दिल्ली में श्री राम मेमोरियल ओरेशन के माध्यम से युवाओं को मुख्यमंत्री का दिशा दर्शक संबोधन
युवाओं को ‘न्यू एज वोटर’ के तौर पर नहीं बल्कि ‘न्यू एज ऑफ पॉवर’ के रूप में देखें राजनीतिज्ञ - मुख्यमंत्री
दो हजार से अधिक युवाओं ने श्री नरेन्द्र मोदी का अभूतपूर्व उत्साह और उमंग से स्वागत किया
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की युवा पीढ़ी को विश्व में हिन्दुस्तान के सामर्थ्य का साक्षात्कार कराने का प्रेरक आह्वान बुधवार को नई दिल्ली में श्री राम मेमोरियल ओरेशन के माध्यम से दिया। व्यापार प्रबंध के शिक्षा क्षेत्र में भारत की प्रख्यात श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित बिजनेस कॉन्क्लेव-२०१३ के समापन समारोह में २००० से अधिक युवक-युवतियों ने पूरे जोशो-खरोश के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
हिन्दुस्तान की युवा पीढ़ी की शक्ति और सामर्थ्य पर संपूर्ण भरोसा व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि २१वीं सदी ज्ञानयुग है और भारत के पास ऐसी सक्षम युवाशक्ति है, जिससे वह एक बार फिर ज्ञान की इस सदी में विश्व की मनुष्यजाति को नेतृत्व प्रदान कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, उन्हें पूरी श्रद्धा है कि सवा सौ वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद ने अपने बौद्धिक, आध्यात्मिक ज्ञान कौशल से समग्र विश्व को चकित कर दिया था और उनकी १५०वीं जन्म जयंती के अवसर पर भारत की युवाशक्ति ही भव्य एवं दिव्य भारत का निर्माण कर सकती है। श्री मोदी ने कहा कि, वे पूर्ण रूप से आशावादी हैं और देश की आजादी के बाद के छह दशक में भारत में व्याप्त निराशा और हताशा के माहौल को बदलने के लिए युवाशक्ति पर संपूर्ण भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज से डेढ़ दशक पूर्व हिन्दुस्तान की छवि गरीब, पीड़ित और पिछड़े देश की थी, जिसे बदलने में इस देश के युवाओं ने अपनी शक्ति का साक्षात्कार करवाया है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के लिए दुनिया का दृष्टिकोण बदलने में कोई राजनेता नहीं बल्कि युवा ही सफल रहे हैं।
गुजरात ने यह भरोसा दिलाया है कि किसी भी व्यवस्था और स्थिति को बदला जा सकता है। गुजरात की धरती पर से ही आजादी के आंदोलन की दो अलग-अलग विचारधाराओं ने नेतृत्व किया था, परिणामस्वरूप सशस्त्र क्रांतिकारियों तथा महात्मा गांधी व सरदार पटेल के अहिंसक आंदोलन से देश को स्वराज्य मिला। लेकिन आजादी के ६० वर्षों पश्चात आज भी हम सुराज्य की अनुभूति नहीं कर सके। बिना सुशासन सुराज्य नहीं आता और सुशासन (गुड गवर्नेंस) की दिशा में गुजरात ने देश और दुनिया को प्रतीति करवाई है। गुजरात का गुड गवर्नेंस मॉडल प्रो-पीपुल प्रोएक्टिव गुड गवर्नेंस (पी२जी२)फार्मुले पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हिन्दुस्तान विश्व का सर्वाधिक युवा देश है और देश की आबादी का ६५ फीसदी हिस्सा ३५ वर्ष तक की आयुसीमा वाली युवाशक्ति का है। हिन्दुस्तान के सम्मुख आज सबसे बड़ी चुनौती देश में मौजूद विपुल अवसरों को युवाओं को उपलब्ध करवाने की है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति की वजह से ही यह देश बर्बाद हुआ है और अब समय की मांग है कि देश को विकास की राजनीति के मार्ग पर ले चलें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वर्तमान राजनीति में युवाओं को ‘न्यू एज वोटर’ समझा जाता है, लेकिन यही युवा देश का भविष्य हैं और मैं उन्हें ‘न्यू एज ऑफ पॉवर’ के रूप में मानता हूं।
श्री मोदी ने कहा कि २१वीं सदी ज्ञान की सदी है और इस ज्ञान सदी में भारत ही विश्व का नेतृत्व करेगा, लेकिन इसके लिए स्किल, स्पीड और स्केल की जरूरत है। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने गुड गवर्नेंस के नये आयामों, नई मानसिकता, जनसहयोग और परिस्थिति में बदलाव की सफलतागाथा के अनेक दृष्टांत पेश किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व की प्रगतियात्रा में यदि भारत को अपनी सर्वोपरिता स्थापित करनी है तो सुराज्य की अनुभूति करवानी ही होगी। आज देश में व्याप्त निराशा के वातावरण को देखते हुए सभी ऐसा महसूस करते हैं कि स्थिति को बदला नहीं जा सकता। लेकिन मैं पूरी तरह से आशावादी हूं। कोई भी ग्लास पानी से आधा भरा हुआ है या आधा खाली है, इसे देखने की दो दृष्टि होती हैं, और मेरी सोच कुछ अलग है। मैं मानता हूं कि यह ग्लास आधा पानी से और आधा हवा से भरा हुआ है। गुजरात में वही व्यवस्था, वही संविधान, वही सरकारी तंत्र, मानवशक्ति और संसाधन होने के बावजूद हमने सुराज्य की दिशा में स्थिति को बदलने में सफलता हासिल की है। इस सन्दर्भ में उन्होंने मिनिमम गवर्मेंट और मेक्सिमम गवर्नेंस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास कर गुजरात ने देश को विकास की राजनीति का मार्ग बतलाया है। उन्होंने कहा कि हम गरीब या पिछड़े नहीं हैं। हमारे पास बौद्धिक सामर्थ्य वाली विश्व की सबसे युवाशक्ति और प्राकृतिक संसाधन हैं।
जरूरत इस बात की है कि इस युवा और प्राकृतिक संसाधन का विकास के लिए विनियोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र के समान हिस्से पर होना चाहिए, जिसे गुजरात ने सफलतापूर्वक साबित कर बताया है। पानी की कमी से जूझता गुजरात आज कृषि क्षेत्र में १० वर्ष के दौरान १० फीसदी की सातत्यपूर्ण विकास दर वाला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि गुजरात में हर दो वर्ष में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आयोजित होती है। वहीं, मेरी सरकार के करीबन एक लाख कर्मचारी भरी दुपहरी में गांव-गांव खेतों में जाकर किसानों को लैब टू लैण्ड की वैज्ञानिक खेती के लिए प्रेरित करते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि किसानों को जमीन सुधार के लिए सॉइल हैल्थ कार्ड दिये गए हैं। इन सबके चलते किसान और पशुपालक समृद्धि की ओर अग्रसर हैं। पशु स्वास्थ्य मेलों के चलते करीब १२० पशुरोगों का खात्मा हुआ है और दूध के उत्पादन में ८० फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दस वर्ष पूर्व २३ लाख गांठ कपास गुजरात में उत्पादित होता था, जो आज बढ़कर एक करोड़ २३ लाख गांठ तक जा पहुंचा है। गुजरात के किसानों ने विश्व के बाजारों में छा जाने के लिए फाइव एफ फार्मुला अपनाया है। जिसके तहत फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैब्रिक, फैब्रिक टू फैशन, फैशन टू फॉरेन जैसी दिशा अपनाई है। नतीजा यह कि, गांवों की क्रयशक्ति बढ़ी है और उससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा है। सेवा क्षेत्र में पर्यटन विकास से गुजरात विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अंकित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात ने अनोखी पहल की है। दस वर्ष पूर्व जहां राज्य में ११ यूनिवर्सिटियां कार्यरत थी, जबकि आज इनकी संख्या बढ़कर ४१ हो गई है। इसमें भी विश्व की सर्वप्रथम फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और देश की प्रथम रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन जैसी शैक्षणिक संस्थाएं गुजरात में युवाओं को अनेक अवसर प्रदान कर रही हैं। इसी तरह कौशल विकास के अनेक नये पाठ्यक्रम का विशाल फलक खड़ा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान के पास जो शक्ति और सामर्थ्य की महान विरासत और विशाल युवाशक्ति का मानवबल है, ऐसे में भारत की ब्रांड इमेज खड़ी कर
मेड इन इंडिया द्वारा विश्व के बाजारों में अपनी सर्वोपरिता स्थापित की जा सकती है।
श्री मोदी ने विश्व बाजार में छा जाने के लिए उत्पादनों में जीरो डिफेक्ट प्रोडक्ट और पैकेजिंग स्ट्रेटेजी अपनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को एक बड़े बाजार के तौर पर स्वीकार करती है। लेकिन हमारा संकल्प यह होना चाहिए कि हम अपने सामर्थ्य से विश्व के बाजारों पर छा जाएं। मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के सपने और संकल्प को मूर्तिमंत करने का युवाशक्ति से अनुरोध करते हुए कहा कि देश के युवाओं का मिजाज ऐसा होना चाहिए कि, भारत के दिव्य-भव्य निर्माण के लिए समूचा विश्व देश के युवाओं की ओर नजर दौड़ाए, यही हमारा दायित्व है। उन्होंने हिन्दुस्तान के नौजवानों से दुनिया के समक्ष आंख से आंख मिलाकर अपने ज्ञान-कौशल की अनुभूति कराने का भी अनुरोध किया। इससे पूर्व श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन अजय एस. श्रीराम ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत और अभिवादन किया, जबकि प्राचार्य श्री जैन ने आभार व्यक्त किया।