गांधीनगर, शुक्रवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने फोरेन्सिक टेक्नोलॉजी की विश्व की सर्वप्रथम अंतरराष्ट्रीय परिषद् का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए आह्वान किया कि नैनो टेक्नोलॉजी के फोरेन्सिक साइंस के जरिए क्रिमीनल जस्टिस सिस्टम को और भी अधिक सशक्त बनाया जाए।

निकट भविष्य में समाजजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक प्रभाव की दूरोगामी भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए अनेक समस्याओं के वैज्ञानिक समाधान और उसके लिए जरूरी प्रशिक्षित टेक्नोक्रेट मानवशक्ति की व्यापक चुनौती से हमें जल्द से जल्द पार पाना होगा।

इस सन्दर्भ में गुजरात सरकार की दिशासूचक वैश्विक पहल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गुजरात फोरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी कार्यरत कर उसकी अनेक फैकल्टियों द्वारा समग्र न्यायसहायक विज्ञान का विनियोग किया है। और अब नैनो टेक्नोलॉजी के लिए फोरेन्सिक विशेषज्ञों को देश-विदेश से आमंत्रित कर, न सिर्फ क्रिमीनल जस्टिस सिस्टम के लिए बल्कि समाज जीवन की समस्याओं के उपाय के लिए नैनो टेक्नोलॉजी के विनियोग का चिन्तन भी गुजरात की धरती पर हो रहा है।

गुजरात की स्वर्णिम जयंति के अवसर पर राज्य की फोरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी एवं साइंस सिटी के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल यूनिवर्सिटी, गांधीनगर में आयोजित इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिषद् में करीब 350 फोरेन्सिक साइंस टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ, न्यायविद् तथा पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व का अपराध जगत अब टेक्नोलॉजी एवं सोफिस्टीकेट हाईटेक क्रिमीनल की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में क्रिमीनल जस्टिस सिस्टम भी तकनीक संचालित (टेक्नो-ड्रिवन) बनाना होगा। उन्होंने कहा कि फोरेन्सिक साइंस के चलते अपराध अन्वेषण (क्राइम इन्वेस्टिगेशन) एवं सजा दिलाने (कन्वीक्शन) तक की प्रक्रिया में अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं, और अब हमें फोरेन्सिक नैनो टेक्नोलॉजी रिसर्च द्वारा अपराध की रोकथाम (प्रीवेन्शन ऑफ क्राइम) भी संभव बनें, इस दिशा में प्रेरित होना है।

गुजरात ने फोरेन्सिक साइंस लेबोरेटरी के सिस्टम को पैथोलॉजिकल लैब की दिशा में नहीं, बल्कि क्रिमीनल जस्टिस सिस्टम को संगीन बनाने की पथप्रदर्शक सफलता एवं वैश्विक प्रतिष्ठा हासिल की है। इसकी भूमिका में मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति में परम्परागत तरीके से नैनो टेक्नोलॉजी का विज्ञान शामिल है।

उन्होंने कहा कि समाज परम्परा की शक्ति को स्थायी रूप से विज्ञान के साथ जोड़कर नैनो टेक्नोलॉजी द्वारा अनेक समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं।

फोरेन्सिक नैनो टेक्नोलॉजी के संशोधन एवं मानवसंसाधन प्रशिक्षण के विषय में मंथन करने का अनुरोध भी श्री मोदी ने किया।

इस मौके पर नैनो टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ बैंगलुरू के वी. कृष्णन ने गुजरात के मुख्यमंत्री को दूरदृष्टा बताते हुए कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी को फोरेन्सिक साइंस में स्पेशल टूल के रूप में गणमान्य कर तथा क्रिमीनल जस्टिस सिस्टम को सशक्त बनाने के लिए जरूरी मानवसंसाधन के लिए फोरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी कार्यरत कर गुजरात ने विश्व को नई दिशा दिखलाई है। उन्होंने कहा कि फिंगर प्रिन्टिंग फोरेन्सिक साइंस टेक्नोलॉजी में नैनो टेक्नोलॉजी नई क्रांति सृजित करेगी।

प्रारंभ में एफ.एस. यूनिवर्सिटी के महानिदेशक जे.एम. व्यास ने परिषद् के उद्देश्यों की रूपरेखा पेश की।

इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री प्रफुलभाई पटेल, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बलवंत सिंह तथा साइंस-टेक्नोलॉजी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रवि सक्सेना, पुलिस महानिदेशक चितरंजन सिंह सहित देश-विदेश के विशेषज्ञ मौजूद थे।

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