भाइयों-बहनों, हमने बहुत चुनाव देखे हैं। चुनाव में उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं, राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं, लेकिन पहली बार मैं देख रहा हूं कि जनता जर्नादन चुनाव लड़ रही है..! ऐसा लगता है कि जनता ने फैसला कर लिया है और मैं जिस हवा का रूख देख रहा हूं वह सिर्फ राजस्थान में नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान में फैला हुआ है। भाइयों-बहनों, 8 दिसम्बर को हम राजस्थान भी जीतेगें और हिंदुस्तान भी जीतेगें..!
भाइयों-बहनों, मैडम सोनिया जी यहां राजस्थान में आई थी और उन्होने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने ऐसी सेवा की है, ऐसा काम किया है कि राजस्थान विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंच गया है..! क्या आप लोगों के गले यह बात उतरती है...? क्योंकि बाहर वाले के सर्टिफिेकेट देने का कोई मतलब नहीं बनता, यहां की जनता जो कहे वही फाइनल है..! क्या आपको इस बात का भरोसा है..? क्या आपको इस बात में कोई सच्चाई नज़र आती है..? भाइयों-बहनों, आपकी बात छोडिए, स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को लताड़ा था। इस देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर आप कानून व्यवस्था संभाल नहीं पाते हैं तो सब कुछ छोड़ दीजिए..! वहीं राजस्थान की हाईकोर्ट ने कहा था कि आपको सरकार चलाना नहीं आता है..! इतना ही नहीं, यहां पर उन्ही की पार्टी से आई गर्वनर मैडम बैठी हैं। गर्वनर मैडम ने कहा, न आप रोड़ ठीक कर सकते हैं, न आदिवासियों का भला कर पा रहे हैं, अगर आपको काम करना नहीं आता है तो वह काम मुझे सौंप दीजिए, मैं करके दिखाऊंगी..! सुप्रीम कोर्ट सरकार पर शक करे, हाईकोर्ट सरकार को लताड़े, आपके खुद के गर्वनर आपकी सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करें और फिर भी मैडम कहती हैं कि यहां सब कुछ अच्छा हो रहा है..! अच्छा मैडम, आप सुप्रीम कोर्ट को मानिए या न मानिए, हाईकोर्ट को मानिए या न मानिए, गर्वनर को मानिए या न मानिए... कम से कम शहजादे को तो मानिए, अरे उनकी बात पर तो भरोसा कर लो..!
भाइयों-बहनों, कांग्रेस के शासन में राजस्थान में 40 से अधिक दंगे हुए। जब भरतपुर जिले में दंगा हुआ तो शहजादे राजस्थान सरकार को अंधेरे में रखकर, बिना बताए भरतपुर आए। दूसरे की मोटरसाईकिल पर सवार होकर दंगा पीडि़त इलाके में पहुंच गए। भाइयों-बहनों, राज्स्थान वालों को पता है न कि मोटरसाईकिल कौन चला रहा था..? उनकी इतिहास भूगोल पूरे राजस्थान को मालूम है न..? उनके काम और कारनामे सभी को पता है न..? वे मोटरसाईकिल चला रहे थे और मोटरसाईकिल चोरी की थी..! वाह, क्या सीन है..! आप सोचिए, शहजादे एक हिस्ट्रीशीटर के साथ मोटरसाईकिल पर बैठने को तो तैयार है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ उनके बगल में बैठने को तैयार नहीं है..! शहजादे चोरी की मोटरसाईकिल पर बैठना पसंद करते हैं, लेकिन अपनी पार्टी की राजस्थान सरकार की गाड़ी में बैठने को तैयार नहीं है, ये कैसा अविश्वास है..!
भाइयों-बहनों, जिस सरकार के काम को कोई भी संवैधानिक संस्था अच्छा नहीं कहती है, उस सरकार पर हम भरोसा कैसे करें..? जब हमारा देश आजाद हुआ, उसके बाद अनेक देश आजाद हुए, कई छोटे-छोटे देश आजाद हुए, लेकिन वो देश हमसे भी आगे निकल गए और हमारी स्थिति बद से बदतर होती गई..! मित्रों, अगर देश आजाद होने के बाद, स्वराज मिलने के बाद, सुराज पर ध्यान केन्द्रित किया होता, तो देश की ये दशा नहीं होती। आज हमारे देश के सामने सबसे बड़ी समस्या है, बैड गवर्नेंस..! जब तक हम देश में कुशासन से मुक्ति पाकर सुशासन की ओर आगे नहीं बढ़ते, हम देश की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाएंगे..!
भाइयों-बहनों, गुड गवर्नेंस में कांग्रेस का भरोसा नहीं है। उन्हे लगता है कि जोड़तोड़ की राजनीति के द्वारा सरकारें बनती चली जाएगी, अपनी गाड़ी चलती जाएगी, जेब भरते जाएंगें, दो-पांच पीढ़ी का भला हो जाएगा, यही कांग्रेस पार्टी की सोच है..! भाइयों-बहनों, ये बैड गवर्नेंस एक ऐसी बीमारी है जो पूरे हिंदुस्तान को भीतर से खोखला कर रही है। ये बैड गवर्नेंस एक ऐसी बीमारी है जो हिंदुस्तान के हर व्यक्ति के मन में निराशा का भाव पैदा करती है, अविश्वास का भाव पैदा करती है और कभी-कभी आक्रोश को भी जन्म देती है..! जैसे शरीर दिखने में कितना ही स्वस्थ क्यूं न हो, वजन सही हो, लम्बाई अच्छी हो, बैठना-उठना बराबर हो, लेकिन अगर शरीर में एक बार डायबटीज हो जाए तो शरीर भीतर से खोखला होना शुरू हो जाता है। शरीर में एक बार डायबटीज होने पर वह हर बीमारियों को निमंत्रण देना शुरू कर देता है। भाइयों-बहनों, इसी तरह ये बैड गवर्नेंस हिंदुस्तान के जे़हन में डायबटीज की तरह है, जो भारत को अंदर से खोखला कर रहा है..!
भाइयों-बहनों, आज गुजरात विकास की नई ऊंचाईयों को छू रहा है उसका मूलभूत कारण गुड गवर्नेंस है, सुशासन है। लोगों को अपने सवालों के जवाब मिलने चाहिए, लोगों की बातों की सुनवाई होनी चाहिए, समस्याओं का समाधान होना चाहिए। भाइयों-बहनों, सरकार अमीरों के नहीं होती है और न ही होनी चाहिए..! अगर अमीर बीमार होता है तो दुनिया भर के डॉक्टर उसके दरवाजे खटखटाने लग जाते हैं, लेकिन अगर गरीब बीमार हो जाएं तो उसके पास सरकारी अस्पताल के सिवाय कोई चारा नहीं होता है। अमीर के बेटे को पढ़ना होता है तो वह दुनिया के अच्छे-अच्छे टीचर हायर करके रख सकता है लेकिन गरीब के बच्चे को पढ़ना हो, तो उसके नसीब में सरकारी स्कूल के सिवाय कुछ नहीं होता। मित्रों, सरकार गरीब के लिए होनी चाहिए..! अगर इनके दिलों-दिमाग में गरीब के प्रति थोड़ा सा भी लगाव होता, तो राजस्थान के सरकारी स्कूलों में एक लाख से ज्यादा टीचर्स की जगह खाली नहीं होती। भाइयों-बहनों, आप लोग ही बताइए... क्या राजस्थान के नौजवान टीचर बनने के लायक नहीं हैं..? क्या आप लोग टीचर बन सकते हैं या नहीं..? बच्चों को पढ़ा सकते हैं या नहीं..? लेकिन इस राजस्थान की सरकार को आप पर भरोसा नहीं है..! एक लाख से अधिक टीचर्स की जगह जहां खाली हो, जहां बच्चों के लिए शिक्षा की चिंता न हो, वो आने वाले कल के राजस्थान की चिंता कैसे कर सकते हैं..?
भाइयों-बहनों, भ्रष्टाचार किस हद तक आगे बढ़ा है..! बैड गवर्नेंस के नमूने देखिए, भ्रष्टाचार के लिए वह खुला मैदान छोड़ देता है। हमारे देश के किसानों ने, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के किसानों ने मेहनत करके गेहूं का उत्पादन किया, पसीना बहाया, दिन-रात खेतों में जुटे रहे, गेहूं पैदा करके अन्न के भंडार भर दिए। लेकिन सरकार का बैड गवर्नेंस देखिए, किसान के द्वारा मेहनत से पैदा किए गए गेंहू को रखने की इनके पास जगह नहीं है। ये लोग गेंहू को खुले में रख देते हैं, प्लेटफॉर्म पर रख देते हैं, गेंहू भीगते हैं, सड़ते हैं..! जब भारत की सुप्रीम कोर्ट के अंदर एक पीआईएल हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुस्तान सरकार को कहा कि ये गेहूं गरीबों को बांट दो। भाइयों-बहनों, ये काम करने जैसा था या नहीं..? सुप्रीम कोर्ट की बात माननी चाहिए थी या नहीं..? क्या इन लोगों ने माना..? नहीं माना..! आपको पता है इन लोगों ने क्या किया..? इन लोगों ने गेंहू को भीगने दिया, सड़ने दिया और बाद में लाखों टन गेहूं शराब बनाने वालों को 80 पैसे में बेच दिया..! मित्रों, ये मेरे किसान भाईयों के साथ अपमानजनक व्यवहार है या नहीं..? किसान गरीब का पेट भरने के लिए गेहूं पैदा करता है और ये बैड गवर्नेंस वाली सरकारें, ये कांग्रेस पार्टी, शराब की बोतलें भरने के लिए उस गेंहू का उपयोग करती है..! आप मुझे बताएं कि गेहूं से गरीब का पेट भरना चाहिए या शराब की बोतलें..? जिन लोगों को गरीब के पेट से ज्यादा शराब की बोतल महत्वपूर्ण है, क्या वो लोग गरीब का भला कर सकते हैं..? ऐसे लोग कभी भी गरीबों का भला नहीं कर सकते..!
भाइयों-बहनों, इनका बैड गवर्नेंस कहो या करप्शन कहो, उसके बारे में एक मजेदार बात बताता हूं। गुजरात और राजस्थान की सरहदें सटी हुई है और दोनों के बीच चार चेकपोस्ट हैं। जो व्हीकल उस रास्ते से जाता है, उसे उन दोनों चेकपोस्ट से जाना होता है। एक तरफ गुजरात का चेकपोस्ट है, उसके दूसरी तरफ 1 कि.मी. दूर राजस्थान का चेकपोस्ट है। जो व्हीकल गुजरात के चेकपोस्ट पर आता है वही व्हीकल राजस्थान के चेकपोस्ट पर आता है, जितना टोकन पैसा वह गुजरात के चेकपोस्ट पर देता है, उतना ही टोकन पैसा वह राजस्थान के चेकपोस्ट पर देता है, क्योंकि एक ही रास्ते पर इधर उनका और उधर हमारा चेकपोस्ट है। भाइयों-बहनों, इनका कमाल देखिए कि ये कैसे सरकार चलाते हैं। इन चार चेकपोस्ट पर समान दर होने के बावजूद भी, समान व्हीकल आने के बावजूद भी राजस्थान के चेकपोस्ट की इनकम 532 करोड़ रूपए है, जबकि उसी चेकपोस्ट पर गुजरात की इनकम 1300 करोड़ रूपए है। इसका कारण क्या है..? ये पैसे कहां गए..? ये कैसी सरकार चला रहे हो..?
भाइयों-बहनों, जब मैं गुजरात में पहली बार मुख्यमंत्री बना, तब से दिल्ली में बैठे हुए कांग्रेस के बड़े-बड़े विद्वान, पत्रकार परिषद करके दिन-रात गुजरात को गाली देते रहते हैं। ये दिल्ली के मेहरबानों, कान खोल कर सुन लो, ये चुनाव राजस्थान का है, ये चुनाव छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली का है, गुजरात का चुनाव तो पिछले दिसम्बर में हो गया। आपको दुनिया भर की जितनी गंध फैलानी थी, आपने फैला दी, जितना झूठ और कीचड़ उछालना था, उछाल दिया, लेकिन वो सब गुजरात की जनता के गले नहीं उतरा और गुजरात की जनता ने दो तिहाई बहुमत से हमें सत्ता में बिठा दिया। हमने काम किया है या नहीं किया है वो गुजरात की जनता भली-भांति जानती है, दिल्ली में बैठकर झूठ फैलाना बंद करो..!
भाइयों-बहनों, जब मैं गुजरात में पहली बार मुख्यमंत्री बना तो लोग मुझसे मिलने आते थे, और मुझे कहते थे कि बाकी सब कुछ तो ठीक है, आप नए-नए मुख्यमंत्री बने हैं, कम से कम शाम को भोजन करते समय तो बिजली दे दीजिए..! गुजरात में 2001-2002 के दौरान शाम के भोजन के समय बिजली नहीं मिलती थी, लेकिन आज गुजरात के हर घर में 24 घंटे, सप्ताह के 7 दिन और साल के 365 दिन बिजली मिलती है..! कांग्रेस की सरकारें जहां हैं वहां बिजली जाती है ये खबर नहीं है, बल्कि बिजली आती है, ये खबर होती है..! लोग बाजार में मिलते हैं, ट्रेन या बस के सफर में मिलते हैं तो चर्चा करते हैं कि तेरे यहां आई थी..? दूसरा बोलता है कि नहीं यार, पिछले हफ्ते तो नहीं आई, तो अगला बोलता है मेरे यहां मंगलवार को आई थी..! इन प्रदेशों में बिजली आनी भी खबर हुआ करती है..!
भाइयों-बहनों, लोकतंत्र की ताकत इसी में है कि हम अपने विपरीत विचारों का भी आदर और सम्मान करें, इसके बिना लोकतंत्र नहीं चलता है। हमारे खिलाफ कितनी भी आवाजें क्यों न उठती हों, सीना तानकर उसको झेलते हैं, 12 साल से झेल रहे हैं, क्या कभी जुबान खोली है..? यही तो लोकतंत्र का सौंदर्य है। लोकतंत्र की यही ताकत है। लोकतंत्र में हमारी जितनी ज्यादा आलोचना होगी, उतने ही ज्यादा तपकर हम बाहर निकलेंगे..!
भाइयों-बहनों, आप देखिए, इस देश में ये कैसे सरकारें चलाते हैं। एक तरफ लोग बिजली का संकट झेल रहे हैं और दूसरी तरफ 20,000 मेगावॉट बिजली पैदा करने वाले कारखाने बंद पड़े हैं। नौजवान बेराजगार हैं, ऐसे कारखाने हैं जिन्हे चालू करते ही 20,000 मेगावॉट बिजली मिल सकती है। लेकिन ये कमाल का देश देखिए और कमाल की सरकार देखिए कि वे बिजली के कारखानों को ताले लगाते हैं और लोगों को अंधेरे में रखते हैं। क्या कारण है..? भाइयों-बहनों, इसका कारण है कि दिल्ली सरकार को लकवा मार गया है, पॉलिसी पैरालाइसिस है और इसके कारण देश अंधेरे में डूब गया है..! भाइयों-बहनों, क्या आपमें से कोई ऐसा है जिसके घर में कोयला ताले में रखते हो..? कोयला तो घर के बाहर रखा जाता है। अगर आपके घर के बाहर से कोई गरीब आदमी या भिखारी भी निकलता है तो क्या वो कोयले की चोरी करेगा..? और ये दिल्ली सरकार कोयला खा गई..! अब जब सुप्रीम कोर्ट ने डंडा मारा तो बोलते हैं कि फाइल खो गई है..! मित्रों, सिर्फ फाइल ही नहीं, पूरी दिल्ली की सरकार खो गई है। आपकी तो सिर्फ फाइल खोई है लेकिन आपके रहते हिंदुस्तानियों की तो लाइफ खो गई है..!
भाइयों-बहनों, इन लोगों के भरोसे आप देश को नहीं चला सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने आप सभी से सौ दिन में महंगाई कम करने का वादा किया था..? क्या महंगाई कम हुई..? महंगाई बढ़ी..? क्या कांग्रेस ने वादा तोड़ा..? भाइयों-बहनों, अगर हमारे देश में एक-आध काम नहीं होता है तो कभी भी कोई बुरा नहीं मानता है, कि कोई बात नहीं, रह गया होगा..! लेकिन अगर कोई धोखा करता है, तो क्या ये देश कभी माफ करता है..? क्या धोखेबाज को कोई माफ करता है..? क्या धोखाधड़ी को माफ करता है..? उनका आपसे ये कहना कि 100 दिन में महंगाई कम करेंगे और महंगाई दिनों-दिन बढ़ती जाएं, बढ़ती जाएं तो क्या आप उन्हे माफ करेगें..?
भाइयों-बहनों, ये बहुत गंभीर और समझने की बात है। अगर हमें कुछ बुरा लगता है तो हम तुरंत कहते हैं कि ये ठीक नहीं है, ये अच्छा नहीं है..! अगर मैं यहां देर से आता तो आपसे क्षमा मांगता कि मुझे आने में देर हो गई तो क्षमा किजिए..! कहता कि नहीं कहता..? भाइयों-बहनों, ये कांग्रेस पार्टी देखिए। यहां राजस्थान में मैडम सोनिया जी आई थी, शहजादे आए थे, प्रधानमंत्री आए थे, उनकी पार्टी के तीनों दिग्गज नेता आए थे, यहां के उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री घूमते रहते हैं, हालांकि इन दिनों वह चिंता में है पर घूमते रहते हैं..! भाइयों-बहनों, मुझे अभी शंभूनाथ जी बता रहे थे कि वह पराजय के मारे इतना डरे हुए हैं कि रात को 11 बजे पुलिस देख रही थी और शंभूनाथ जी पर हमला करने की और परेशान करने की कोशिश हुई। अरे, पराजय तो होती रहती है मिस्टर अशोक जी, राज्यसभा में जाकर दिल्ली सरकार में मंत्री बन जाइए, अभी भी 200 दिन बचे हैं..!
भाइयों-बहनों, इन्होने आपके साथ धोखा किया है। इतना ही नहीं, इनके इतने दिग्गज-दिग्गज लोग यहां भाषण दे रहे हैं, सुबह-शाम हमें गालियां दे रहे हैं, भाजपा को कोस रहे हैं, हर समस्या के लिए हमें जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, लेकिन क्या एक बार भी इन लोगों ने महंगाई का ‘म’ बोला..? मुझे बताइए, क्या उनके भाषण में महंगाई का जिक्र तक हुआ है..? क्या उन्होने महंगाई के बारे में जबाव दिया..? भाइयों-बहनों, अगर कोई बात होती और हम जबाव न देते तो सात-सात दिन तक टीवी पर डिबेट चलती, कि भाजपा वाले जबाव नहीं देते हैं..! कांग्रेस पार्टी का अहंकार सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है, वह जनता को अपनी जेब में मानती है और जबाव देना उचित नहीं मानती है। ये लोकतंत्र नहीं है..! भाइयों-बहनों, महंगाई के लिए जबाव देना कांग्रेस का काम था, क्योंकि उन्होने वादा किया था। यहां जो नौजवान बैठे हैं वो मुझे बताएं कि आज नौजवान को क्या चाहिए..? क्या कोई नौजवान भीख का कटोरा लेकर खड़ा रहना चाहता है..? क्या कोई नौजवान दयादान पर जीना चाहता है..? क्या किसी नौजवान को मेहनत करने में शर्म आती है..? मुझे इस देश के नौजवानों पर नाज़ है..! वो मेहनत करने को तैयार है, वो पसीना बहाने को तैयार है, वो अपना गांव, घर, मां-बाप छोड़कर जहां पर भी रोजी-रोटी मिले, जाने के लिए तैयार होता है..! लेकिन भाइयों-बहनों, ये दिल्ली और राजस्थान की सरकार को आपके भविष्य की चिंता नहीं है। ये दुनिया का सबसे नौजवान देश है, इस देश की 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। ये नौजवान देश है, दो-दो भुजाएं है, दिमाग है, सपने हैं, संकल्प है, पसीना बहाने की तैयारी है, बस उसको अवसर चाहिए..!
भाइयों-बहनों, विकास के क्षेत्र में अगर आप ध्यान केंद्रित नहीं करेगें, देश को विकास की नई ऊंचाईयों पर नहीं ले जाएंगे, तो हिंदुस्तान का बेरोजगार नौजवान कहां जाएगा, किसके भरोसे जिन्दगी काटेगा..? लेकिन कांग्रेस सरकार को इस बात की एक रत्ती भर भी चिंता नहीं है। माताओं-बहनों, अब ये दिल्ली की सरकार आपका मंगलसूत्र छीनने के लिए तैयार बैठी है। गरीबी और महंगाई के लिए दिल्ली के नेता कैसी भाषा बोलते हैं..! हमारे देश के वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक संकट इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि लोग सोना खरीदते हैं..! आप लोग ही बताइए, क्या ये बात आपके गले उतरती है..? अब हमारे देश के वित्त मंत्री ने एक बयान दे दिया, उन्होने कहा कि रूपए की कीमत के संबंध में मोदी जी सही बात नहीं बता रहे हैं..! श्रीमान चिदम्बरम जी, हम तो आपके जितने विद्वान नहीं हैं, हम तो चाय बेचते-बेचते यहां आएं हैं, हम गरीब मां की कोख से पैदा हुए हैं... पर चिदम्बरम साहब, कम से कम आप तो देश की जनता को सच बताइए..!
भाइयों-बहनों, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार छोड़ी, तब पोखरण का परमाणु विस्फोट का परीक्षण किया गया था, सारी दुनिया ने हमें आर्थिक संकट में डाल दिया था, सारी दुनिया ने सभी आर्थिक व्यवहार बंद कर दिए थे, उस संकट के काल खंड में भी, अटल बिहारी वाजपेयी के शासन के दौरान रूपया 40-45 के आसपास रहा करता था। श्रीमान चिदम्बरम जी, आपका रूपया लुढ़क गया, अस्पताल के दरवाजे के चक्कर काट रहा है, आपने एक डॉलर को 65 रूपए पर लगा दिया, रूपए की ताकत घटाने का काम आपकी सरकार ने किया है, आपके पापों ने किया है और आज मैं इस बात का आप पर दुबारा आरोप लगाता हूं, अगर आपमें हिम्मत है तो इस बात का जबाव दीजिए, कि अटल बिहारी वाजपेयी ने रूपए की कीमत जितनी छोड़ी थी, क्या उसमें गिरावट आई है या नहीं..? क्या रूपया लुढ़क गया है या नहीं..? क्या रूपया अस्पताल के चक्कर काट रहा है नहीं..? आप अनाप-शनाप बयानबाजी करके कितने दिन तक सच को ठुकराते रहेगें..? और ये ऐसा कहते है कि सारा गुनाह सोने का है..!
भाइयों-बहनों, आपको पता है महंगाई क्यों बढ़ी..? ये दिल्ली में एक विद्वान मंत्री बैठे है, बहुत बड़े विद्वान है यानि ऐसा विद्वान शायद ही हिंदुस्तान में पैदा हुआ हो और आगे भी इसकी संभावना नजर नहीं आती है, ऐसे बड़े गजब के विद्वान है..! उन्होने कहा कि गरीब पहले सूखी रोटी खाता था, लेकिन अब गरीब दो-दो सब्जी खाता है और इसलिए महंगाई बढ़ गई..! मित्रों, जिस देश की सरकार में ऐसे मंत्री बैठे हों, जो ये कहें कि गरीब अपना पेट भर रहा है इसलिए महंगाई बढ़ रही है, ऐसी सरकार को एक मिनट नहीं चलने देना चाहिए..! आप लोग मुझे बताइए, क्या गरीब को सब्जी खाने का ह़क नहीं है, क्या गरीब सब्जी खाएं तो गुनाह करता है, क्या महंगाई इसलिए बढ़ी कि गरीब ने सब्जी खाई..? ये क्या बोल रहे हैं..!
हमारे प्रधानमंत्री जी बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं, विद्वान हैं और वह प्लानिंग कमीशन के चेयरमैन है, उन्होने कहा कि अगर आप हर दिन 26 रूपया खर्च करते हैं तो आप अमीर हो..! आप सुनिए भईया, हमारे देश के प्रधानमंत्री कह रहे है कि अगर आप प्रतिदिन 26 रूपए से ज्यादा खर्च करते हो, तो आप अमीर हो, आप गरीब की परिभाषा में नहीं आते हो..! आप लोग मुझे बताइए कि क्या हर रोज 26 रूपए खर्च करने वाला आदमी अमीर है क्या..? क्या 26 रूपए में दो कप चाय आती है..? अरे प्रधानमंत्री जी, 26 रूपए में तो 300 ग्राम प्याज नहीं आता है और आपकी सरकार कहती है कि 26 रूपए खर्च कर सकने वाला गरीब नहीं हो सकता है..! जिनकी ऐसी सोच है वे कभी भी देश का भला नहीं कर सकते हैं..!
भाइयों-बहनों, अभी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राजस्थान की सरकार को लताड़ा है क्योंकि महंगी बिजली खरीदने के कारण अकेले राजस्थान के विद्युत बोर्ड का कर्ज 60,000 करोड़ से ज्यादा हो गया है..! आरबीआई ने कहा है कि एक साल के बाद आप राजस्थान में अंधकार ले आओगे, आपने ऐसी दुर्दशा करके रखी है। मित्रों, अगर राजस्थान को बचाना है तो भाजपा को लाना है..!
भाइयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी के लोग तोड़ने की राजनीति में माहिर हैं, तोड़ो और राज करो की राजनीति में माहिर है, जबकि हमारी पार्टी जोड़ो और विकास करो, इस मंत्र को लेकर चल रही है। मित्रों, साम्प्रदायिक दंगे कराने में कांग्रेस पार्टी पूरे हिंदुस्तान में बदनाम है। कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति करती है, न्यायिक अधिकारों को छीन लेने का काम करती है। मैं भारतीय जनता पार्टी के लिए कहना चाहता हूं कि सरकार का एक ही मज़हब होता है, वो मज़हब होता है - इंडिया फर्स्ट, नेशन फर्स्ट, देश ही सबसे पहले। सरकार का एक ही धर्मग्रन्थ होता है - हमारे देश का संविधान, सरकार की एक ही भक्ति होती है - राष्ट्रभक्ति, सरकार की एक ही कार्यशैली होती है - सबका साथ, सबका विकास, सरकार की सिर्फ एक ही शक्ति होती है - सवा सौ करोड़ देशवासी..!
भाइयों-बहनों, इस देश को एक रखकर, सभी को साथ लेकर 21 वीं सदी हिंदुस्तान की सदी बनें, इस मंत्र को चरितार्थ करने के लिए आज भारतीय जनता पार्टी आपके पास आई है। आज कसौटी पर राजस्थान है, कल हिंदुस्तान होगा। रास्ता राजस्थान दिखाएगा, इसलिए आज मैं इस जोधपुर सूर्यनगरी से पूरे राजस्थान के मतदाताओं का आह्वान करता हूं कि आइए, विकास के लिए वोट कीजिए, राजस्थान का भाग्य बदलने के लिए वोट कीजिए..!
मंच पर हमारे अन्य साथी हैं जिनके नाम मैं दुबारा लेना चाहता हूं..! श्रीमती कमसा जी मेघवाल, श्री अर्जुन जी गर्ग, आदरणीय सूर्यकान्ता जी, श्रीमान कैलाश जी, श्रीमान जोगाराम जी, श्री शम्भू सिंह जी..! भाइयों-बहनों, हमारे इन सभी उम्मीदवारों को विजयी बनाएं ताकि राजस्थान विकास की यात्रा पर चल पड़े, इसके लिए मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं। आज फिर से एक बार मैं राजस्थान के कोटि-कोटि जनों का आभार व्यक्त करता हूं, आप सभी ने मुझे अद्भुत प्रेम दिया है, मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं, इतना प्यार मुझे राजस्थान ने दिया है। राजस्थान के नौजवानों, आप सभी का सपना पूरा करने के लिए हम अपने आपको आहुत करने के लिए तैयार हैं, आपकी आंकाक्षाएं पूरी हों, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है..!
एक बार फिर मेरे साथ बोलिए,भारत माता की जय..! भारत माता की जय..!
दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए,
भारत माता की जय..! भारत माता की जय..! पहले मतदान, फिर जलपान..! पहले मतदान, फिर जलपान..! पहले मतदान, फिर जलपान..! भारत माता की जय..!
वंदे मातरम्..! वंदे मातरम्..!