"Grand start to 64th Van Mahotsav"
"Narendra Modi dedicates Nagesh Van to the people"
"CM talks about the importance of social forestry, says over 5 crore trees increased in non-forest areas in Gujarat"
"Let trees become a part of our family, the pride of the village and cities. Let us create such an environment: Narendra Modi"
"CM urges people of coastal areas to embrace sea weed cultivation"

64 वें वन महोत्सव का शानदार शुभारंभ

नागेश ज्योतिर्लिंग वन का लोकार्पण

वावे गुजरात अभियान चलाएं

मुख्यमंत्री ने द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक नागेश्वर महादेव में भक्तिभाव से पूजा- अर्चना की

सामाजिक वनीकरण के क्षेत्र में गुजरात अग्रिम कतार में है: श्री मोदी

दस साल में 5 करोड़ वृक्षों को जंगल क्षेत्र से बाहर उगाने की उपलब्धि

वनों से प्राप्त उपज में से ग्राम और तहसील पंचायतों को आय के चेकों का वितरण

चार वन पंडित पुरस्कार प्रदान

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने द्वारिका के पास द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक प्राचीन तीर्थ नागेश्वर मंदिर परिसर में गुजरात के 64 वें वन महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि जंगल क्षेत्र के सिवाय वृक्षों के संवर्धन के लिए सामाजिक वनीकरण क्षेत्र में गुजरात अव्वल रहा है और सामाजिक वनीकरण में 5 करोड़ वृक्षों की वृद्धि दस साल में की गई है। श्री मोदी ने कहा कि मात्र औद्योगिक विकास के लिए ही नहीं बल्कि पर्यावरण की रक्षा,विकास के लिए भी गुजरात आग्रिम कतार में आ गया है। इतना ही नहीं, समुद्री तट पर जमीन का कटाव रोकने के लिए चेर के वृक्षों की बुवाई में भी ढाई गुनी वृद्धि हुई है।

आज सामाजिक वनीकरण में अग्रसर गुजरात में वन महोत्सव का आज से समग्र राज्य में गौरवपूर्ण प्रारम्भ हुआ। राज्य सरकार के वन विभाग ने मुख्यमंत्री की प्रेरणा से राज्य में हर साल वन महोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक वनों की नयी पहल शुरु की है जिसमें लगातार दसवें वर्ष में दसवें सांस्कृतिक वन- नागेश वन का लोकार्पण किया गया। घने बादलों के बीच नागेश वन के 5 हेक्टेयर में आकार लेने वाली हरियाली के जनभागीदारी के साथ आयोजन की गतिविधियों के मुख्यमंत्री ने वन में घूमकर निहारा। द्वादश ज्योतिर्लिंग नागेश्वर महादेव के भक्तिभाव से दर्शन करने के बाद श्री मोदी ने ग्राम वनों के द्वारा हुई उपज से आय प्राप्त करने वाली तहसील पंचायतों और ग्राम पंचायतों को करीब 4.22 करोड़ के चेक्स का वितरन श्री मोदी ने किया और चार वन पंडित पुरस्कार भी प्रदान किए। गुजरात में छ्ह दशक से क.मा. मुंशी की प्रेरणा से वन महोत्सव गांधीनगर में सरकारी दायरे में आयोजित किया जाता था उस परम्परा की मानसिकता में से इस सरकार ने अलग- अलग जिलों में जनता जनार्दन में वृक्षों के प्रति प्रेम जगाने और पर्यावरन के प्रति जनभावना उजागर करने के लिए वन महोत्सव काफी असरदार साबित हुए हैं। वन महोत्सव जहां तीर्थ क्षेत्र हैं वहां आयोजित करने के साथ ही सांस्कृतिक वनों के निर्माण की नवीनतम योजना कारगर रही है। इसकी रूपरेखा में श्री मोदी ने कहा कि तीर्थ क्षेत्रों में वृक्ष प्रेम और पर्यावरण की लोकजागृति के संस्कार के साथ ही पर्यटन विकास, एक पंथ दो काज की तरह इस सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि समुद्रतट पर यात्राधाम विकास- पर्यटन गतिविधियों का विकास करने के लिए वन आच्छादित, हरेभरे परिसर के कारण गरीब आम आदमी को भी रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि समुद्र तट पर सखीमंडलों की सागरखेड़ु समाज की महिलाओं द्वारा सी- विड की खेती का अभियान चलाया जा रहा है। समुद्री शैवाल की उत्तम प्रकार की खेती विकसित की गई है इससे सागरखेड़ु परिवारों की आय बढ़ेगी और पर्यावरण की रक्षा भी होगी।कुदरत रूठ जाए यह हमें मंजूर नहीं। श्री मोदी नेचेतावनी देते हुए कहा कि धरतीमाता के फेफड़े स्वस्थ रहें, शुद्ध रहें इसके लिए हरियाली से धरतीमाता को रिझाना होगा वरना भुकम्प या केदारनाथ जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। वन्य प्राणी सृष्टी के संवर्धन और संरक्षण के लिए गुजरात सरकार ने जनभागीदारी से सिंहों और चमकादड़ जैसे पशुओं के जतन को भी गुजरात सरकार ने गम्भीरता से लिया है। वृक्ष हमारे परिवार के स्वजन बनें, गांव के गौरव बनें, शहर की अस्मिता बनें ऐसा सामाजिक माहौल बनाना होगा। प्रत्येक गांव में सबसे पुराने वृक्ष के साथ ग्रामीणों का भावनात्मक नाता बने ऐसा सामाजिक वातावरण बना होगा। हमारे बाल्यकाल में मन्दिर के दर्शन के साथ ही वृक्ष की महिमा के संस्कार भी स्थापित करने होंगे। वृक्ष का कटना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बेटी के जन्म की खुशी में पांच वृक्ष लगाने की अपील करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बेटी बड़ी होगी वैसे ही वृक्ष भी बड़ा होगा और उसकी आय में से बेटी के सुख का मार्ग निकलेगा। वावे गुजरात अभियान चलाने की उन्होंने अपील की।

कार्यक्रम में वन और पर्यावरण मंत्री गणपत भाई वसावा, कृषि और सहकारिता मंत्री बाबु भाई बोखिरिया, महिला और बाल कल्याण मंत्री प्रो. वसुबेन त्रिवेदी, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री गोविन्द भाई पटेल ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।यहां पर विधायक पबुभा माणेक, किरीटसिंह राणा, चिमन भाई शापरिया, मेघजी भाई चावडा, राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी, जिला भाजपा प्रमुख मुळुभाई बेरा, धनसुख भाई भंडेरी, डॉ. वल्लभ भाई कथिरिया, एसटी निगम के चेयरमेन बी.एच. घोडासरा, जिला पंचायत प्रमुख डॉ. वसोया, जिलाधीश नलिन उपाध्याय, विजय कुमार खराडी, वन विभाग के उच्च अधिकारी सीएम. पांडे, डो. सिंह सहित कई महानुभाव मौजूद रहे।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में वन और पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एच.के. दास ने सभी का स्वागत किया। वृक्ष लगाने, संरक्षण करने में खास योगदान देने वाले कच्छ के वांढाई के मोहब्बत सिंह सिंघल, सायला के राजुभाई परमार, महेसाणा के प्रकाश बारोट का वन पंडित पुरस्कार देकर सम्मान किया गया। श्री मोदी ने वन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन कर द्वारिका नगरपालिका द्वारा निर्मित गार्डन का लोकार्पण किया।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !