नवगठित अरवल्ली जिले का शुभारंभ मोडासा में आयोजित अभिवादन समारोह में उमड़ा जन सैलाब
दिल्ली के भ्रष्टाचारी शासकों को उखाड़ फेंकने के लिए देश की जनता अपना मिजाज बताए
प्रधानमंत्री पद का गौरव किसने खत्म किया?
विकास ही इस सरकार का मंत्र है, विराम के लिए कोई स्थान नहीं
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नवगठित अरवल्ली जिले में आयोजित अभिवादन समारोह में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि विकास की दौड़ में पीछे रह गए गुजरात के सभी शहरों के सुदूरवर्ती इलाकों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए महत्वाकांक्षी आयोजन शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की जनता का केन्द्र सरकार पर से भरोसा उठ गया है, जबकि गुजरात सरकार पर जनता का अपार भरोसा है, क्योंकि विकास जनता को स्पष्ट दिखाई पड़ता है। यही वजह है कि जनता ने इस राज्य सरकार पर तीन-तीन बार अपार प्रेम बरसाया है। विकास ही इस सरकार का मंत्र है और इसमें विराम के लिए कोई स्थान नहीं है।
स्वतंत्रता पर्व के पावन अवसर पर राज्य में सात नये जिलों की विधिवत शुरुआत होने से इन जिलों की जनता-जनार्दन में उत्साह का माहौल बना है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने प्रत्येक नये जिले के मुख्यालय में पहुंचकर जनता के अभिवादन का उपक्रम शुरू किया है। शनिवार को नये मोरबी जिले में अभिवादन के बाद आज रविवार को श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरकांठा में से नवगठित अरवल्ली जिले की जन शक्ति का अभिवादन किया था। इस अवसर पर मोडासा में आज अभूतपूर्व जनउत्सव का माहौल था। समाज के सभी वर्गों से आए अग्रणी-प्रतिनिधियों, स्वैच्छिक और समाजसेवी संस्थाओं ने श्री मोदी का गर्मजोशी से सम्मान किया।
नवगठित अरवल्ली जिले में मोडासा, बायड, धनसुरा, मालपुर, मेघरज और भिलोडा तहसील का समावेश किया गया है। जिसकी कुल आबादी १०.२७ लाख से अधिक है और ६७६ गांवों तथा ३०६ ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया गया है।अरवल्ली जिले के सामर्थ्यवान और शक्तिवान बनने का भरोसा व्यक्त करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बुद्ध भगवान के पवित्र अवशेषों की विरासत और शामळाजी-काळिया ठाकोर की आध्यात्मिक विरासत वाले इस जिले में सर्वाधिक आदिवासी शिक्षित जनसमाज है और सबसे ज्यादा इसी जिले के आदिवासी युवा देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि देश में प्रधानमंत्री पद का गौरव खत्म कर दिया गया है और प्रधानमंत्री पद की गरिमा कमजोर पड़ने से नीचले स्तर पर और पिछली सीट पर बैठकर भ्रष्टाचार और सत्ता की बंदरबाट का खेल चल रहा है।
इस दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है? गुजरात के नागरिकों और नौजवानों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ १९७४ में नवनिर्माण आंदोलन छेड़कर तत्कालीन सरकार के जुल्म व अत्याचार सहकर भी भ्रष्ट शासकों को सत्ता से उखाड़ फेंका था। अब समय आ गया है कि इसी मिजाज से हिन्दुस्तान को भ्रष्टाचारी शासकों से मुक्त करें। सत्य के मार्ग पर चलकर हम जान की बाजी लगाएंगे तो परिवर्तन अपने आप ला सकेंगे। देश अंधकार में डूब गया है ऐसे में मुख्यमंत्री ने युवाओं और जनता से गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन से प्रेरणा लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक भ्रष्टाचारी शासकों से भारत को मुक्त कराने का प्रेरक आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वयं की जय-जयकार के लिए नहीं बल्कि गुजरात की जय-जयकार के लिए दिन-रात पुरुषार्थ कर रही है, और इसलिए ही देश के कोने-कोने में गुजरात के विकास की जय-जयकार हो रही है। श्री मोदी ने कहा कि विकास के मामले में जनता को जितना संतोष है, वह दरअसल हमारे लिए विकास की शुरुआत ही है। हमें गुजरात को ऐसी ऊंचाई पर ले जाना है जो दुनिया का गौरव बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास हमारे लिए चुनाव जीतने का मुद्दा हरगिज नहीं है, बल्कि हमें तो विकास के जरिए आम आदमी का जीवनस्तर ऊंचा लाना है। उन्होंने कहा कि दिसंबर-२०१२ में गुजरात की जनता ने तो इस सरकार को डिस्टिंक्शन मार्क से पास कर दिया है। अब २०१४ में केन्द्र की सरकार को देश की जनता को हिसाब देने की परीक्षा की घड़ी आन पड़ी है। गुजरात में सफाया हो चुका है, अब देश की जनता इस अवसर का इंतजार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल को भुला देने की योजनाबद्ध साजिश इस देश में रची गई थी। लेकिन गुजरात कभी ऐसी साजिश को सफल नहीं होने देगा। इसीलिए, गुजरात में सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण करने का निर्णय किया गया है। सरदार पटेल लौहपुरुष के अलावा किसानपुत्र और अखंडता के प्रतीक थे, इसलिए ही देश के सभी गांवों में से खेती में इस्तेमाल किए हुए लोहे के औजारों के टुकड़े एकत्रित किए जाएंगे और उसे गलाकर उसका उपयोग इस प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा।उन्होंने कहा कि अरवल्ली जिला दीर्घदृष्टि व्यवस्थापन का ऐसा कदम है जो आगामी दशक में आदिवासियों सहित पिछड़े वर्गों की कायापलट कर विकास में अपनी महत्ता साबित करेगा। गुजरात का सर्वप्रथम निजी क्षेत्र का पांच मेगावाट का सोलर प्लान्ट मोडासा के खडोदा में स्थापित हुआ था, जो अरवल्ली जिले का गौरव बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में केन्द्र सरकार की प्रशासनिक विफलता के चलते चौतरफा संकट नजर आता है, जबकि गुजरात में प्रशासनिक कार्य संस्कृति का सशक्तिकरण और विकेन्द्रीकरण कर जनता को विकास में भागीदार बनाया है। इस सन्दर्भ में उन्होंने तहसील को प्रशासन और विकास की सक्षम इकाई बनाने के लिए ‘आपणो तालुको-वाइब्रेंट तालुको’ का प्रोजेक्ट शुरू किया है और राज्य में प्रांत कार्यालयों की संख्या को दोगुना कर १०२ प्रांत बनाए हैं। नतीजतन तहसील-तहसील के बीच विकास की स्पर्धा हो रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रमणलाल वोरा ने कहा कि अलग जिला बनने से लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए निर्णय प्रक्रिया सरलता से हो सकेगी। जिला प्रभारी एवं कानून राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने कहा कि मुख्यमंत्री के सुचारु आयोजन से तहसीलों का विकास और प्रशासनिक प्रक्रिया सरल करने के लिए जिलों का पुनर्गठन किया गया है।
सुशासन और सुरक्षा के कारण गुजरात ने विकास का नया मॉडल खड़ा किया है। जिले के सांसद डॉ. महेन्द्रसिंह चौहान ने कहा कि जिले के लोगों की ५० वर्ष पुरानी मांग आज साकार हुई है। अरवल्ली जिले के कलक्टर बी.जे. भट्ट ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हेमलताबेन पटेल, पूर्व शिक्षा मंत्री जयसिंह चौहान, पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रफुलभाई पटेल, पूर्व विधायक दिलीपसिंह परमार, उदेसिंह झाला, भिखीबेन परमार, गुडा के चेयरमैन अशोकभाई भावसार के अलावा जिला प्रभारी सचिव श्रीमती जयंती रवि, साबरकांठा जिला कलक्टर बंछानिधि पानी, जिला विकास अधिकारी नागराजन एम. सहित जिले के अग्रणी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।