प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 30 अगस्त से लेकर 03 सितम्बर, 2014 तक जापान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने आज प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे के साथ वार्षिक शिखर बैठक की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। उन्होंने अपने संबंधित अधिकारियों को सहयोग कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं में आपसी सहयोग बढ़ाने का निर्देश दिया।
ढांचागत क्षेत्र
- जापानी पक्ष ने घोषणा की कि जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) गुजरात में अगली पीढ़ी की ढांचागत सुविधाओं के मॉडल के तौर पर 10 मेगावाट का कैनल-टॉप ग्रिड कनेक्टेड सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) विद्युत संयंत्र की स्थापना की संभावनाओं का पता लगाने के लिए व्यावहारिकता अध्ययन करेगी।
- भारतीय पक्ष ने जापान से सार्वजनिक-निजी साझेदारी ढांचागत वित्त पोषण परियोजना के लिए इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) को 50 अरब येन (करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का ऋण और असम में गुवाहाटी सीवरेज परियोजना के लिए तकरीबन 15.6 अरब येन (लगभग 15.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का कर्ज मिलने की सराहना की।
- दोनों पक्षों ने यह माना कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना से भारत के छह राज्यों में नई पीढ़ी की स्मार्ट कम्युनिटी परियोजनाओं के सृजन के साथ औद्योगिक ढांचागत विकास में एक नया युग शुरू हो सकता है।
- दोनों पक्षों ने माना कि डीएमआईसी परियोजना नए विनिर्माण केंद्रों के अलावा ढांचागत संपर्कों जैसे विद्युत संयंत्रों, निश्चित जलापूर्ति, उच्च क्षमता वाले शहरी परिवहन एवं ढुलाई की सुविधाओं के साथ-साथ युवाओं को रोजगार अवसर मुहैया कराने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम इत्यादि का भी रास्ता साफ करेगी।
- दोनों पक्षों ने गुजरात के धोलेरा एवं महाराष्ट्र के शेंद्र-बिदक में औद्योगिक शहर और उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा तथा मध्य प्रदेश में उज्जैन के निकट विक्रम उद्योगपुरी में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की दिशा में हो रही प्रगति का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने सर्वाधिक उपयुक्त वित्त पोषण योजना को अपनाए जाने की संभावना के साथ मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम्स (एमआरटीएस) में जापानी तकनीकों का उपयोग किए जाने और जापानी निवेश बढ़ाए जाने की उम्मीद जताई। दोनों पक्षों ने अपने संबंधित अधिकारियों को हरियाणा के गुड़गांव और बावल के बीच एमआरटीएस के वास्ते येन में संभावित कर्ज के लिए जेआईसीए द्वारा संभाव्यता अध्ययन कराने का निर्देश दिया।
- स्मार्ट कम्युनिटी परियोजनाओं जैसे लॉजिस्टिक्स डाटा बैंक प्रोजेक्ट, नीमराना में मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट और दाहेज में सीवॉटर डीसैलिनेशन प्रोजेक्ट में हुई प्रगति का स्वागत करते हुए दोनों पक्षों ने अपने अधिकारियों को इन स्मार्ट कम्युनिटी परियोजनाओं पर अमल में तेजी लाने का निर्देश दिया। भारतीय पक्ष ने दाहेज स्थित सीवॉटर डीसैलिनेशन प्रोजेक्ट से जुड़े लंबित मसलों को सुलझाने का आश्वासन दिया जिनमें शुल्क, जल की गुणवत्ता के पैमाने, जल बिक्री इत्यादि शामिल हैं। दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि इन परियोजनाओं से भारत में उन्नत जापानी तकनीक का अनोखापन सामने आएगा।
- चेन्नई-बंगलुरू इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (सीबीआईसी), जिसमें दृष्टिपरक योजना को अंतिम रूप देना और तीन शहरों जैसे तमिलनाडु के पोन्नेरी, आंध्र प्रदेश के कृष्णपतनम और कर्नाटक के टुमकुर को संभावित औद्योगिक केंद्र के रूप में डिजाइन करना भी शामिल है, में तेज प्रगति का स्वागत करते हुए दोनों पक्षों ने अपने अधिकारियों को मार्च 2015 के आखिर तक तीनों शहरों का मास्टर प्लान और विकास योजना बनाने के काम को अंतिम रूप देने में तेजी लाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने संबंधित अधिकारियों को तमिलनाडु निवेश संवर्धन कार्यक्रम (टीएनआईपीपी) में उल्लेखित ढांचागत सुविधाओं के विकास को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया जिनमें सड़क विकास, बिजली और जलापूर्ति शामिल हैं। जापानी पक्ष ने इसका स्वागत किया।
- भारत के कारोबारी माहौल में सुधार और ढांचागत विकास पर टीएनआईपीपी के सकारात्मक असर को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने यह विचार साझा किया कि इसी तरह का कार्यक्रम कर्नाटक राज्य में भी चलाया जा सकता है।
- दोनों पक्षों ने सड़कों और सड़क परिवहन के क्षेत्र में भारत सरकार के सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय और जापान के भूमि, ढांचागत, परिवहन और पर्यटन मंत्रालय के बीच एक सहयोग करार पर हुए हस्ताक्षर का स्वागत किया।
- भारतीय पक्ष ने गुजरात के अलंग सोसिया स्थित शिप-ब्रेकिंग यार्ड को उन्नत बनाने में जापान से मदद मांगी।
- जापानी पक्ष ने समावेशन पर जोर के साथ लोकोन्मुखी निवेश को बढ़ावा देने की जापान की नीति को रेखांकित किया जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को निवेश के आर्थिक लाभ, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और क्षमता निर्माण के प्रति बढ़ी हुई सामाजिक गतिशीलता का लाभ मिल सके। जापानी पक्ष ने जोर देकर कहा कि ऐसे निवेश को बढ़ावा देने से टिकाऊ विकास हासिल होगा। भारतीय पक्ष ने इस नीति का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने एशियाई विकास बैंक से क्षेत्रों की ढांचागत और कनेक्टिविटी जरूरतों को पूरी करने के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाने की अपील की।
निवेश
- दोनों पक्षों ने बिजनेस लीडर फोरम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की सराहना की और निप्पन कैडनरेन द्वारा आयोजित एक उच्चस्तरीय आर्थिक मिशन की भारत यात्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया।
- दोनों पक्षों ने नई दिल्ली में आयोजित होने वाले इक्कीसवें अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेले (आईईटीएफ 2015) में जापान के साझेदार देश बनने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश का विस्तार होगा।
ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन
- दोनों पक्षों ने अपने इरादों की पुष्टि की कि वे भारत-जापान ऊर्जा बातचीत के जरिए ऊर्जा कुशलता, नवीकरणीय ऊर्जा और कोयला आधारित बिजली उत्पादन तकनीक क्षेत्र सहित ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल को-ऑपरेशन (जेबीआईसी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर का दोनों पक्षों ने स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने संयंत्रों का आधुनिकीकरण और मरम्मत तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देने में सहयोग जैसी स्वच्छ कोयला तकनीकों (सीसीटी) की प्रगति और उच्च कार्यकुशलता वाले एवं पर्यावरण अनुकूल कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने उत्तर प्रदेश के मेजा में अत्यंत जरूरी कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्र निर्माण के लिए भारतीय स्टेट बैंक और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल को-ऑपरेशन (जेबीआईसी) के बीच हुए ऋण समझौते और बिहार में बरुआनी सुपर क्रिटिकल थर्मल ऊर्जा संयत्र के लिए संभावित ऋण परियोजना के लिए जेआईसीए द्वारा संभाव्यता अध्ययन की शुरुआत का स्वागत किया।
- भारत-जापान रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी की दिशा में सार्थक कदम के तौर पर दुर्लभ धरा के उत्पादन के लिए इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (आईआरईएल) और टोयोटा सूशो कोर्पोरेशन (टीटीसी) के बीच वाणिज्यिक अनुबंध आधार पर हुए जरूरी समझौते का दोनों पक्षों ने स्वागत किया और वाणिज्यिक उत्पादन के साथ-साथ वाणिज्यिक अनुबंधों की शुरुआत को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की अपनी मजबूत इच्छा शक्ति को दोनों पक्षों ने दोहराया।
- दोनों पक्षों ने भारत में इस्पात, सीमेंट और यांत्रिक उपकरणों सहित ऊर्जा कुशलता में सुधार के लिए सहयोगी प्रयत्नों की प्रगति का स्वागत किया। दूरसंचार टॉवरों में ऊर्जा प्रबंधन व्यवस्था के लिए आदर्श परियोजना के तहत नवीकरणीय ऊर्जा एवं औद्योगिक प्रौद्योगिकी विकास संगठन (एनईडीओ) द्वारा अगस्त 2014 में हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की सराहना की। भारत में जनवरी 2014 में नवीकरणीय ऊर्जा पर हुई पहली भारत-जापान पब्लिक-प्राइवेट गोलमेज वार्ता के बाद नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में व्यावसायिक सहयोग पर चर्चा की प्रगति की भी दोनों पक्षों ने सराहना की।
