Glimpses of Day 1 of Vivekananda Yuva Vikas Yatra

Published By : Admin | September 12, 2012 | 12:09 IST

Massive support for Shri Narendra Modi on Day 1 on Swami Vivekananda Yuva Vikas Yatra 

Shri Modi promises to continue fighting against the injustice of the UPA towards Gujarat

 

On September 11th 2012, Shri Narendra Modi commenced his month long Swami Vivekananda Yuva Vikas Yatra from the holy town of Bahucharaji in Mehsana district. The month long Yatra will cover the entire state. September 11th is significant because that was the day Swami Vivekananda delivered his soul stirring address at the World’s Parliament of Religions in Chicago.

In his inaugural speech, Shri Modi came spoke out against the corrupt and negative politics of the Congress-led UPA Government and affirmed that he would continue to fight against the Centre’s injustice to Gujarat.

Central BJP leaders Shri Arun Jaitley and Shri Rajnath Singh attended the flagging off and both praised the development in Gujarat.

Here are some pictures from Day 1 of the Vivekananda Yuva Vikas Yatra 

 

 

 

 

  

 

 

 

 

Also Read:

Shri Narendra Modi blogs on 9/11 and embarking on the Vivekananda Yuva Vikas Yatra. 

Hear Shri Modi’s speech at the start of the Yatra in Bahucharaji.  

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रगति की 48वीं बैठक संपन्न हुई
June 25, 2025
Quoteप्रधानमंत्री ने खान, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की और समयबद्ध कार्यान्वयन पर जोर दिया
Quoteस्वास्थ्य सेवा समानता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित : प्रधानमंत्री ने राज्यों से सुदूर और आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना के विकास में तेजी लाने को कहा
Quoteप्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डाला, देश भर में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में प्रगति की 48वीं बैठक आयोजित की गई। प्रगति, केंद्र और राज्य सरकारों को सम्मिलित करते हुए सक्रिय शासन और समय पर परियोजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए आईसीटी आधारित एक बहु-मॉडल मंच है।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने खान, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। आर्थिक विकास और लोक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें समयबद्धता, अंतर-एजेंसी समन्वय और समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना कार्यान्वयन में देरी के परिणामस्वरूप वित्तीय लागत बढ़ जाती है और नागरिकों को समय पर आवश्यक सेवाएं और बुनियादी ढांचा सुविधाएं न मिलने की दोहरी कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने केन्द्र और राज्य स्तर के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जीवन में सुधार के अवसर पैदा करने के लिए परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाएं।

प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राज्यों को स्वास्थ्य अवसंरचना विकास में तेजी लानी चाहिए तथा दूरदराज, जनजातीय और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गरीब, कमजोर और वंचित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में मौजूदा अंतराल को खत्म करने के लिए तत्काल और निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम-एबीएचआईएम राज्यों को ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर अपने प्राथमिक, तृतीयक और विशिष्ट स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है जिससे नागरिकों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने इन पहलों के रणनीतिक महत्व और रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता की सराहना की। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वदेशी क्षमताओं के साथ संचालित ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक शक्तिशाली प्रमाण बताया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किस प्रकार राज्य इस इकोसिस्टम को मजबूत करने और रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता में योगदान देने के अवसर का लाभ उठा सकते हैं।