गुजरात - युवाओं के लिए अवसरों की भूमि

जहां देश नीति पक्षाघात से जूझ रहा है तथा यू.पी.ए. सरकार के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के झूठे वादे को देख चुका है, गुजरात ने पूरे देश के 72% रोजगार का निर्माण किया है

गुजरात में सबसे कम बेरोजगारी है

 


“भारत 35 वर्ष की आयु से कम की 70% आबादी वाला एक युवा देश है। ‘जनसांख्यकीय लाभांश’ लेने के लिए व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम को जारी करने करने की बेहद जरूरत है, जिससे युवाओं में रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा सके।


“छोटे तथा मध्यम स्तर के उद्योग तथा स्व-रोजगारी हमारी औद्योगिक तथा सेवा अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। ये हमारे युवाओं के लिए उपयोगी रोजगार को बड़े पैमाने पर पैदा करते हैं... जो एस.एम.ई. तथा प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों के लिए के लिए ‘नए परिमाण’ के संवाहक हैं तथा जमानत-मुक्त ऋण, विभिन्न कानूनों तथा उनके रूपों से मुक्ति तथा उन्हें निरीक्षकों के चंगुल से मुक्त करवाता है।“

पहली बार में आपको लगेगा कि ये लाइनें गुजरात सरकार के किसी नीति दस्तावेज का अंश हैं, जो आने वाले समय के लिए एक सुसंगत दृष्टि बयान करता है (आपको निराश करने के लिए माफी चाहते हैं), किन्तु ये लाइनें कांग्रेस के 2009 के मैनिफैस्टो से ली गई हैं..! जब 2009 में ये लिखी गई थीं तब देश ने परिवर्तन के अग्रदूत तथा बेहतर समय के रूप में पार्टी पर अपना विश्वास जताया था, परन्तु आज, साढ़े तीन साल बाद ये शब्द देश के ताजा घाव पर नमक की तरह लगते हैं, जो घटिया प्रशासन के चंगुल में है, विशेषकर युवाओं के लिए, जिनका भविष्य कांग्रेस जैसी पार्टी, जो नई दिल्ली में सत्ता की चाबियां लिए हुए है, के साथ बहुत धुंधला सा है..!

युवाओं के कौशल विकास की योजना बस योजना बन कर रह गई है, यू.पी.ए. द्वारा पैदा की गई नौकरी के आंकड़े बहुत कुछ प्रकट करते हैं तथा जहां तक छोटे तथा मध्यम उद्योग के लिए ‘नई डील’ की बात है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं, ये ‘नई डील’ मिली है रिटेल में एफ.डी.आई. के रूप में जो कि उनको कानूनों तथा उसके रूपों तथा निरीक्षकों से निश्चित रूप से आजाद कर देंगी, सीधी सी बात है क्योंकि वे लोगों को बेरोजगार कर देंगे..! ये मजाक लोगों के साथ किया जा रहा है, कांग्रेस के तरीके से।

दूसरी ओर, इन मामलों में गुजरात ने विकास की बहुत बड़ी ऊचांइयों को प्राप्त किया है तथा श्री मोदी रिटेल में एफ.डी.आई. के एक मजबूत आलोचक बन गए हैं - जब हमारे लोगों का विकास दांव पर लगा हो, तो हम श्री मोदी से चुप रहने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

गुजरात - जहां रोजगार है, अवसर पाने की सही भूमि..!

उनके 2009 में किए गए 1 करोड़ रोजगार पैदा करने के वादे को ध्यान में रखते हुए तथा उसे करने में नाकाम रहने पर, कांग्रेस के पास निश्चित रूप से कुछ साहस है कि वे देश के युवाओं के सामने आ रहे हैं और उनसे वोट भी मांग रहे हैं।

दूसरी ओर, श्री मोदी के नेतृत्व में बना रिकार्ड अपने आप में बोलता है।

गुजरात आज देश में सबसे ज्यादा रोजगार निर्माण करने वाला राज्य है, जो भारत के कुल रोजगार का 72% रोजगार पैदा करता है..!

अच्छी खबर यहीं समाप्त नहीं होती - रोजगार तथा प्रशिक्षण महानिदेशक के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार गुजरात रोजगार केन्द्र के माध्यम से रोजगार दिलाने वालों की सूची में सबसे ऊपर है तथा वो भी 2002 से।

गुजरात सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वालों की सूची में सबसे ऊपर ही नहीं है, बल्कि जब बेरोजगार की सबसे कम दर में जिस राज्य का नाम आता है वह (एक बार फिर) गुजरात है..! लेबर ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में गुजरात में सबसे कम बेरोजगारी है।

उस रिपोर्ट के अनुसार, जहां भारत में बेरोजगारों की दर 3.8% है, गुजरात ने सबसे कम 1% करके दिखाया है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गुजरात में शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में बेरोजगारी का दर सबसे कम है, जो एक और प्रगतिशील संकेत है।

आवश्यक कौशल से युवाओं का सुदृढ़ीकरण

अवसरों में वृद्धि होना संभव नहीं हो पाता यदि श्री मोदी ने कौशल विकास को इतना ज्यादा महत्व नहीं दिया होता। पहले आई.टी.आई. में पढऩे वालों को औसत दर्जे का माना जाता था, पर आज श्री मोदी के सतत प्रयासों के कारण, यह सम्मान का प्रतीक बन गया है।

