सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सेवारत महिलाओं की राष्ट्रीय परिषद का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
विकास के लिए नारीशक्ति को निर्णय प्रक्रिया में भागीदार बनाने की जरूरत: मुख्यमंत्री
च्महिला सामथ्र्य को विकास में भागीदार बनाने गुजरात ने अपनाए नये आयामज्
अहमदाबाद, शनिवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सेवारत महिलाओं की राष्ट्रीय परिषद का शनिवार को उद्घाटन करते हुए देश के विकास के लिए समाज की नारीशक्ति को निर्णय प्रक्रिया में भागीदार बनाने की जरूरत पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के पदों और कार्यक्षेत्र में अपने सामथ्र्य का योगदान दे रहीं इन सामथ्र्यवान महिलाओं से उनके संगठन के जरिए कॉर्पोरेट-सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सामाजिक दायित्व) के कर्तव्य के रूप में नारी सशक्तिकरण के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का विशेष अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की जनशक्ति में 50 फीसदी हिस्सा नारीशक्ति का है, और इस शक्ति को निर्णय प्रक्रिया में भागीदार बनाने से देश के विकास को नई गति मिलेगी।
सार्वजनिक क्षेत्र सहित समाज में नारीशक्ति के सामथ्र्य की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार ने नारी समाज को संपत्ति के अधिकार, सरकारी लाभों में मालिकी की प्राथमिकता और स्कूल में नामांकन के वक्त बच्चे के साथ अनिवार्य रूप से माता का नाम लिखने का आदेश जैसे अनेक नये आयाम अपनाए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि प्रबल इच्छाशक्ति और दूरदर्शी आयोजन की बदौलत किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति और संजोगों को बदला जा सकता है, इस बात को भूकम्प से बर्बाद हुए राज्य को दस वर्ष में विकास की नई ऊंचाई के मॉडल पर स्थापित कर गुजरात सरकार ने साबित कर दिखाया है। इस बारे में अनेक दृष्टांत पेश करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों गुजरात विद्युत बोर्ड, गुजरात स्टेट फर्टीलाइजर्स कॉर्पोरेशन और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को कॉर्पोरेट प्रोफेशनल मैनेजमेन्ट के जरिए औद्योगिक और आर्थिक विकास की सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनियों में सफलतापूर्वक रूपांतरित किया है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास और दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी गुजरात ने क्रांति की है।
नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में स्त्री-पुरुष जन्मदर के असंतुलन को दूर करने के लिए बेटी बचाओ आंदोलन और कन्या केळवणी (शिक्षा) अभियान की सफलता के दृष्टांत को उन्होंने गुणात्मक परिवर्तन के आंकड़ों के साथ विस्तार से प्रस्तुत किया। श्री मोदी ने कहा कि गरीब गर्भवती महिलाओं और गरीब बच्चों, किशोरियों को कुपोषण से मुक्त कराने समाज को प्रेरित कर राज्य सरकार ने माता-शिशु मृत्यु दर, स्त्री-पुरुष लिंगानुपात और कन्या शिक्षा के क्षेत्र में देश को नई दिशा बतलाई है। महिलाओं से नारी सशक्तिकरण के लिए नई दिशा में अपने सामथ्र्य का प्रगटीकरण करने का सुझाव भी मुख्यमंत्री ने दिया।
इस अवसर पर देश के सार्वजनिक क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाली महिलाओं और कंपनियों की महिला कार्यवाहकों को विप्स (वूमन इन पब्लिक सेक्टर) का अवार्ड मुख्यमंत्री ने इनायत किया।
भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद में दो दिनों तक चलने वाली इस राष्ट्रीय परिषद में विप्स की अध्यक्षा श्रीमती रेचल मैथ्यू और पश्चिम क्षेत्र की अध्यक्षा श्रीमती कीर्ति तिवारी ने परिषद की चर्चा की रूपरेखा पेश की।
स्कोप के महानिदेशक जनरल यूडी चौबे तथा आईआईएम-अहमदाबाद के अजय पाण्डेय ने अपने विचार प्रस्तुत किए जबकि श्रीमती मल्लिका शेट्टी ने आभार ज्ञापित किया।
महिला पदाधिकारियों सहित सभी वक्ताओं ने मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व और गुजरात के विकास विजन की भरपूर प्रशंसा की।