गोवा घोषणा पत्र: कई देशों में व्याप्त राजनीतिक और सुरक्षा अस्थिरताओं को लेकर नेताओं ने अपनी चिंता व्यक्त की
भारत समेत ब्रिक्स के कई देशों में हुए हालिया आतंकी हमलों की हम निंदा करते हैं: गोवा घोषणा पत्र
हम स्वीकार करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, खासकर एसआईएल और संबंधित आतंकी समूहों ने विश्व शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर दिया है: गोवा घोषणा पत्र
यह सभी राष्ट्रों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी सीमा से होने वाले आतंकी हमलों को रोकें: गोवा घोषणा पत्र
  • हम भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने गोवा में 15 -16 अक्टूबर 2016 को ‘‘उत्तरदायी, समावेशी और सामूहिक समाधान के निर्माण" विषय के तहत आयोजित 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मुलाकात की।

    · हमारी सभी पिछली घोषणाओं को याद करते हुए हम खुलेपन, एकता, समानता, आपसी समझ, समग्रता और पारस्परिक लाभप्रद सहयोग की भावना में हमारी सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए हमारे हितों एवं प्रमुख प्राथमिकताओं पर आधारित ब्रिक्स एकजुटता और सहयोग को आगे मजबूत बनाने के महत्व पर जोर देते हैं। हम इस बात से सहमत हैं कि वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास के लिए उभरती चुनौतियों पर हमारे सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

    · हम सहमत हैं कि ब्रिक्स देशों ने आपसी सहयोग के माध्यम से दुनिया के मंच पर एक प्रभावशाली आवाज रखी है, जो हमारे देशों के लोगों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाता है। इस संदर्भ में हम नव विकास बैंक (एनडीबी) और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) के संचालन पर संतोष व्यक्त करते हैं,जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना को मजबूत बनाने के लिए योगदान देगा। हम संचालन के प्रथम वर्ष के दौरान विश्व बैंक पर एनडीबी अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का स्वागत करते हैं। हम एनडीबी के अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र (एआरसी) के संचालन में प्रगति से खुश हैं और इस संबंध में अपना पूरा समर्थन देने का संकल्प व्यक्त करते है। हम आने वाले वर्षों में क्षेत्रों की एक व्यापक सीमा में ब्रिक्स की नई पहलों को विकसित करने के लिए तत्पर हैं।

    · हमने विशेष रूप से ब्रिक्स देशों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में नव विकास बैंक (एनडीबी) द्वारा ऋण के पहले सेट के अनुमोदन पर प्रशंसा व्यक्त की है। हम आरएमबी में ग्रीन बांड के पहले सेट के एनडीबी ज्ञापन पर संतोष व्यक्त करते हैं। हमें यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि ब्रिक्स आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) के संचालन ने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया गया है।

    · सहयोगी विकासशील एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ हमारी समझ एवं संलग्नता को समृद्ध करने हेतु हम बहु-क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बिम्सटेक सदस्य देशों - बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड सहित बंगाली की खाड़ी पहल के नेताओं के साथ ब्रिक्स नेताओं के एक सम्मेलन का आयोजन करेंगे। यह बैठक शांति, विकास, लोकतंत्र एवं समृद्धि के हमारे साझे लक्ष्यों को आगे बढ़ाते समय बिम्सटेक देशों के साथ हमारी मित्रता को सदृढ़ करेगी और संयुक्त रूप से व्यापार एवं वाणिज्यिक संबंधों और ब्रिक्स तथा बिम्सटेक देशों के बीच निवेश सहयोग के विस्तार की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी ।

    · हम दुनिया में चल रहे गहन बदलाव के अपने साझा दृष्टिकोण को दोहराते हैं क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए सम्मान के आधार पर लोकतांत्रिक और बहु-ध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए परिवर्तन है। हम वैश्विक मुद्दों और एकजुटता, आपसी समझ और विश्वास की भावना में व्यावहारिक सहयोग पर प्रयासों के समन्वय को मजबूत बनाने की जरूरत की पुष्टि करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने और राजनीतिक एवं कूटनीतिक माध्यमों से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हैं और इस संबंध में, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

    · हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाली वर्तमान सुरक्षा चुनौतियों और खतरों के वैश्विक चरित्र का उल्लेख करते हैं। हमने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास, स्थायी शांति की स्थापना के साथ-साथ न्यायसंगत और लोकतांत्रिक बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के परिवर्तन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में एकजुटता की भावना, आपसी विश्वास एवं लाभ, समानता एवं सहयोग,अंतरराष्ट्रीय कानून एवं शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जनादेश पर आधारित व्यापक, ठोस और निर्धारित दृष्टिकोण की आवश्यकता के हमारे दृष्टिकोण को दोहराया है। हम इस संदर्भ में अपने प्रयासों को और मजबूत बनाने के महत्व को रेखांकित करते हैं।

    · हमने सभी राज्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानूनी मर्यादा के पालन में आपसी संबंध एवं एकजुटता के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों एवं नियमों के पालन तथा सतत एवं सार्वभौमिक सम्मान के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों एवं उद्देश्यों पर आधारित एक निष्पक्ष और न्यायोचित अंतरराष्ट्रीय आदेश की सुरक्षा के लिए योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। हम दि्वतीय विश्व युद्ध के परिणामों को गलत ढंग से पेश करने के सतत प्रयासों को सख्ती से अस्वीकार करने की हमारी प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं। हमने यह भी दोहराया कि विकास और सुरक्षा आपस में करीब से जुड़े हुए हैं। यह पारस्परिक रूप से मजबूत और स्थायी शांति प्राप्त करने की कुंजी है।

    · हमें विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। एकतरफा आक्रामक उपायों के इस्‍तेमाल अच्छे विश्वास सिद्धांतों के कार्यान्वयन, देशों की संप्रभुता, उनके आंतरिक मामलों में गैर हस्तक्षेप, सहयोग की भावना वाले अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित नहीं है। हमने एकतरफा सैन्य हस्तक्षेप एवं अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त मानदंडों का उल्लंघन करते हुए आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा की है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम सुरक्षा की अविभाज्य प्रकृति के अनूठे महत्व पर जोर देते हैं। किसी भी राज्य को दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा को मजबूत नहीं करना चाहिए।

    · हम 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन परिणाम दस्तावेज का स्मरण करते हैं। हम अधिक प्रतिनिधित्व पर आधारित, प्रभावी एवं कुशल बनाए जाने के दृष्टिकोण के साथ सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार की जरूरत को व्‍यक्‍त करते हैं। इसमें विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना चाहिए ताकि यह वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त जवाब दे सके। चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत एवं दक्षिण अफ्रीका की स्थिति एवं भूमिका से स्वयं की संलग्नता के महत्व को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए उनकी आकांक्षा का समर्थन किया।

    · हम संयुक्त राष्ट्र महासचिव के चयन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा किए गए अधिक पारदर्शी एवं समावेशी उपायों का स्वागत करते हैं।

    · हम पिछले दस वर्षों में संयुक्त राष्ट्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव श्री बान की मून के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। हमने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में श्री एंटोनियो गुटेरेस की नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी और उनके साथ मिलकर काम करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

    · संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के लिए ब्रिक्स देशों का महत्वपूर्ण योगदान है। अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देते हुए हम संयुक्त राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का अनुभव करते हैं। साथ ही शांति बनाए रखने के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपनी भूमिका, क्षमता, प्रभावशीलता, जवाबदेही और दक्षता को मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हैं। हम इस बात पर जोर देते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों को दिए गए आदेशानुसार एवं इस संबंध में मेजबान देशों की प्राथमिक जिम्मेदारियों के संबंध में नागरिकों की सुरक्षा के कर्तव्य को पूरा किया जाना चाहिए।

    · हम पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका की स्थिति के बारे में चिंतित हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार और स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता एवं इस क्षेत्र के देशों की संप्रभुता के सिद्धांतों के अनुरूप संकट के निपटारे के लिए तरीके खोजने के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं।

    · सीरिया पर, हम 30 जून 2012 की जिनेवा विज्ञप्ति पर आधारित तथा पूर्ण कार्यान्वयन के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 2254 और 2268 के अनुसरण में समावेशी राष्ट्रीय संवाद और एक सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से सीरिया के लोगों की वैध आकांक्षाओं को लेकर व्यापक और शांतिपूर्ण समाधान के लिए काम करने में शामिल सभी पार्टियों का आह्वान करते हैं। जबकि आईएसआईएल, जब्त-अल-नुसरा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ मुहिम को लगातार समर्थन देते रहेंगे ।

    · हमने प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के आधार पर पूर्व यरुशलम के साथ 1967 के समझौते को ध्‍यान में रख कर सुरक्षित, सहमत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमाओं में रहकर इजराइल के साथ शांति से रह रहे स्वतंत्र, व्यवहार्य, प्रादेशिक रूप में सन्निहित फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण को लक्षित करके वार्ता के माध्यम से मैड्रिड सिद्धांतों एवं अरब शांति पहल और दोनों पक्षों के बीच पूर्व समझौतों, यूएनएससी प्रस्तावों के आधार पर फिलीस्तीन-इजरायल संघर्ष के दो देशीय समाधान को लागू करने की आवश्यकता को भी दोहराया। हमने अफगानिस्तान में सुरक्षा चुनौतियों और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि पर गहरी चिंता व्यक्त की। हम अफगान नेतृत्व और अफगान मूल वाली राष्ट्रीय सुलह करने एवं आतंकवाद का मुकाबला करने और अफगानिस्तान में सुरक्षा प्रदान करने के लिए रचनात्मक सहयोग की तत्परता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अफगान सरकार के प्रयासों का समर्थन किया साथ ही आतंकवाद एवं नशीले पदार्थों की तस्करी से मुक्त स्वतंत्र राजनीति एवं व्यवस्था को बढ़ावा देने की पृष्टि की। नेताओं ने यह दृष्टिकोण व्यक्त किया कि सक्षम एवं प्रभावी अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल (एएनएसएफ) अफगानिस्तान के स्थिरीकरण के लिए महत्वपूर्ण होने चाहिए। इस संबंध में नेताओं ने क्षेत्रीय देशों की निरंतर प्रतिबद्धता और नाटो के नेतृत्व में दृढ़ समर्थन मिशन सहित व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आवश्यकता पर बल दिया है। इसने आईएसएएफ के वारिस के रूप में एएनएसएफ क्षमता निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । नेताओं ने अफगानिस्तान के मुद्दों पर बहुपक्षीय क्षेत्र के नेतृत्व वाली बातचीत के महत्व पर बल दिया, जिसमें मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पड़ोसी देश और शंघाई सहयोग संगठन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन और एशिया सम्मेलन के जैसे अन्य क्षेत्रीय देशों जैसे संगठन शामिल हैं।

    · हम एजेंडा 2063 में निहित अफ्रीका के विकास के लिए अफ्रीकी संघ (एयू) विजन, आकांक्षाओं, लक्ष्यों और प्राथमिकताओं का स्वागत करते हैं, जो सतत विकास के
    लिए 2030 एजेंडा के पूरक हैं। हमने शांति एवं सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अपने महाद्वीपीय एजेंडा के अनुसरण में इसके विभिन्न कार्यक्रमों के अफ्रीकी
    कार्यान्वयन का समर्थन करने की पुष्टि की है। हम क्षेत्रीय एकीकरण एवं स्थायी विकास के लिए उपायों का समर्थन करके अफ्रीका की एकता, एकीकरण और मजबूती को उन्नत करने के संयुक्त प्रयासों में संलग्न होने के लिए तैयार रहेंगे। हम हालिया चुनावों का समर्थन करते हैं, जिनका आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से किया गया था। हम संयुक्त राष्ट्र और महाद्वीप क्षेत्रीय संगठनों के सहयोग से एयू की शांति एवं सुरक्षा स्थापित कर मतभेदों को हल करने के इसके प्रयास और अफ्रीका में स्थायी एवं स्थिर शांति और सुरक्षा की दिशा में योगदान करने का समर्थन करते हैं।

    · हम शांति और सुरक्षा आपरेशन के वित्तपोषण में योगदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति कोष के संचालन के लिए अफ्रीकी संघ की सभा के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम अफ्रीकी अतिरिक्त बल (एएसएफ) के पूर्ण संचालन उद्देश्य के प्रयासों का समर्थन करते हैं और संकट पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए अफ्रीकी क्षमता (एसीआईआरसी) के योगदान सहित इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हैं। हमारी चिंता का विषय यह है कि राजनीतिक अस्थिरता और असुरक्षा लगातार कई देशों में बढ़ रही है जो आतंकवाद एवं अतिवाद का नतीजा है। हम संघर्ष के बाद पुननिर्माण एवं विकास प्रयासों सहित इन चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघऔर क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सतत समर्थन का आह्वान करते हैं।

    · हम स्थिर विकास के लिए ऐतिहासिक 2030 एजेंडा और 25 सितम्बर 2015 को सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान इसके सतत विकास लक्ष्यों एवं विकास के वित्तपोषण पर तीसरी अंतरराष्ट्रीय बैठक पर एडिस अबाबा एजेंडा को मंजूरी का स्वागत करते हैं। हम 2030 एजेंडा में निहित स्थिर विकास के जन केन्द्रित एवं समग्र दृष्टिकोण
    का स्वागत करते हैं और समानता, अपक्षपात एवं सभी के लिए गुणवत्ता पूर्ण जीवन पर जोर देते हैं। हम आम लेकिन विविध जिम्मेदारियों (सीबीडीआर) के सिद्धांत सहित 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन के निर्देशित सिद्धांतों को पुनः दोहराने का स्वागत करते हैं।

    · गरीबी के उन्मूलन पर व्यापक केंद्रित 2030 एजेंडा सतत विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों पर समान एवं संतुलित बल देता है। हम विकासशील देशों को आधिकारिक विकास सहायता के लिए 0.7 प्रतिशत सकल राष्ट्रीय आय प्रतिबद्धता को हासिल करने के लिए उनकी आधिकारिक विकास सहायता प्रतिबद्धता को सम्मान देने के लिए विकसित देशों का आह्वान करते हैं। ये प्रतिबद्धताएं एसडीजी के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

    · हम एसडीजी के कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी सुविधा के स्थापन के लिए जनादेश के साथ संयुक्त राष्ट्र में प्रौद्योगिकी सुविधा तंत्र की स्थापना का स्वागत करते हैं। हमने नेशनल पॉलिसी स्पेस के संदर्भ में राष्ट्रीय परिस्थितियों और विकास के साथ सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में उदाहरण देकर नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। हमने जी-20 हांग्जो शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा पर जी -20 की कार्य योजना का स्वागत किया और सामूहिक एवं व्यक्तिगत ठोस कदमों के माध्यम से परिवर्तनकारी कदम उठाकर इसके कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्धता जताई।

