प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को बिहार के सीतामढ़ी, बेतिया और मोतिहारी में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य से जंगलराज और भ्रष्टाचार को उखाड़ कर भाजपा की अगुआई में दो-तिहाई बहुमत से राजग की लोक-कल्याणकारी सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है, अब बिहार से अंधेरा छटेगा और उजाला आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बाल्मीकि जयंती के अवसर पर माँ सीता की धरती से मैं प्रार्थना करता हूँ कि महर्षि बाल्मीकि मुझे दलितों, शोषितों, वंचितों और गरीबों की सेवा करने की शक्ति दें और माता सीता हमें साहस दें कि मैं आपकी सेवा करने में पीछे न हटूँ, मैं अपने शरीर का कण-कण आपकी सेवा में अर्पित करना चाहता हूं। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह चुनाव तो बिहार का भाग्य बदलने का चुनाव है और निर्णय बिहार की जनता को करना है कि वह कैसा भविष्य चाहते हैं। श्री मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आप बिहार के नवनिर्माण के लिए विकास पर भरोसा कीजिये और हम विकास लेकर आए हैं।
प्रधानमंत्री ने नीतीश-लालू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू-नीतीश के बीच हर बात की स्पर्धा चल रही है चाहे वह सत्य से नाता छोड़ने का मामला हो या भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देना हो या फिर अपराधीकरण की बात हो। उन्होंने कहा कि नीतीश जी अब मनोरंजन के क्षेत्र में भी लालू यादव को मात देने में लगे हुए हैं। उन्होंने नीतीश के मुशायरे पर पलटवार करते हुए कहा कि हम ये तो जानते थे कि महास्वार्थबंधन में तीन दल है आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस लेकिन नीतीश बाबू मुशायरे में ये थ्री इडियट वाली बात ही क्यों लेकर आए। उन्होंने कहा कि उनके दरबारी भी ऐसे थे कि कविता खत्म होने से पहले ही ठहाके लगा रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाह नीतीश बाबू वाह, क्या खेल है, एक हफ्ता बचा है मुशायरा कर लीजिए, आठ के बाद लोग आपको बुला लिया करेंगे।
प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों उजागर हुए नीतीश कुमार के मंत्री और विधायक के घूस कांड पर महास्वार्थबंधन को घेरते हुए कहा कि सरे-आम राज्य सरकार द्वारा बिहार को बेचने के वादे किये जा रहे हैं, पांच और मंत्रियों को चारा डालने के लिए बातें की जा रही है और तिसपर यह विकास की बात करते हैं। उन्होंने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू जी के उम्मीदवार भी पकडे गए पर उन्हें तो लगता है कि यह तो उनके चारा घोटाले के मुकाबले कुछ भी नहीं है। नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार कहा करते थे, उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों को पकड़ेगी, उनकी सम्पत्तियों को जब्त कर वहाँ स्कूल खुलवाएगी। उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि बाकी को तो छोड़ो, आपने जिनके साथ समझौता किया है, उनकी संपत्ति जब्त करके वहाँ पर स्कूल खुलवा कर अपना वादा तो पूरा करो, आपकी सरकार के मंत्री लाखों रुपये लेते पकड़े गए, उनकी संपत्ति जब्त कर स्कूल चालू क्यों नहीं किया? आपके उम्मीदवार सत्यदेव ने रुपये लिए, क्या उनकी संपत्ति जब्त की? श्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि बिहार में चल रहे भ्रष्टाचार के खुले खेल पर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संसद नहीं चलने देती अनाप-शनाप आरोप लगाती रहती है जबकि बिहार में रुपयों के लेन-देन पर अपने मुंह पर ताला लगाकर बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव में नारे देना अलग बात है, करके दिखाओ तब पता चलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाती है।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक हम भ्रष्टाचार को नहीं मिटाएंगे तब तक बिहार को आगे नहीं ले जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपके पास बिहार के विकास के लिए वोट मांगने आया हूं। नीतीश-लालू के 'बिहारी-बनाम-बाहरी' के आरोपों पर पलटवार करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्या देश का प्रधानमंत्री सभी राज्यों का प्रतिनिधि नहीं होता है, क्या प्रधानमंत्री कभी बाहरी हो सकता है? उन्होंने कहा कि यदि आपका मुख्यमंत्री पटना से चुनाव जीतता है तो क्या वह पूरे बिहार का मुख्यमंत्री माना जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को नीतीश-लालू बाहरी इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इनके पेट में पाप है और वह एक लाख 65 हजार करोड़ के विकास के पैकेज को अपने अहंकार की वजह से ठुकराने के रास्ते तलाश रहे हैं। उन्होंने जनता से पूछा कि बिहार के नौजवानों को बाहरी बनने पर मजबूर किसने किया, क्यों उन्हें धक्के मारकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया? श्री मोदी ने कहा कि बिहारी और बाहरी की बात करने वाले लालू-नीतीश ने ही बिहार के नौजवानों को बाहरी बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने आरक्षण पर लोगों को सचेत करते हुए कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर द्वारा दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अति-पिछड़ों के कल्याण के लिए दिए गए आरक्षण में भी चोरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू जी का तो यह पुराना पेशा रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे चारा हड़पा गया, वैसे ही दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अति-पिछड़ों के हिस्से के आरक्षण से पांच फीसदी चोरी कर दूसरे लोगों को दे दिए जाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में एक और तो भ्रष्टाचार करने की लड़ाई है तो वहीं दूसरी तरफ सुशासन की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में जो सरकार चल रही है, वहां का मुख्य उद्योग अपहरण है। उन्होंने कहा कि लालू जी का इस चुनाव का मुख्य एजेंडा है - नीतीश कुमार को धूल चटाना और अपने बेटों को राज्य की सत्ता में स्थापित करना।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लालू-नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये दोनों एक-दूसरे पर कीचड उछालते थकते नहीं थे, आरोप-प्रत्यारोप करते थकते नहीं थे, आज दोनों एक साथ बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लालू जी, नीतीश कुमार के लिए कहते थे, "दुनिया में ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको नीतीश ने ठगा नहीं" वहीं नीतीश कुमार, लालू जी को आरोपों की झड़ी लगाते हुए प्रेमपत्र लिखा करते थे। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ये खुद के साथ भी छलावा है, सार्वजनिक जीवन में भी यह शोभा नहीं देता। उन्होंने जनता को आगाह करते हुए कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों मिलकर बिहार की जनता को भ्रमित करने चुनाव मैदान में आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये विश्वासघात करने वाले लोग है, बिहार इनपर अब भरोसा नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम शुरू से ही इस चुनाव को विकास के मुद्दे पर लड़ना चाहते हैं जबकि लालू जी और नीतीश कुमार बिहार में विकास की रफ़्तार को बिगाड़ने का खेल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले विधान सभा चुनाव में 2015 तक बिजली देने का वादा किया था, कहा था कि अगर बिजली नहीं पहुंचाई तो वोट मांगने नहीं आऊंगा लेकिन वह फिर से लोगों से वोट मांगने आ गये। श्री मोदी ने कहा कि मैंने पिछले लोक सभा चुनाव में बिहार की जनता से राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था लेकिन 15 महीनों में ही मैंने बिहार के विकास के लिए, बिहार के गरीबों और किसान के लिए, दलितों, पिछड़ों और शोषितों के कल्याण के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैंने 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था, दिया 1.65 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और तब आपके बीच आया, नीतीश बाबू को भी घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद आपके पास आना था लेकिन उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया और आपके साथ विश्वासघात किया। उन्होंने नीतीश-लालू पर हमला करते हुए कहा कि यह 1980 का बिहार नहीं है, ये हर बात का हिसाब रखती है। उन्होंने कहा कि राजनीति में दगाबाजी, धोखाधड़ी और विश्वासघात की कोई जगह नहीं होती और बिहार की जनता आपको इसका माकूल जवाब देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सपना है, 2019 तक बिहार के हर घर में बिजली पहुंचे और 2022 तक बिहार के हर गरीब के पास अपना छत हो।
उन्होंने बिहार के विकास की अपनी प्रतिबद्धता बताते हुए कहा कि बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए मेरा छह सूत्रीय कार्यक्रम है - बिहार प्रदेश के लिए बिजली, पानी और सड़क तथा बिहार के परिवारों के लिए पढ़ाई, कमाई और दवाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ विकास राज का मंत्र है तो दूसरी ओर अवसरवाद की गूंज है, एक ओर सुशासन का मंत्र है तो वहीं दूसरी ओर विनाश के रास्ते खोजे जा रहे हैं और अपवित्र गठबंधन का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की सभी समस्याओं का निदान विकास में ही निहित है। उन्होंने कहा कि नीतीश-लालू अपनी पराजय सामने देख रहे हैं, इसलिए मुझपर बेसिरपैर के आरोप लगाए जा रहे हैं, हमारी गरीबी का लगातार मजाक उड़ाया जाता रहा, मेरे चाय बेचने को लेकर गाली दी जाती रही। श्री मोदी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व होता है लेकिन महास्वार्थबंधन के नेताओं को इसमें विश्वास ही नहीं है, वे लोकतंत्र में यकीन ही नहीं करते। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने लालू-नीतीश को सदा के लिए बाय-बाय कर दिया है, इसलिए हर तरफ से थक-हारकर अब वह तंत्र-मंत्र के शरण में चले गए हैं लेकिन तंत्र-मंत्र भी उन्हें अब नहीं बचा पायेगा। उन्होंने कहा कि न तो इससे उनके पाप धुल सकते हैं, न ही इससे गरीबों को शिक्षा मिल सकती है, न ही नौजवानों को रोजगार मिल सकता है और न ही घरों में बिजली आ सकती है। श्री मोदी ने कहा कि जंतर-मंतर उनकी श्रद्धा का विषय हो सकता है, मुझे इससे कोई शिकायत नहीं, लेकिन ये लोग अभी जो कर रहे हैं, वह लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को मंत्र-तंत्र नहीं, लोकतंत्र चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से आग्रह करते हुए कहा कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए आप विकास को वोट दीजिए। श्री मोदी ने राज्य के लिए बनाई गई नवीन योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हम बिहार का सर्वांगीण विकास चाहते हैं और इसलिए मुझे बिहार के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत महसूस हुई लेकिन अगर मैंने ये पैसे पहले दिए होते तो सारे पैसे बैंक में सड़ रहे होते या किसी ने मार लिए होते। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पैसे तो दिए लेकिन या तो वह पैसा या तो बैंकों में ही रखा पड़ा है या नीतीश सरकार उसका हिसाब नहीं दे रही। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के विकास में कमी पैसों की नहीं है, कमी नीतीश सरकार की मंशा में है। उन्होंने कहा कि पैसा देने के बावजूद अगर राज्य में विकास नहीं हो रहा तो लालू-नीतीश की जोड़ी बिहार में विकास का दावा कैसे कर सकती है? उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी होनी चाहिए जो योजनाओं का समय से निष्पादन कर सके और केंद्र द्वारा दी गई राशि को जनता के कल्याण में लगा सके।
संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले चरणों में राज्य की जनता पहले-दूसरे चरण के सारे रिकॉर्ड तोड़कर भारी मात्रा में मतदान करे और राज्य में भाजपा की अगुआई में राजग की दो-तिहाई बहुमत की सरकार बनाकर बिहार को विकास के मार्ग पर प्रशस्त करे।