उदयपुर: महाराणा प्रताप जन्मजयंति समारोह में मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत.

 केन्द्र के वर्तमान शासक भारत की महान विरासत और महापुरुषों के गौरव-इतिहास की घोर उपेक्षा करते हैं : श्री मोदी

अहमदाबाद:गुरुवार ।मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि केन्द्र की वर्तमान सरकार देश की महान विरासत और महापुरुषों के पराक्रमी गौरवपूर्ण इतिहास की उपेक्षा करती है।आज राजस्थान के उदयपुर में महाराणा प्रताप की ४७२ वीं जयंति के समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद श्री मोदी ने कहा कि इतिहास का गौरव नहीं करने वाले नया इतिहास नहीं रच सकते। ४७२ वर्षों के बाद भी महाराणा प्रताप आज हमारे हृदय में जीवित हैं और मातृभूमि के लिए जीने की राह बतलाते हैं।

 उन्होंने कहा कि राजपरिवार के होने के बावजूद उन्होंने जीवन में एक पल भी विश्राम नहीं किया। हर पल और शरीर का हर कण मातृभूमि के लिए खपा दिया। आज राणा प्रताप जीवित होते तो उनको भी कथित धर्मनिरपेक्ष तत्वों ने बदनाम कर दिया होता क्योंकि इस पराक्रमी पुरुष ने गौरक्षा, नारीरक्षा-गौरव, मन्दिर रक्षा, संस्कृति रक्षा और देश रक्षा के लिए जीवन समर्पित कर दिया। आज एक परिवार पूजा के वातावरण में हमारे पराक्रमी पूर्वजों के पूरे इतिहास को भुला दिया गया है। क्या एक ही परिवार ने बलिदान दिया है ? क्रांतिगुरु श्यामजीकृष्ण वर्मा, वीर भगत सिंह, राजगुरु और वीर सावरकर जैसे अनेक क्रांतिकारियों ने देश के लिए आहुति दी है लेकिन ऐसे क्रांतिवीरों के जीवन इतिहास की परवाह दिल्ली के शासकों ने नहीं की है, यह देश का दुर्भाग्य है।.

जो समाज अपनी विरासत और इतिहास का गौरव नहीं करता वह समाज नया इतिहास कैसे बना सकता है ? यह सवाल उठाते हुए श्री मोदी ने कहा कि हरेक युग में महापुरुषों ने इतिहास रचा है जिसका गौरव होना ही चाहिए। गुजरात और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक- ऐतिहासिक सम्बन्ध रहा है, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मेवाड़ के स्थापक की माता वलभी गुजरात की महारानी थीं जिनके वंशज राणा प्रताप हैं। राणा प्रताप के वफादार अश्व चेतक की मां भी गुजरात के काठियावाड की थी। महाराणा प्रताप उत्तर गुजरात के साबरकांठा में अरावली के पहाड़ों में- विजयनगर के जंगलों में मातृभूमि की रक्षा का काम लेकर घूमते थे तब उनके साथी आदीवासी भील थे। राजस्थान को नर्मदा केनाल में से पानी देकर मरुभूमि को नवपल्लवित करने का पुनीत काम गुजरात ने किया है

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर पिंक रिवोल्युशन द्वारा पशुओं का कत्ल करके देश की संस्कृति को नष्ट करने का आरोप लगाया और मटन निर्यात के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी देने की नीति की आलोचना की। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने गौरक्षा कानून बनाया और श्वेतक्रांति- कृषिक्रांति का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारत का इतिहास सम्भालने के प्रयास नहीं किए। श्री मोदी ने मोती मगरी में राणा प्रताप की प्रतिमा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।