    · हम ऐसे समय में मिले हैं जब वैश्विक अर्थव्यवस्था बहाली नए विकास स्रोतों के पलटाव एवं उद्भव के साथ प्रगति के पथ पर है। हालांकि विकास की दर लगातार वैश्विक अर्थव्यवस्था के नकारात्मक जोखिम के साथ अपेक्षित रूप से कमजोर है। यह कीमतों में अस्थिरता, कमजोर व्यापार, उच्च निजी एवं सार्वजनिक ऋणग्रस्तता, असमानता और आर्थिक विकास की समग्रता सहित विभिन्न चुनौतियों के रूप में परिलक्षित होता है। इस बीच, विकास के लाभ को समावेशी तरीके से व्यापक रूप में सांझा करने की जरूरत है। भूराजनीतिक, आतंकवाद, शरणार्थी प्रवाह, अवैध वित्तीय प्रवाह और ब्रिटेन के जनमत संग्रह के परिणाम को आगे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के लिए जोड़ा गया है।

    · हमने मजबूत, स्थिर, संतुलित और समग्र विकास के लक्ष्य को व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से प्राप्त करने के लिए मौद्रिक, राजकोषीय, और संरचनात्मक जैसे सभी नीतिगत उपकरणों का उपयोग करने की हमारी दृढ़ता को दोहराया।

    · मौद्रिक नीति सतत रूप से आर्थिक गतिविधि का समर्थन करेगी और मूल्य स्थिरता, केंद्रीय बैंक के जनादेश को सुनिश्चित करेगी। इस संबंध में, हम संरचनात्मक सुधारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हैं। हम इस बात पर जोर देते हैं कि हमारी मौद्रिक नीति हमारे आम विकास लक्ष्यों के समर्थन के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। हम इस बात का भी उल्लेख करते हैं कि कुछ प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में नीतिगत उपायों का अधिक फैलाव उभरती अर्थव्यवस्थाओं के विकास की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभावी हो सकता है।

    · हम समझते हैं कि नवाचार मध्य एवं दीर्घावधिक विकास और सतत विकास के लिए एक प्रमुख संचालक है। हम औद्योगीकरण और संरचनात्मक परिवर्तन के मूल स्तंभ के रूप में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उपायों के महत्व पर बल देते हैं। हमने समावेशन को बढ़ाने, लोचता को बनाए रखने वाले राजकोषीय स्पेस में अनुकूलित तरीके से अधिक विकास में कर नीति और सार्वजनिक व्यय का उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और जीडीपी के एक हिस्से के रूप में ऋण की स्थिरता को सुनिश्चित किया।

    · हम विश्व में विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका में गतिशील एकीकरण की प्रक्रिया का उल्लेख करते हैं। हमने समानता, खुलेपन और समग्रता के सिद्धांतों के आधार पर क्षेत्रीय एकीकरण के संदर्भ में विकास को बढ़ावा देने की हमारी धारणा की पुष्टि की। हमारा विश्वास है कि यह विस्तृत व्यापार, वाणिज्यिक और निवेश लिंकेज के माध्यम से आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देगा।

    · हमने स्थिर दीर्घाकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी सहित बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक एवे निजी निवेश के महत्व पर प्रकाश डाला। इस संबंध में, हम बहुपक्षीय विकास बैंकों की विस्तृत भागीदारी के माध्यम से बुनियादी ढांचे में वित्त पोषण की खाई को पाटने के दृष्टिकोण का आह्वान करते हैं। हमने मजबूत, कोटा आधारित और पर्याप्त रूप से संसाधित आईएमएफ के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

    · आईएमएफ से गृहीत संसाधन एक अस्थायी आधार पर होना चाहिए। हम दृढ़ता से उभरती अर्थव्यवस्थाओं द्वारा समन्वित प्रयास के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि हम सुनिश्चित कर पाएं कि नव कोटा फार्मूला सहित कोटा की पंद्रहवीं जनरल समीक्षा को सहमत समयसीमा के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कम विकसित देशों (एलडीसी), गरीब देशों और क्षेत्रों के हितों की रक्षा करते समय विश्व अर्थव्यवस्था के लिए उनका संबंधित योगदान गतिशीलता से उभरती आवाजों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को परिलक्षित करता है।

    · हम 1 अक्टूबर 2016 को विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) करेंसी बास्केट में आरएमबी के समावेशन का स्वागत करते हैं। हम आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड पर दो चेयर सुपुर्द करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए उन्नत यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं का आह्वान करते हैं।

    · आईएमएफ के सुधार के लिए सहारा अफ्रीका क्षेत्र की आवाज को आईएमएफ में मजबूत किया जाना चाहिए। हम संप्रभु ऋण पुनर्गठन की चुनौतियों के बारे में चिंताओं को साझा करते हैं, हमारा मानना हैं कि सफल ऋण पुनर्गठन अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार के लिए, प्रथा सुगमता एवं उच्च ऋण स्तर वाले देशों के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। हम ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए वर्तमान चर्चा और संशोधित सामूहिक कार्रवाई खंड (सीएसी) का स्वागत करते हैं।

    · हमने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली एवं एजेंडे के मूल पर विकास के साथ नियम आधारित, खुली, पारदर्शी, गैर विभेदकारी और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की आधारशिला के रूप में विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की केंद्रीय भूमिका की केंद्रीयता के लिए हमारे समर्थन को दोहराया। हमने दि्वपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौतों की बढ़ती हुई संख्या का उल्लेख किया और दोहराया कि इसे बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का पूरक होना चाहिए साथ ही डब्ल्यूटीओ नियमों के साथ पारदर्शिता, समग्रता और अनुकूलता सिद्धांतों के अनुसार डब्ल्यूटीओ के अंतर्गत बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत बनाने में उनके काम को रेखांकित करने वाली पार्टियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

    · हम बाली और नैरोबी मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में लिए गए निर्णयों को लागू करने के महत्व पर जोर देते हैं। हम प्राथमिकता के रूप में दोहा विकास कार्यसूची (डीडीए) के
    मुद्दों पर वार्ता को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हैं।

    · हम एमसी11 और उसके परे मजबूत विकास उन्मुख परिणामों को सुनिश्चित करने हेतु एक साथ काम करने के लिए सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों का आह्वान करते हैं।

    · हमने ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी के लिए रणनीति के कार्यान्वयन में प्रगति की सराहना की हम 2020 तक व्यापार, अर्थव्यवस्था एवं निवेश सहयोग के लिए ब्रिक्स रोडमैप के महत्व पर जोर देते हैं। हमारा मानना है कि क्षेत्रीय सहयोग तंत्र, आर्थिक एवं व्यापार मुद्दों पर ब्रिक्स संपर्क समूह, ब्रिक्स व्यापार परिषद, नव विकास बैंक और ब्रिक्स अंतरबैंकिंग सहयोग तंत्र के बीच घनिष्ठ सहयोग ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, हम ई-कामर्स में विस्तृत सहयोग, ''सिंगल विंडो'', आईपीआर सहयोग, व्यापार वृद्धि और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) जैसे प्रमुख ब्रिक्स आर्थिक पहलों की सतत प्रस्तुति का स्वागत करते हैं। हम गैर-शुल्क उपाय (एनटीएम), सेवा क्षेत्र और मानकीकरण और भविष्य के सहयोग क्षेत्रों के रूप अनुरूपता आकलन का उल्लेख करते हैं। इस संदर्भ में हम 13 अक्टूबर 2016 को नई दिल्ली में ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों की बैठक का उल्लेख करते हैं और इसके ठोस परिणामों का स्वागत करते हैं।

    · ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी के लिए रणनीति के संचालन में हम औद्योगिक विकास के लिए पालिसी स्पेस के संरक्षण के माध्यम से हमारी फर्मों की वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अधिक भागीदारी, मूल्य संवर्धन और उच्च स्तर का समर्थन करने वाले उपायों को प्रोत्साहित करते हैं।

    · हम नई दिल्ली में पहली बार ब्रिक्स व्यापार मेले की मेजबानी के लिए भारत की पहल का स्वागत करते हैं। यह ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी के लिए रणनीति के कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा विश्वास है कि यह ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक साझेदारी को मजबूत करेगा। हम नई दिल्ली में 13 अक्टूबर 2016 को आयोजित ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों की बैठक में विचार-विमर्श और उसके परिणामों का स्वागत करते हैं। हम ब्रिक्स व्यापार परिषद के कार्य समूहों द्वारा की गई विभिन्न पहलों सहित इसकी वार्षिक रिपोर्ट का उल्लेख करते हैं। हमने परिषद को ब्रिक्स के आर्थिक उद्देश्यों में योगदान देने वाले पारस्परिक लाभों पर संयुक्त परियोजनाओं के विकास एवं बोध में गति लाने का निर्देश दिया है।

    · हमने सहमति जताई कि एमएसएमई अपेक्षाकृत कम पूंजी लागत पर प्रमुख रोजगार के अवसर प्रदान करता है और ग्रामीण एवं अविकसित क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर पैदा करता है। इस प्रकार एमएसएमई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यायसंगत धन वितरण को सुनिश्चित करने का काम करता है। हमने एमएसएमई क्षेत्र में तकनीकी और व्यावसायिक गठजोड़ पर ध्यान देने के साथ भारत द्वारा एमएसएमई पर ब्रिक्स द्वितीय गोलमेज सम्मेलन के आयोजन की सराहना की। हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एमएसएमई के अधिक से अधिक एकीकरण के लिए काम करने पर सहमति जताई।

    · हमने हांग्झो में 11वें जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी और मध्यम एवं दीर्घावधिक आर्थिक विकास के चालकों के रूप में नवाचार, संरचनात्मक सुधार और विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए चीन की सराहना की। हमने अंतरराष्ट्रीय और वित्तीय सहयोग के प्रधान मंच के रूप में जी-20 की भूमिका को मान्यता दी और हम जी-20 हांग्झो शिखर सम्मेलन के परिणामों के महत्व पर जोर देते हैं। हमें विश्वास है कि ये मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देगा और वैश्विक आर्थिक प्रशासन में सुधार के लिए योगदान देगा और विकासशील देशों की भूमिका बढ़ाएगा।

    · हम अभिनव, मजबूत, परस्पर और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के महत्व पर बल देते हैं। हम हमारे जी-20 एजेंडा विशेष रूप से ब्रिक्स देशों के पारस्परिक हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय को बढ़ाएंगे और उभरते बाजारों एवं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रोत्साहित करेंगे। हम वैश्विक विकास को धकेलने, वैश्विक अर्थव्यवस्था शासन में सुधार लाने, विकासशील देशों की भूमिका को बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना को मजबूत बनाने, अफ्रीका एवं कम विकसित देशों में औद्योगीकरण को समर्थन देने और ऊर्जा उपयोग और दक्षता पर सहयोग बढ़ाने के लिए आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने के साथ साथ मजबूत एवं स्थिर व्यापार एवं निवेश के लिए सभी जी20 सदस्यों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे। हम सीमा पार से अवैध वित्तीयप्रवाह, कर चोरी और व्यापार गलत चालान को संबोधितकरने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हैं।

    · आर्थिक और वित्तीय सहयोग के क्षेत्र में ब्रिक्स और उसके सहयोगी प्रयासों की भूमिका सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर रही है। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए हमारे सहयोग के महत्व पर जोर देते हैं। हम वैश्विक शासन आर्किटेक्चर को मजबूत बनाने के लिए बाजार उन्मुख सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्र ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी की स्थापना की संभावना का पता लगाने वाले विशेषज्ञों की प्रशंसा करते हैं।

    · हम ब्रिक्स थिंक टैंक काउंसिल और ब्रिक्स शैक्षिक मंच की रिपोर्ट का स्वागत करते हैं जिसने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए हमारे विशेषज्ञों के लिए मूल्यवान प्लेटफार्मों को उभारा है। उन्होंने ब्रिक्स और विकासशील देशों में बाजारी अनुसंधान और विश्लेषण को बढ़ावा देने के संबंध में अपने मूल्यवान सुझावों को प्रस्तुत किया। हमारा विश्वास है कि ब्रिक्स संस्था निर्माण निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों पर वैश्विक वित्तीय ढांचे को बदलने के हमारे साझे दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण है।

    · हम ब्रिक्स देशों में गतिशील व स्थिर आर्थिक प्रगति, व्यापक औद्योगिक संबंधों की मजबूती, नवाचार के साथ-साथ कार्य निर्माण को आगे बढ़ाने और जन जीवन गुणवत्ता सुधार में योगदान के लिए ब्रिक्स औद्योगिक क्षेत्र में अंतर-ब्रिक्स सहयोग को बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हैं। हमने यूएनआईडीओ की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के लिए संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) को बधाई दी और समावेशी एवं स्थिर औद्योगिक विकास में गति लाने और अफ्रीका में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में इसके योगदान के लिए इसके द्वितीय जनादेश का आह्वान किया। इस संदर्भ में,हमने यूनिडो-ब्रिक्स प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म की स्थापना में की गई प्रगति का उल्लेख किया।

     

    · हमने ब्रिक्स सीमा शुल्क सहयोग समिति की स्थापना और कानूनी आधार बनाने व सीमा शुल्क नियंत्रण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से भविष्य में सहयोग बढ़ाने के साधनों की खोज पर हमारे सीमा शुल्क प्रशासन की प्रशंसा की। हमने शुल्क प्रशासन में वार्ता को मजबूत बनाने के लिए ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी के लिए रणनीति में उपक्रम के साथ लाइन में ब्रिक्स सीमा शुल्क सहयोग समिति पर विनियमों पर हस्ताक्षर का उल्लेख किया।

    · हम फ़ोर्टालेज़ा घोषणा का आह्वान करते हैं जिसमें हमने क्षमताओं को पूल करने के लिए ब्रिक्स बीमा और पुनर्बीमा बाजार के लिए क्षमता को मान्यता दी और इस संबंध में सहयोग के रास्तों की खोज के लिए हमारे संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया था। हम इस काम में तेजी लाना चाहते हैं।

    · हमने विश्व स्तर पर निष्पक्ष और आधुनिक कर प्रणाली की ओर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत मानकों के प्रभावी और व्यापक कार्यान्वयन में हुई प्रगति का स्वागत किया। हम देशों के राष्ट्रीय संगठनों के संबंध में बेस कटाव और लाभ स्थानांतरण परियोजना (बीईपीएस) के कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं। हम कर क्षमता निर्माण में विकासशील देशों की सहायता करने के लिए देशों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को प्रोत्साहित करते हैं।

