"MoU to open new LNG gateway in India, to make mutual relation with Gujarat stronger, wider and deeper: Hugo Swire"
"Presence of British Minister at MoU signing ceremony indicates the importance and intent to build relation with Gujarat: Narendra Modi"

गुजरात और ब्रिटेन के पारस्परिक संबंध और भी मजबूत बनेंगेः ह्यूगो

 ‘फास्ट ट्रैक पर पहुंचा गुजरात और ब्रिटेन का संबंधः मोदी

स्वच्छ ऊर्जा और गैस आधारित अर्थव्यवस्था में अग्रसर गुजरात

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री श्री ह्यूगो स्वायर की मौजूदगी में आज गांधीनगर में गुजरात सरकार के सार्वजनिक उपक्रम-गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (जीएसपीसी) और ब्रिटिश गैस कंपनी के बीच लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) की खरीद-बिक्री का दीर्घकालीक करार संपन्न हुआ।

इस अवसर पर श्री ह्यूगो स्वायर का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात और ब्रिटेन के बीच परस्पर सहभागिता के विस्तृत फलक पर विकसित हो रहे संबंधों के सन्दर्भ में पेट्रोलियम-एनर्जी के क्षेत्र में आज हुआ यह करार ऐतिहासिक साबित होगा। इतना ही नहीं, अब गुजरात और ब्रिटेन के संबंध ‘फास्ट ट्रैक’ पर पहुंच गए हैं और आज हुआ करार दोनों के बीच सहभागिता का फलक विकसित करने की दिशा में प्रेरक साबित होगा।

ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल राज्य मंत्री श्री ह्यूगो स्वायर ने गुजरात और ब्रिटेन के बीच विकसित हो रहे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तत्परता जतायी। ब्रिटिश विदेश राज्य मंत्री स्वायर और ब्रिटेन के उच्चायुक्त जेम्स बेवन के नेतृत्व में आए ब्रिटिश शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने ब्रिटेन के साथ गुजरात के संबंधों को चिरंजीव करार दिया।

श्री मोदी ने कहा कि, “हम प्रगति, विकास और मानवजाति के कल्याण की यात्रा के सहयोगी हैं।” जनवरी-२०१३ में संपन्न हुए वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन में यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूके ट्रेड कमिशन की भागीदारी और योगदान का गौरव के साथ जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, ब्रिटेन में बसने वाले गुजराती समेत भारतीय परिवारों ने भी गुजरात और ब्रिटेन के बीच संबंधों के सेतु को मजबूत बनाया है।

श्री स्वायर को ब्रिटेन और गुजरात के बीच सहयोग के लिए प्रेरक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसपीसी और ब्रिटिश गैस के बीच हुए करार के आज के मौके पर उपस्थित रहकर श्री स्वायर ने यह प्रतीति कराई है कि ब्रिटेन सरकार गुजरात-ब्रिटिश सहभागिता को कितना महत्व देती है। उन्होंने कहा कि गुजरात और ब्रिटेन के बीच सहयोगी संबंधों को प्रमोट करने की यह उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गुजरात तथा ब्रिटेन के बीच औद्योगिक-व्यापारिक संबंधों एवं निवेश का फलक अब और भी ज्यादा विस्तृत होगा।

ऊर्जा विकास और पेट्रोलियम एनर्जी उद्योग के विकास के साथ ही इन क्षेत्रों के मानव संसाधन विकास के लिए गुजरात भारत का ‘एनर्जी हब’ बन रहा है, इसकी रूपरेखा पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के पास देश का एक तिहाई और सबसे बड़ा गैस पाइपलाइन नेटवर्क है, इसके अलावा एलएनजी आयात का ८० फीसदी कार्गो हैण्डल करने वाले दो एलएनजी टर्मिनल भी गुजरात में ही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने क्लायमेट चेन्ज के प्रतिकार को अग्रिम प्रधानता दी है और स्वच्छ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) के रूप में सौर और पवन ऊर्जा का ६० फीसदी उत्पादन गुजरात करता है। हाल ही में ‘एनर्जी यूटिलिटी’ के क्षेत्र में सभी चार A+ रेटिंग केन्द्र सरकार ने गुजरात को दी है। आज देश के नेचुरल गैस की कुल खपत का एक तिहाई अकेले गुजरात करता है, और इकलौते गुजरात में ११ लाख घरेलू उपभोग के गैस कनेक्शन हैं तथा सात लाख से अधिक वाहनों के लिए सीएनजी गैस की बिक्री होती है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने १६०० किमी लंबे समुद्री तट पर एलएनजी टर्मिनल विकसित किए हैं और एलएनजी टर्मिनल पॉलिसी अमलीकृत की है।

आज गुजरात भारतीय अर्थव्यवस्था का चालकबल बन चुका है, इसकी वजह है, गुजरात की गैस आधारित अर्थव्यवस्था की प्रगतिशील नीतियां और उनका पारदर्शी अमलीकरण। गैस-पेट्रोलियम एनर्जी के लिए मानव संसाधन विकास हेतु उत्तम शिक्षा प्रदान करने वाली पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी का निर्देश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात सरकार स्वच्छ ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन के जरिए ऑयल-गैस क्षेत्र को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जीएसपीसी और ब्रिटिश गैस के बीच इस करार को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों कंपनियों की सहभागिता सिर्फ ‘एनर्जी सिक्योरिटी’ के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि क्लायमेट चेन्ज के प्रभाव को नियंत्रण में रखने और पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में भी पहलरूप साबित होगी।

ब्रिटिश विदेश राज्य मंत्री ह्यूगो स्वायर ने गुजरात के अपने पहले दौरे को फलदायी करार देते हुए कहा कि जीएसपीसी-ब्रिटिश गैस के बीच की यह भागीदारी भारत और गुजरात के गैस-पेट्रोलियम क्षेत्र की मांग-आपूर्ति की जरूरतों की पूर्ति करने में उपकारक सिद्ध होगी। एलएनजी गैस पर्यावरण के नजरिए से स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है और भारत की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए उसका बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि इस करार के चलते गुजरात और ब्रिटेन के बीच परस्पर सहयोग के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरूआत होगी। दोनों के बीच महज व्यापार-वाणिज्य के संबंध ही नहीं वरन गुजरात और ब्रिटेन के बीच बहुलक्षी संबंध विकसित करने की तत्परता भी स्वायर ने व्यक्त की।

ब्रिटिश विदेश राज्य मंत्री ने गुजरात के विकास और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगतिशील विश्वविद्यालयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रिटेन में रहने वाले गुजरातियों और भारतीयों ने सांस्कृतिक संबंधों को विकसित करने में महती योगदान दिया है। इस सन्दर्भ में गुजरात और भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों को और भी मजबूत, विस्तृत और गहन फलक पर विकसित करने की तत्परता उन्होंने व्यक्त की। गुजरात को भारत का अहम राज्य करार देते हुए स्वायर ने सुशासन, कानून के राज और मानवाधिकार में ब्रिटेन की श्रद्धा जतायी।

इस अवसर पर जीएसपीसी के प्रबंध निदेशक तपन रे और ब्रिटिश गैस के प्रेसीडेंट शालिन शर्मा ने एलएनजी सहभागिता के करार पर दस्तखत किए।गुजरात के ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्री सौरभभाई पटेल और राज्य के उद्योग-व्यापार क्षेत्र के अग्रणी भी इस मौके पर उपस्थित थे। मुख्य सचिव वरेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया जबकि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव डी.जे. पांडियन ने आभार व्यक्त किया।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।