- सितंबर 2014 में भारत में नीडो (एनईडीओ) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी और व्यवसाय मिलान गतिविधियों का दोनों पक्षों ने स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने 2015 में लौह अयस्क व्यापार प्रबंधन के नवीकरण में प्रगति का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने भविष्य में भारत में लौह तथा इस्पात उद्योग में निवेश एवं तकनीक के संबंध में सहयोग बढ़ाने के महत्व की बात स्वीकार की।
कृषि एवं खाद्यान्न
- भारत में खाद्यान्न संबंधी अवसंरचना स्थापित करने और कृषि विकास के महत्व को स्वीकारते हुए, दोनों पक्षों ने जापान द्वारा अग्रणी सिंचाई व्यवस्था और खेती मशीन की शुरुआत के द्वारा निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिए खाद्य मूल्य चेन स्थापित करने के जापान के कदम का स्वागत किया। जापान के इस कदम के जरिए भारत सरकार द्वारा लागू खाद्य औद्योगिक पार्कों और शीत चेन विकास परियोजनाओं को भी समर्थन मिलेगा।
रेलवे
- दोनों पक्षों ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल की अंतरिम रिपोर्ट जारी किए जाने का स्वागत किया और उम्मीद जताई की संयुक्त संभाव्यता अध्ययन जुलाई 2015 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- दोनों पक्षों ने वर्तमान रूटों पर सेमी-हाई स्पीड रेलवे व्यवस्था के तहत पैसेंजर रेलगाड़ियों की गति को बढ़ाने के लिए सहयोग जारी रखने को स्वीकृति दी।
- भारत में विभिन्न मेट्रो और अन्य शहरी परिवहन परियोजनाओं के लिए जापानी ओ.डी.ए की महत्वपूर्ण भूमिका की भारत ने जमकर सराहना की। दोनों पक्षों ने अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना में सहयोग का निर्णय लिया। दोनों पक्षों ने भारत में मेट्रो एवं अन्य शहरी अवसंरचना परियोजनाओं सहित विभिन्न उपयुक्त अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में भारत-जापान सहयोग बढ़ाने के लिए संभावनाएं तलाशने का निर्णय लिया। दोनों पक्षों ने भावी मेट्रो परियोजनाओं में परस्पर लाभकारी तरीके से ओ.डी.ए सहायता जारी रखने के महत्व को स्वीकार किया।
नागरिक उड्डयन
- नागरिक उड्डयन क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के महत्व को दोनों पक्षों ने स्वीकार किया, जोकि परस्पर आदान-प्रदान को बढ़ाने में योगदान देगा। दोनों पक्षों ने नव धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा विकास परियोजना के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण को गति देने सहित विभिन्न मामलों में सहयोग मजबूत करने का निर्णय लिया।
कौशल विकास
- बेहतर कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की जारी योजनाओं के प्रयत्नों को स्वीकारते हुए दोनों पक्षों ने भारत में विकसित किए जा रहे औद्योगिक गलियारों में स्थानीय युवाओं के क्षमता विकास और कौशल को बढ़ाने के लिए कौशल विकास को एक महत्वपूर्ण औजार के रूप में स्वीकार किया और डीएमआईसी परियोजना में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए द ओवरसीज ह्यूमेन रिसोर्सिज एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट एसोसिएशन (एचआईडीए) के सहयोग की सराहना की।
- दोनों पक्षों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए जापान के बहुमूल्य योगदान के रूप में चैंपियन सोसायटल मैन्युफैक्चरिंग (सीएसएम) की उपलब्धियों की सराहना की। भारत ने विलेज बुद्धा नामक जापान की नई उप-परियोजना की शुरुआत का स्वागत किया। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वंय सहायता समूहों में नेतृत्व विकास करना है साथ ही इन समूहों में महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी बताना है।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)
- भारत के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जापान के आंतरिक मामले एवं संचार मंत्रालय के बीच भारत-जापान आईसीटी समग्र सहयोग संरचना के तहत संयुक्त कामगार समूहों की गतिविधियों के जरिए आईसीटी सहयोग की प्रगति का दोनों पक्षों ने स्वागत किया।
- फरवरी 2014 में प्रथम संयुक्त कामगार समूह के समझौते पर आधारित हरित आईसीटी और साइबर सुरक्षा सहयोग जैसी ठोस संयुक्त परियोजनाओं की शुरुआत पर दोनों पक्षों ने संतोष व्यक्त किया और आईसीटी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दोबारा पुष्टि की।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण
- भारत ने मार्च 2015 में सेंदई में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर संयुक्त राष्ट्र विश्व कॉन्फ्रेंस की जापान द्वारा मेजबानी किए जाने का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने एक्शन 2005-2015 के लिए ह्योगो रूपरेखा के कामयाब ढांचे को अपनाने के क्रम में कॉन्फ्रेंस के शुरू से लेकर अंत तक सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया।