    · हम उल्लेख करते हैं कि आक्रामक योजना और कर प्रथाएं समान विकास और आर्थिक विकास को आघात पहुंचाती है। बेस कटाव और लाभ स्थानांतरण को प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है। हमने पुष्टि की कि लाभ को अधिकार क्षेत्र में लगाया जाना चाहिए जहां आर्थिक गतिविधि की जाती है और मूल्य निर्मित किया जाता है। हमने इस संबंध में कर सूचना के स्वतः विनिमयन (एईओआई) के लिए आम रिपोर्टिंग मानक सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करने में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

    · हम अंतरराष्ट्रीय कराधान मामलों पर चल रही चर्चाओं का उल्लेख करते हैं। इस संबंध में, हम विकासशील देशों की बढ़ती भागीदारी के साथ अंतरराष्ट्रीय कर मुद्दों पर समावेशी सहयोग और राष्ट्रीय टैक्स अधिकारियों के बीच बातचीत पर जोर देने के साथ विकास के लिए वित्त पोषण पर अदीस अबाबा कार्रवाई एजेंडा का आह्वान करते हैं।

    · हम ब्रिक्स भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने का समर्थन करते हैं। हम मानते हैं कि भ्रष्टाचार में शामिल अवैध धन एवं वित्तीय प्रवाह और विदेशी न्यायालय में जमा बेईमानी से मिला धन एक वैश्विक चुनौती है जो नकारात्मक रूप से आर्थिक विकास और सतत विकास को प्रभावित कर सकता है। हम इस संबंध में हमारे दृष्टिकोण का समन्वय करेंगे और भ्रष्टाचार और अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनी उपकरणों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के आधार पर भ्रष्टाचार को रोकने एवं उससे लड़ने के लिए एक मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेंगे।

    · हम समझते हैं कि परमाणु ऊर्जा दीर्घावधि में वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और 2015 पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते को पूरा करने में कुछ ब्रिक्स
    देश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस संबंध में, हम असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षमता के विस्तार के लिए सुगम प्रौद्योगिकी एवं वित में पूर्वकथनीयता के महत्व को रेखांकित करते हैं जो ब्रिक्स देशों के सतत विकास में योगदान देगी।

    · हमने दोहराया कि बाह्य अंतरिक्ष शांतिपूर्ण खोज के लिए मुक्त होगा और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार समानता के आधार पर सभी राज्यों द्वारा प्रयोग किया जाएगा। यह पुष्टि की गई कि बाह्य अंतरिक्ष किसी भी प्रकार के हथियारों या बल के किसी भी उपयोग से मुक्त रहेगा। हम इस बात पर जोर देते हैं कि अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौता या समझौतों के समापन पर वार्ता निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का प्राथमिक कार्य है। हम अंतरिक्ष में हथियारों को तैनात करने और रूस एवं चीन संघ द्वारा बाह्य अंतरिक्ष आब्जेक्ट्स के विरूद्ध बल का प्रयोग रोकने पर अद्यतन मसौदा संधि के आधार पर मूल कार्य शुरू करने के लिए प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम अंतरिक्ष में हथियारों को तैनात न करने के राजनीतिक दायित्व के लिए की गई अंतरराष्ट्रीय पहल का भी उल्लेख करते हैं। बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के संरक्षण के साधन व तरीकों की दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हम उल्लेख करते हैं कि यह बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोगों (यूएनसीओपीयूओएस) पर संयुक्त राष्ट्र की समिति के वर्तमान एजेंडे में महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस संबंध में, वार्ता के समापन के लिए बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता पर यूएनसीओपीयूओएस वैज्ञानिक और तकनीकी उप समिति कार्य समूह द्वारा लिए गए हालिया निर्णय और बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण एवं शांतिपूर्ण उपयोगों पर पहले संयुक्त राष्ट्रीय सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ (यूनीस्पेस $ 50) की स्मृति के साथ मेल खाने के लिए 2018 द्वारा बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता के पूर्ण सेट पर आम सहमति बनने का स्वागत करते हैं।

    · हमने दृढ़ता से, हाल ही में भारत सहित कुछ ब्रिक्स देशों में हुए कई हमलों की निंदा की। हमने दृढ़ता से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्ति की निंदा की और इस
    बात पर बल दिया कि वैचारिक, धार्मिक, राजनीतिक, जातीय आधार पर या किसी अन्य कारणों से आतंकवाद के किसी भी कृत्य का कोई औचित्य नहीं हो सकता है।

    · हमने दोनों दि्वपक्षीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। रासायनिक और जैविक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए हम निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन सहित रासायनिक और जैविक आतंकवाद के कृत्यों के दमन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पर बहुपक्षीय वार्ता शुरू करने की आवश्यकता का समर्थन करते हैं। इस संदर्भ में, हम डब्ल्यूएमडी-आतंकवादी नरसंहार की चुनौति का सामना करने में अंतरराष्ट्रीय संकल्प को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 2018 में सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए भारत के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।

    · हम आतंकवाद का मुकाबला करने में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने के लिए सभी राष्ट्रों का आह्वान करते हैं जिसमें हिंसक उग्रवाद, आतंकवाद, कट्टरता, भर्ती, विदेशी आतंकवादियों का मुकाबला करना, आतंकवाद के वित्तपोषण स्रोतों को अवरुद्ध करना, आतंकवादी ठिकानों को खत्म करना और नवीनतम सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के दुरुपयोग के माध्यम से आतंकी संस्थाओं द्वारा सामाजिक मीडिया सहित इंटरनेट के दुरुपयोग का मुकाबला करना शामिल है। आतंकवादी संगठित अपराध के माध्यम से धन जुटाते हैं जिसमें धन शोधन, मादक पदार्थों की तस्करी, आपराधिक गतिविधियों शामिल है जिसे रोकना बहुत आवश्यक है। सफलतापूर्वक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सभी आतंक विरोधी उपायों को अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखना चाहिए और मानव अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।

    · हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर ब्रिक्स उच्च प्रतिनिधियों की हालिया बैठक को स्वीकार करते हैं और नई दिल्ली में 14 सितम्बर 2016 को काउंटर आतंकवाद पर ब्रिक्स संयुक्त कार्य समूह की स्थापना एवं बैठक का स्वागत करते हैं। हमारा विश्वास है कि यह आगे काउंटर आतंकवाद के मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के बीच संवाद एवं समझ के साथ-साथ आतंकवाद के संकट का समाधान करने के प्रयासों को बढ़ावा देगा। हम मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, खासकर इराक में इस्लामी राज्य और लेवंत (आईएसआईएल को डायश के रूप में भी जाना जाता है) और संबद्ध आतंकवादी समूह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक वैश्विक और अभूतपूर्व खतरा है। आतंकवाद के खिलाफ बहुपक्षीय दृष्टिकोण का समन्वय करने में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका पर जोर देते हुए, हमने प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी राष्ट्रो से आग्रह किया, और संयुक्त रूप से आतंकवाद के खिलाफ मुहिम का प्रारूप को भाग्‍यशाली बनाने के बारे में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। हम सभी देशों को बिना किसी देरी के संयुक्त राष्ट्र आम महासभा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद (सीसीआईटी) पर व्यापक अभिसमय की मंजूरी के लिए एक साथ मिलकर काम करने की दिशा में सभी राष्ट्रों का आह्वान करते हैं। हमने देशों के क्षेत्रों से आतंकवादी कार्रवाई को रोकने के लिए सभी देशों की जिम्मेदारियों का स्‍मरण कराया।

    · हमने धन शोधन और आतंकवाद एवं परमाणु अप्रसार के वित्तपोषण के प्रतिरोध के बारे में एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की सब ही योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं संचालन सहित आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने पर एफएटीएफ समेकित रणनीति के स्विफ्ट, प्रभावी और सार्वभौमिक कार्यान्वयन का आह्वान किया। हम एफएटीएफ और एफएटीएफ शैली वाले क्षेत्रीय निकायों (एफएसआरबी) में हमारे सहयोग को तेज करने के लिए तत्पर हैं। हम 19-21 अप्रैल 2016 को न्यूयॉर्क में आयोजित विश्व ड्रग समस्या पर महासभा के विशेष सत्र के परिणाम दस्तावेज का स्वागत करते हैं। हमने ड्रग विशेषकर मादकद्रव्यों के अवैध उत्पादन एवं तस्करी द्वारा उत्पन्न वैश्विक खतरे का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग एवं समन्वय को मजबूत बनाने का आह्वान किया।

    · हमने नशीले पदार्थों की तस्करी एवं आतंकवाद, काले धन और संगठित अपराध के बीच बढ़ते संबंध पर गहरी चिंता व्यक्त की। हमने ब्रिक्स दवा नियंत्रण एजेंसियों के बीच सहयोग की सराहना की साथ ही 8 जुलाई 2016 को नई दिल्ली में आयोजित दूसरी एंटी ड्रग कार्य समूह की बैठक में विचार-विमर्श का स्वागत करते हैं।

    · हमने पुनः पुष्टि की कि आईसीटी का विस्तार सतत विकास, अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा और मानव अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संबल है। हमने आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा बढ़ाने, आपराधिक और आतंकवादी उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने और आईसीटी क्षेत्र एवं क्षमता निर्माण संस्थानों में हमारे तकनीकी, कानून प्रवर्तन, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार के बीच सहयोग में सुधार करने के लिए संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने के लिए सहमति जताई। हमने विकसित और विकासशील देशों के बीच डिजिटल एवं टेक्नोलॉजिकल विभाजन को पाटने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। हम मानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण बहुआयामी और समावेशी होना चाहिए।

    · हमने पुनः पुष्टि की है कि क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर से आईसीटी का उपयोग विकास, शांति, सुरक्षा एवं खुलेपन को सुनिश्चित करने के लिए और आईसीटी के सहकारी उपयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह विशेष रूप से राजनीतिक स्वतंत्रता, क्षेत्रीय एकता एवं राज्यों की संप्रभु समानता, शांतिपूर्ण साधनों द्वारा संघर्षों का निपटारा, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में गैर हस्तक्षेप के साथ मानवीय अधिकारों एवं मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान जैसे गोपनीयता का अधिकार सहित सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय कानूनी नियमों एवं सिद्धांतों पर आधारित है।

    · आतंकवादी उद्देश्यों के लिए आईसीटी का बढ़ता दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। हम आईसीटी के आतंकवादी एवं आपराधिक दुरुपयोग के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हैं और इस संबंध में ईथेक्विनि, फ़ोर्टालेज़ा और ऊफ़ा घोषणाओं में रखे सामान्य दृकोण की पुष्टि करते हैं।

    · हमने आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के समाधान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की है। हम यूएनजीजीई की प्रक्रिया के माध्यम से राज्यों के जिम्मेवार व्यवहार के नियमों, मानदंडों और सिद्धांतों को अपनाने के लिए एक साथ काम करना जारी रखेंगे। हम समझते हैं कि विभिन्‍न देशों की आईसीटी के उपयोग में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका है।

    · हमने एक खुले, गैर खंडित एवं सुरक्षित इंटरनेट की भी वकालत की, और इस बात की पुनः पुष्टि की कि इंटरनेट एक वैश्विक संसाधन है, जिसे देशों को अपने विकास एवं कामकाज में एक समान स्तर पर इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रयोग करना चाहिए कि प्रासंगिक हितधारकों की इसके प्रति संबंधित भूमिकाएं और जिम्मेदारियां हैं। हम सतत आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा की बचत और ऊर्जा दक्षता के महत्व को समझते हैं तथा उस समझौता ज्ञापन का स्वागत करते हैं जिस पर इस संबंध में हस्ताक्षर किए गए थे।

    · हमने विद्युत उत्पादन और उसके कुशल वितरण की चुनौती को समझा है, साथ ही निम्न कार्बन ईंधन और अन्य स्वच्छ ऊर्जा के समाधान की जरूरत पर भी विचार किया है। हमने आगे इस संबंध में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में जरूरी निवेश के स्तर को पहचाना है। इसलिए हम मानते हैं कि इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकीएवं वित्त के उपयोग पर केंद्रित है। हम आगे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्वच्छ ऊर्जा के महत्व का भी उल्लेख करते हैं। हम मानते हैं कि सतत विकास, ऊर्जा का उपयोग तथा ऊर्जा सुरक्षा साझी समृद्धि और ग्रह के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम स्वीकार करते हैं कि स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा सभी के लिए सस्ती होनी चाहिए।

    · हम सतत विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के अनुसार ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए आर्थिक रूप से कुशल और स्वच्छ ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग का समर्थन करते हैं। हमने उल्लेख किया कि ब्रिक्स देशों को एचआईवी और तपेदिक सहित कई संक्रामक रोगों की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में हमने 2020 तक 90-90-90 एचआईवी उपचार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। हम गुणवत्ता का आश्वासन देने वाली दवाओं और निदानिकी के उत्पादन सहित ब्रिक्स देशों में एचआईवी और टीबी पर अग्रिम सहयोग एवं कार्रवाई की अनिवार्यता को रेखांकित करते हैं।

    · हम एड्स के अंत के लिए जून 2016 में उच्च स्तरीय बैठक और 2017 में मास्को में डब्ल्यूएचओ के तत्वावधान में टीबी पर आगामी वैश्विक सम्मेलन का उल्लेख करते हैं। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों को समझकर, हम महामारी को समाप्त करने और सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्तावाली और सस्ती आवश्यक दवाओं के उपयोग की सुविधा के लिए अनुसंधान एवं दवाओं के विकास और नैदानिक उपकरणों को बढ़ावा देने में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर देते हैं।

    · हम यूएनजीए-71 के दौरान एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस(एएमआर) पर उच्च स्तरीय बैठक का स्वागत करते हैं जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य, विकास एवं वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए एएमआर से होने वाले गंभीर खतरे का हल खोजा गया है। हम बेहतर प्रथाओं को साझा करने एवं चुनौतियों पर चर्चा करने के दृष्टिकोण के साथ-साथ समाभिरूपता के लिए संभावित क्षेत्रों को पहचानकर हमारे स्वास्थ्य और/या नियामक अधिकारियों के बीच सहयोग के लिए संभावनाओं की पड़ताल करेंगे। हमने एक दीर्घ अवधि एवं संतुलित जनसांख्यिकीय विकास को बढ़ावा देने और 2015-2020 के लिए जनसंख्या मामलों पर ब्रिक्स सहयोग के लिए एजेंडा के अनुसार जनसंख्या से संबंधित मामलों पर सहयोग जारी रखने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

