बुधवारः राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री जयनारायण व्यास और ऊर्जा राज्य मंत्री सौरभभाई पटेल ने सीएनजी गैस के दामों में हुई बढ़ोतरी के लिए केन्द्र की कांग्रेस शासित यूपीए सरकार की सीएनजी गैस के आवंटन तथा दामों को लेकर गुजरात की भाजपा सरकार के लिए अन्यायपूर्ण दोहरी नीति को जिम्मेदार करार दिया है। प्रवक्ताओं ने कहा कि सीएनजी की दरों में बढ़ोतरी के लिए सिर्फ और सिर्फ केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार ही जिम्मेदार है। गुजरात सरकार की इसमें न तो कोई भूमिका है और न ही नियंत्रण, बावजूद इसके कांग्रेस अपनी केन्द्र सरकार को बचाने के लिए सफेद झूठ फैला रही है।
प्रवक्ता मंत्रियों ने कहा कि केन्द्र की आईओसी, बीपीएल एवं एचपीसीएल पेट्रोल कंपनियों ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के नाम पर सीएनजी गैस के दामों में प्रति किलो 1.15 रुपये से 1.78 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस मूल्य वृद्घि का सीधा असर सीएनजी गैस का उपभोग करने वाले गुजरात के वाहन चालकों पर पड़ा है। यह बढ़ोतरी उनके वितरकों के कमीशन के लिए ही की गई है। वास्तव में केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार ने पिछले 19 महीने में 19 बार सीएनजी के दामों में लगातार बढ़ोतरी की है।
सीएनजी गैस के आवंटन में इकलौते गुजरात के साथ अन्याय करने वाली केन्द्र सरकार को दामों में बढ़ोतरी के लिए दोषी करार देते हुए प्रवक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार की कंपनी पेट्रोनेट सिर्फ गुजरात सरकार को भारत की (घरेलू) सीएनजी गैस आवंटित करने के बजाय आयातित गैस आवंटित करती है। जिसका कीमतों में बढ़ोतरी पर सीधा असर पड़ता है।
उन्होंने सवाल किया कि गुजरात को केन्द्र की पेट्रोनेट एलएनजी का आयातित गैस महंगी दरों पर लेने के लिए क्यों बाध्य किया जाता है?
इसके अलावा केन्द्र सरकार जिस तरह मुंबई-महाराष्ट्र तथा दिल्ली की कांग्रेस शासित सरकारों को एपीएम फार्मूले के तहत सस्ती दरों पर सीएनजी गैस देती है, उसी तर्ज पर गुजरात सरकार को देने वह तैयार क्यों नहीं? यह सवाल करते हुए प्रवक्ता मंत्रियों ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार गुजरात को भी मुंबई और दिल्ली की सरकारों के एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइज मिकेनिज्म (एपीएम) फार्मूले तथा केजी बेसिन के फार्मूले के तहत सीएनजी गैस का आवंटन करे, तो गुजरात सरकार सीएनजी गैस की वर्तमान दरों में आज भी 30 फीसदी की कमी करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के कांग्रेस नेता अपनी ही पार्टी की सरकार के सामने लाचार हैं, ऐसे में कांग्रेस के नेता झूठे बयान देने के बजाय गुजरात के सीएनजी गैस इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों के हित में केन्द्र के समक्ष सच्चाई बयां करने की हिम्मत दिखाएं और राजनीतिक रोटी सेंकने की मानसिकता छोड़ें। यह गुजरात के हित में होगा।