केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए ‘विवाद से विश्वास’ योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर भुगतानों में मुकदमेबाजी को कम करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे करदाता जिनके मामले किसी भी स्तर पर लंबित हैं, उन्हें इस योजना से लाभ मिल सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित ‘विवाद से विश्वास’ योजना के अंतर्गत एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और उसे ब्याज और दंड से भी पूर्ण माफी मिलेगी बशर्ते वह इसका भुगतान 31 मार्च, 2020 तक कर दे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2020 के पश्चात इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक जारी रहेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि करदाता इस अवसर का उपयोग मुकदमें की कष्टदायक प्रक्रिया से राहत पाने के लिए करेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न अपीलीय मंचों अर्थात् आयुक्त (अपील) आईटीएटी, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर संबंधी 4,83,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए पिछले बजट में सबका विश्वास योजना लाई गई थी और इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 मामलों का समाधान निकाला गया।

फेसलेस अपील

मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक नई फेसलेस मूल्यांकन योजना का शुभारंभ पहले से ही किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने सरकार के द्वारा आरम्भ किए गए सुधारों को अगले स्तर पर ले जाने और व्यक्तिगत हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि फेसलेस मूल्यांकन की तर्ज पर फेसलेस अपील की जा सके।

आधार के माध्यम से शीघ्र पैन

वित्त मंत्री ने विस्तृत आवेदन फॉर्म को भरने की आवश्यकता के बिना आधार के माध्यम से शीघ्र ही ऑनलाइन पैनकार्ड को आवंटित किए जाने के लिए एक प्रणाली के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने पैन और आधार को परस्पर बदले जाने की व्यवस्था का शुभारंभ किया था।

करदाता चार्टर

आयकर विभाग की सुपुर्दगी प्रणाली की दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने करदाता चार्टर को अपनाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड– सीबीडीटी के अंतर्गत आयकर अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस चार्टर का विस्तृत विवरण शीघ्र की अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कर प्रणाली में करदाताओं और प्रशासन के बीच विश्वास की आवश्यकता होती है और यह तभी संभव होगा, जब करदाताओं के अधिकार की स्पष्ट रूप से गणना की जाए।

धर्मार्थ संस्थाएं

धर्मार्थ संस्थाओं को मिलने वाले दान के लिए कटौती का दावा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने दानकर्ता के द्वारा प्रस्तुत दानों की सूचना के आधार पर करदाता की विवरणी में दान करता की पूर्व सूचना देने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करदाता द्वारा किए गए दान के लिए कटौती का दावा करना आसान होगा। नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं के लिए अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक करने का प्रस्ताव दिया, जिसके तहत सभी नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं को एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या (यूआरएन) जारी किया जाएगा। इसके अलावा वे नई धर्मार्थ संस्थाएं जिन्होंने अपनी धर्मार्थ गतिविधि अभी आरम्भ नहीं की है, उनके पंजीकरण को बनाने के लिए वित्त मंत्री ने उन्हें तीन वर्षों के लिए अनंतिम पंजीकरण की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया। समाज में धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा अदा की जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन संस्थाओं की आय को कराधान से पूर्ण छूट प्राप्त है और इन संस्थाओं को किए गए दान की भी दानकर्ता कर योग्य आय का परिकलन करने में कटौती के रूप में अनुमति है।

विलयित बैंकों की हानियां

समामेलित प्रतिष्ठान, समामेलित प्रतिष्ठानों की अंतर्लीन न की गई हानियों और मूल्यह्रास के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम के उपबंधों में आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव दिया। वित्त क्षेत्र के समेकन के भाग के रूप में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार, सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विलय की योजना लेकर आई है।

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.