प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे बदलाव में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। अब मुद्दा महिलाओं के विकास से बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व में होने वाले विकास का है।
प्रधानमंत्री के विकास की योजनाओं को महिलाओं ने खुलकर समर्थन दिया है। नारी शक्ति अब आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ बन गयी है।
प्रधानमंत्री मोदी को न सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी महिलाओं ने उत्साह के साथ अपना समर्थन दिया है। क्या आपको याद है जब प्रधानमंत्री सऊदी की महिला आईटी प्रोफेशनल्स से मिले थे और टाटा कन्सल्टेन्सी सर्विसेज़ (टीसीएस) के ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने पर महिलाओं ने उनका कितना जबरदस्त स्वागत किया था?
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना जैसी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। महिलाओं ने काम करते हुए दैनिक जीवन में वित्तीय आत्मनिर्भरता को महसूस किया। बदले में जो स्नेह और समर्थन उन्होंने दिखलाया, वह बेमिसाल है।
जन-धन योजना के साथ बैंकों से जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या बढ़कर 61 फीसदी हो गयी। इससे महिलाओं में वित्तीय साक्षरता आयी और वे सशक्त हुईं।
प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, “अगर हमारी 50 फीसदी आबादी घरों में कैद रहेगी, तो हम सफलता नहीं पा सकते।” मोदी सरकार की प्राथमिकता महिलाओं को वित्तीय समर्थन और प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाने पर पूरा जोर देने की रही है ताकि महिला उद्यमिता का विकास हो सके।
महिला सरपंच से लेकर विधायक तक जनसेवाओं में महिलाओं की भूमिका को जितना बढ़ावा मिला है, उतना पहले कभी नहीं मिला। पीएम मोदी ने इस बात को समझा कि बिना महिलाओं की भागीदारी के सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों को तेजी से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनमें न सिर्फ अपने परिवार के लोगों की देखभाल की विशेष क्षमता होती है बल्कि वह समाज के लिए भी उतनी ही कारगर होती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू इंडिया की सोच से महिलाओं को जोड़ा। महिलाएं भी आगे आकर नेतृत्व कर सकती हैं इसका अहसास कराया, चाहे वह स्वच्छ भारत हो या बदलते भारत के ऊर्जा सेक्टर में सौर ऊर्जा का उत्पादन रहा हो।
बेटी बचाने की जरूरत हो या बेटी को पढ़ाने की बात, प्रधानमंत्री ने इसे पूरी संवेदनशीलता और प्राथमिकता से लिया। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत लगातार प्रयासों की बदौलत अब स्थिति यह है कि हरियाणा ने 950 के लिंगानुपात का लक्ष्य हासिल कर लिया है जो दो साल पहले बहुत कम 840 था।
चूकि भारत बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में बहुत तेजी से उभरा है, देश की तरक्की की कहानी में महिलाओं की भागीदारी की जरूरत दिन ब दिन महत्वपूर्ण होती जा रही है। महिलाएं आज जितनी मुखर हुई हैं, इससे पहले नहीं दिखीं। ये महिलाएं अब अपना विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में जता रही हैं।
“महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है।”
- पीएम नरेंद्र मोदी