    · हम 8 जून 2016 को जिनेवा और 27-28 सितम्बर 2016 को नई दिल्ली में आयोजित ब्रिक्स श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक के परिणामों का स्वागत करते हैं। हम ब्रिक्स देशों के बीच द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौतों की संभावना और अग्रणी श्रम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए कदम उठाने की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हैं ताकि क्षमता निर्माण, जानकारी के आदान-प्रदान और ब्रिक्स के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने को प्रोत्साहित किया जा सके। अच्छे कार्य एजेंडा, सतत सामाजिक सुरक्षा और काम का अधिकार बढ़ाने सहित गुणवत्तायुक्त रोजगार को पहचानना समावेशी और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    · हम शिक्षा पर नई दिल्ली घोषणा सहित नई दिल्ली में 30 सितम्बर 2016 को आयोजित चौथी ब्रिक्स शिक्षा मंत्रियों की बैठक के नतीजों का स्वागत करते हैं। हम आर्थिक विकास के लिए शिक्षा एवं कौशल के महत्व पर जोर देते हैं और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए सार्वभौमिक पहुंच की आवश्यकता की पुष्टि करते हैं। हम ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय (ब्रिक्सएनयू) के साथ-साथ ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग (ब्रिक्सयूएल) की प्रगति से संतुष्ट हैं, जो 2017 में उनके कार्यक्रमों को शुरू करेंगे। ये दोनों पहलें ब्रिक्स देशों में उच्च शिक्षा सहयोग एवं भागीदारी की सुविधा प्रदान करेंगी।

    · हम कोलकाता में 3-6 सितंबर 2016 को युवा राजनयिक मंच के आयोजन की सराहना करते हैं। हम ज्ञान एवं अनुभव के विनिमयन को प्रोत्साहित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत करतेहैं।

    · हम 8 अक्टूबर 2016 को आयोजित चौथी ब्रिक्स एसटीआई मंत्रिस्तरीय बैठक के परिणामों का स्वागत करते हैं, जहां जयपुर घोषणा को अपनाया गया और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, विशेष रूप से सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए युवा वैज्ञानिक प्रतिभा का लाभ उठाने के उद्देश्य से अद्यतन कार्य योजना (2015-2018) का समर्थन किया गया। साथ ही ब्रिक्स युवा वैज्ञानिकों के लिए नेटवर्किंग मंच का निर्माण; नवीनतम ज्ञान एवं नवीनतम उत्पादों, सेवाओं तथा प्रक्रियाओं का सह-सृजनकिया गया और अनुभवों को साझा करके आम वैश्विक एवं क्षेत्रीय आर्थिक-सामाजिक चुनौतियों पर ध्यान दिया गया।

    · हम ब्रिक्स अनुसंधान एवं नवाचार पहल के कार्यान्वयन के महत्व पर बल देते हैं। हम भारत में पहली बार ब्रिक्स युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन की मेजबानी, युवा वैज्ञानिकों के लिए ब्रिक्स अभिनव आइडिया पुरस्कार के गठन का स्वागत करते हैं। हम पांच ब्रिक्स एसटीआई मंत्रालयों एवं संबंधित वित्त निकायों से वित्त पोषण प्रतिबद्धता के साथ दस विषयगत क्षेत्रों में ब्रिक्स एसटीआई प्रारूप कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रस्तावों के लिए पहली कॉल की प्रगति का उल्लेख करते हैं। हम ब्रिक्स ग्लोबल रिसर्च उन्नत संरचना नेटवर्क (ब्रिक्स ग्रेन) को सुदृढ़ करने के लिए अनुसंधान संरचना और मेगा-विज्ञान पर ब्रिक्स कार्य समूह की स्थापना का स्वागत करते हैं।

    · हम 23 सितम्बर 2016 को आयोजित कृषि मंत्रियों की बैठक के परिणामों और संयुक्त घोषणा का स्वागत करते हैं। हम खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और ब्रिक्स देशों के बीच कृषि उत्पादन, उत्पादकता, प्राकृतिक संसाधनों एवं पार के सतत प्रबंधन से कृषि क्षेत्र का विस्‍तार कर कुपोषण, भूख, असमानता और गरीबी से निपटने के प्रयासों के महत्व पर जोर देते हैं। कृषि उत्पादों के विश्व में अग्रणी उत्पादक और बड़ी आबादी वाले देश होने के नाते हम कृषि में ब्रिक्स सहयोग के महत्व पर बल देते हैं। हम विज्ञान आधारित कृषि और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) को लाने के महत्व को समझते हैं। इसके अलावा ब्रिक्स देशों में छोटी खेती के लिए प्रौद्योगिकी सहित कृषि अनुसंधान नीति, विज्ञान एवंप्रौद्योगिकी, नवाचार एवं क्षमता निर्माण में ब्रिक्स देशों में निकट सहयोग के लिए हम ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच की स्थापना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हैं।

    · पानी पर कृषि की निर्भरता को देखते हुए हम सूखे के दौरान नमी बनाए रखने की खातिर किसानों की मदद करने के लिए सिंचाई के बुनियादी ढांचे के विकास का आह्वान करते हैं और इन क्षेत्रों में अनुभव एवं विशेषज्ञता को साझा करने का स्वागत करते हैं।

    · हम ई-गवर्नेंस, वित्तीय समावेशन एवं लाभों, ई-कामर्स, खुला नियंत्रण, डिजिटल सामग्री एवं सेवाओं का लक्षित वितरण और डिजिटल अंतर को पाटने में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करने के संबंध में ब्रिक्स देशों में विशेषज्ञता एवं अनुभवों की साझेदारी के मूल्य को स्वीकार करते हैं। हम लाभों को साझा करने की सुनिश्चिता के लिए ई-कॉमर्स के कारोबार में प्रभावी भागीदारी के लिए क्षमता निर्माण के उद्देश्य पर किए गए प्रयासों का समर्थन करते हैं।

    · हम आगामी ब्रिक्स दूरसंचार मंत्री स्तरीय बैठक का स्वागत करते हैं जो आगे प्रौद्योगिकी प्रवृत्तियों, मानक विकास, कौशल विकास और नीति प्रारूपण सहित हमारे सहयोग को मजबूत करेगा। हम मानते हैं कि सॉफ्टवेयर और आईटी उपकरण के वैश्विक बाजार के विविधीकरण की दिशा में संयुक्त प्रयासों को सुनिश्चित करना आवश्यक है। हम आईसीटी सहयोग पर ब्रिक्स कार्य समूह के ढांचे में आईसीटी सहयोग को विकसित एवं मजबूत करने का आह्वान करते हैं।

    · हम सेंट पीटर्सबर्ग में 19-20 अप्रैल 2016 और उदयपुर में 22 अगस्त 2016 को आयोजित आपदा प्रबंधन के प्रति जिम्मेदार ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक के परिणामों कास्वागत करते हैं। हम दूसरी बैठक में अंगीकृत उदयपुर घोषणा का भी स्वागत करते हैं और आपदा जोखिम प्रबंधन पर ब्रिक्स संयुक्त कार्यबल के गठन की सराहना करते हैं।

    · हम मैथ्यू तूफान में जान गंवाने पर हैती और कैरेबियाई लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम इस त्रासदी के लिए अपनी प्रतिक्रिया में संयुक्त राष्ट्र और मानवीय भागीदारों के प्रयासों का समर्थन करते हैं।

    · हम पर्यावरण पर गोवा वक्तव्य सहित गोवा में 15-16 सितम्बर 2016 को आयोजित ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रिस्तरीय बैठक के परिणामों का स्वागत करते हैं। हम वायु एवं जल प्रदूषण पर नियंत्रण, कचरे के कुशल प्रबंधन और जैव-विविधता के सतत प्रबंधन के क्षेत्रों में तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करने के निर्णय का स्वागत करते हैं।

