'नैगलेटेड स्टेट ऑफ द नेशन' से लेकर 'लुक एंड एक्ट ईस्ट पॉलिसी' तक पिछले पांच साल, नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं। पिछली बार जब नॉर्थ ईस्ट इंडिया को पॉलिसी मेकर्स और लॉ मेकर्स द्वारा तब एटेंशन मिला था, जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी इस क्षेत्र में एक रात बिताने वाले पहले प्रधानमंत्री बने थे। उनके कार्यकाल के दौरान कई कदम उठाए गए, जिनका उद्देश्य नॉर्थ-ईस्ट इंडिया को इंफ्रास्ट्रक्टर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जोड़ना था। इसके तहत एक अलग मंत्रालय, नॉर्थ ईस्ट के लिए फंड का Non-Lapsable पूल, नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल के सदस्य के रूप में सिक्किम को शामिल करना और उत्तर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए एक समर्पित विभाग शामिल था। दुर्भाग्यवश जब उन्होंने पद छोड़ा, तब क्षेत्र एक बार फिर 'टिरनी (tyranny) ऑफ डिस्टेंस' का शिकार हो गया। हालांकि यूपीए को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण राजनीतिक समर्थन प्राप्त था, लेकिन परियोजनाओं को देरी, लागत में वृद्धि और पूर्ण नीतिगत लापरवाही का सामना करना पड़ा।

जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार संभाला, उन्होंने इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, उद्योग और संस्कृति सहित विकास के विभिन्न आयामों के क्षेत्र में एक बार फिर से पॉलिसी एटेंशन दिया। लोकतंत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए जनप्रतिनिधियों (लॉ मेकर्स) के साथ बातचीत अपरिहार्य है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिबद्ध नेतृत्व और कैडर के मजबूत नेटवर्क के साथ इस क्षेत्र में राजनीतिक सफलता हासिल की और केंद्र के साथ सहयोग करने और क्षेत्र को आगे ले जाने की दिशा में काम करने के लिए बहुत आवश्यक इच्छाशक्ति दिखाई। इस परिप्रेक्ष्य में अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री स्वयं इस क्षेत्र का 30 से अधिक बार दौरा कर चुके हैं। पार्टी ने नॉर्थ-ईस्ट में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत किया, जिसमें वामपंथ का गढ़ यानी त्रिपुरा भी शामिल है। एनडीए इस क्षेत्र के सात नॉर्थ ईस्ट राज्यों में से छह में सत्ता में है।

2014 के बाद से कुछ कदमों ने नॉर्थ ईस्ट इंडिया के सामाजिक-आर्थिक कैनवास को बदल दिया है:

  • भारत का सबसे लंबा रेल और सड़क पुल, 4.94 किलोमीटर बोगीबिल ब्रिज का उद्घाटन 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था
  • केंद्र की मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में रेलवे कनेक्टिविटी की पहुंच दी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि इस क्षेत्र में ब्रॉड गेज के 900 किलोमीटर का ट्रैक बिछे। 88 किलोमीटर की धनसिरी-कोहिमा रेलवे ट्रैक, जो कोहिमा को राजधानी एक्सप्रेस, त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस के साथ राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है, इस क्षेत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित रेलवे पहुंच प्रदान करती है।
  • नरेन्द्र मोदी की "ट्रांसफॉर्मेशन बाय ट्रांसपोर्टेशन" पॉलिसी में राष्ट्रीय राजमार्गों के 3,800 किलोमीटर से अधिक और स्पेशल ऐक्सेलरैटिड रोड डेवलपमेंट के तहत 60,000 करोड़ रुपये के निवेश और भारतमाला परियोजना के तहत 30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल थीं।
  • पिछले पांच वर्षों में इलाके को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। एक एविएशन मैनपॉवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, रूपसी हवाई अड्डे का विकास, दीमापुर में हवाई सुविधा का विस्तार, मोदी सरकार द्वारा इस क्षेत्र में कुछ परियोजनाएं हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस क्षेत्र को शेष भारत के लिए पर्याप्त प्रवेश द्वार मिले।
  • 2016 में मैरी कॉम, भारत की सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक राज्यसभा की सदस्य बनीं। यह केवल मणिपुर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात थी। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिबद्धता मणिपुर में फर्स्ट नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के रूप में परिलक्षित होती है।
  • सरकार ने पथप्रवर्तक नीति घोषणाओं में से एक में, बांस को पेड़ से घास के रूप में फिर से वर्गीकृत किया। नॉर्थ ईस्ट की इकोनॉमी के लिए बांस महत्वपूर्ण है और यह नीति क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को एक उत्साह प्रदान करेगी।
  • रीमा दास की फिल्म विलेज रॉकस्टार्स को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सम्मान और पुरस्कार इस क्षेत्र के उभरते प्रतिभाओं को प्रेरणा प्रदान करते हैं और पारंपरिक सोच को बदलते हैं जो यह बताती कि 'टिरनी ऑफ डिस्टेंस' के कारण नॉर्थ ईस्ट का भविष्य सीमित है।
  • अरुणाचल प्रदेश में नॉर्थ ईस्ट रीजन टेक्सटाइल प्रमोशन स्कीम (NERTPS) के तहत एक एकीकृत बड़े पैमाने पर ईरी फार्मिंग शुरू की गई। ईरी सिल्क किसानों और बुनकरों को कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ एनईआरटीपीएस के तहत 4000 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता की घोषणा की गई है।

    भाजपा के केंद्र में होने के कारण क्षेत्रीय नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत और सुदृढ़ किया गया। इसने क्षेत्र को राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में दृश्यता और मान्यता प्रदान की, जिसने अंततः इस क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बना दिया और इसे शेष राष्ट्र के करीब लाया। फूड पार्क, कपड़ा उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी की बढ़ती संख्या के साथ, नॉर्थ ईस्ट में भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच व्यापार लिंक होने की संभावना है और आने वाले वर्षों में इसका फायदा होने वाला है। क्षेत्र के महत्व को दक्षिण एशियाई उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (SASEC) सड़क संपर्क कार्यक्रम के साथ बढ़ाया गया है, चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड (OBOR) की पहल को देखते हुए यह कदम काफी महत्वपूर्ण होगा।
Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers

Media Coverage

Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।