वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उत्तरी अमेरिका में गुजरात दिवस
महोत्सव के जन आन्दोलन में सहभागी बने
अभूतपूर्व उत्साह से उमड़े भारतीय- गुजराती समुदाय श्री मोदी के 100 मिनट के प्रेरणादायी विकास चिंतन से प्रभावित
मदर्स डे मातृशक्ति की भारतीय संस्कृति में अनोखी महिमा: पृथ्वी माता- भारत माता- मातृशक्ति अपरम्पार
भारत की दुर्दशा के लिए देश के वर्तमान शासकों की नीति, नियत और नैतिकता जिम्मेदार
साम्प्रत हिन्दुस्तान में भरोसे का संकट खड़ा हो गया है- श्री मोदी
गुजरात के विकास में 6 करोड़ गुजरातियों का भरोसा
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह अमेरिका में बसे भारतीयों और गुजराती समुदायों को वीडियो कांफ्रेंस से सम्बोधित करते हुए कहा कि सवा सौ करोड़ भारतवासियों को भरोसे के अभाव के संकट में धकेलने के लिए वर्तमान शासकों की नीति, नियत और नैतिकता को सम्पूर्णतया जिम्मेदार बतलाया। गांधीनगर स्थित अपने आवास से अमेरिका के 20 शहरों में एक साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गुजरात दिवस महोत्सव के अभूतपूर्व आनंद में सहभागी बने मुख्यमंत्री ने गुजरात के विकास विजन की सर्व समावेशक भूमिका के चिंतन से सभी को प्रभावित किया। आज सुबह श्री मोदी के राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां, गुजरात का विकास व्यूह और साम्प्रत समस्याओं के समाधान विषयक 100 मिनट के वार्तालाप- संवाद का सीधा प्रसारण टीवी चैनलों द्वारा दुनिया के लाखों दर्शकों ने निहारा।
मुख्यमंत्री ने प्रारम्भ में मदर्स डे के वैश्विक महोत्सव का उल्लेख करते हुए मातृशक्ति की अपार महिमा की भारतीय संस्कृति की महानता का बखान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ही अनेक संकटों के बीच टिकी है, इसकी वजह मातृशक्ति का गौरव है। हमने माता भूमि: पुत्रो अहम् पृथ्वी व्याम् का मंत्र अपनी जीवनशैली में आत्मसात् किया हुआ है। पृथ्वी माता, भारत माता और परिवार की मातृशक्ति की भवना के साथ अपना अटूट नाता रहा है। समग्र विश्व में परिवार संस्था टूट गई है, इसकी चिंता की जा रही है जबकि भारत में पारिवारिक व्यवस्था के धरोहर का मातृशक्ति द्वारा जतन हो रहा है।
परिवार में माता के त्याग, तपस्या और जहर पीकर अमृत का पान करवाने वाली माता की भावना का अवमूल्यन नहीं होना चाहिए। पृथ्वी माता हो, भारत माता हो या परिवार की मातृशक्ति हो- हमारी संस्कृति में ही कुछ बात ऐसी है कि हमारी हस्ती मिट नहीं सकती।इस मातृशक्ति की महिमा का गौरवगान करना ही हमारा दायित्व नहीं है, हमारे डीएनए में यह भावना सदैव होनी चाहिए।
देश के सवा सौ करोड़ भारतवासियों को निराशा के वातावरण में धकेल देने वाले वर्तमान शासकों की दुर्बलता और विफल विदेश नीति की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी किसकी होगी? इस चर्चा में भारत के बारे में दुनिया की जो आशा जागी थी वह और भारतवासियों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। आज देश की दुर्दशा ऐसी हो गई है कि हमारी सेना के जवानों के सिर काटकर ले जाने वाले देश के प्रधानमंत्री कु बुलाकर उसे चिकन बिरयानी खिलाई जाती है! चीन हमारी भूमि में घुसपैठ करके समझौता करके वापस लौटे, यह तो समझ में आता है, परंतु हिन्दुस्तान की ही धरती पर भारत की सेना को पीछे क्यों धकेला जाता है? श्री मोदी ने कहा कि युपीए सरकार पूना, हैदराबाद बम धमाकों, कोयला घोटाला जैसे हर मोर्चे पर विफल रही है। भारत की प्रतिष्ठा घट रही है और आज हिन्दुस्तान की स्थिति यह हो गई है कि कि किसी को किसी पर भरोसा नहीं रहा है। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उनकी व्यवस्था, प्रशासनिक प्रक्रिया, इरादे, नीतियां, नियत और नैतिकता पर से देशवासियों का भरोसा उठ गया है। इसे पुन:स्थापित करने का संकत सबसे बड़ा है।
हिन्दुस्तान के नेताओं, राजनैतिक दलों और नीतियों पर से देशवासियों का भरोसा तोड़ने वालों ने देश को संकट में धकेल दिया है। ऐसे माहौल में 6 करोड़ गुजरातियों ने गुजरात की वर्तमान सरकार पर भरोसा रखा है और इसलिए ही गुजरात की विकासयात्रा तेज गति से आगे बढ़ती ही रही है। गुजरात विरोधियों के अनेक झूठों की भरमार के बीच भी महात्मा गांधी और सरदार पटेल का स्मरन करके गुजरात में विकास के आचरण के लिए छह करोड़ गुजरातियों ने अपनी शक्ति का दायित्व निभाया है।
गुजरात के विकास की चहुंओर चर्चा क्यों हो रही है, इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए श्री मोदी ने कहा कि, उन्हें स्वयं को जो सम्मान मिल रहा है उसके हकदार सिर्फ और सिर्फ गुजरात को प्रेम करने वाले दुनियाभर में बसे भारतीयों और छह करोड़ गुजरातियों का परिश्रम है। गुजरातियों ने अपने संस्कारों और समाज सेवा से सभी का दिल जीत लिया है। गुजराती ग्लोबल कम्युनिटी है और गुजरात की शक्ति का दर्शन करवाने वाले गुजराती ही सच्चे कल्चरल एम्बेसडर (सांस्कृतिक राजदूत) हैं।
मुख्यमंत्री ने गुजरात के विकास की सफलताओं और उपलब्धियों का राज बतलाते हुए कहा कि गुजरात ने विकास को सीमा में नहीं बांधा है। गुजरातियों ने वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को आत्मसात् किया है। 1600 किलोमीटर लम्बा समुद्रतट वैश्विक व्यापार का प्रवेशद्वार बन गया है। ग्लोबल इकॉनॉमी के मन्दी के वातावरण में भी गुजरात ने पहल करके मार्ग बताया है। गुजरात की स्थापना में तत्कालीन अहमदाबाद के कांग्रेस हाउस में से गोलियां बरसाईं गई थी और मासूम विद्यार्थियों- जवानों की शहादत हुई थी तब महागुजरात आन्दोलन सफल हुआ था। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शहीदों को वन्दन करने का यह गुजरात दिवस का अवसर है।
इन्दुलाल याज्ञिक की अगुवाई में हुए महागुजरात आन्दोलन के इतिहास को भुला देने वाले आज भी गुजरात की प्रगति के खिलाफ झूठ फैलाते रहे हैं परंतु, गुजरात ने तो सबका साथ सबका विकास मंत्र को साकार कर विकास को सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशक बनाया है। गुजरात के विकास के केन्द्र में गरीब और आम आदमी है और महात्मा गांधी तथा पंडित दीनदयालजी के अंत्योदय और गरीबतम व्यक्ति के जीवनस्तर में सुधार लाने के संकल्प के साथ विकास किस तरह किया गया, इसकी श्री मोदी ने जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि गुजरात में ढांचागत सुविधा उत्तर से दक्षिण तक पहले भी थी मगर उद्योगों के अंकलेश्वर- वापी के गोल्डन कॉरिडोर के विकास से सरकारें खुश होती थीं। मगर इस सरकार ने नव प्रगतिपथ के व्युहात्मक आयोजन द्वारा पूर्व के आदिवासी