केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने जीवन जीने में आसानी का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे सभी नागरिकों के कल्याण के लिए हासिल किया जाना चाहिए।’ इसी पृष्ठभूमि में हमारी सरकार देश को आगे ले जाने के लिए कार्य करेगी, ताकि हम स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण के अगले स्तर पर पहुंच सके।
सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी के लक्ष्य के लिए इस बजट में तीन प्रमुख थीमों का समावेश किया गया है।
आकांक्षी भारत- इसके अंतर्गत समाज के सभी वर्ग जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करना चाहते है। लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बेहतर रोजगार तक पहुंच की सुविधा होनी चाहिए। इसके घटक हैं- कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास; आरोग्य, जल एवं स्वच्छता तथा शिक्षा एवं कौशल।
सभी के लिए आर्थिक विकास- यह प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को दर्शाता है। इसके अंतर्गत आर्थिक सुधार किए जाएंगे और निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी, ताकि उच्च उत्पादकता और बेहतर कार्यकुशलता सुनिश्चित हो सकेगा। इसके तीन घटक हैं- उद्योग, वाणिज्य, एवं निवेश; अवसंरचना और नई अर्थव्यवस्था।
अंत्योदय पर आधारित एक जिम्मेदार समाज- समाज जो मानवता तथा करुणा की भावना से ओत-प्रोत हो। इसके तीन घटक हैं- महिला एवं बाल, सामाजिक कल्याण; संस्कृति एवं पर्यटन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन।
इन तीन विषयों (थीम) को भ्रष्टाचार मुक्त नीति आधारित अच्छे प्रशासन एवं मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ जोड़ा गया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह बजट दो प्रमुख तथ्यों की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया है। पहला मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, एआई, एनालिटिक्स, बायो-इनफोरमेटिक्स जैसी तकनीकों के प्रसार से संबंधित है, जबकि दूसरा उत्पादन आयु सीमा वाली आबादी (15-65 वर्ष) से जुड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप डिजिटल क्रांति ने भारत को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका सौंपी है। सरकार का लक्ष्य हैः
डिजिटल प्रशासन के माध्यम से सेवाओं को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराना
राष्ट्रीय अवसंरचना, पाइप लाइन के माध्यम से जीवन के भौतिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना
आपदा रोधी उपायों के जरिए जोखिम को कम करना
पेंशन और बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहन देना
वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट 2020-21 कृषि, अवसंरचना, सामाजिक कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमान 2019-20 से परिव्यय में 3,43,678 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि वित्तीय घाटे को जीडीपी के 3.8 प्रतिशत तक सीमित रखा गया है।