भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष और दिल्‍ली चुनाव के प्रभारी आदरणीय श्री नितिन गड़करी जी, भाई नवजोत सिद्धू जी, प्रदेश के अध्‍यक्ष मेरे मित्र विजय गोयल जी, जिनके नेतृत्‍व में दिल्‍ली की जनता सरकार बनाने वाली है वह डॉ. हर्षवर्धन जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, भाईयों और बहनों..!

मैं पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान और दिल्‍ली में चुनाव अभियान के लिए दौरा कर रहा हूं। भाईयों-बहनों, ये साफ नजर आ रहा है कि देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के प्रति अपना विश्वास प्रकट करना शुरू कर दिया है। आने वाले चुनावों में लोग सिर्फ कांग्रेस को हराने के लिए या भाजपा को जीताने के लिए ही वोट नहीं करना चाहते हैं, वह चाहते हैं कि भाजपा जीते और कांग्रेस को बहुत बड़ी सज़ा मिले, ये लोगों का मिज़ाज है..! भाईयों-बहनों, लोकतंत्र में जनता जनार्दन के पास यही एक शस्‍त्र होता है, आवाज़ उठाने का ताकतवर अवसर होता है। आने वाली 4 तारीख को आप सिर्फ अपने विधायक का भविष्‍य तय नहीं करेंगे और न ही चांदनी चौक का क्‍या हो, क्‍या न हो, इस प्रकार का सीमित निर्णय करेगें। चार तारीख को आप सिर्फ दिल्‍ली की सरकार बनाने का निर्णय करने वाले नहीं हो, बल्कि आप अपने भविष्‍य की भाग्‍यरेखा अंकित करने वाले हो..!

भाईयों-बहनों, दिल्‍ली में कित कितनी सरकारें हैं, बड़े-बड़े दिग्‍गज नेता हैं और इनकी नाक के नीचे दिल्‍ली की इतनी दुर्दशा हो रही है..! भाईयों-बहनों, निर्भया की घटना भले ही दिल्‍ली में घटी हो, लेकिन उस घटना ने पूरे हिंदुस्‍तान का दिल तोड़ दिया..! गुडि़या की घटना भले ही दिल्‍ली में हुई हो, लेकिन उस घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है..! भाईयों-बहनों, हमारे देश की राजधानी में एक महिला मुख्‍यमंत्री हो, एक महिला देश की सरकार को हिलाती-डुलाती हो और उसी दिल्‍ली में माताओं-बहनों की जिन्‍दगी सलामत न हों, इससे पूरे विश्‍व में हमारे देश की इज्‍ज़त मिट्टी में मिल जाती है..! दिल्‍ली में माताओं-बहनों के साथ जो घटनाएं घटती है उसके कारण भारत के टूरिज्‍म को गंभीर प्रकार का नुकसान हुआ है। कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स के कारण दिल्‍ली के साथ-साथ पूरे देश का नाम ऊंचा होना था, लेकिन इन लोगों ने डुबो दिया..! आज दुनिया का कोई भी देश, दिल्‍ली को गर्व की नज़रों से नहीं देखता है, आखिर यह स्थिति किसने पैदा की..

भाईयों-बहनों, मैं आप सभी से पूछना चाहता हूं कि पिछले 60 सालों के शासन में जो जिन्‍दगी आपको गुजारनी पड़ी, क्‍या आप अपनी संतानों को भी ऐसी ही जिन्‍दगी गुजारने पर मजबूर करना चाहते हैं..? क्‍या आप चाहते हैं कि आपके बच्‍चे भी ऐसी ही जिन्‍दगी जिएं..? क्‍या आप अपने बच्‍चों का अच्‍छा भविष्‍य चाहते हैं..? क्‍या आप चाहते है कि आपके बच्‍चों को शिक्षा मिलें..? क्‍या आप चाहते हैं कि आपके बच्‍चों को नौजवान होने पर अच्‍छा रोजगार मिले..? क्‍या आप चाहते हैं कि आपके गरीब मां-बाप को दवाई मिलें..? क्‍या आप चाहते हैं कि आपके बच्‍चों को दो समय का भरपेट भोजन मिलें..? भाईयों-बहनों, ये छोटे-छोटे सपने 60 सालों से, तीन-तीन पीढि़यों के बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हुए हैं..! इसका मूल कारण कांग्रेस पार्टी की वोट बैंक की राजनीति है। जब तक इस देश से हम वोट बैंक की राजनीति को खत्म नहीं करेगें, ये देश कभी भी ऊपर नहीं उठ पाएगा। देश को विकास की राजनीति की जरूरत है, देश को तस्‍वीर और तकदीर बदलने की जरूरत है..!

जब हम कहते हैं कि वोट बैंक की राजनीति ने देश को बर्बाद कर दिया है तो कुछ लोगों को लगता है कि हम मुसलमानों के वोट की बात कर रहे हैं..! ये रामलीला होने वाला मैदान है, जहां सत्‍य और ईमान का मंचन होता है, मैं इस जगह से पवित्र भाव के साथ कहना चाहता हूं कि वोट बैंक की राजनीति को समझने की जरूरत है। वोट बैंक की राजनीति हिंदु-मुसलमान का मसला नहीं है, ये देश की दुर्दशा करने का सबसे बड़ा कारण बन गया है..! मैं आपको बताता हूं कि ये कैसे होता है, औसतन हमारे देश में 60-65 प्रतिशत वोटिंग होती है, जिसमें 5 से 15 प्रतिशत इधर-उधर के लोग जो खड़े हो जाते हैं वो खा जाते हैं, तो बाद में बचते हैं 50 प्रतिशत, जिनमें दो मुख्‍य दलों या प्रतिस्‍पर्धियों के बीच खींचतान होती है और जिसको 26 प्रतिशत मिल जाता है, वही जीत जाता है..! 74 प्रतिशत लोगों की सुनवाई नहीं होती है, इसलिए ये चतुर राजनेता क्‍या करते हैं, वे तडजोड की राजनीति करते हैं और हिसाब लगाते हैं कि ये दो चाल पकड़ लो, अपना 26% हो जाएगा, ये दो मोहल्‍ले पकड़ लो, अपना 26% हो जाएगा, ये दो वॉर्ड पकड़ लो, अपना 26% हो जाएगा, ये दो बिरादरी पकड़ लो, अपना 26% हो जाएगा, ये दो धार्मिक लोगों को जोड़ दो, अपना 26% हो जाएगा... और इसलिए वह हमेशा इस फिराक में रहते है कि मुझे चुनाव जीतना है तो सिर्फ 26 प्रतिशत की चिंता करनी है, बाकी के 74 प्रतिशत की परवाह करने की जरूरत नहीं है..! ऐसे में वो रोड़ भी बनवाएंगे तो सिर्फ 26 प्रतिशत वालों के लिए, नौकरी भी दिलवाएगा तो सिर्फ 26 प्रतिशत वालों को, बिजली का खंभा लगवाएंगे तो सिर्फ 26 प्रतिशत वालों के लिए, नल लगवाएंगे तो सिर्फ 26 प्रतिशत वालों के लिए, और इस तरह 74 प्रतिशत लोग पूरी तरह से विकास की यात्रा से वंचित रह जाते हैं..! भाईयों-बहनों, गुजरात में हमने अनुभव किया है कि वोट बैंक की राजनीति को खत्‍म करो। सबका साथ, सबका विकास, इस मंत्र को हमने उठाया है और इसका परिणाम यह आया कि हर किसी को जाति-पाति, बिरादरी के भेदभाव के बिना फायदा मिल रहा है..!

भाईयों-बहनों, मैं तो ऐसे परिवार में पैदा हुआ हूं कि कोई कल्‍पना नहीं कर सकता है कि मैं यहां तक पहुंच सकता हूं, मैं इतने सामान्‍य से परिवार का हूं..! और मेरी कोई ऐसी जाति-बिरादरी भी नहीं है, लेकिन मैने मन में ठानकर रखा कि गरीब का भला करना है, स्थितियां बदलने के लिए प्रयास करना है और आज आप हिंदुस्‍तान के किसी भी कोने में जाइए, जब विकास की चर्चा होती है तो गुजरात का नाम लेना पड़ता है..! मजे की बात देखिए, जिन लोगों को गुजरात अच्‍छा लगता है वह कहते हैं कि हम भी गुजरात जैसा करेगें और जिन लोगों को अच्‍छा नहीं लगता है वह कहते हैं कि हम इस विषय में गुजरात से भी आगे हैं..! मतलब, गुजरात विकास का मापदंड बन गया है। आप अच्‍छा करना चाहते है तो गुजरात जैसा करना है और अच्‍छा किया है तो गुजरात से आगे निकले हैं, ये गौरव का मापदंड बन गया है। भाईयों-बहनों, क्‍या ये दिल्‍ली मापदंड नहीं बन सकता है..? लेकिन नहीं बनेगा, क्‍योंकि आपने ऐसे लोगों के हाथ में दिल्‍ली को देकर रखा है। एक बार उनके हाथ से दिल्‍ली निकाल दीजिए, मैं वादा करता हूं कि देखते ही देखते दिल्‍ली में परिवर्तन दिखाई देगा..!

भाईयों-बहनों, आप लोग ही बताएं कि इस चुनाव में क्‍या विजय गोयल जी आज भी चांदनी चौक को अपने काम का हिसाब देते है या नहीं..? हर गली मोहल्‍ले के क्‍या हाल हैं पूछते है या नहीं..? उनको आपकी चिंता रहती है या नहीं..? डॉ. हर्षवर्धन जी ने पिछले दिनों दिल्‍ली में क्‍या हुआ, क्‍या नहीं इसका हिसाब दिया या नहीं..? लेकिन कांग्रेस का अंहकार सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है और वे जनता को अपनी जेब में मानते हैं और उसे जबाव देने के लिए तैयार नहीं है..! भाईयों-बहनों, आप सभी मंहगाई से परेशान या नहीं, मंहगाई ने सभी को परेशान करके रखा है या नहीं..? गरीब और मध्‍यमवर्गीय परिवार परेशान है या नहीं..? क्‍या केंद्र या राज्‍य की दिल्‍ली सरकार ने मंहगाई के लिए कोई जबाव दिया है..? नहीं दिया, और ये अंहकार है..! अगर कोई काम नहीं हो पाता है तो जाकर बोलना चाहिए या नहीं..? भाईयों-बहनों, आज मंहगाई का हाल ये है कि गरीब के घर शाम को चुल्‍हा नहीं जलता है, गरीब का बेटा रात-रात भर रोता है, आंसू पीकर सोता है लेकिन कांग्रेस पार्टी को इस पर दो शब्‍द बोलने की फुर्सत नहीं है..! मैडम सोनिया जी, आप तो मां है मां, कभी तो मंहगाई पर दो शब्‍द बोलिए..! शीला जी, आप तो दादी मां हो गई, आप तो कभी भूखे बच्‍चों के लिए दो शब्‍द बोलिए..! कांग्रेस के दिग्‍गज नेता इस चुनाव में सामने आएं लेकिन कोई मंहगाई पर नहीं बोल रहा है..!

आप चांदनी चौक के लोगों ने जाने क्‍या कर दिया, लोकसभा में एक ऐसे महाशय को भेज दिया, आप सभी को उस दिन क्‍या हो गया था, ऐसी गलती कैसे हो गई..! देखिए मैं नहीं मान सकता कि चांदनी चौक के लोग ऐसी गलती कर दें, उस दिन कुछ हो गया होगा..! आप लोगों को पता है कि आपने कैसे इंसान को भेजा है..? वो खुद को बहुत बड़ा बुद्धिमान मानते हैं, अगर गूगल के बाद सबसे ज्‍यादा जानकारी किसी के पास है तो इन्‍ही सज्‍ज़न के पास है, ये खुद को गूगल का पक्‍का शिष्‍य मानते हैं और उन्‍हे ऐसा लगता है कि जब भगवान बुद्धि बांट रहे थे तो कतार में सबसे आगे वह ही खड़े थे..! लेकिन इन्‍होने ऐसी बात कही कि ऐसी बात कहने वाले इंसान को सार्वजनिक जीवन में कभी चुनाव जीतना नहीं चाहिए..! उन्‍होने मंहगाई पर बोलते हुए कहा कि मंहगाई इसलिए बढ़ रही है कि गरीब पहले सूखी रोटी खाता था, अब गरीब दो-दो सब्‍जी खाता है..! डूब मरो, डूब मरो, मेरे कांग्रेस के मित्रों, डूब मरो और गरीब की बेज्‍ज़ती करना बंद करो..! आप ही बताएं क्‍या इस देश की मंहगाई के लिए गरीब जिम्‍मेवार है..? क्‍या इस देश की मंहगाई के लिए गरीब का सब्‍जी खाना ही कारण है..? क्‍या गरीब को सब्‍जी खाने का अधिकार नहीं है..? आपने ऐसे महाशय को एमपी बनाया है जो केंद्र में मंत्री बनकर गरीब का सब्‍जी खाना गुनाह बता रहा है। क्‍या आप ऐसे लोगों को माफ़ करेगें..? भाईयों-बहनों, क्या भाषा बोली जा रही है..! और वो शहजादे क्या कह रहे हैं..? मैं हैरान हूं इन लोगों को सुनकर..! देखिए, अगर कुछ मीडिया वाले लोग इनकी मदद न करते तो पता नहीं आज वे कहां जाते, मीडिया वालों की मदद से ये लोग बचे हुए हैं..!

