लोकतंत्र के लिए चार अनुरोध

Published By : Admin | March 13, 2019 | 09:28 IST

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान में अब महीने भर से भी कम समय है।

मतदान हमारे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है।

हमारा वोट देश की विकास यात्रा में हमारी भागीदारी का संकल्प है। मताधिकार का प्रयोग कर हम देश के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में अपना योगदान देते हैं।

आइए, एक ऐसा वातावरण बनाते हैं, जहां वोटर कार्ड पाना और वोट देना गर्व की बात हो, सब लोग इसको लेकर उत्साहित हों। विशेषकर पहली बार वोट डालने वालों के लिए तो यह लोकतंत्र का उत्सव ही बन जाए।

माहौल ऐसा बने कि वोट नहीं कर पाने पर व्यक्ति को पश्चाताप हो। फिर कभी देश में कुछ भी गलत दिखे तो व्यक्ति अपने आप को उसके लिए जिम्मेदार माने और सोचे कि यदि मैं उस दिन वोट करने गया होता तो ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा नहीं होती और देश मुसीबत नहीं झेलता।
हमें अपने जीवन में ऐसा पछतावा न करना पड़े, इसके लिए वोट अवश्य दें।

आज मैं आप लोगों से चार अनुरोध करना चाहता हूं -

(1) आज ही रजिस्टर करें :

वोटर कार्ड होना हर एक के लिए गर्व का विषय हो।
अगर आपने अपने आपको वोटर के रूप में रजिस्टर नहीं किया है तो जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा करें।
आप www.nvsp.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा अपने पोलिंग स्टेशन के BLOs यानि बूथ लेवल ऑफिसर से या फिर मतदाता पंजीकरण कार्यालय में जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

2019 का चुनाव बहुत ही खास है, क्योंकि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले युवाओं को वोट करने का अवसर प्राप्त होगा। मुझे विश्वास है कि जिन युवाओं को वोट देने का अधिकार है और अब तक खुद को रजिस्टर नहीं कर पाए हैं, वे जल्द से जल्द ऐसा करेंगे और हमारे महान लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे।

(2) अपने नाम की जांच मतदाता सूची में अच्छे से कर लें

समय रहते एक बार फिर से मतदाता सूची को देखें और ये जांच लें कि उसमें आपका नाम दर्ज है या नहीं।
आप अपने राज्य के इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर जाकर भी मतदाता सूची में अपने नाम की जांच कर सकते हैं।
अगर आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है तो संबंधित कर्मचारी को इसके बारे में बताएं। अगर आपने अपना घर बदला है तो ये सुनिश्चित करें कि जहां आप रहने गए हैं, वहां की मतदाता सूची में आपका नाम हो।
आपके क्षेत्र में जिस चरण में मतदान होना है, उसके लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन तक मतदाता सूची में सुधार का काम जारी रहता है, लेकिन अंतिम तारीख तक इंतजार नहीं करें और आज ही अपना नाम जुड़वा लें।

(3) अपने कार्यक्रम सोच समझ कर तय करें

चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। आने वाले दिनों की योजना इस तरह बनाएं कि आप मतदान के दिन उपलब्ध हों। अगर आपने गर्मी की छुट्टी में बाहर जाने की योजना बनाई है तो मतदान से पहले या फिर बाद में जाएं।
अगर आपके वोट डालने की जगह और आपके काम करने की जगह अलग-अलग है तो वोट डालने के लिए आप जा पाएं, यह अभी से सुनिश्चित करें। आपका एक वोट राष्ट्र का भविष्य तय करेगा, इसलिए जरूरत पड़े तो वोट डालने के लिए छुट्टी भी लें।

(4) दूसरों को भी प्रेरित करें

आप अपने परिवार के सदस्यों और साथियों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें।
जरूरत पड़े तो मतदान के दिन वोट देने के लिए उन्हें साथ लेकर जाएं।
अधिक से अधिक मतदान का मतलब है, एक मजबूत लोकतंत्र और एक मजबूत लोकतंत्र से ही विकसित भारत बनेगा।
हमने देश में पिछले कुछ चुनावों में रिकॉर्ड मतदान देखा है।

लोकतंत्र की इस महान परंपरा को और मजबूती देने के लिए मैं सभी देशवासियों से अनुरोध करता हूं कि वे 2019 के लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड संख्या में मतदान करें।

मैं अलग-अलग क्षेत्रों के प्रभावशाली लोगों, राजनीति, उद्योग, खेल और फिल्म जगत के लोगों से कहना चाहूंगा कि वे मतदाताओं को जागरूक करने के लिए आगे आएं। हम सब लोग मिलकर यह दिखा दें कि इस बार अभूतपूर्व मतदान होगा और इस बार का मतदान देश के चुनावी इतिहास के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा।

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भारत के रतन का जाना...
November 09, 2024

आज श्री रतन टाटा जी के निधन को एक महीना हो रहा है। पिछले महीने आज के ही दिन जब मुझे उनके गुजरने की खबर मिली, तो मैं उस समय आसियान समिट के लिए निकलने की तैयारी में था। रतन टाटा जी के हमसे दूर चले जाने की वेदना अब भी मन में है। इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है। रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है...एक अमूल्य रत्न को खो दिया है।

आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं। हम सबका ये दुख साझा है। चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है। पर्यावरण रक्षा से जुड़े लोग...समाज सेवा से जुड़े लोग भी उनके निधन से उतने ही दुखी हैं। और ये दुख हम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में महसूस कर रहे हैं।

युवाओं के लिए, श्री रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके। रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।

 रतन टाटा जी, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे। वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता औऱ बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।

दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करना, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये श्री रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था। हाल के वर्षों में, वो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का मार्गदर्शन करने और भविष्य की संभावनाओं से भरे उद्यमों में निवेश करने के लिए जाने गए। उन्होंने युवा आंत्रप्रेन्योर की आशाओं और आकांक्षाओं को समझा, साथ ही भारत के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता को पहचाना।

भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया। उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है। आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे।

रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट...बेहतरीन क्वालिटी की सर्विस पर जोर दिया और भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया। आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं। मुझे आशा है कि उनका ये विजन हमारे देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और भारत वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के लिए अपनी पहचान मजबूत करेगा।

रतन टाटा जी की महानता बोर्डरूम या सहयोगियों की मदद करने तक ही सीमित नहीं थी। सभी जीव-जंतुओं के प्रति उनके मन में करुणा थी। जानवरों के प्रति उनका गहरा प्रेम जगजाहिर था और वे पशुओं के कल्याण पर केन्द्रित हर प्रयास को बढ़ावा देते थे। वो अक्सर अपने डॉग्स की तस्वीरें साझा करते थे, जो उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थे। मुझे याद है, जब रतन टाटा जी को लोग आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ रहे थे...तो उनका डॉग ‘गोवा’ भी वहां नम आंखों के साथ पहुंचा था।

रतन टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है।

रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा। 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना, इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था। उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि – भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है।

व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला। हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया। वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे।

जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे। स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे। वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है। यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है।

कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के करीब था। मुझे दो साल पहले असम का वो कार्यक्रम याद आता है, जहां हमने संयुक्त रूप से राज्य में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था। उस अवसर पर अपने संबोधन में, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वो अपने जीवन के आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करना चाहते हैं। स्वास्थ्य सेवा एवं कैंसर संबंधी देखभाल को सुलभ और किफायती बनाने के उनके प्रयास इस बात के प्रमाण हैं कि वो बीमारियों से जूझ रहे लोगों के प्रति कितनी गहरी संवेदना रखते थे।

मैं रतन टाटा जी को एक विद्वान व्यक्ति के रूप में भी याद करता हूं - वह अक्सर मुझे विभिन्न मुद्दों पर लिखा करते थे, चाहे वह शासन से जुड़े मामले हों, किसी काम की सराहना करना हो या फिर चुनाव में जीत के बाद बधाई सन्देश भेजना हो।

अभी कुछ सप्ताह पहले, मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति श्री पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे। श्री रतन टाटा ने ही इस पर काम शुरू किया था। उस समय मुझे श्री रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई।

आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी। जहां व्यापार, अच्छे कार्यों के लिए एक शक्ति के रूप में काम करे, जहां प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को महत्व दिया जाए और जहां प्रगति का आकलन सभी के कल्याण और खुशी के आधार पर किया जाए। रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया। भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी।