्‍यकता पड़ने पर तुनंत बताएं।

आतंकवाद पर सख्‍ती


• कुछ दिन पहले अमरराथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले से पूरा देश सदमे मे हैं। मैं इस हमले में अपनी जान गंवाने वाल श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देता हूं और मैरी संवेदनाएं पीडि़त परिवारों के साथ है। सरकार इस हमले के जिम्‍मेदार आतंकवादियों को सज़ा देकर ही रहेगी।

• जम्‍मू-कश्‍मीर में शांति बनाए रखने के लिए और देश विरोधी ताकतों को जड़ से खत्‍म करने के लिए हम सब पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। नीतियों को लेकर अटल जी ने जो मार्ग तया किया था, ये सरकार उसी पर चल रही है।

गौरक्षा के नाम पर हिंसा कर रहे लोगों पर सख्‍ती दिखाएं राज्‍य सरकारें

• गौरक्षा को कुछ असामाजिक तत्‍वों ने अराजकता फैलाने का माध्‍यम बना लिया है। इसका फायदा देश में सौहार्द बिगाड़ने में लगे लोग भी उठा रहे हैं। • देश की छवि पर भी इसका असर पड़ रहा है। राज्‍य सरकारों को ऐसे असामाजिक तत्‍वों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

• गाय को हमारे यहां माता माना जाता है। लोगों की भावनाएं गाय से जुड़ी हुई हैं। लेकिन लोगों को ये भी याद रखना चाहिए कि गाय की रक्षा के लिए कानून है और कानून तोड़ना कोई विकल्‍प नहीं।

• कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखना राज्‍य सरकार की जिम्‍मेदारी है और जहां भी ऐसी घटनाएं हो रही है, राज्‍य सरकारों को इनसे सख्‍तीसे निपटना चाहिए। राज्‍य सरकारें को ये भी देखना चाहिए कि कहीं कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर अपनी व्‍यक्तिगत दुश्‍मनी का बदला तो नहीं ले रहे।

• हम सभी राजनितिक दलों को गौरक्षा के नाम पर हो रही इस गुंडागर्दी की कड़ी भर्त्‍सना करनी चाहिए।

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्रवाई पर

• पिछले कई दशकों में नेताजी की साख हमाने बीच के ही कुछ नेताओं के बर्ताव की वजह से कठघरे में है। हमें जनता को ये भरोसा दिलाना ही होगा कि हर नेता दागी नहीं, हर नेता पैसे के पीछे नहीं भागता।

• इसलिए सार्वजनिक जीवन में स्‍वच्‍छता के साथ ही भ्रघ्‍ट नेताओं पर कार्रवाई भी आवश्‍यक है।

• हर राजनीतिक दल की जिम्‍मेदारी है कि वो अपने बीच मौजूद ऐसे नेताओंको पहचाने और उन्‍हें अपने दल की राजनीतिक यात्रा से अलग करता चले।

• कानून अगर अपना काम कर रहा है तो सियासी साजिश की बात करके बचने का रास्‍ता देख रहे लोगों के प्रति हमें एकजुट होकर काम करना होगा।

• जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके साथ खड़े रह कर देश को कुछ हासिल नहीं होगा।

• 9 अगस्‍त को भारत छोड़ो आन्‍दोलन के 75 वर्ष हो रहे हैं, हमें इस पर संसद में चर्चा करनी चाहिए।

• राष्‍ट्रपति चुनाव आम सहमति से होता तो अच्‍छा होता। इसके बावजूद चुनाव अभियान का गरिमा और शालीनता के साथ होना संतोष की बात है। इसके लिए सभी दल बधाई के पात्र हैं। सभी पार्टियां अपने सांसदों-विधायकों को मतदान हेतू प्रशिक्षित करें ताकि एक भी वोट खराब न हो।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
ASER report brings good news — classrooms have recovered post Covid

Media Coverage

ASER report brings good news — classrooms have recovered post Covid
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 31 जनवरी 2025
January 31, 2025

PM Modi's January Highlights: From Infrastructure to International Relations India Reaching New Heights