पट्टे से पश्चिम के समुद्री तट तक विकास को जोड़ दिया। फॉरेंसिक साइंस लैब पहले भी थी मगर दुनिया की प्रथम फॉरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी हमारी सरकार ने बनाई। कहने का मतलब यह है कि, मैं यह कभी नहीं कहता कि मोदी नहीं थे तब तक गुजरात का विकास नहीं हुआ था। मैं यह कहना चाहता हूं कि 40 साल में गुजरात के विकास की जो स्थिति थी उसे सर्वांगीण बनाकर, आम आदमी को विकास के फल में भागीदार बनाकर, विकास की सर्वतोमुखी गति तेज बनाकर आज गुजरात ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह नरेन्द्र मोदी ने खुद नहीं बनाई है बल्कि 6 करोड़ गुजरातियों के पुरुषार्थ का यह परिणाम है। पतंग की खोज नरेन्द्र मोदी ने नहीं की मगर पतंग से रोजी-रोटी कमाने वाले गरीब परिवारों को पतंगोत्सव द्वारा ही आजीविका से ऊंचाई पर ले जाया गया है।
श्री मोदी ने कहा कि गीर के सिंह पहले भी थे। सोमनाथ और द्वारिका पहले भी थी मगर पर्यटन स्थल नहीं थे। कच्छ के रेगिस्तान में विश्व के पर्यटकों की लाइन लगवाने वाले रणोत्सव में नरेन्द्र मोदी ने सफेद चूना नहीं लगाया बल्कि पर्यटन का विकास करके कच्छ की हस्तकला और पर्यटन द्वारा रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध करवाए गये हैं। 18,000 गांवों में 24 घंटे थ्री फेज बिजली देकर गरीब, ग्रामिण व्यक्ति के जीवन में विकास का प्रकाश फैलाया गया है।
गुजरात पर कुपोषण की समस्या का दोषारोपण करने वाले भले ही गालियां दें, झूठ फैलाएं मगर सीएजी रिपोर्ट में कुपोषण घटाने में सबसे तेज 32 प्रतिशत का सुधार करने वाला राज्य पूरे देश में सिर्फ गुजरात है। माता और बालक की मृत्यु दर में कमी करके चिरंजीवी योजना से हजारों गरीब माताओं और बालकों की जिन्दगी, स्वास्थ्य सुरक्षित बनाकर गुजरात ने विकास के केन्द्र में मानव कल्याण को रखा है। दुनिया में सबसे बड़ी नर्मदा की पाइपलाइन से पीने का पानी उपलब्ध करवाने में, टेक्नोलॉजी द्वारा विकास में पारदर्शिता की प्रतिती करवाने में गुजरात ने अपनी क्षमता साबित की है। मगर दस साल से 24 घंटे सिर्फ झूठ बोलकर गुजरात को बदनाम करने वालों को मै यह कहना चाहता हूं कि भारत सरकार ने ही गुजरात को कई अवार्ड दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी पर लौहपुरुष सरदार पटेल की दुनिया की सबसे विरात प्रतिमा- स्टेच्यु ऑफ युनिटी के निर्माण में सभी भारतीयों से योगदान की अपील की। श्री मोदी के साथ अमेरिका में बसे भारतीयों ने प्रश्नोत्तरी की। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने वैश्विक मन्दी में भी विकास दर को बरकरार रखा है। कृषि, उद्योग और सर्विस सेक्टर के संतुलित विकास से अर्थव्यवस्था पर कभी विपरीत असर नहीं पड़ता। गुजरात में नारी सशक्तिकरण, युवाओं के स्कील डवलपमेंट और प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग से गुजरात की अर्थव्यवस्था किस तरह मजबूत बनी, उन्होंने इसकी जानकारी दी।
सबका साथ सबका विकास अर्थात् विकास में सबकी भागीदारी किस तरह आम आदमी के जीवन को बदलने में सफल हो सकती है इसके अनेक उदाहरण श्री मोदी ने दिए। उन्होंने गुजरात दिवस महोत्सव के आयोजकों भरत बाराई, महेन्द्र पटेल और रमेश भाई पटेल को ELIS ISELAND अवार्ड का गौरव हासिल करने पर बधाई दी।