गुजरात की आई.टी.आई. कौशल विकास का इंजन बन गई है

• सरकारी आई.टी.आई. सभी 225 तहसीलों में मौजूद हैं।

• आई.टी.आई. ने विभिन्न राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी की है।

• 2001 के 3400 के मुकाबले 2011 में 67,000 महिलाओं को आई.टी.आई. के जरिए प्रशिक्षित किया गया है।

• समाज के पिछड़े वर्गों से आए 4000 प्रशिक्षार्थियों ने 2011-12 में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो 2001 के मुकाबले 418% बढ़ोतरी है।

• 2012 में आई.टी.आई. के लिए 130 करोड़ का बजट।

स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती के उत्सव के हिस्से के रूप में, गुजरात ने इस वर्ष अप्रैल में स्वामी विवेकानंद युवा रोजगार सप्ताह आयोजित किया था। इस सप्ताह के दौरान कच्छ-सौराष्ट्र, मध्य गुजरा, दक्षिण गुजरात और अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रमों में श्री मोदी ने खुद 65,000 रोजगार पत्र युवाओं को बांटे।

जो लोग कौशल विकास कार्यक्रम के जरीए जनसांख्यकीय लांभाश पाने की बात करते हैं उनको श्री मोदी द्वारा कही गई ये एक छोटी सी बात अवश्य पढऩी चाहिए।

हम एन.डी.सी. की एक बैठक में थे जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम लोग युवाओं के लिए 500 प्रकार के कौशल का एक बड़ा विकास कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं। मैंने बीच में हस्तक्षेप किया तथा पूछा कि क्या एक शून्य कम है या ऐसा कुछ है, परन्तु मुझे कहा गया कि नहीं..! यदि हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा रखना चाहते हैं, जहां 50,000 कौशल विकास कार्यक्रम उनके युवाओं के लिए चलते हैं, क्या हम जो कर रहे हैं वो काफी है?

यदि हमें चीन के साथ मुकाबला करना है तो हमें कौशल विकास पर बहुत जोर देना होगा तथा जहां दूसरों ने इस विषय पर केवल चुप्पी साधे हुए हैं, श्री मोदी ने किया और दुनिया को दिखाया कि हम अलग कैसे बन सकते हैं।

छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए नई डील - रिटेल में एफ.डी.आई.

नीति हीनता, मंहगाई, भ्रष्टाचार, एल.पी.जी. सिलेन्डर को छीनना काफी नहीं था, कि अब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार ने हमारे लोगों पर रिटेल में एफ.डी.आई. को थोप दिया है।

एक बार फिर, इस जनविरोधी कदम के विरोध में सबसे आगे श्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिन्होंने कहा है कि ऐसे कदम हमारे छोटे दुकानदारों तथा घरेलु उत्पादकों को नुकसान पहुंचाएंगे तथा बेरोजगारी पैदा करेंगे..! हमारे युवा इसके कारण बर्बाद हो जाएंगे, पर यह बात बार बार असंवेदनशील यू.पी.ए. सरकार के बहरे कानों पर गिर रही है।

यहां तक की यू.एस.ए. के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देशवासियों से छोटे उद्योगों का साथ देने की अपील की है, परन्तु हमारे खुद के प्रधानमंत्री मार्ग से अलग चल कर अमेरिका के फायदे के लिए ‘सिंघम्’ बन गए हैं, यह एक ऐसी उपहास की स्थिति है।

माफ करें, गुजरातियों के लिए नौकरी नहीं है..!

कांग्रेस के कुकर्मों का एक उदाहरण दाहोद की ओ.एन.जी.सी. की रिफाइनरी में वास्तव में देखा जा सकता है, जो कि यू.पी.ए. सरकार के अधीन है, जहां पर केवल 5 गुजरातियों को नौकरी मिली हुई है..!

गुजरात लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है, युवाओं के लिए अवसर पैदा करता है, परन्तु उसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. से क्या मिलता है, अस्वीकृति और असहयोग के सिवा कुछ भी नहीं।

देश जब नीति हीनता की गहराई में डूब रहा है तथा जब हम दिल्ली से केवल बुरी खबरें ही सुनते हैं, गुजरात के युवाओं को खुद से पूछना चाहिए : कांग्रेस के जनसांख्यकीय लांभाश पाने के प्रयासों का क्या हुआ?

क्या यू.पी.ए. के तहत युवाओं में रोजगार योग्यता और रोजगार बढ़ रहा है?

क्या आप ऐसी ‘नई डील’ चाहोगे, जो आपकी नौकरी छीन ले? इसी व्यवस्था के साथ, सब कुछ वही होने के बाद भी कैसे गुजरात चमकने में सक्षम हो पाया है, जबकि यू.पी.ए. के तहत राष्ट्र डगमगा रहा है।

क्या हम बेरोजगारी, अवसरों की कमी और निराशावाद की दिशा को गले लगाना चाहते हैं?

समय की यही मांग है कि जो देश की किस्मत के चालक वही हों जो स्वामी विवेकानंद जी के सपने जगत गुरू भारत को समझते हैं और अपनी आवाज उठाएं तथा कहें : एकमत गुजरात, बने भाजप सरकार..!

 

अतिरिक्त संदर्भ :

https://aicc.org.in/new/manifesto09-eng.pdf

https://deshgujarat.com/2012/02/24/gujarat-budget50-new-itis-15-new-colleges-2-new-university-auto-training-center-in-sanand-and-more-for-youths/

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.