भारत माता की जय..!
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजनाथ सिंह जी, पूरे छत्तीसगढ़ की छाती को सारी दुनिया के अंदर एक ताकतवर छाती के रूप में बनाने वाले मितभाषी मेरे मित्र मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह जी, छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष श्रीमान् रामसेवक पैकरा जी, विधानसभा के अध्यक्ष आदरणीय श्री धरम लाल जी, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और राज्यसभा के सदस्य श्री जगत प्रकाश नड्डा जी, मंच पर विराजमान छत्तीसगढ़ सरकार के भिन्न-भिन्न आदरणीय मंत्रीगण, सांसद गण, विधायक गण और विशाल संख्या में पधारे हुए प्यारे भाइयों और बहनों..!
मैं सरगुजा कई बार आया हूँ, अंबिकापुर में भी छोटी मीटिंगों से लेकर के बड़ी जनसभाएं करने का भी मुझे अवसर मिला है, लेकिन आज मुझे स्वीकार करना होगा कि मैंने सरगुजा की धरती पर इससे पूर्व ऐसा जनसागर कभी देखा नहीं है, ऐसा विराट दृश्य कभी देखा नहीं है और इस द्रश्य को देख कर के मुझे लगता है कि कल तक हम कहते थे सरगुजा, अब कहेंगे ‘सर ऊंचा’, सरगुजा ने छत्तीसगढ़ का सिर ऊंचा कर दिया है..! मैं सरगुजा के सभी भाइयों-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ..!
हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति यात्रा करके आता है और आप उस यात्री को अगर नमन करते हो तो उसका आधा पुण्य आपको मिलता है। ये मेरा सौभाग्य है कि छह हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा करके, समाज व्यवस्था के चरण स्पर्श करके, आज सरगुजा पहुंचे हुए एक यात्री डॉ. रमण सिंह जी को नमन करने का मुझे सौभाग्य मिला है। इस यात्रा का पुण्य ले जाने के लिए मैं नहीं आया हूँ, मैं इस यात्रा के पुण्य को इस छत्तीसगढ़ की धरती को नमन करके समर्पित करता हूँ..!
मित्रों, जब-जब छत्तीसगढ़ के बारे में सोचता हूँ तो मुझे अटल बिहारी बाजपेयी जी के उस महान निर्णय पर नमन करने का मन करता है। मैंने संयुक्त मध्यप्रदेश में भी काम किया है और जब अलग छत्तीसगढ़ बना, तो उन दिनों में भी मैं आपके बीच में संगठन का काम करता था। भारतीय जनता पार्टी की कार्य संस्कृति क्या है, निर्णय प्रक्रिया क्या है, साशन चलाने के तौर तरीके क्या है, इसका उत्तम उदाहरण देखना है तो छत्तीसगढ़ की रचना, उत्तराखंड की रचना, झारखंड की रचना देखिए और उधर कांग्रेस ने तेलंगाना बना कर के जो पूरे आंध्र में आग लगा दी है..! किस तरीके से बनाया..! जब छत्तीसगढ़ बना तो मध्यप्रदेश भी मीठाई बांट रहा था और छत्तीसगढ़ भी मीठाई बांट रहा था, जब उत्तराखंड बना तो उत्तर प्रदेश भी मीठाई बांट रहा था और उत्तराखंड भी मीठाई बांट रहा था, जब झारखंड बना तो बिहार भी मीठाई बांट रहा था और झारखंड भी मीठाई बांट रहा था... लेकिन जब तेलंगाना बना तो कर्फ्यू लगाने पड़े..! ये कांग्रेसी कार्यशैली का नमूना है..!
सबको विश्वास में ले करके, उनके हर सवाल का समाधान करते हूए, निर्णयों की प्रक्रिया को विकसित की जा सकती है, लेकिन वो संस्कार अहंकार से भरी हुई कांग्रेस के पास से अपेक्षा करने जैसे नहीं है। कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है। और इस देश के नागरिकों को नागरिक मानने के लिए तैयार नहीं है। जैसे सामान्य मानवी को एक वोट बैंक की तरह हमेशा ही उसके साथ व्यवहार करते हुए आए हैं। और उसका परिणाम ये है कि आज वो जहाँ भी हाथ लगाते हैं सोना मिट्टी हो जाता है, समस्याएं विकराल हो जाती हैं, संकट गहरे हो जाते हैं और जनता की पीड़ा अपरंपार बढ़ जाती है, ये कांग्रेस की परंपरा रही है और दिल्ली सरकार ने क्या किया..?
भाइयो-बहनों, छत्तीसगढ़ के कार्यकाल के प्रारंभ से मैं यहाँ से जुड़ा हूँ और जब डॉ. रमण सिंह जी यहाँ मुख्यमंत्री बने तब उनके सामने दो रास्ते थे। एक तो दिन रात रोते रहना कि हम मध्य प्रदेश से निकले हैं, यहाँ पर तो सब आदिवासियों की जनसंख्या है, यहाँ पर बिजली नहीं है, पानी नहीं है, सड़के नहीं हैं, क्या करेंगे... दिल्ली कुछ दे दे, दिल्ली कुछ दे दे, दिल्ली कुछ दे दे..! एक तो ये रास्ता हो सकता था..! और दूसरा रास्ता ये हो सकता था कि छत्तीसगढ़ जैसा हो वैसा, लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे, छत्तीसगढ़ के सामर्थ्य को जुटाएंगे, छत्तीसगढ़ के नौजवानों को जोड़ेंगे, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ विकास की नई राह को चुन लेंगे..!
और रमण सिंह जी ने दिल्ली के दरबार में समय बिताने का रास्ता नहीं चुना, मैं उनका अभिनंदन करता हूँ, उन्होंने तय किया कि दिल्ली कुछ करे या ना करे, दिल्ली साथ दे या ना दे, दिल्ली रुकावट डालती रहे, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता के भरोसे, छत्तीसगढ़ के संसाधनों के भरोसे हिन्दुस्तान में एक शानदार राज्य प्राप्त करके दिखाउंगा, ये रास्ता उन्होंने चुना..! ये रास्ता कठिन था, दिल्ली जा कर के मांगने का रास्ता सरल होता। और आए दिन कई मुख्यमंत्रियों की आदत होती है, वे राज्य का भला नहीं कर सकते, दिल्ली में जाकर के रोते बैठते हैं..! रमण सिंह जी ने रोते हुए बैठना पंसद नहीं किया और वे दिल्ली के साथ लड़ते भी रहे, झूझते भी रहे, लेकिन कभी झुकते नहीं दिखे, ये रमण सिंह जी की ताकत है और उसके कारण आज छत्तीसगढ़ खड़ा हो गया..!
भाइयों-बहनों, दिल्ली में भी एक सिंह है, और छत्तीसगढ़ में भी एक सिंह है। दिल्ली में डॉ. मनमोहन सिंह को दस साल होने जा रहे हैं और छत्तीसगढ़ में रमण सिंह जी को भी दस साल होने जा रहे हैं। वे भी डोक्टर हैं, ये भी डॉक्टर हैं। ये इंसान के डॉक्टर हैं, वे रूपयों के डॉक्टर हैं। उन्होंने पी.एच.डी. किया हुआ है फाइनेंस में, रमण सिंह जी में छत्तीसगढ़ को एक ऐसे डॉक्टर मिले जिन्होंने अपनी डॉक्टरी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के हर इंसान को शानदार और जानदार बना दिया, यहाँ के इंसान को प्राणवान बना दिया..! और दिल्ली के सिंह जो रूपये के डॉक्टर थे, और रूपया आज अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच खड़ा हुआ है..! इन दिनों सोशल मीडिया की ताकत बहुत बड़ी है। फेसबुक, ट्विटर, वॉट्स-ऐप... ना जाने क्या-क्या चल रहा है..! मुझे किसी ने एक मेल भेजा, बड़ा इन्टरेस्टिंग था। उसने महात्मा गांधी की एक तस्वीर भेजी। महात्मा गांधी की उस तस्वीर में महात्मा गांधी सूक्ष्मदर्शक यंत्र को देख रहे हैं। ये तस्वीर हम सब लोगों ने देखी है बचपन में, कई किताबों में भी होती है। लेकिन वो सोशल मीडिया में जो नौजवान होते हैं उनका दिमाग बहुत तेज काम करता है। उसमें लिखा था कि महात्मा गांधी सूक्ष्मदर्शक यंत्र में हिन्दुस्तान का रूपया खोज रहे हैं और खुद की तस्वीर कहाँ गई वो ढूंढ रहे हैं..! मित्रों, क्या हाल करके रखा है..!
मित्रों, राष्ट्र के जीवन में कभी-कभी अच्छे-बुरे दिन आते हैं, कभी संकट भी आता है, लेकिन इस संकट के समय नेतृत्व की कसौटी होती है कि वो जनता जनार्दन को भरोसा कैसे दें, जनता जनार्दन के विश्वास को टूटने ना दें, संकटों से बाहर आने की कोशिशों में जनता का भरोसा हो..! मित्रों, पहली बार हिंदुस्तानने पिछले दस साल में दिल्ली में ऐसी सरकार देखी है जिस सरकार के हर कारनामे अंहकार से भरे हुए हैं। जिस सरकार की हर कार्यशैली, जनता को कोई जवाब नहीं देना, जवाबदेही से मुक्त अपने आप को तीसमार खां मानना, इस प्रकार का उनका कार्यकाल रहा है। देश की सामान्य जनता मंहगाई के कारण मर रही है, गरीब के घर में शाम को चुल्हा नहीं जल रहा है, बच्चे आंसू पी कर के सो रहे हैं, लेकिन दिल्ली में बैठी हुई सरकार गरीबों की परिभाषाएं करने में लगी हुई है। जिस प्लांनिग कमीशन के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री हैं, वो प्लानिंग कमीशन कहता है कि शहर में व्यक्ति को जीने के लिए 32 रूपया काफी है और गाँव में गरीब को जीने के लिए 27 रूपया काफी है..!
भाइयों-बहनों, आज 32 रूपयों में मुश्किल से चाय भी दो टाइम नहीं मिल सकती है, लेकिन दिल्ली की सरकार की गरीबी के हिसाब ऐसे है कि वे घोषणा करते हैं..! उनके एक मंत्री, उनके एक नेता, उनके स्पोक्स-पर्सन चीख-चीख कर दुनिया को समझा रहे हैं कि अरे, पाँच रूपये में तो जैसा चाहिए वैसा खाना मिल जाता है..! ये बोलने वाले लोगों पर मुझे नाराजी नहीं है, इस प्रकार की बातें करने वाले लोगों पर मुझे गुस्सा नहीं है, मुझे बहुत पीड़ा है कि दिल्ली में ऐसे लोग बैठे हैं जिनको हिन्दुस्तान के गरीब को खाने में कितना खर्च होता है उसका पता तक नहीं है, ऐसे लोग बैठे हैं कि जिनको ये तक मालूम नहीं है कि गरीब कैसे जिदंगी गुजार रहा है..! मेरा आदिवासी, मेरा गरीब, मेरे शोषित, पीड़ित, वंचित भाई-बहन..! जिनको ये भी मालूम नहीं है कि माँ घर में बच्चों को कितनी कठिनाई से दो टाइम खाना खिलाती है, उनको ये तक मालूम नहीं है..! जो आपके दर्द नहीं जानता, जो आपकी पीड़ा नहीं जानता, जो आपके दर्द को नहीं समझ पाए, वो आपके दर्द की दवा कैसे कर सकता है, भाइयों-बहनों..? और इसलिए मैँ कहता हूँ कि दिल्ली का पूरा शासन संवेदनाहीन है, मानवता हीन है, उनसे गरीब की भलाई की अपेक्षा करना मुश्किल काम है..!
मैं तो हैरान हूँ कि कांग्रेस जिनके भरोसे अपनी नैया पार करना चाहती है, जिनको कहीं से सूरज का ताप ना लग जाए, ठंड ना लग जाए, किसी के शब्द बाण ना लग जाएं, इसलिए बड़ा सुरक्षित रखा हुआ है, चारों तरफ से उसको बचाने के लिए भरपूर कोशिश की गई है, लेकिन फिर भी कभी-कभी आवाज बाहर निकल आती है और जब आवाज सुनते हैं तो सिर पटकने का मन करता है..! मित्रों, गरीबी का सबसे बड़ा मजाक किया कांग्रेस के ये आशास्पद नेता, जिनके भरोसे कांग्रेस चलना चाहती है, उन्होंने कहा कि गरीबी तो स्टेट ऑफ माइंड है, ये मन की स्थिति का परिणाम है, गरीबी-बरीबी कुछ होती नहीं है..! मैं हैरान हूँ ये वाक्य सुन कर के..! उनकी नानी, जो गरीबी हटाओ के नारे लगा रही थी, उनको कितनी पीड़ा हुई होगी कि उनकी तीसरी पीढ़ी आते-आते उनको लगने लगा कि गरीबी तो मन की अवस्था है, गरीबी जैसा कुछ होता नहीं है..! भाइयों-बहनों, गरीबों के दु:ख-दर्द पर एसिड छिड़कने का काम किया है। उनके घाव पर मलहम लगाने के बजाय उनके घाव को गहरा करने का प्रयास हुआ है। और इसके ये कहने के बाद भी अभी तक अपने इस वाक्यों के प्रति ना कोई शोक का, ना कोई दर्द का, ना कोई पीड़ा का, इस देश की जनता को कोई अहसास तक नहीं हुआ है, और उसका मूल कारण है कि कांग्रेस पार्टी अहंकार के सातवें आसमान पर चल रही है। और भाइयों-बहनों, जब जनता जनार्दन को, उसके अरमानों को, उसकी आशा-आकांक्षाओं को कुचलने का प्रयास होता है, तब ये जनता जनार्दन लोकतांत्रिक ताकतों से उनके अहंकार को चूर-चूर कर देती है और मुझे विश्वास है कि आने वाले छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की इस पूरी पंरपरा को छत्तीसगढ़ की जनता हमेशा-हमेशा के लिए उखाड़ फैंकेगी..!
भाइयों-बहनों, विकास की नई ऊचांइयों को पार करना..! मैं यहीं पर 2008 में आया था, जब गरीबों को चावल देने की योजना का प्रारंभ हुआ था। और मैं डॉ. रमण सिंह जी का आभारी हूँ कि चावल की उस योजना का आरंभ करते समय, उस पवित्र कार्य में शरीक होने का मुझे सौभाग्य दिया था। ‘चावल वाले बाबा’ घर-घर में गुंजने लग गए थे, इसलिए नहीं कि किसी अखबार ने तंत्री लेख लिखा था, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने गरीबों की भलाई के लिए काम किया था..!
मित्रों, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सरकार को आए दिन कोई ना कोई डंडा मारा है। ये वही सुप्रीम कोर्ट है जिसने डॉ. रमण सिंह जी की गरीबों को अन्न वितरण करने की पूरी व्यवस्था के संबंध में सराहा था और हिन्दुस्तान की सरकार को कहा था कि छत्तीसगढ़ से कुछ सीखो, छत्तीसगढ़ की योजना को लागू करो, ये भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कहा था..! भाइयों-बहनों, ये छत्तीसगढ़ के शान की बात है, छत्तीसगढ़ के गौरव की बात है, इतना महान काम डॉ. रमण सिंह जी ने करके दिखाया है और विकास को प्राथमिकता देने वाले व्यक्ति रहे हैं..!
मित्रों, हम भारतीय जनता पार्टी की सरकारों का एक चरित्र है, हम लोगों की एक कार्य संस्कृति है, हमारी कार्यशैली है, कि हम राजनैतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करते हैं। हम ‘सर्व समाज को लिए साथ में आगे है बढ़ते जाना’, इस मंत्र को लेकर के काम करने वाले लोग हैं। और इसलिए हिन्दुस्तान में किसी भी दल की सरकार क्यों ना हो, कोई भी राज्य क्यों ना हो, लेकिन वहाँ अगर कोई अच्छी बात हुई हो तो हमारी सरकारें उसका अध्ययन करती है, उसमें जो अच्छाईयाँ हो वो लेती हैं और उसको और अच्छा करने का प्रयास करती है..! हमने जब छत्तीसगढ़ की पी.डी.एस. सिस्टम के संबंध में सुना था, तो मैंने छत्तीसगढ़ के अफसरों को गुजरात बुलाया था और मैंने कहा था कि भाई, आपने इतना अच्छा काम किया है, तो हमें सिखाओ..! और यहाँ के अफसर दो दिन मेरे यहाँ आ करके रहे थे, हमारे सभी अफसरों को सिखाया था और मैंने खुद दो घंटे बैठ कर के इस छत्तीसगढ़ की योजना का अध्ययन किया था और हमने हमारे यहाँ उसको लागू किया था। मित्रों, ये हमारी संस्कृति है, हम हिन्दुस्तान में कहीं पर भी अच्छा हो, तो उसको सीखते हैं, अच्छा करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि हमारा सपना है कि भारत माता जगतगुरू के स्थान पर विराजमान हो, हमारा देश गरीबी से मुक्त हो, हमारी माताएं-बहनें सुरक्षा के साथ, सम्मान के साथ गौरवपूर्ण जीवन जीएं..! हमारा सपना है कि हमारे नौजवानों को रोजगार मिले। परमात्मा ने उनको दो भुजाएं दी हैं, मस्तिष्क दिया है, उसको स्किल मिलना चाहिए, हुनर मिलना चाहिए, अवसर मिलना चाहिए, इन बातों पर हमने बल दिया है और उसी का परिणाम है कि आज भारतीय जनता पार्टी की सभी सरकारें वहाँ की जनता की आशा-आकांक्षाओं की पूर्तिै करने की कसौटी पर पार उतरती चली जा रही हैं..!
हर पल नए विकास की बातें आपको सुनाई देती हैं। हमारे शिवराज जी हो मध्य प्रदेश में, हमारे रमण सिंह जी हो छत्तीसगढ़ में, कभी हमें अवसर मिला हिमाचल में, कभी मिला राजस्थान में, कभी आप गोवा में जाकर देखिए, कर्नाटक में जाकर देखिए, जहाँ-जहाँ पर भारतीय जनता पार्टी को सेवा करने का अवसर मिला है, हमने जनता की सेवा करने में कोई कोताही नहीं बरती है। हमने शासन को राजनीतिक खेल का हथियार नहीं बनाया है, हमने शासन और प्रशासन को विकास के लिए एक ऊर्जावान स्रोत के रूप में उपयोग किया है, ये हमारी कार्यशक्ति रही है और उसी कार्यशैली को लेकर के हम आगे बढ़ना चाहते हैं..!
भाइयों-बहनों, आने वाले दिनों में चुनाव हैं। मैं एक बात यहाँ के नौजवानों को कहना चाहता हूँ। आपका मन तो करता है कि रमण सिंह जी तीसरी बार चुन कर के आएं, लेकिन अगल-बगल में देखोगे तो कई नौजवान ऐसे होंगे जिनकी आयु 18-19-20 साल की हुई है और वे मतदाता के नाते रजिस्टर नहीं हुए हैं। ये हम सबका काम है कि हमारे छत्तीसगढ़ का कोई भी नौजवान मतदाता सूची से वंचित ना रह जाए। एक जन आंदोलन खड़ा होना चाहिए, जन जागरण होना चाहिए और सभी मतदाओं को इस बात का गर्व होना चाहिए कि भारत के संविधान ने आज मुझे सरकार चुनने का अधिकार दे दिया..! जिस दिन मताधिकार मिले, वो जीवन की एक गौरवपूर्ण घटना होनी चाहिए, ये माहौल हमें बनाना चाहिए। और मैं चाहता हूँ कि छत्तीसगढ़ के नौजवान इस काम में जो भी कर सकते हैं, पूरी ताकत से करें..!
भाइयों-बहनों, हिन्दुस्तान के अंदर श्रीमती इंदिरा गांधी के समय से गरीबों के कल्याण के लिए एक बीस मुद्दा योजना चल रही है। सभी सरकारों ने इसे चालू रखा, अटल जी ने भी चालू रखा था, मोरारजी भाई ने भी चालू रखा था। और हर तीन महीने पर इसका मूल्यांकन होता था। भाइयों-बहनों, सारे रिकार्ड गवाह हैं, हर मूल्यांकन में गरीबों की भलाई के इस टवेंटी पाइंट प्रोग्राम के इम्पलीमेंटेशन में हमेशा या तो भाजपा की सरकारें या फिर एन.डी.ए. की सरकारें पहले पाँच में आई। मित्रों, कांग्रेस की एक भी सरकार को गरीबों की भलाई के किसी काम को लागू करने में एक से पाँच के अंदर कभी मौका नहीं मिला है..! और जब एक बार प्रधानमंत्री के सामने मैंने ये गर्वपूर्ण बात कही तों कांग्रेस वाले चौंक गए और उन्होंने अपनी सरकारों में सुधार लाने के लिए कुछ नहीं किया, उन्होंने क्या किया कि मूल्याकंन करना ही बंद कर दिया। मूल्याकंन करें तो नम्बर मिले और तब जा कर के उनकी बुराई हो..! भाइयों-बहनों, इस प्रकार की अगर सोच है तो कभी विकास की स्पर्धा नहीं हो सकती..!
भाइयों-बहनों, आज देश को आवश्यकता है कि कौन सा राज्य किससे आगे बढ़ रहा है, विकास की यात्रा में कौन सा राज्य ज्यादा योगदान दे रहा है, उस पर बल दिया जाए। और मैं आज गर्व के साथ कहता हूँ, हिन्दुस्तान के अंदर पिछले दस साल में सर्वाधिक विकास करने वाला कोई राज्य है तो वो भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित राज्य है और उन्होंने प्रगति की नई ऊंचाइयों को पार किया है। और एक दिल्ली सरकार है, पिछले साठ साल में जितनी तबाही नहीं हुई थी इतनी तबाही इन दस सालों में हुई है..! इन दिनों संसद में चर्चा चल रही थी कि कोयले की फाइलें खो गई। पूरी संसद इस पर चर्चा कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट पूछ रही है कि कोयले की फाइलें गुम हो गई, तो कहाँ गई..? भाइयों-बहनों, संसद तो इस बात की चिंता कर रही है कि कोयले की फाइलें कहाँ खो गईं, लेकिन सवा सौ करोड देशवासी चर्चा कर रहे हैं कि हमारी हिन्दुस्तान की सरकार कहाँ खो गई..? पूरी सरकार खो गई, सिर्फ फाइल नहीं, पूरी सरकार खो गई..! तिजोरी से रूपये खो गए हैं, ईमान खो गया है..! भाइयों-बहनों, ऐसी दुदर्शा हिन्दुस्तान ने कभी देखी नहीं है..! और इसलिए भाइयों-बहनों, महामाया की इस पवित्र धरती से मैं आह्वान करता हूँ, समय की माँग है कि देश को बचाने का बीड़ा एक एक नागरिक उठाए, एक-एक नौजवान उठाए, देश को तबाह करने वाली सरकारों को उखाड़ फैंकने का संकल्प कर आगे बढ़ें..!
सुशासन को साकार करना समय की मांग है और उसको लेकर आगे बढ़ें। और भाइयों-बहनों, जब मैं सरकार की बात करता हूँ तो मेरे विचार बहुत साफ हैं, मैं इस स्पष्ट मत का हूँ, सरकार का एक ही धर्म होता है, ‘नेशन फर्स्ट’..! सरकार का एक ही धर्म ग्रंथ होता है, ‘भारत का संविधान’..! सरकार की एक ही भक्ति होती है, ‘भारत भक्ति’..! सरकार की एक ही पूजा होती है, ‘सवा सौ करोड़ देशवासियों की भलाई’..! सरकार की एक ही कार्यशैली होती है, ‘सबका साथ, सबका विकास’..! और इसी मंत्र को लेकर के हिन्दुस्तान को भव्य और दिव्य बनाने का सपना लेकर के आगे बढ़ें, रमण सिंह जी के नेतृत्व में तीसरी बार छत्तीसगढ़ को हम आगे बढ़ाएं..!
भाइयों-बहनों, आने वाले पाँच वर्ष छत्तीसगढ़ के जीवन लिए महत्वपूर्ण हैं। अब छत्तीसगढ़ तेरह साल का हो चुका है। और हमने अपने घर में भी देखा है, तेरह साल तक बच्चे का ज्यादा विकास नहीं होता है। कपड़े पुराने दो-दो साल तक चलते हैं, ना उसकी आवाज में बदलाव आती है ना उसकी रहन-सहन में बदलाव आती है। लेकिन तेरह साल के बाद अठारह साल तक बच्चे इतना तेजी से बढ़ने लगते हैं कि हर छह महीने में कपड़े नए लाने पड़ते हैं, एकदम से उनका विकास होने लगता है, तरुणाई आ जाती है..! भाइयों-बहनों, आने वाले पाँच साल, पिछले दस साल से अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसी पाँच साल में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की केयर-टेकिंग की आवश्यकता है। जैसे बेटी-बेटों का तेरह साल से अठारह साल में माँ-बाप बहुत ख्याल रखते हैं, वैसे ही ये तेरह से अठारह साल छत्तीसगढ़ की सबसे ज्यादा चिंता करने की जरूरत है। ऐसे विकास का दौर होने वाला है जिसको संभालने के लिए योग्य व्यक्ति की जरूरत है। और मैं दस साल के अनुभव से कहता हूँ कि 13 से 18 साल के पाँच वर्ष छत्तीसगढ़ को नई ताकत से उभरने का समय है, छत्तीसगढ़ का हाथ-पैर फैलाने का समय है, छत्तीसगढ़ को नई ऊचाइयों को पार करने का समय है, उस समय कोई गलती ना हो..! फिर एक बार डॉ. रमण सिंह के हाथ में छत्तीसगढ़ सुपुर्द कीजिए, ये जवानी के पाँच साल छत्तीसगढ़ को एक नई ताकत दे देंगे। और एक बार 18 साल तक छत्तीसगढ़ बनते बनते मजबूत और ताकतवर बन गया, तो साठ-सत्तर साल तक कभी बीमारी नहीं आएगी, कोई कठिनाई नहीं आएगी..! आने वाले पाँच-छह दशक के भविष्य की ये रमण सिंह जी नींव डाल कर जाएंगे, ये मुझे पूरा विश्वास है और इसलिए मैं आग्रह करता हूँ, फिर एक बार भाजपा को अवसर दीजिए, फिर एक बार डॉ. रमण सिंह को अवसर दीजिए, फिर एक बार छत्तीसगढ़ की तरूणाई को खिलने का अवसर दें, इसी एक अपेक्षा के साथ मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं..!