नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 फाइलों की पहली किस्त को केंद्र सरकार ने आज अवर्गीकृत कर दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय अभिलेखागार जाकर इन डिजिटल फाइलों का शुभारंभ किया। वे नेताजी के परिजनों से भी मिले जिनमें प्रोफेसर चित्रा घोष, श्री चंद्र बोस, औऱ श्री सूर्य कुमार बोस शामिल थे।
भारत के प्रधानमंत्री ने 14 अक्टूबर 2015 को नेताजी के परिजनों से अपने आवास पर हुई मुलाताक में घोषणा की थी कि भारत सरकार नेताजी से जुड़ी फाइलों को क्रमबद्ध रूप में अवर्गीकृत करेगी और उन तक जनता की आसान पहुंच सुनिश्चित करेगी।
इस कड़ी में 33 फाइलों की पहली लाट को प्रधानमंत्री कार्यालय ने अवर्गीकृत किया था और उन्हें 4 दिसंबर 2015 को राष्ट्रीय संग्रहालय को सौंप दिया गया था।
इसके बाद गृह मंत्रालय, और विदेश मंत्रालय ने भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलों को अवर्गीकृत करने की इस प्रक्रिया को शुरू किया और बाद में उन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय को सौंप दिया गया।
इस तरह पहले कदम के रूप में राष्ट्रीय संग्रहालय ने प्राथमिक संरक्षण उपचार और डिजिटाइजेशन के बाद नेताजी से जुड़ी 100 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। बाकी फाईलें भी प्राथमिक संरक्षण उपचार और डिजिटाइजेशन के बाद सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
डिजिटल फाइलों को एक वेबसाइट पर डाला जाएगा जो खास तौर से एनआईसी द्वारा बनाई गई है। वेबसाइट का पता है - www.netajipapers.gov.in