    · हम पर्यावरण की दृष्टि से ध्वनि प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए मंच के विकास सहित पर्यावरण सहयोग पहल में ब्रिक्स देशों की भागीदारी के महत्व को समझते हैं। हम 24 सितम्बर से 4 अक्टूबर 2016 तक लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विनियमों की उन्नति के रूप में जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित वन्य जीव एवं वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन (सीआईटीईएस) के लिए पक्षकारों के 17वें सम्मेलन के परिणामों का स्वागत करते हैं।

    · हम जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के भीतर पेरिस समझौते को अपनाने और 22 अप्रैल 2016 को कई देशों द्वारा इस पर हस्ताक्षर करने का स्वागत करते हैं। हम इस बात पर जोर देते हैं कि पेरिस समझौते की व्यापक, संतुलित और महत्वाकांक्षी प्रकृति समानता एवं सामान्यता के सिद्धांतों परंतु विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों (सीबीडीआर और आरसी) के प्रकाश में जिम्मेदारियों एवं क्षमताओं सहित यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों की पुष्टि करती है।

    · हम 4 नवम्बर 2016 को पेरिस समझौते और उसके प्रभाव में आने का स्वागत करते हैं। हम विकसित देशों से पेरिस समझौते पर कार्यान्वयन के लिए शमन एवं अनुकूलन दोनों के संबंध में विकासशील देशों का समर्थन करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने की दिशा में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने की अपील करते हैं।

    · हम 2030 एजेंडा में निहित लैंगिक समानता और सभी महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हैं। हम मानते हैं महिलाएं, विकास एजेंट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और स्वीकार करते हैं कि उनकी समान एवं समावेशी भागीदारी तथा योगदान सतत विकास लक्ष्यों और उद्देश्यों में प्रगति करने के लिए महत्वपूर्ण है। हम इन प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन के लिए जवाबदेही बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हैं।

    · हमारे देश में युवा आबादी की क्षमता एवं विविधता, उनकी जरूरतों एवं आकांक्षाओं को जानकर, हम सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए शिक्षा, रोजगार, उद्यमशीलता और कौशल प्रशिक्षण के महत्व की पहचान करने वाले "गुवाहाटी ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन 2016 के कार्रवाई आह्वान'' सहित गुवाहाटी में आयोजित ब्रिक्स युवा सम्मेलन के परिणामों का स्वागत करते हैं।

    · हम ब्रिक्स देशों में पर्यटन सहयोग को बढ़ावा देने के एक प्रभावी साधन के रूप में 1-2 सितंबर 2016 को खजुराहो, मध्य प्रदेश में आयोजित ब्रिक्स पर्यटन सम्मेलन का स्वागत करते हैं।

    · दुनिया की 43 प्रतिशत आबादी ब्रिक्‍स देशों में रहती है । साथ ही यह सबसे तेज गति शहरीकरण की ओर बढ़ रही है । इस समाज में से एक होने के नाते हम शहरीकरण की बहु आयामी चुनौतियों और अवसरों को पहचानते हैं। हम इस प्रक्रिया में अपनी संलग्नता की पुष्टि करते हैं, जो आवास एवं सतत शहरी विकास - हैबिटेट तृतीय (क्विटो, 17-20 अक्टूबर, 2016) पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा प्रस्तुत एक नए शहरी एजेंडा को अपनाने का नेतृत्व करेगा। हम 14-16 सितम्बर 2016 को विशाखापत्तनम और 14-16 अप्रैल 2016 को मुंबई में क्रमशः आयोजित ब्रिक्स शहरीकरण मंच एवं ब्रिक्स फ्रेंडशिप सिटीज कॉन्क्लेव का स्वागत करते हैं, जिसने हमारे शहरों और हितधारकों के बीच संलग्नता को बढ़ावा देने में योगदान दिया है। हम शहरी प्रशासन को मजबूत बनाने, हमारे शहरों को सुरक्षित और समावेशी बनाने, शहरी परिवहन में सुधार करने, शहरी बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित करने और स्थायी शहरों के निर्माण के संबंध में सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हैं।

    · हमने स्थानीय बजट समेत विशेषज्ञता और सर्वोत्तमप्रक्रियाओं के आदान-प्रदान के लिए आगामी ब्रिक्स स्थानीय निकाय सम्मेलन के लिए भारत की पहल पर भी विचार किया।

    · क्रमबद्ध, सुरक्षित, नियमित एवं जिम्मेदारीपूर्ण प्रवास और लोगों की आवाजाही के महत्व पर ध्यान देते हुए हम रूस के सोची में आठ अक्टूबर 2015 को हुई ब्रिक्स के प्रवास मंत्रियों की पहली बैठक के परिणामों का स्वागत करते हैं। हम सतत विकास एवं आपसी समझ तथा लोगों के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने में संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं। हम ब्रिक्स देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के विस्तार को प्रोत्साहित करते हैं। इस संदर्भ में हम 2-6 सितंबर 2016 के बीचनई दिल्ली में पहली बार ब्रिक्स फिल्म महोत्सव की मेजबानी किए जाने की सराहना करते हैं।

    · हम 'सतत विकास लक्ष्यों यानी एसडीजी के कार्यान्वयन पर ब्रिक्स संसदीय सहयोग' विषय के तहत आगामी 23 अक्टूबर 2016 को जेनेवा में दूसरे ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक का स्वागत करते हैं। हम 20-21 अगस्त, 2016 को जयपुर में हुए ब्रिक्स महिला सांसद मंच के विचार-विमर्श और एसडीजी पर केंद्रित जयपुर घोषणापत्र अपनाए जाने की सराहना करते हैं, जो अन्य बातों के अलावा सभी तीन आयामों, सतत विकास, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए संसदीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर जोर देता है।

    · हमने अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्रिक्स रेलवे अनुसंधान नेटवर्क पर विचार-विमर्श किया है। ताकि एक लागत प्रभावी और स्थायी तरीके से हमारी अर्थव्यवस्थाओं के विकास को आगे बढ़ाया जा सके।

    · हम 5-15 अक्टूबर 2016 के बीच गोवा में पहले ब्रिक्स अंडर-17 फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन करने के लिए भारत को बधाई देते हैं। हमने इस संबंध में ब्रिक्स देशों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स खेल परिषद की दिशा में पहल करने पर विचार किया है।

    · ब्रिक्स देशों के बीच बढ़ते व्यापार, व्यवसाय एवं निवेश और ब्रिक्स अंतरबैंकिंग सहयोग तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिकाको स्वीकार करते हुए हम ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय विकास बैंकों और नव विकास बैंक (एनबीडी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत करते हैं।

    · हम ब्रिक्स देशों के लिए प्रासंगिक अर्थशास्त्र में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भारत आयात-निर्यात बैंक के वार्षिक ब्रिक्स आर्थिक अनुसंधान पुरस्कार गठित करने की पहल का स्वागत करते हैं। हम साझा विकास के लिए हमारी साझेदारी को मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। इसके लिए हम गोवा कार्य योजना को स्वीकार करते हैं।

    · चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और रूस ब्रिक्स की अध्यक्षता और ब्रिक्स सहयोग एजेंडे के अच्छे तालमेल के लिए भारत की सराहना करते हैं।

    · हमने ब्रिक्स बैठकों के निर्णयों और परिणाम दस्तावेज के कार्यान्वयन की समीक्षा और फॉलोअप के महत्व पर जोर दिया है। हमने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अपने शेरपाओं को दी है।

    · चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और रूस गोवा में आठवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत सरकार और भारतीय अवाम के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।

    · भारत, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और रूस ने 2017 में नौवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए चीन की प्रशंसा की और इसके लिए उसे पूरी सहायता देने की पेशकश की।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.