भाईयों-बहनों, जितनी हम पर बीतती है, अगर उसका सौवां हिस्‍सा भी इन लोगों पर बीतें तो ये लोग सार्वजनिक जीवन छोड़कर भाग जाएं..! सत्‍य और ईमान से जनता की सेवा करने का प्रण लेकर जब हम निकलते हैं तो घाव झेलने की ताकत भी आती है, जनता के आर्शीवाद मिलते हैं..! लेकिन शहजादे कहते है कि जब तक हम राजनीति में गरीब की बात नहीं करते, तब तक हमें मज़ा नहीं आता..! क्‍या गरीब मज़ा करने का विषय है..? भाईयों-बहनों, हम लोगों में फर्क यही है कि वो गरीब की राजनीति नहीं करते तो उन्‍हे मज़ा नहीं आता और हम गरीब के दुख-दर्द देखते हैं तो नींद नहीं आती है..! वो कहते है कि गरीबी-बरीबी कुछ नहीं होता, जो सोने की चम्‍मच लेकर पैदा हुए, जिन्‍होने गरीबी देखी ही नहीं, उन्‍हे गरीबी के बारे में क्‍या पता चले..! दुख क्‍या होता है, दर्द क्‍या होता है, ठंडों में रात कैसे गुजरती है, जब पेट न भरा हो, तो भूख कैसे लगती है, जिन्‍हे ये सब पता ही नहीं है, वह गरीबी के बारे में क्‍या जानें..! वो कहते हैं, गरीबी कुछ नहीं होती है ये सिर्फ स्‍टेट ऑफ माइंड होता है, मन की अवस्‍था होती है..! जब दिल्‍ली में ठंड पड़ती है और फुटपाथ पर रहने वाला गरीब मौत का शिकार हो जाता है तो समझ में आता है कि गरीबी क्‍या होती है..! जब भयानक धूप होती है और एक गरीब पानी के अभाव में मर जाता है तब पता चलता है गरीबी क्‍या होती है..! गरीबों के घर में तस्‍वीरें खिंचवाने से गरीबी का पता नहीं चलता है..! भाईयों-बहनों, जब आपके बच्‍चे बड़े होते है तो आपका मन होता है कि उन्‍हे शेर दिखाएं। आप बच्‍चों को शेर दिखाने के लिए ज़ू में ले जाते है क्‍योंकि आपके बच्‍चों ने शेर देखा नहीं है, वैसे ही शहजादे को गरीबी क्‍या होती है यह देखने के लिए साल में एक बार गरीब की झोपड़ी में जाना पड़ता है..! एक बार जाकर भूल जाते हैं तो दूसरे साल लोग दुबारा ले जाते हैं कि चलो भाई, देखो चलकर गरीबी ऐसी होती है..! इन लोगों ने गरीबी को प्रदर्शन का विषय बना दिया है..!

भाईयों-बहनों, इस प्रकार की बातें करने वाले लोग कभी भी देश का भला नहीं कर सकते हैं। मैं यहां उपस्थित सभी लोगों से आह्वान करता हूं कि जहां-जहां भाजपा और कांग्रेस की सरकार है, लोग कांग्रेस के काम करने की पद्धति और भारतीय जनता पार्टी के काम करने की पद्धति, कांग्रेसियों के काम करने की पद्धति और प्रादेशिक पक्षों के काम करने की पद्धति, इतने समय में किसने गरीबों के लिए क्‍या और कितना काम किया, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की सभी सरकारें नम्‍बर एक पर खड़ी होगी..!

भाईयों-बहनों, कल राजस्‍थान में मतदान होने वाला है। राजस्‍थान में 40 दंगे हुए और वहां की सरकार पर शहज़ादे को भरोसा नहीं है। राजस्‍थान में अपनी ही सरकार को बिना बताए वह एक दिन भरतपुर पहुंच गए, वहां नजदीक के एक स्‍थान पर दंगे हुए थे, उस स्‍थान पर वह चुपचाप गए। देखिए, उन्‍हे अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं। वो एक मोटरसाईकिल पर सवार होकर गए और जो चला रहा था, वो हिस्‍ट्रीशीटर था, और जिस मोटरसाईकिल पर गए थे, वह चोरी की थी, ये कमाल देखिए..! और ये सारी बातें राजस्‍थान के अखबार में बराबर छपी। इन शहज़ादे को अपनी सरकार की गाड़ी में बैठना मंजूर न होकर चोरी की मोटरसाईकिल पर बैठना मंजूर था, उनको अपनी पार्टी के मुख्‍यमंत्री के साथ बैठना पसंद न होकर एक हिस्‍ट्रीशीटर की सीट पर बैठना पसंद था..! भाईयों-बहनों, जिन्‍हे अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं, वो देश का भला क्‍या कर सकते हैं..!

भाईयों-बहनों, आज गुजरात विकास की इतनी ऊंचाईयों पर पहुंचा है, इतना आगे बढ़ा है, उसका कारण क्‍या है..? उसका कारण मोदी नहीं है, गुजरात के विकास का कारण वहां की जनता की एकता, भाईचारा, सद्भावना है, वहां हर कोई एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है और विकास के मंत्र को लेकर काम कर रहा है और यही गुजरात के विकास का कारण है..! भाईयों-बहनों, पहले गुजरात का हाल भी खराब था, क्रिकेट के बॉल पर दंगे हो जाते थे, पतंग पर दंगे हो जाते थे, साईकिल टकराने से दंगे हो जाते थे, आज दस साल हो गया और गुजरात से दंगो का नामोंनिशान मिट गया..! अब वहां शांति, एकता और भाईचारा है। वोट बैंक की राजनीति करने वालों की यही परेशानी है कि मोदी के राज में दंगे होते क्‍यूं नहीं हैं..! राजस्‍थान में दंगे होते है, उत्तर प्रदेश में नौजवान मुख्‍यमंत्री है लेकिन 100 से ज्‍यादा दंगे एक-डेढ़ साल में हो गए, निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, क्‍योंकि इन लोगों की राजनीति बांटो और राज करो की है। कांग्रेस पार्टी ने सत्ता के लिए देश को तोड़ना, समाज को तोड़ना, भाई से भाई को लड़ाना, जाति से जाति को लड़ाना, बिरादरी से बिरादरी को लड़ाना, सम्‍प्रदाय से सम्‍प्रदाय को लड़ाना, यहीं खेल खेला है और इसी के कारण देश तबाह हो गया है..!

