पिछले दशक में शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात ने उठाए अनेक नये कदम
शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर सामूहिक चिंतन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी यह समिटः श्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा
- समिट में बतौर कंट्री पार्टनर सहभागी बनेगा इटली
- देशभर के शिक्षाविदों की मौजूदगी में विविध सेमिनार, स्पर्धा और चर्चा सत्रों का आयोजन
भारत के युवाधन को वैश्विक स्तर की गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके तथा शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों एवं अवसरों के संबंध में विचार-विमर्श करने के उद्देश्य के साथ गुजरात के शिक्षा विभाग की ओर से आगामी १० एवं ११ जनवरी को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में दो दिवसीय नेशनल एजुकेशन समिट-२०१४ का आयोजन किया गया है। समिट के सन्दर्भ में पत्रकारों को विशेष जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा ने कहा कि २१वीं सदी ज्ञान की सदी है, और वैश्विक स्तर पर भारत का प्रभाव स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि देश का युवाधन अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और ज्ञान से रूबरू हो। और इसलिए ही इस महत्व को स्वीकार करते हुए गुजरात ने राष्ट्रीय स्तर की इस शिक्षा समिट का आयोजन किया है। शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी और प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्री नानुभाई वानाणी ने भी पत्रकारों को इस सन्दर्भ में अन्य जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में गुजरात ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नये कदम उठाए हैं। गुजरात की इन उपलब्धियों से देश और दुनिया वाकिफ हो तथा देश के शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों व अवसरों के संबंध में सामूहिक चिंतन कर एक भारत-श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए सभी प्रवृत्त हों, इस उद्देश्य के साथ इस समिट का आयोजन किया जा रहा है।
श्री चूड़ास्मा ने कहा कि समिट के माध्यम से देश के युवाधन को वैश्विक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराकर भारत को दुनिया का वैश्विक ज्ञानकेन्द्र बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
इस समिट में ११ एन्कर यूनिवर्सिटी, ८५ से अधिक वक्ता, देशभर की यूनिवर्सिटी के १०० से अधिक कुलपति एवं निदेशकों सहित १००० प्राध्यापक, गुजरात में शिक्षा हासिल कर रहे ४० देशों के विदेशी विद्यार्थियों समेत राज्य तथा देश के २०४ जिलों के ५००० से अधिक प्रतिनिधि-विशेषज्ञ भाग लेंगे। समिट के कंट्री पार्टनर के तौर पर इटली सहभागी बनेगा।
समिट के कार्यक्रमों की रूपरेखा पेश करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि इस समिट के तहत ५ से ९ जनवरी के दौरान गुजरात की ११ यूनिवर्सटियों द्वारा दो सेमिनार के अलावा नृत्य, संगीत, चित्रकला, फोटोग्राफी तथा शिल्पकला विषयक स्पर्धाओं का आयोजन किया गया है। इन स्पर्धाओं के विजेताओं की कलाकृतियों को महात्मा मंदिर में प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके अलावा १० एवं ११ जनवरी को महात्मा मंदिर में आयोजित मुख्य समिट में इंजीनियरिंग शिक्षा, विशिष्ट यूनिवर्सिटियां, स्थापत्य कला, भारतीय विरासत और व्यवस्थापन, उच्च शिक्षा एवं विविध क्षेत्रिय यूनिवर्सिटियों द्वारा गुजरात की सफलता सहित अन्य विषयों पर पहले दिन सात एवं दूसरे दिन पांच तकनीकी चर्चा सत्रों का आयोजन किया गया है। वहीं, भविष्य के अनुरूप शिक्षा जगत का ढांचा तैयार करने में देश भर की यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के व्यापक अनुभव एवं ज्ञान का लाभ मिल सके, इसके लिए विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात की उपलब्धियों को उजागर करने वाली डिजिटल प्रदर्शनी भी समिट का आकर्षण रहेगी।
श्री चूड़ास्मा ने कहा कि समिट के दौरान गुजरात में उपलब्ध विविध पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान करने वाली एक डायरेक्टरी तथा गुजरात की १५ उल्लेखनीय उपलब्धियों संबंधी पुस्तिका के विमोचन के साथ ‘इंस्टीट्यूशन्स इन गुजरात’ नामक वेबपोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ए.एम. तिवारी (आईएएस), सर्व शिक्षा अभियान के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुकेश कुमार (आईएएस) सहित अन्य उच्चाधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे।
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