कृषि महोत्सव २०१२: किसानों से मुख्यमंत्री का विडियो कांफ्रेंस द्वारा वार्तालाप
. कृषि महोत्सव तो खेती में कठोर परिश्रम का उत्सव है : मुख्यमंत्री
राजस्व जमीन सुधार करने वाली यह पहली सरकार है
. अहमदाबाद:बुधवार । मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कृषि महोत्सव के अंतर्गत विडियो कांफ्रेंस के जरिए किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि महोत्सव तो खेती के लिए सरकार और किसान समाज के कठोर परिश्रम का उत्सव है। गुजरात की खेतीबाड़ी समृद्ध हो इसके लिए राज्य सरकार के एक लाख कर्मयोगी गांवों में पहुंचकर किसानों के परिवारों के साथ खेती की क्रांति की चर्चा करते हैं। कृषि महोत्सव का यह अभियान आठ सालों से चल रहा है जिसने गुजरात की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। इस पर गौरव जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव के माध्यम से सामाजिक चेतना और आजादी की जंग का अभियान चलाया था इसी प्रकार कृषि महोत्सव कोई मेला- जमावड़ा नहीं है बल्कि कठोर परिश्रम का उत्सव है। किसानों के जीवन में बदलाव लाना ही इसका मकसद है। खेत में फसल होने पर गीत गाकर स्वागत करने की अपनी परम्परा है। श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल में कुआ खोदा जाता था वहां पम्पिंग के लिए बिजली नहीं होती थी ऐसी स्थिति थी। किसी को किसान की जरूरतों की संकलित व्यवस्था की परवाह नहीं थी, मगर वोटबैंक को ध्यान में रखकर सहायता दी जाती थी। हमने इन सभी बुराईयों को दूर किया है। खेती को कोम्प्रिहेंसिव बनाया है। जमीन सुधार के लिए सोइल हैल्थ कार्ड का विचार किसे आया? इस सरकार ने किसान की जमीन की मुश्किलों का अंत करने की पहल की। राजस्व कानूनों में सौ साल से कोई सुधार नहीं हुआ था, टोडरमल के जमाने के कानून जारी थे। इस सरकार ने हर इंच जमीन का वैज्ञानिक माप का काम शुरु किया। ७/१२ प्रमाणपत्र को अलग किया। इस सरकार ने किसानों को २४ घंटे थ्रीफेज बिजली उपलब्ध करवाई है। किसान समृद्ध हुए हैं। खेती में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं।