“इंडिया फर्स्ट” ही है सच्ची धर्मनिरपेक्षता – मुख्यमंत्री
“एक भारत-श्रेष्ठ भारत” का मंत्र साकार करें
वैश्विक मंदी और निराशा के माहौल में गुजरात ने बताया विकास की राजनीति और अर्थव्यवस्था की सफलता का मार्ग
ओएफबीजेपी का सफल आयोजन, श्री मोदी के उद्बोधन से समग्र दुनिया प्रभावित
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के शिकागो और न्यूजर्सी में भारतीय जनसमुदाय को गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रेरक संबोधन करते हुए कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और भारत की युवाशक्ति दुनिया का भाग्य बदलने का सामर्थ्य रखती है। भारत को विश्व गुरु बनाने के स्वामी विवेकानंद के संकल्प को साकार करने के लिए श्री मोदी ने देशवासियों से प्रत्येक कार्य में “इंडिया फर्स्ट” का संकल्प करने की अपील की।
“एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की सर्वोपरिता का विश्व को दर्शन कराने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, “मेरे मुताबिक धर्मनिरपेक्षता की सच्ची व्याख्या है- इंडिया फर्स्ट। हमारा प्रत्येक कर्तव्य भारत देश को सामर्थ्य प्रदान करने वाला और देशभक्ति के स्वाभिमान से परिपूर्ण होना चाहिए। सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए “इंडिया फर्स्ट” का संकल्प ही धर्मनिरपेक्षता की शक्ति है।” श्री मोदी ने सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के विनियोग से गांधीनगर स्थित मुख्यमंत्री निवासस्थान से अमेरिका और कनाडा के गुजराती परिवारों सहित भारतीयों के विशाल समुदाय को कम्युनिटी आउटरिच प्रोग्राम के तहत संबोधित किया।
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी की ओर से आयोजित श्री नरेन्द्र मोदी के इस ५० मिनट के देशभक्ति की चेतना जगाने वाले उद्बोधन का रविवार सुबह साढ़े छह बजे अमेरिकी चैनल टीवी एशिया पर सीधा प्रसारण हुआ था, जिसे दुनिया भर में बसने वाले भारतीयों ने बड़ी शिद्दत से निहारा। भारत की भी प्रमुख राष्ट्रीय टीवी चैनलों ने भी इसका सीधा प्रसारण किया था। समग्र विश्व में मुख्यमंत्री के इस प्रसारण को लेकर जिज्ञासा और उत्सुकता का माहौल था, जो श्री मोदी की दुनिया में एक राष्ट्रीय राजपुरुष की प्रतिभा की परिचायक है।
श्री मोदी ने शिवरात्रि पर्व के साथ ही आज गंगातट पर आध्यात्मिक महाकुंभ के समापन अवसर का निर्देश करते हुए कहा कि, करोड़ों जनों की श्रद्धा और सेवा के इतने विराट आयोजन की यह ऐतिहासिक घटना भारत की समाजशक्ति और सामर्थ्य की अनुभूति कराती है। लेकिन दुर्भाग्य से विश्व में इसका उम्मीद के मुताबिक प्रचार नहीं हुआ।
शिवभक्ति की आध्यात्म भूमिका के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिमय सह अस्तित्व और प्रकृति प्रेम भारत की संस्कृति के साथ जुड़ी आध्यात्मिकता है। दुनिया आज ग्लोबल वार्मिंग के संकट से घिरी हुई है, ऐसे में मनुष्य को इससे बचाने का कल्याण मार्ग भारतीय संस्कृति के परमात्मा के विविध देवी-देवताओं के स्वरूप में दृष्टिगोचर होता है। शिव जी के परिवार में पशु-पक्षी, वृक्ष, नदी आदि तत्वों के संवादपूर्ण सह अस्तित्व का सिद्धांत है। प्रकृति के तत्वों के साथ तादात्म्य रखते हुए ही मानव जाति का कल्याण हो सकता है। हमारे समाज जीवन में व्याप्त कटुता, बुराई और विकृतियों को विषपान के रूप में पचाकर वाणी और व्यवहार में अमृत प्रकट हो, ऐसे संस्कार की शोध भारत की आध्यात्मिकता में है।
प्रवासी भारतीयों को प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में बसने वाले भारतीयों के भारत के साथ नाते को जोड़ने के लिए देश की धरती, संस्कृति, परंपरा और भाषा के साथ सातत्यपूर्ण संबंध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे हम कहीं भी बसे हों, भारत के लोगों और देश के प्रति संवेदना हमारे कर्तव्य से प्रकट होनी चाहिए।
हिन्दुस्तान का नौजवान देश ही नहीं बल्कि दुनिया का भविष्य बदलने का माद्दा रखता है, ऐसा भरोसा जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश के युवाओं को भारत माता की भक्ति के लिए प्रतिबद्धता की जो प्रेरणा दी थी वह आज विवेकानंद जी की १५०वीं जन्मतिथि वर्ष में भी उतनी ही प्रासंगिक है। उन्होंने याद दिलाया कि सवा सौ वर्ष पहले विवेकानंद जी ने भारत माता की आजादी के लिए युवाओं को प्रेरणा दी थी।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि २१वीं सदी में भारत और चीन के बीच ही सर्वोपरिता की प्रतिस्पर्धा है और भारत में विश्व का नेतृत्व करने की पूरी क्षमता है। उन्होंने कहा कि १९वीं सदी में पराधीन होने के कारण भारत औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व नहीं कर सका था।बीसवीं सदी का पूर्वार्ध आजादी की जंग में बीता और उत्तरार्ध में ऐसा आशावादी माहौल निर्मित हुआ कि सौ करोड़ का देश विश्व को नेतृत्व प्रदान कर सकता है। २१वीं सदी के पहले दशक के प्रारंभ में वाजपेयी जी की एनडीए सरकार ने पोखरण में परमाणु विस्फोट कर भारत की शक्ति और स्वाभिमान को जगाया, लेकिन दुर्भाग्य से २१वीं सदी के इस पहले ही दशक में यह विश्वास बदल गया।