क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग
- दोनों पक्षों ने पूर्वोत्तर भारत और पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय संपर्क पर जेआईसीए के अध्ययन का स्वागत किया और क्षेत्र में परिवहन आधारभूत परियोजनाओं में जापानी ओडीए को शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। सीमा पार व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और भारत और पड़ोसी देशों के बीच आधारभूत विकास सहयोग को बढ़ाने के लिए भारतीय आयात-निर्यात बैंक और जेबीआईसी के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने पूर्वोत्तर भारत में संपर्क और सामाजिक-आर्थिक विकास के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने का फैसला किया। जापानी पक्ष ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क संपर्क परियोजनाओं सहित संभावित सहयोग की पहचान के लिए जेआईसीए से एक सर्वे कराने की घोषणा की। भारतीय पक्ष ने वन्य संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में कई परियोजनाओं समेत पूर्वोत्तर भारत में जापान की मदद की सराहना की। इसके साथ ही भारतीय पक्ष ने मणिपुर के इम्फाल में जलापूर्ति सुधार के लिए येन मुद्रा में संभावित ऋण और जेआईसीए के संभाव्यता अध्ययनों की भी प्रशंसा की।
अफ्रीका में सहयोग
- दोनों पक्षों ने अफ्रीका में अपने सहयोग को मजबूत करने पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। दोनों पक्षों ने अफ्रीका में भारतीय और जापानी निवेशकों द्वारा व्यापारिक गतिविधियों केा बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों पक्षों ने अफ्रीका पर भारत-जापान वार्ता के अगले दौर के महत्व की पुष्टि की।
समुद्री मामले
- दोनों पक्षों ने ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप को यूएस-2 एम्फीबिएन विमान सहयोग के द्वारा भारतीय विमान उद्योग के विकास के लिए रोड़ मेप की तैयारियों और विचार-विमार्श की प्रगति को बढ़ाने के निर्देश दिए।
- भारतीय पक्ष ने रक्षा उपकरण प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा जाहिर की और इस बारे में अपने हितों से जापानी पक्ष को अवगत कराया। दोनों पक्षों ने भविष्य मे सहयोग के और क्षेत्रों की पहचान करने पर चर्चा करने का फैसला किया।
- दोनों पक्षों ने भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और जापान तटरक्षक बल के कमांडेंट के बीच वार्ता और जनवरी, 2014 को कोच्चि तट पर भारतीय और जापानी तटरक्षक बलों के बीच संयुक्त अभ्यास का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने समुद्री मुद्दों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की अपनी इच्छा जताई और तोक्यो में अगली द्विपक्षीय वार्ता और अक्टूबर 2014 में भारतीय और जापानी तटरक्षक बलों के बीच हानिदा तट पर संयुक्त अभ्यास करने का फैसला लिया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- दोनों पक्षों ने जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस (जेएसपीएस) के फेलोशिप प्रोग्राम के तहत जापान में अनुसंधान का अनुभव लेने वाले भारतीय अनुसंधानकर्ताओं द्वारा आयोजित विकाशील अनुसंधानकर्ताओं के नेटवर्क का स्वागत किया।
- भारतीय पक्ष ने युवा भारतीय शोधकर्ताओं और छात्रों को जेएसपीएस छात्रवृत्त्िा कार्यक्रम और विज्ञान से संबंधित जापान-एशिया युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के माध्यम से अपने देश में आमंत्रित करने की जापानी पक्ष की मंशा का स्वागत किया है।
- दोनों पक्षों ने भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और जापान की समुद्र-पृथ्वी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएएमएसटीईसी) के बीच महासागर और पृथ्वी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नये सहयोग की शुरूआत करने के संबंध में आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया है। इस सहयोग में समुद्र की निगरानी, जलवायु की असमानताओं तथा हिंद महासागर और गहरे समुद्र की प्रौद्योगिकियों का भूभौतिकीय अध्ययन शामिल है।
- त्सुकुबा में हाई-एनर्जी एक्सेलरेटर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (केईके) में सफल इंडियन बीम लाइन के संचालन की सराहना, सहयोग की प्रमुख गतिविधि के रूप में करते हुए दोनों पक्षों ने संरचनात्मक सामग्री विज्ञान (स्ट्रक्चरल मटिरियल साइंस) में इस सहयोग को एडवांस्ड मटिरियल्स के अध्ययन के दूसरे चरण तक ले जाने के फैसले की घोषणा की है।
- दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एशिया-प्रशांत अंतरिक्ष एजेंसी फोरम (एपीआरएसएएफ) जैसे दृष्टिकोण के माध्यम से सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है और आशा व्यक्त की है कि जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
- दोनों पक्षों ने भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के बीच स्वास्थ्य संबंधी देखरेख के क्षेत्र में सहमति पत्र पर हस्ताक्ष्ार होने का स्वागत किया है।
- दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों के विकास को बढ़ावा दिये जाने की आशा की व्यक्त की है, जो संयुक्त अनुसंधान एवं विकास की दिशा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और ओसाका विश्वविद्यालय की नये पहल के जरिये भारतीय जरूरते पूरी करेंगे।
- दोनों पक्षों ने जापानी कम्पनी और भारतीय अस्पताल के बीच सहकारी प्रारूप में एडवांस कैंसर निदान और उपचार केंद्र की स्थापना के संदर्भ में कारोबार के प्रोत्साहन पर हाल में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।
मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान सहयोग
- दोनों पक्षों ने जापान सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस (जेएसपीएस) और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) तथा जेएसपीएस और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के बीच दो सहमति पत्रों पर हस्ताक्षरों का स्वागत किया है।
जनता के बीच आदान-प्रदान
- दोनों पक्षों ने जेईएनईएसवाईएस 2.0 कार्यक्रम के तहत दोनों देशों के करीब 1300 युवाओं के आदान-प्रदान के संबंध में जारी योजना पर संतोष व्यक्त किया है।
- भारतीय पक्ष ने, भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ जापानी विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सहयोग को सहायता देने संबंधी जापान की पहल और समन्वयकों को भारत भेजने सहित कार्यों का स्वागत किया है।
- दोनों पक्षों ने पर्यटन में सहयोग के महत्व पर बल दिया है और पर्यटन प्रदर्शनियों के जरिये अपने नागरिकों को एक-दूसरे की यात्रा के लिए प्रोत्साहित करने के वर्तमान प्रयासों का स्वागत किया है।
- दोनों पक्षों ने भारत और जापान के बीच वीजा प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए मेमरैंडम की समीक्षा के प्रयासों को जारी रखने का निर्णय लिया, जिससे कारोबार और पर्यटन के क्षेत्र में लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। जापानी पक्ष ने भारत के इस निर्णय का स्वागत किया जिसके तहत रोजगार वीजा रखने वाले जापानी नागरिकोंऔर उनके आश्रितों को भारत रेसीडेंट परमिट देगा, जो उनके वीजा के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
- भारतीय पक्ष ने जापान ओवरसीज कॉपरेशन वालंटियर (जेओसीवी) के विस्तार का स्वागत किया, जिसमें जापान सरकार द्वारा पूर्वोत्तर भारत में पहले जेओसीवी के तहत जेओसीवी को मिजोरम राज्य में नर्सिंग के क्षेत्र में भेजने का फैसला शामिल है।
- जापानी पक्ष ने जापान में भारत महोत्सव मनाने का स्वागत किया। इस महोत्सव को दो चरणों में 3-31 अक्टूबर, 2014 और मार्च-मई 2015 के दौरान मनाया जाएगा। इस महोत्सव के तहत जापान के 13 शहरों में 17 नृत्य कार्यक्रम, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन स्टडीज द्वारा बुद्ध महोत्सव, नव नालंदा महाविद्यालय द्वारा बुद्ध चरिका प्रदर्शनी, कोलकाता स्थिति इंडियन म्यूजियम द्वारा बौद्ध कला प्रदर्शनी, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन, पर्यटन मंत्रालय द्वारा एक खानपान महोत्सव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक फिल्म महोत्सव, साहित्य अकादमी द्वारा एक साहित्य महोत्सव, आंचलिक सांस्कृतिक केंद्र द्वारा एक लोक नृत्य प्रदर्शन और योग, सूचना तकनीक और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों से संबंधित प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।
महिला सशक्तिकरण
- जापानी पक्ष ने भारतीय पक्ष को महिलाओं पर केंद्रित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी दि वर्ल्ड एसेंबली फॉर वुमेन (वाव! टोक्यो 2014) के बारे में बताया। इस संगोष्ठी का आयोजन टोक्यो में सितंबर 2014 में किया जाएगा।
दोनों पक्षों ने भारत में महिला नेताओं को सशक्त बनाने के लिए एचआईडीए द्वारा टोक्यो में सितंबर 2014 में आयोजित एक कार्यक्रम का स्वागत किया।