प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2024 के 10वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय 'भविष्य का प्रवेश द्वार' है। इसमें 34 भागीदार देशों और 16 भागीदार संगठनों की भागीदारी शामिल है। इस शिखर सम्मेलन का उपयोग उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर उद्योग जगत की कई हस्तियों ने संबोधित किया।

आर्सेलरमित्तल के अध्यक्ष, श्री लक्ष्मी मित्तल ने पिछले साल सितंबर में वाइब्रेंट गुजरात की 20वीं वर्षगांठ के दौरे का स्मरण किया और वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मेगा वैश्विक आयोजन के लिए एक संस्थागत ढांचा सृजन करने की प्रक्रिया की निरंतरता पर प्रधानमंत्री की जोरदार सराहना की। उन्होंने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के सिद्धांतों में प्रधानमंत्री के विश्वास और प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने पर भी प्रकाश डाला। राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में इस्पात के महत्व पर जोर देते हुए, श्री मित्तल ने वर्ष 2021 में आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया हजीरा विस्तार परियोजना की आधारशिला रखने के कार्यक्रम को याद करते हुए कहा कि इस परियोजना का पहला चरण निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2026 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे हरित क्षेत्रों में निवेश के बारे में भी चर्चा की।

सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन, जापान के अध्यक्ष श्री तोशीहिरो सुजुकी ने प्रधानमंत्री को उनके मजबूत नेतृत्व का श्रेय देते हुए उन्हें देश में विनिर्माण उद्योगों को प्रदान किए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। यह कहते हुए कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है, श्री सुजुकी ने देश की आर्थिक प्रगति प्रधानमंत्री के प्रगतिशील दृष्टिकोण के प्रभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत में निर्मित पहले विद्युत वाहन को पेश करने के साथ-साथ इसे यूरोपीय देशों और जापान में निर्यात करने की कंपनी की योजना पर भी चर्चा करते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने इथेनॉल, हरित हाइड्रोजन और गाय के गोबर से बायोगैस के उत्पादन के माध्यम से ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करने में योगदान देने की संगठन की योजना का भी उल्लेख किया।

रिलायंस समूह के श्री मुकेश अंबानी ने वाइब्रेंट गुजरात को आज दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित निवेश शिखर सम्मेलन बताया, क्योंकि इस तरह का कोई अन्य शिखर सम्मेलन पिछले 20 वर्षों से लगातार आयोजित नहीं किया जा रहा है और यह लगातार मजबूत भी होता जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और निरंतरता का प्रतीक है।" श्री अंबानी ने कहा कि वे वाइब्रेंट गुजरात के हर संस्करण में शामिल हुए हैं। गुजराती मूल पर गर्व व्यक्त करते हुए, श्री अंबानी ने गुजरात में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “इस बदलाव का मुख्य कारण हमारे नेता हैं जो आधुनिक समय के एक सबसे महान नेता के रूप में उभरे हैं। श्री नरेंद्र मोदी भारत के इतिहास में सबसे सफल प्रधानमंत्री हैं। जब वह बोलते हैं तो न केवल दुनिया बोलती है बल्कि उनकी प्रशंसा भी करती है।” उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे भारत के प्रधानमंत्री असंभव को संभव बनाते हैं - 'मोदी है तो मुमकिन है।' उन्होंने कहा कि यह नारा दुनिया के दर्शकों में गूंज रहा है और वे इससे सहमत भी हैं। श्री मुकेश अंबानी ने अपने पिता श्री धीरूभाई अंबानी का स्मरण करते करते हुए कहा कि रिलायंस एक गुजराती कंपनी थी और हमेशा रहेगी। उन्होंने बताया कि रिलायंस का प्रत्येक व्यवसाय मेरे 7 करोड़ गुजराती साथियों के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।" उन्होंने यह भी बताया कि रिलायंस ने पिछले 10 वर्षों में विश्वस्तरीय संपत्ति बनाने के लिए पूरे भारत में जो निवेश किया है, इसमें से एक तिहाई से अधिक का निवेश अकेले गुजरात में किया गया है। श्री अंबानी ने गुजरात के लिए 5 वादे किये हैं। पहला, रिलायंस अगले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण निवेश के साथ गुजरात की विकास गाथा में अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखेगा, विशेष रूप से, रिलायंस गुजरात को हरित विकास में वैश्विक हस्ती बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। "हम वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से गुजरात की आधी से अधिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य को हासिल करने में पूरी मदद करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि जामनगर में 5000 एकड़ में धीरूभाई एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स स्थापित किया जा रहा है जो वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में उत्पादन शुरू करने के लिए के लिए तैयार हो जाएगा। दूसरा- 5जी के सबसे तेज रोलआउट के कारण, आज गुजरात पूरी तरह से 5जी सक्षम हो गया है। इससे गुजरात डिजिटल डेटा प्लेटफॉर्म और एआई का उपयोग में अग्रणी बन जाएगा। तीसरे वादे में रिलायंस रिटेल गुणवत्ता युक्त उत्पाद तैयार करने और लाखों किसानों और छोटे व्यापारियों की मदद करने के लिए अपना विस्तार करेगा। चौथा वादे में उन्होंने कहा कि रिलायंस गुजरात को नई सामग्रियों और सर्कुलर अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाएगा। रिलायंस समूह हजीरा में विश्वस्तरीय कार्बन फाइबर सुविधा स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए बोली लगाने के इरादे की प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार, रिलायंस और रिलायंस फाउंडेशन गुजरात में खेल, शिक्षा और कौशल बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कई अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम करेगा। अंत में, श्री अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि 'भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास', लेकिन अब 'प्रधानमंत्री के रूप में आपका मिशन वैश्विक विकास के लिए भारत का विकास हो गया है। आप वैश्विक भलाई के मंत्र पर कार्य रहे हैं और भारत को विश्व का विकास इंजन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल दो दशकों में ही गुजरात से वैश्विक मंच तक की आपकी यात्रा की कहानी किसी आधुनिक महाकाव्य से कम नहीं है'। उन्होंने यह भी आगे कहा कि “आज का भारत वास्तव में युवा पीढ़ी के लिए अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने, नवाचार करने और लाखों लोगों ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ अर्निंग प्रदान करने का सबसे अच्छा समय है। भावी पीढ़ियाँ राष्ट्रवादी और अंतर्राष्ट्रीयवादी दोनों के लिए भी प्रधानमंत्री की आभारी रहेंगी। आपने विकसित भारत की मजबूत आधारशिला रखी है।” उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक पाएगी। मैं अकेले गुजरात को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते हुए देख रहा हूं। प्रत्येक गुजराती और प्रत्येक भारतीय को यह पूर्ण विश्वास है कि मोदी युग भारत को समृद्धि, प्रगति और गौरव की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।''

माइक्रोन टेक्नोलॉजीज, यूएसए के सीईओ श्री संजय मेहरोत्रा ने देश में सेमीकंडक्टर के विनिर्माण के दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह भविष्य में एक बड़ा आर्थिक कारक बन जाएगा, क्योंकि भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन एक सेमीकंडक्टर शक्ति के रूप में भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण दूरदर्शी विचारों को दर्शाता है, तथा इस क्षेत्र में विकास के विविध अवसरों के बारे में भी प्रकाश डालता है। उन्होंने गुजरात में विश्वस्तरीय मेमोरी असेंबली और परीक्षण सुविधा स्थापित करने में सहायता प्रदान करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस सुविधा के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ बुनियादी ढांचे की साझेदारी का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 500,000 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करने वाला पहला चरण 2025 के प्रारंभ में चालू हो जाएगा, जिससे आने वाले वर्षों में 5,000 प्रत्यक्ष नौकरियां और 15,000 अतिरिक्त सामुदायिक नौकरियों का सृजन होंगी। उन्होंने कहा कि "दोनों चरणों में माइक्रोन और सरकार का संयुक्त निवेश 2.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।" उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत में निवेश बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने में कंपनी की भूमिका को रेखांकित करते हुए यह निष्कर्ष निकाला।

अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के अब तक आयोजित हर संस्करण का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को उनके असाधारण दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद देते हुए उनके हॉलमार्क हस्ताक्षरों, भव्य महत्वाकांक्षाओं, सावधानीपूर्वक शासन और त्रुटिहीन निष्पादन की सराहना की। उन्होंने अपनी अपील के लिए प्रधानमंत्री को श्रेय दिया जिसने एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन को प्रज्वलित किया जिससे यह राज्य भारत के औद्योगिक परिदृश्य को मौलिक रूप से फिर से तैयार करने के लिए प्रतिस्पर्धा और सहयोग करने के लिए आगे बढ़े। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कि वर्ष 2014 के बाद भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 185 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय 165 प्रतिशत बढ़ी है, जो भू-राजनीतिक अस्थिरता और महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से ग्रस्त युग में उल्लेखनीय है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रधानमंत्री की उपलब्धियों की सराहना की क्योंकि उन्होंने वैश्विक मंचों पर अपनी आवाज रखने की कोशिश करने वाले देश से अब वैश्विक मंच बनाने वाले देश की यात्रा पर प्रकाश डाला है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना और भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व, ग्लोबल साउथ को जी20 में शामिल करने का उल्लेख करते हुए, श्री अडानी ने कहा कि इससे अधिक समावेशी विश्व व्यवस्था के मानक स्थापित हुए हैं और यह भारतीय इतिहास में एक निर्णायक क्षण है। अडाणी ने कहा कि "आप भविष्य की भविष्यवाणी नहीं करते हैं बल्कि उसे आप आकार प्रदान करते हैं", श्री अडानी ने भारत को दुनिया का सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बनाने और देश को वसुधैव कुटुंबकम और विश्व गुरु के दर्शन से प्रेरित वैश्विक सामाजिक चैंपियन के रूप में स्थापित करने का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' बनाने के दृष्टिकोण के कारण आज का भारत कल के वैश्विक भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है। विभिन्न क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को पार करते हुए उन्होंने वर्ष 2025 तक राज्य में 55000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा कि जिससे 25,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए हरित आपूर्ति श्रृंखला की दिशा में विस्तार करने और सौर पैनल, पवन टरबाइन, हाइड्रो इलेक्ट्रोलाइजर, हरित अमोनिया, पीवीसी और तांबे और सीमेंट परियोजनाओं का विस्तार करने सहित सबसे बड़ा एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा इकोसिस्टम बनाने की भी चर्चा की। उन्होंने गुजरात में अगले 5 वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की अडानी समूह की योजना के बारे में भी जानकारी दी, जिससे अगले पांच वर्षों में एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा।