भारत की इज्जत पर बट्टा लगाने वाले सांप्रत संकटों के वातावरण का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि चारों ओर अंधकार और निराशा के माहौल में दूर-सुदूर प्रकाश से टिमटिमाता दीप गुजरात ने विकास की सफलता से प्रज्जवलित कर बताया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के इस एक दशक के विकास, सुशासन और समाज शक्ति को विकास में जोड़ने के प्रयासों से भरोसा पैदा हुआ है कि, निराशा की चाहे जैसी भी स्थिति हो उसे बदला जा सकता है। समूचा विश्व आर्थिक मंदी की गिरफ्त में था और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी इसका गंभीर असर पड़ा था, ऐसे में एकमात्र गुजरात ने आर्थिक मंदी में से बाहर निकलने की सफलता का मंत्र दुनिया को बताया। १८९३ की शिकागो की विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद और गांधी जी के सहपाठी और उनके नौजवान गुजराती साथी वीरचंदभाई गांधी ने भारतीय संस्कृति, धर्म और संस्कार के मूल्यों का वैश्विक प्रभाव स्थापित किया। इस प्रसंग की भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि विवेकानंद जी के साथ वीरचंदभाई गांधी ने गांधी जी से पहले भारत भक्ति का प्रभाव विदेश में खड़ा किया, इसीलिए शिकागो में वीरचंदभाई गांधी की प्रतिमा स्थापित हुई है। हमारे पूर्वजों की इस महान विरासत के वारिस के तौर पर हिन्दुस्तान के नौजवानों को उनके अधूरे सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने विवेकानंद के १५०वें जयंती वर्ष में भारत के युवाओं के कौशल विकास के लिए भारत सरकार द्वारा १,००० करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की तुलना में एक छोटा राज्य होने के बावजूद गुजरात सरकार द्वारा इस युवाशक्ति वर्ष में कौशल विकास के लिए ८०० करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि दो वर्ष से गुजरात ने युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर कौशल विकास के अवसर उपलब्ध करा कर युवाशक्ति के सामर्थ्य का सशक्तिकरण किया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात ने दुनिया को यह कर दिखाया है कि चाहे जैसी भी समस्या हो, उसे विकास की राजनीति से हल किया जा सकता है। हमारे पास क्या नहीं है? “हम कर सकते हैं, हम करेंगे” (वी केन, वी विल) का अभिगम होना चाहिए। विकास के मुद्दे पर चुनाव जीता जा सकता है, यह गुजरात ने ही साबित किया है। विकास को वोट कर गुजरातियों ने साबित किया है कि विकास ही सभी समस्याओं का समाधान है। नतीजा यह कि, आज गुजरात अपने विकास की सफलता की वजह से देश एवं दुनिया में चर्चित है। श्री मोदी ने कहा कि चुनाव जीतो या हारो लेकिन निरंतर जन-सेवा और विकास की राजनीति में ही कार्यरत रहो, तो सरकार से यदि कोई भूल या गलती होती है तो विकास की वजह से जनता उसे माफ कर देगी। बारह वर्ष के निरंतर शासन में जनविश्वास और जनभागीदारी की शक्ति ने हमें हमारी निष्ठा और निरंतर काम करने की ऊर्जा में बल प्रदान किया है। मेरे छह करोड़ गुजराती ही मेरा परिवार है। उनका सुख-दुःख ही मेरा सुख-दुःख है। छह करोड़ गुजराती विश्वास से समर्थन देकर गुजरात की विकास यात्रा में शामिल हैं।
श्री मोदी ने कहा कि गुजराती दुनिया में बेस्ट टुरिस्ट माने जाते हैं लेकिन गुजरात कभी बेस्ट टुरिस्ट डेस्टीनेशन नहीं रहा। हालांकि गुजरात के पास सोमनाथ, द्वारका, पोरबंदर-गांधी आश्रम, गिर के सिंह जैसा पर्यटन वैभव है। मैं विश्व में बसने वाले प्रत्येक भारतीयों से आह्वान करता हूं कि प्रति वर्ष दस गैर भारतीय परिवारों को भारत में पर्यटन के लिए प्रेरित करें। गुजरात को बेस्ट टुरिस्ट डेस्टीनेशन और भारत को सुपर टुरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर विश्व के समक्ष पेश करने की अपील भी उन्होंने की।
मुख्यमंत्री ने ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी को इस प्रकार के भारतीय स्वाभिमान जगाने वाले कार्यक्रम के आयोजन के लिए अभिनंदन देते हुए कहा कि, एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संकल्प करें। भारत माता को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने को प्रतिबद्ध बनें।अमेरिका के शिकागो एवं न्यूजर्सी में आयोजित इन समांतर सभाओं में सर्वश्री जयेश पटेल, चंद्रकांत पटेल, एचआर शाह, महेशभाई मेहता सहित अन्य महानुभावों ने भारत के सार्वजनिक जीवन में श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हासिल लोकप्रियता को विरल करार देते हुए “स्टैंडिंग ओवेशन” से उनका अभिवादन किया।