वहीं भारतीय जनता पार्टी की संस्‍कृति क्‍या है..? हमने उत्तरप्रदेश में से उत्तराखंड बनाया, उत्तराखंड ने भी मिठाई बांटी और उत्तर प्रदेश ने भी मिठाई बांटी..! अटल जी ने छत्तीसगढ़ बनाया, छत्तीसगढ़ ने भी मिठाई बांटी और मध्‍यप्रदेश ने भी मिठाई बांटी..! बिहार में से झारखंड बनाया गया, झारखंड ने भी मिठाई बांटी और बिहार ने भी मिठाई बांटी..! लेकिन कांग्रेस की तोड़ो-तोड़ो वाली राजनीति का परिणाम क्‍या आया कि आंध्र प्रदेश में तेलंगाना बनाने गए, आंध्र भी रो रहा है, तेलंगाना भी रो रहा है और दोनो जगह पर कर्फ्यू लग रहा है, दोनो जगह गोलियां चल रही हैं, क्‍योंकि कांग्रेस के तौर-तरीके ऐसे हैं..! आप मुझे बताइए, ये दिल्‍ली हिंदुस्‍तान का है या नहीं..? ये हरियाणा हिंदुस्‍तान का है या नहीं..? दिल्‍ली में हिंदुस्‍तान की सरकार है या नहीं..? तो हरियाणा के रहते हुए दिल्‍ली प्यासा रहे, ये कौन सा तरीका है..? क्‍या ये कोई राजनीति है..? ये सिर्फ बांटने की राजनीति है जिसके कारण ये दुर्दशा हुई है। इसलिए, हमारा मंत्र है देश को जोड़ो और विकास करो, जबकि उनकी राजनीति है देश को तोड़ो और सत्ता बनाओ..! भाईयों-बहनों, हम जोड़ने की राजनी‍ति करना चाहते हैं, विकास की राजनीति करना चाहते हैं ताकि नौजवान को रोजगार मिले..!

भाईयों-बहनों, दिल्‍ली में तकरीबन पौने दो लाख बेरोजगार लोगों का नाम एम्‍पलॉयमेंट एक्‍सचेंज में दर्ज है, उसमें से सिर्फ 200 लोगों को शीला जी ने नौकरी दी..! पूरे हिंदुस्‍तान में अगर कोई राज्‍य ऐसा है जो एम्‍पलॉयमेंट एक्‍सचेंज में दर्ज लोगों को सबसे ज्‍यादा नौकरी देता है तो वह राज्‍य का नाम है, गुजरात..! वहां 57% लोगों को रोजगार देने का काम किया गया है। मित्रों, विकास ही एक ऐसा मंत्र है जो सारी समस्‍याओं का समाधान कर देता है। जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां विकास की स्‍पर्धा होती है। अगर शिवराज सिंह जी ने कुछ काम किया तो रमन सिंह जी सोचतें हैं कि मैं इससे ज्‍यादा करूंगा, रमन जी ने कुछ काम किया तो मोदी जी को लगता है कि मैं गुजरात में करूंगा, गुजरात ने कुछ किया तो मनोहर पार्रिकर को लगता है कि वह गोआ में करके दिखाएंगे, इस प्रकार भाजपा के सभी मुख्‍यमंत्री अच्‍छा करने की स्‍पर्धा करते हैं। लेकिन कांग्रेस में भ्रष्‍टाचार करने की स्‍पर्धा करते हैं, सभी एक से बढ़कर एक हैं, एक, एक हजार करोड़ का करता है तो दूसरा दो हजार करोड़ का करता है, अगला पांच हजार करोड़ का करता है..! इस तरह लूटने की स्‍पर्धा ने देश को तबाह करके रख दिया है..!

भाईयों-बहनों, जब राजीव गांधी की सरकार थी, उस समय भाजपा की कोई पहचान नहीं थी, हम कहीं नजर भी नहीं आते थे, पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस का ही झंडा फहरता था, उस समय राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्‍ली से एक रूपया निकलता है, तो लोगों तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे हो जाता है..! नई दिल्‍ली से चांदनी चौक आते-आते एक रूपए का 15 पैसा हो जाता था..! ऐसा राजीव गांधी ने कहा था, जबकि उस समय सत्ता में हर जगह सिर्फ कांग्रेस बैठी थी। भाईयों-बहनों, देश जानना चाहता है कि ये कौन सा पंजा था जो एक रूपए का 15 पैसा कर देता था..! इसलिए मुझे डॉ. हर्षवर्धन जी पर भरोसा है, अगर आप उन्‍हे कारोबार देगें तो वह दिल्‍ली की तिजोरी पर चौकीदार की तरह बैठेगें और किसी पंजे को पड़ने नहीं देगें, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं..!

भाईयों-बहनों, ये कांग्रेस पार्टी को समझना बहुत जरूरी है, वे बहुत चतुर लोग हैं, तभी तो पिछले 60 सालों से हमें मूर्ख बनाकर बैठे हैं..! ये बड़े कमाल के लोग हैं, पहले आते हैं हाथ जोड़ते हैं, फिर आते हैं हाथ मिलाते हैं, फिर थोड़ा समय हो जाएं तो हाथ दिखाते हैं, फिर थोड़ी ताकत आ जाएं तो हाथ आजमाते हैं और बराबर सेट होते ही हाथ की सफाई शुरू कर देते हैं..! भाईयों-बहनों, ये हाथ की सफाई का खेल है। इनकी ताकत देखिए, ये दिखाते एक हाथ हैं और लूटते दोनों हाथों से हैं..! अभी-अभी मैदान में कुछ नए लोग आएं हैं, जब अन्‍ना हजारे जी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई के मैदान में उतरें तो लग रहा था कि जय प्रकाश नारायण के बाद ईश्‍वर ने हमें अन्‍ना जी दिए हैं..! ऐसी एक आशा बंधी थी कि अन्‍ना हजारे के आंदोलन के कारण पूरा देश भ्रष्‍टाचार के खिलाफ खड़ा हो जाएगा, भ्रष्‍टाचार के पाप से देश को बचाने की आशा बंधी थी, लेकिन कुछ लोगों के राजनीतिक स्‍वार्थ और व्‍यक्तिगत महत्‍वाकांक्षा के कारण, इस देश की भलाई के लिए एक पवित्र व्‍यक्ति के द्वारा चला हुआ आन्‍दोलन खड्डे में डाल दिया, मुट्ठी भर लोगों ने पीठ में छुरा भोंककर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को खड्डे में डाल दिया। उन लोगों ने अपनी व्‍यक्तिगत राजनीतिक आकांक्षाओं के कारण ऐसा किया और उस पवित्र व्‍यक्ति को जितना पीडि़त कर सकते हैं किया और अब सत्ता पाने के लिए निकल पड़े हैं। भाईयों-बहनों, ये कांग्रेस वाले तो हाथ से उठाते थे, ये लोग तो झाडू मारकर ले जाएंगे..!

भाईयों-बहनों, भारतीय जनता पार्टी, जो जनता को जबावदेह है, वह विकास के मंत्र को लेकर चल रही है। मैं गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ा भी जा सकता है और लड़ाई जीती भी जा सकती है। इसका उदाहरण भी मैं दे सकता हूं। यहां के जिन महाशय को आपने एमपी बनाकर भेजा है जो खुद को बहुत गुरू ज्ञानी मानते हैं और दिल्ली सरकार में बैठे हैं, उन्‍होने एक घोषणा की थी कि देश के नौजवानों को 3000 रूपए में टैबलेट मिलेगा, आकाश टैबलेट मिलेगा..! याद है..? उसके लिए उन्‍होने बड़ी जर्बदस्‍त प्रेस कांफ्रेंस की थी, ढ़ेर सारे इंटरव्यू दिए थे, चारों तरफ जय-जयकार किया था, आपको कहीं आकाश टैबलेट नजर आया, भाई..? आकाश में से धरती पर आया..? मुझसे एक बार गलती हो गई, मैने गुजरात में बयान दे दिया कि भारत सरकार जबाव दें, वह नौजवानों को आकाश टैबलेट देने वाले थे, उसका क्‍या हुआ, योजना कहां गई..? इतना पूछने पर इनका पारा चढ़ गया कि ये मोदी समझता क्‍या है, मेरी आलोचना करता है..? और उस समय से वो मेरे पीछे पड़ गए हैं, ऐसा लगता है कि उन्‍होने तय कर लिया है कि जब तक मोदी को जेल नहीं भिजवा दूंगा, चुप नहीं बैठूंगा..! उन्‍होने गुस्‍से में आकर मुझे ही एक आकाश टैबलेट गिफ्ट में भेज दिया..! उनको लगा कि रिश्‍वत दूंगा तो मोदी मान जाएगा, लेकिन उन्‍हे मालूम नहीं मोदी दूसरी मिट्टी से पैदा हुआ है। मैने उन्‍‍हे सलाह दी कि टैबलेट मोदी को मिले ये सवाल नहीं है, सवाल ये है कि आपने बजट में योजना रखी, हिंदुस्‍तान की जनता को विश्वास दिया और फिर विफल गए। आप जनता के सामने स्‍वीकार करिए कि आप विफल हुए हैं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है..!

भाईयों-बहनों, देश के रूपए बर्बाद हो रहे हैं, कोई जबावदेह नहीं है। 2जी स्‍कैम हुआ, सारे देश में लोग बोल रहे थे कि इन लोगों ने तरंगें बेच दीं। सीएजी कह रहा था कि 1,74,000 करोड़ रूपए का घपला हुआ है और ये कह रहे हैं जीरो लॉस..! ये मिस्‍टर जीरो ने कह दिया जीरो लॉस..! पार्लियामेंट कह रही है, सुप्रीम कोर्ट कह रहा है, सारे देश की जनता कह रही है, लेकिन ये अपने ही अहंकार में हैं..! इतना ही नहीं, ये महाशय टेलीकॉम के मिनिस्‍टर हैं, इन्‍होने टेलीकॉम का भट्टा बैठाया यानि नौजवानों के रोजगार को छीना है, हिंदुस्‍तान के अर्थतंत्र पर प्रभाव पड़ा है। बीएसएनएल इन्‍ही के अंर्तगत आता है, आज मोबाइल फोन का कितना बड़ा व्‍यवसाय है, कितना मंहगा काम चलता है और लोग इस पर कितना ज्‍यादा खर्च करते हैं, हम सभी जानते हैं। इसके बावजूद भी 2010 में बीएसएनएल को 1823 करोड़ का घाटा हुआ, और जब ये विद्वान इस सरकार को चला रहे हैं तो 2013 में बीएसएनएल का घाटा बढ़कर 8200 करोड़ रूपए का हो गया..! आप की बताइए, ये देश की जनता का पैसा गया कि नहीं गया..? ऐसा करने वाले गुनहगार हैं या नहीं..? टेलीकॉम मिनिस्‍टर होने के नाते इनके पास एमटीएलएन है। जिसका 2010 में 2611 करोड़ का घाटा था, और 2013 में घाटा 5300 करोड़ हो गया..! ये सारे पैसे किसके हैं..? देश की जनता के हैं कि नहीं..? गरीब के हैं कि नहीं..? भाईयों-बहनों, ये लोग लूट रहे हैं..!

मैं आपको बताता हूं कि अगर अच्‍छी सरकार चलती है तो काम कैसे होता है। मैं जब गुजरात में मुख्‍यमंत्री बना तो कई लोग मुझसे मिलने आते थे, माला लेकर आते थे और कहते थे, मोदी जी कम से कम एक काम तो कीजिए, रात के भोजन के समय तो बिजली दे दीजिए..! पहले गुजरात में ऐसे दिन थे कि रात के भोजन के समय बिजली नहीं मिलती थी। हमारे यहां की गुजरात इलेक्ट्रिकसिटी बोर्ड यानि जीईबी को प्रतिवर्ष 2500 करोड़ रूपए का घाटा होता था, ऐसा सुनकर कोई भी आदमी बैठ जाएं..! क्‍या ऐसी स्थिति को सुधार सकने की हिम्‍मत किसी में आएगी..? लेकिन हमने बीड़ा उठाया। भाईयों-बहनों, आज गुजरात में 2500 करोड़ रूपए के घाटे वाला जीईबी 400 करोड़ रूपए का प्रॉफिट करता है..! हमने चोरी के पैसे बचा लिए और उसी का ये परिणाम आया। हमारे यहां सरकार का फर्टिलाइजर पैदा करने वाला सरकारी कारखाना है, गुजरात स्‍टेट फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन और दूसरा है जीएनएफसी, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन। जब मैं मुख्‍यमंत्री बना उस समय दोनों डूबने के कगार पर थे। अगर वो दोनों फर्टिलाइजर के कारखाने बंद हो जाते तो मेरे देश का किसान बर्बाद हो जाता, मेरे देश के किसान को नुकसान होता, हिंदुस्‍तान की फसल को नुकसान होता, हिंदुस्तान की कृषि को नुकसान होता और इस देश के अर्थतंत्र को नुकसान होता। हमने ध्‍यान केंद्रित किया और आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमारी दोनो कम्‍पनियां जो मरने की कगार पर थी, आज सबसे ज्‍यादा मुनाफा देने वाली कम्‍‍पनियां बन गई हैं..!

भाईयों-बहनों, अगर भ्रष्‍टाचार पर रोक लगाएं, सुशासन पर ध्‍यान दें तो डूबती हुई नैय्या को भी पार किया जा सकता है, लेकिन आपने ऐसे महाशय को भेजा है जो अपनी बुद्धि के गुरूर के कारण देश को घाटे में डालते चले जा रहे हैं, देश को तबाह करते चले जा रहे हैं..! इसीलिए मैं आप सभी से प्रार्थना करने आया हूं, देश को गरीबी से मुक्ति चाहिए, देश के नौजवान को रोजगार चाहिए, देश के गरीब को दो वक्‍त भरपेट खाना मिलना चाहिए, बूढ़े मां-बाप को दवाई चाहिए, माताओं-बहनों को सम्‍मान के साथ जीने के लिए अच्‍छा माहौल चाहिए, सुरक्षा चाहिए..! भाईयों-बहनों, अगर हम इतना भी काम कर लेते हैं तो देश के हर व्‍यक्ति में देश को आगे बढ़ाने की ताकत है और इस काम को करने के लिए भारतीय जनता पार्टी आपके पास आई है। मैं आप सभी से आग्रह करने आया हूं कि हमें अवसर दीजिए..!

भाईयों-बहनों, 200 दिन के बाद पार्लियामेंट का चुनाव भी होने वाला है। देश ने तय कर लिया है कि दिल्‍ली में भाजपा की सरकार बनने वाली है। अगर दिल्‍ली प्रदेश में हर्षवर्धन जी के नेतृत्‍व में भाजपा की सरकार हो, केंद्र में भाजपा की सरकार हो, तो आपके दोनों हाथों में लड्डू हो जाएंगे..! दोनों सरकारें मिलकर ऐसा काम करके दिखाएंगी कि दिल्‍ली का नाम पूरी दुनिया में रोशन हो जाएगा, इसलिए मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि चार तारीख को भारी मात्रा में मतदान करके भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएं..!

भारत माता की जय..!

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केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे: खजुराहो, मध्य प्रदेश में पीएम
December 25, 2024
प्रधानमंत्री ने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की नींव रखी
प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर उनकी याद में एक डाक टिकट और सिक्का जारी किया
आज हम सभी के लिए बहुत प्रेरणादायक दिन है, आज श्रद्धेय अटल जी की जयंती है: प्रधानमंत्री
केन-बेतवा जोड़ो परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी: प्रधानमंत्री
भारत के इतिहास में बीते दशक को जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा: प्रधानमंत्री
केंद्र देश-विदेश से आने वाले सभी पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने का भी निरंतर प्रयास कर रही है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पै रैवे वारे सबई जनन खों हमाई तरफ़ से हाथ जोर कें राम राम पौचे। मध्यप्रदेश के गर्वनर श्रीमान मंगू भाई पटेल, यहां के कर्मठ मुख्यमंत्री भाई मोहन यादव जी, केंद्रीय मंत्री भाई शिवराज सिंह जी, वीरेंद्र कुमार जी, सीआर पाटिल जी, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जी, राजेंद्र शुक्ला जी, अन्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, अन्य सभी महानुभाव, पूज्य संत गण और मध्यप्रदेश के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों।

आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित इसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं। मोहन यादव जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार का एक साल पूरा हुआ है। मध्यप्रदेश के लोगों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं। इस एक वर्ष में एमपी में विकास को एक नई गति मिली है। आज भी यहां हजारों करोड़ रुपयों की विकास परियोजनाओं की शुरूआत हुई है। आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का दौधन बांध का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट, उसका भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्यप्रदेश का पहला floating plant है। मैं इन परियोजनाओं के लिए एमपी के लोगों को ढेर सारी बधाई देता हूं।

साथियों,

आज हम सभी के लिए बहुत ही प्रेरणदायी दिन है। आज श्रद्धेय अटल जी की जन्म जयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के 100 साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का ये पर्व सुशासन की सु सेवा की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है। थोड़ी देर पहले जब मैं अटल जी की स्मृति में डाक टिक्ट और स्मारक सिक्का जारी कर रहा था, तो अनेक पुरानी बाते मन में चल रही थी। वर्षों वर्षों तक उन्होंने मुझ जैसे अनेक कार्यकर्ताओं को सिखाया है, संस्कारित किया है। देश के विकास में अटल जी का योगदान हमेशा हमारे स्मृति पटल पर अमिट रहेगा। मध्यप्रदेश में 1100 से अधिक अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण का काम आज से शुरू हो रहा है, इसके लिए पहली किस्त भी जारी की गई है। अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को नई गति देंगे।

साथियों,

हमारे लिए सुशासन दिवस सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम भर नहीं है। गुड गर्वनेंस, सुशासन, भाजपा सरकारों की पहचान है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई। मध्य प्रदेश में आप सभी, लगातार भाजपा को चुन रहे हैं, इसके पीछे सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है। और मैं तो जो विद्वान लोग हैं, जो लिखा पढ़ी analysis करने में माहिर हैं।, ऐसे देश के गणमान्य लोगों से आग्रह करूंगा कि जब आजादी के 75 साल हो चुके हैं तो एक बार evaluation किया जाए। एक 100-200 विकास के, जनहित के, गुड गर्वनेंस के पेरामीटर निकाले जाएं और फिर जरा हिसाब लगाएं कि कांग्रेस सरकारें जहां होती हैं वहां क्या काम होता है, क्या परिणाम होता है। जहां left वालों ने सरकार चलाई, कम्युनिस्टों ने सरकार चलाई, वहां क्या हुआ। जहां परिवारवादी पार्टियों ने सरकार चलाई, वहां क्या हुआ। जहां मिली जुली सरकारे चलीं वहां क्या हुआ और जहां जहां भाजपा को सरकार चलाने का मौका मिला, वहां क्या हुआ I

मैं दावे से कहता हूं, देश में जब जब भाजपा को जहां जहां भी सेवा करने का अवसर मिला है, हमनें पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर जनहित के, जनकल्याण के और विकास के कामों में सफलता पाई है। निश्चित मानदंडों पर मूल्यांकन हो जाए, देश देखेगा कि हम जनसामान्य के प्रति कितने समर्पित हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को साकार करने के लिए हम दिन रात पसीना बहाते हैं। जिन्होंने देश के लिए खून बहाया, उनका रक्त बेकार न जाए हम अपने पसीने से उनके सपनों को सींच रहे हैं। और सुशासन के लिए अच्छी योजनाओं के साथ ही उन्हें अच्छी तरह लागू करना भी जरूरी है। सरकार की योजनाओं का लाभ कितना पहुंचा, ये सुशासन का पैमाना होता है। अतीत में कांग्रेस सरकारें घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थी। घोषणाएं करना, , फीता काटना, दीया जलाना, अखबार मे तस्वीर छपवा देना, उनका काम वहीं पूरा हो जाता था। और उसका फायदा कभी भी लोगों को नहीं मिल पाता था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं प्रगति के कार्यक्रम के एनालिसिस में पुराने प्रोजेक्ट देखता हूं। मैं तो हैरान हूं 35-35, 40-40 साल पहले जिसके शिलान्यास हुए, बाद में वहां एक इंच भी काम नहीं हुआ। कांग्रेस की सरकारों की ना तो नीयत थी और ना ही उनमें योजनाओं को लागू करने की गंभीरता थी।

आज हम पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजना का लाभ देख रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसानों को किसान सम्मान निधि के 12 हज़ार रुपए मिल रहे हैं। ये भी तभी संभव हुआ, जब जनधन बैंक खाते खुले। यहां एमपी में ही लाडली बहना योजना है। अगर हम बहनों के बैंक खाते ना खुलवाते, उनको आधार और मोबाइल से ना जोड़ते, तो क्या ये योजना लागू हो पाती? सस्ते राशन की योजना तो पहले से भी चलती थी, लेकिन गरीब को राशन के लिए भटकना पड़ता था। अब आज देखिए, गरीब को मुफ्त राशन मिल रहा है, पूरी पारदर्शिता से मिल रहा है। ये तभी हुआ, जब टेक्ऩॉलॉजी लाने के कारण, फर्ज़ीवाड़ा बंद हुआ। जब एक देश, एक राशन कार्ड जैसी देशव्यापी सुविधाएं लोगों को मिलीं।

साथियों,

सुशासन का मतलब ही यही है, कि अपने ही हक के लिए नागरिक को सरकार के सामने हाथ फैलाना ना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़ें। और यही तो सैचुरेशन की, शत-प्रतिशत लाभार्थी को, शत-प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है। सुशासन का यही मंत्र, भाजपा सरकारों को दूसरों से अलग करता है। आज पूरा देश इसे देख रहा है, इसलिए बार-बार भाजपा को चुन रहा है।

साथियों,

जहां सुशासन होता है, वहां वर्तमान चुनौतियों के साथ ही, भविष्य की चुनौतियों पर भी काम किया जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से, देश में लंबे वक्त तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। कांग्रेस, गवर्नमेंट पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है लेकिन गवर्नेंस का उससे छत्तीस का नाता रहा है। जहां कांग्रेस, वहां गवर्नेंस हो नहीं सकती। इसका बहुत बड़ा खामियाजा दशकों तक यहां बुंदेलखंड के लोगों ने भी भुगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी, यहां के किसानों, यहां की माताओं-बहनों ने बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष किया है। ये हालात क्यों बने? क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थाई समाधान के बारे में सोचा ही नहीं।

साथियों,

भारत के लिए नदी जल का महत्व क्या है, इसको समझने वाले पहले लोगों में और आपको भी जब बताऊं तो आश्चर्य होगा, यहां किसी को भी पूछ लीजिए, हिन्दुस्तान में किसी को पूछ लीजिए, देश आजाद होने के बाद सबसे पहले जल शक्ति, पानी का सामर्थ्य, पानी के लिए दूरदर्शी आयोजन, इसके विषय में किसने सोचा था? किसने काम किया था? यहां मेरे पत्रकार बंधू भी जवाब नहीं दे पाएंगे। क्यों, जो सच्चाई है उसको दबा कर रखा गया, उसे छिपा कर के रखा गया और एक ही व्यक्ति को क्रेडिट देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। और आज मैं बताता हूं, देश आजाद होने के बाद भारत की जलशक्ति, भारक के जल संसाधन, भारत में पानी के लिए बांधों की रचना, इन सबकी दूरदृष्टि किसी एक महापुरूष को क्रेडिट जाती है, तो उस महापुरूष का नाम है बाबा साहेब आंबेडकर। भारत में जो बड़ी नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, इन परियोजनाओं के पीछे डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है, इसके पीछे भी डॉक्टर आंबेडकर के ही प्रयास थे। लेकिन कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण से जुड़े प्रयासों के लिए, बड़े बांधों के लिए बाबा साहेब को श्रेय नहीं दिया, किसी को पता तक चलने नहीं दिया। कांग्रेस इसके प्रति कभी भी गंभीर नहीं रही। आज सात दशक बाद भी देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर कुछ ना कुछ विवाद है। जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, कांग्रेस का ही शासन था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी इसलिए उसने कभी भी ठोस प्रयास नहीं किए।

साथियों,

जब देश में अटल जी की सरकार बनी तो उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था। लेकिन 2004 के बाद, उनके प्रयासों को भी जैसे ही अटल जी की सरकार गई, वो सारी योजनाए, सारे सपने, ये कांग्रेस वालों ने आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब आज हमारी सरकार देशभर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का सपना भी अब साकार होने वाला है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे। छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित मध्यप्रदेश के 10 जिलों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। अभी मैं मंच पर आ रहा था। मुझे यहां अलग अलग जिलों के किसानों से मिलने का मौका मिला, मैं उनकी खुशी देख रहा था। उनके चेहरों पर आनंद देख रहा था। उनको लगता था कि हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन बन गया है।

साथियों,

उत्तरप्रदेश में जो बुंदेलखंड का हिस्सा है, उसके भी बांदा, महोबा, ललितपुर और झांसी जिलों को फायदा होने वाला है।

साथियों,

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जहां नदियों को जोड़ने के महाअभियान के तहत दो परियोजनाएं शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले ही मैं राजस्थान में था, मोहन जी ने उसका विस्तार से वर्णन किया। वहां पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा लिंक परियोजनाओं के माध्यम से कई नदियों का जुड़ना तय हुआ है। इस समझौते का बड़ा लाभ मध्य प्रदेश को भी होने जा रहा है।

साथियों,

21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- जल सुरक्षा। 21वीं सदी में वही देश आगे बढ़ पाएगा, वही क्षेत्र आगे बढ़ पाएगा, जिसके पास पर्याप्त जल होगा और उचित जल प्रबंधन होगा। पानी होगा तभी खेत-खलिहान खुशहाल होंगे, पानी होगा तभी उद्योग-धंधे फलेंगे फूलेंगे, और मैं तो उस गुजरात से आता हूं, जहां के ज्यादातर हिस्सों में साल में ज्यादातर समय सूखा ही पड़ता था। लेकिन मध्य प्रदेश से निकली मां नर्मदा के आशीर्वाद ने, गुजरात का भाग्य बदल दिया। एमपी के भी सूखा प्रभावित इलाकों को पानी के संकट से मुक्त करना, मैं अपना दायित्व सझता हूं। इसलिए मैंने बुंदेलखंड की बहनों से, यहां के किसानों से वादा किया था कि आपकी मुश्किलें कम करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करुंगा। इसी सोच के तहत, बुंदेलखंड में पानी से जुड़ी करीब 45 हज़ार करोड़ रुपए की योजना हमने बनाई थी। हमने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकारों को निरंतर प्रोत्साहित किया। और आज केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत दौधन बांध का भी शिलान्यास हो गया है। इस बांध से सैकड़ों किलोमीटर लंबी नहर निकलेगी। बांध का पानी करीब 11 लाख हेक्टेयर भूमि तक पहुंचेगा।

साथियों,

बीता दशक, भारत के इतिहास में जल-सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा। पहले की सरकारों के दौरान पानी से जुड़ी ज़िम्मेदारियां, अलग-अलग विभागों के बीच बंटी हुई थीं। हमने इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय बनाया। पहली बार, हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया। आज़ादी के बाद के 7 दशक में, सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से जल नल कनेक्शन था। बीते 5 वर्षों में 12 करोड़ नए परिवारों तक हमने नल से जल पहुंचाया है। इस योजना पर अभी तक साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जा चुका है। जल जीवन मिशन का एक और पक्ष है जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती। वो है, पानी की गुणवत्ता की जांच। पीने के पानी को टेस्ट करने के लिए देशभर में 2100 वॉटर क्वालिटी लैब बनाई गई हैं। पानी को टेस्ट करने के लिए गांवों में 25 लाख महिलाओं को ट्रेन किया गया है। इससे देश के हज़ारों गांव ज़हरीला पानी पीने की मजबूरी से मुक्त हो चुके हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, बच्चों को, लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए ये कितना बड़ा काम हुआ है।

साथियों,

2014 से पहले देश में ऐसी 100 के करीब बड़ी सिंचाई परियोजनाएं थीं, जो कई दशकों से अधूरी पड़ी हुई थीं। हम हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करवा रहे हैं। हम सिंचाई के आधुनिक तौर-तरीकों का भी उपयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले 10 साल में करीब-करीब एक करोड़ हेक्टेयर भूमि को माइक्रो इरिगेशन की सुविधा से जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश में भी पिछले 10 साल में करीब 5 लाख हेक्टेयर भूमि माइक्रो इरिगेशन से जुड़ी है। बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग हो इसे लेकर लगातार काम हो रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर, हर जिले में 75 अम़ृत सरोवर बनाने का अभियान भी चलाया गया। इसके तहत देशभर में 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए गए। हमने देशभर में जल शक्ति अभियान: कैच द रेन भी शुरु किया है। आज देशभर में 3 लाख से अधिक री-चार्ज वेल बन रहे हैं। और बड़ी बात ये कि इन अभियानों का नेतृत्व जनता जनार्दन खुद कर रही है, शहर हो या गांव, हर क्षेत्र के लोग इनमें बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। मध्य प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भूजल स्तर सबसे कम था, वहां अटल भूजल योजना चलाई जा रही है।

साथियों,

हमारा मध्य प्रदेश, टूरिज्म के मामले में हमेशा से अव्वल रहा है। और मैं खजुराहो आया हूं और पर्यटन की चर्चा ना करुं ऐसा भला हो सकता है क्या? पर्यटन एक ऐसा सेक्टर है, जो युवाओं को रोजगार भी देता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी ताकत देता है। अब जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है, तो दुनिया में भारत को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है। आज दुनिया भारत को जानना चाहती है, समझना चाहती है। इसका बहुत अधिक फायदा मध्य प्रदेश को होने वाला है। हाल में एक अमेरिकी अखबार में एक रिपोर्ट छपी है। हो सकता है मध्य प्रदेश के अखबारों में भी आपको नजर आई हो। अमेरिका के इस अखबार में छपी खबर में लिखा गया है कि मध्य प्रदेश को दुनिया के दस सबसे आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक बताया गया है। दुनिया के टॉप 10 में एक मेरा मध्य प्रदेश। मुझे बताइये हर मध्य प्रदेश वासी को खुशी होगी कि नहीं होगी? आपका गौरव बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आपका सम्मान बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आपके यहां टूरिज्म बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? गरीब से गरीब को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा?

साथियों,

केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है कि देश और विदेश के सभी पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ें, यहां आना-जाना आसान हो। विदेशी पर्यटकों के लिए हमने ई-वीज़ा जैसी योजनाएं बनाई हैं। भारत में जो हैरिटेज और वाइडलाइफ टूरिज्म है, उसको विस्तार दिया जा रहा है। यहां मध्य प्रदेश में तो इसके लिए अभूतपूर्व संभावनाएं हैं। खजुराहो के इस क्षेत्र में ही देखिए, यहां इतिहास की, आस्था की, अमूल्य धरोहरें हैं। कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर अनेक आस्था स्थल हैं। भारत के पर्यटन का प्रचार करने के लिए हमने देशभर में जी-20 की बैठकें रखी थीं। एक बैठक यहां खजुराहो में भी हुई थी। इसके लिए, खजुराहो में एक अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र भी बनाया गया।

साथियों,

केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, मध्य प्रदेश को सैकड़ों करोड़ रुपए दिए गए हैं। ताकि यहां इको टूरिज्म सुविधाओं का, पर्यटकों के लिए नई सुविधाओं का निर्माण हो सके। आज साँची और अन्य बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जा रहा है। गांधीसागर, ओंकारेश्वर डेम, इंदिरा सागर डेम, भेड़ा घाट, बाणसागर डेम, ये इको सर्किट का हिस्सा हैं। खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी, मांडू, ऐेसे स्थलों को हेरिटेज सर्किट के रूप में कनेक्ट किया जा रहा है। पन्ना नेशनल पार्क को भी वाइल्डलाइफ सर्किट से जोड़ा गया है। बीते वर्ष तो पन्ना टाइगर रिजर्व में ही करीब ढाई लाख पर्यटक आए हैं। मुझे खुशी है कि यहां जो लिंक नहर बनाई जाएगी, उसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के जीवों का भी ध्यान रखा गया है।

साथियों,

पर्यटन बढ़ाने के ये सारे प्रयास, स्थानीय अर्थव्यस्था को बड़ी ताकत देते हैं। जो पर्यटक आते हैं, वे भी यहां का सामान खरीदते हैं। यहां ऑटो, टैक्सी से लेकर होटल, ढाबे, होम स्टे, गेस्ट हाउस, सभी को फायदा पहुंचाता हैं। इससे किसान को भी बहुत फायदा होता है, क्योंकि दूध-दही से लेकर फल-सब्जी तक हर चीज के उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं।

साथियों,

बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश ने अनेक पैमानों में शानदार काम किया है। आने वाले दशकों में मध्य प्रदेश, देश की टॉप इक़ॉनॉमीज में से एक होगा। इसमें बुंदेलखंड की बहुत बड़ी भूमिका होगी। विकसित भारत के लिए विकसित मध्य प्रदेश बनाने में बुंदेलखंड का रोल अहम होगा। मैं आप सभी को भरोसा देता हूं डबल इंजन की सरकार इसके लिए ईमानदारी से प्रयास करती रहेगी। एक बार फिर, आप सभी को, ढेर सारी शुभकामनाएं। ये आज का कार्यक्रम है ना, इतना बड़ा कार्यक्रम, इस कार्यक्रम का मतलब मैं समझता हूं। इतन बड़ी संख्या में माताओं बहनों का आने का मतलब समझता हूं। क्योंकि ये पानी से जुड़ा काम है और हर जीवन से जुड़ा हुआ होता है पानी और ये आशीर्वाद देने के लिए लोग आए हैं ना, उसका मूल कारण पानी है, पानी के लिए काम कर रहे हैं और आपके आशीर्वाद से हम इन कामों को निरंतर करते रहेंगे, मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!