सिमटेक, दक्षिण कोरिया के सीईओ श्री जेफरी चुन ने कहा कि सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधाओं में एक प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में उन्होंने गुजरात राज्य में अपनी प्रमुख ग्राहक माइक्रोन के प्रोजेक्ट के बाद सह-स्थान निवेश के रूप में अपनी भारत परियोजना के प्रति उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन भारत जैसे तेजी से बढ़ते देश में एक नया आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क बनाने के वैश्विक आंदोलन को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि वे भारत में कोलोकेशन निवेश के एक और दौर की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन का भी उल्लेख किया है। इससे सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क में भारत की उपस्थिति काफी मजबूत हो जाएगी और भारत के स्थानीय दिग्गज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बनने में सक्षम हो जाएंगे।

टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि 'इतने लंबे समय तक गुजरात की लगातार स्थिर और शानदार प्रगति हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास के कारण जबरदस्त सामाजिक विकास भी हुआ है और गुजरात ने अपने आप को स्पष्ट रूप से भविष्य के प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने गुजरात में टाटा समूह की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला क्योंकि इसके संस्थापक जमशेदजी टाटा का जन्म नवसारी में हुआ था। आज टाटा समूह की 21 कंपनियों की राज्य में मजबूत उपस्थिति है। उन्होंने ईवी वाहनों, बैटरी उत्पादन, सी295 रक्षा विमान और सेमीकंडक्टर फैब, उन्नत विनिर्माण कौशल निर्माण के क्षेत्रों में गुजरात में समूह की विस्तार योजना के बारे में भी व्यापक रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुजरात टाटा समूह के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और हम इसकी विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"

डीपी वर्ल्ड के अध्यक्ष, श्री सुल्तान अहमद बिन सुलेयम ने कहा कि जीवंत गुजरात के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को वास्तविकता बनते हुए देखना एक बहुत खुशी की बात है और उन्होंने शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए गुजरात सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत @2047' के विजन द्वारा निर्देशित भारत के प्रमुख व्यापार मंच के रूप में अपनी तेजी से हो रही प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने गिफ्ट सिटी, धोलेरा विशेष निवेशक क्षेत्र और गुजरात समुद्री क्लस्टर जैसे विभिन्न औद्योगिक समूहों को विकसित करने और बढ़ावा देने का श्रेय सरकार को दिया और कहा कि यह भविष्य के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा। भारत और संयुक्त अरब अमीरात में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि उनका देश गुजरात में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है, जिसने 2017 के बाद से 2.4 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात ने पिछले साल 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का सामान निर्यात किया। यह देखते हुए कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है, श्री सुलेयम ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व में यह विकास जारी रहेगा। उन्होंने गतिशक्ति जैसी निवेश पहलों को भी श्रेय दिया जो भारत और गुजरात को एक आर्थिक महाशक्तियों के रूप में अपनी क्षमता का अनुभव कराने में मदद करेगी। उन्होंने डीपी वर्ल्ड की 2 मिलियन कंटेनर की क्षमता वाले कांडला, गुजरात में अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनलों के निवेश और विकास की योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने देश के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे के विस्तार में भारत सरकार के साथ भागीदारी करने पर गर्व व्यक्त करते हुए गुजरात सरकार को वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान के लिए धन्यवाद दिया।

श्री शंकर त्रिवेदी, सीनियर वीपी एनवीडिया ने जेनरेटिव एआई के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए यह स्मरण कराया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एनवीडिया के सीईओ श्री जेन्सेन हुआंग को भारत सरकार के वरिष्ठ नेताओं के लिए व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया था और कहा था कि "यह पहला अवसर था जब एक वैश्विक नेता ने वास्तव में एआई के बारे में चर्चा की थी। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व के लिए धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत में और यहां गुजरात में भी जेनेरिक एआई को अपनाने का उत्प्रेरक रहा है। जेनरेटिव एआई के संबंध में कौशल विकास में एनवीडिया के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 'भारत के पास प्रतिभा है, पैमाना है और विशिष्ट डेटा और अनूठी संस्कृति उपलब्ध है।' उन्होंने मेक इन इंडिया के लिए एनवीडिया के समर्थन का भी उल्लेख किया।

 

ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ निखिल कामत ने पिछले दो दशकों में देश के समग्र विकास पर प्रकाश डाला और एक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 साल अविश्वसनीय रहे हैं। उन्होंने देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम और छोटे उद्यमियों और ईकॉमर्स के उदय की सराहना की, जबकि 10 साल पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने स्टार्टअप्स को फलने-फूलने के लिए एक स्थिर इकोसिस्टम की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।