हम,आसियान-भारत वार्ता संबंधों की 25 वीं वर्षगांठ की स्मृति में 25 जनवरी,2018 को नई दिल्ली, भारत में एकत्रित, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) केसदस्य राज्यों के प्रमुख/सरकार प्रमुख और भारत गणराज्य "साझा मूल्य, सामान्य भाग्य" के विषय में;

संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में प्रतिस्थपित सिद्धांतों, उद्देश्यों, साझा मूल्यों और मानकों, एमिटी की संधि और दक्षिणपूर्व एशिया में सहकारिता(टीएसी), पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों के सिद्धांतके वक्तव्य पर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की घोषणा तथा 20 दिसंबर 2012 को आसियान-भारत वार्ता संबंधों की 20वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में अपनाये गएदृष्टिकोण के द्वारा आसियान-भारत वार्ता संबंधों के मार्गदर्शन के लिए अपनी प्रतिबद्धता और आसियान चार्टर का समर्थन करने कीपुष्टि करते हैं;

कई हजार वर्षों से दक्षिणपूर्व एशिया और भारत के बीच पारस्परिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सभ्यतागत संबंधों को ध्यान में रख कर तेजी से परस्पर-जुड़ी दुनिया में सहयोग के लिए आसियान और भारत के बीच एक मजबूत नींव के रूप में;

पिछले 25 वर्षों मेंआसियान-भारत वार्ता संबंधोंद्वारा आसियान समुदाय के तीन स्तंभों, अर्थात् राजनीतिक-सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक, में प्राप्त की गई उपलब्धियों की सराहना करते हुए;

शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के लिए आसियान-भारत भागीदारी(2016-2020) को क्रियान्वित करने वाली कार्य योजना के क्रियान्वयन में प्रगति के नतीजेऔर 2016-2018 के लिए आसियान-भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकताओं की सूचीको संतुष्टि सहित स्वीकार कर;

विकासशील क्षेत्रीय संरचना में आसियान केन्द्रीयता के लिए भारत के समर्थन और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि तथा आसियान एकीकरण और आसियान 2025: साथ मिलकर आगे बढ़ना, आसियान कनेक्टिविटी पर मास्टर प्लान(एमपीएसी) 2025और आसियान एकीकरण पहल (आईएआई) कार्य योजना IIIके कार्यान्वयन के समर्थन के माध्यम सेआसियान समुदाय निर्माण प्रक्रिया में इसके निरंतर योगदान की प्रशंसा करते हैं;

आसियान के सदस्य राज्यों और भारत में पूरे2017 और 2018 की शुरुआत में आयोजितआसियान-भारत युवा शिखर सम्मेलन,आसियान-भारत युवा पुरस्कार और युवा नेतृत्व कार्यक्रम तथाआसियान-भारत संगीत समारोहसहित विभिन्न स्मारक गतिविधियों के माध्यम से हमारे समुदायों के लिए आसियान-भारत सामरिक साझेदारी स्थापित करने की सराहना करते हुए; एतद् द्वारा निम्नलिखित से सहमत हैं:

    • राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और विकास सहयोग के पूरे परिदृश्य में प्रासंगिक संस्थागत तंत्रों को और मजबूत बनाने और सरकारी संस्थानों, सांसदों, व्यापारिक मंडल, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, चिंतकों, मीडिया, युवाओं और अन्य हितधारकों के बीच नेटवर्क के विस्तार के माध्यम से हमारे क्षेत्रों में एक शांतिपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण, परवाह और साझा करने वाले समुदाय के निर्माण के लिएआसियान-भारत सामरिक साझेदारी को और अधिक मजबूत और गहन करेंगे।
    • शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के लिए आसियान-भारत भागीदारी(2016-2020) को कार्यान्वित करने के लिए कार्य योजना के पूर्ण, प्रभावी और समय पर कार्यान्वयन के प्रयासों और सहयोग को जारी रखेंगे।
    • आसियान-भारत वार्ता साझेदारी के विद्यमान ढांचे और आसियान-भारत शिखर सम्मेलन, पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस), भारत के साथ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (पीएमसी + 1), आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ), आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) प्लस और अन्य आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय/क्षेत्रीय तंत्र के अंतर्गतउच्च स्तरीय संबंध और सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।
    • आसियान समुदाय के विजन 2025 की प्राप्ति की दिशा में आसियान एकीकरण और आसियान समुदाय निर्माण प्रक्रिया का समर्थन और योगदान जारी रखेंगे।
      राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग
    • आपसी हितों के सामान्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने और आसियान के नेतृत्व वाले ढांचे और भारत के साथ पीएमसी+1,एआरएफ, ईएएस, एडीएमएम-प्लस, और अंतर्राष्ट्रीय अपराध (एसओएमटीसी) + भारत परामर्श परआसियान के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक जैसे मौजूदा तंत्र के माध्यम सेएक खुली, पारदर्शी, समावेशी और नियम-आधारित क्षेत्रीय संरचना सुनिश्चित करने में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
    • समुद्री कानून पर1982 केसंयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस), और अंतर्राष्ट्रीय मानक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) तथा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) सहित सार्वभौमिक मान्यता के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों,प्रासंगिक मानकों और अनुशंसित अभ्यासों द्वारा शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और संरक्षा, क्षेत्र में नौवहन और ऊपरी उड़ानकी स्वतंत्रता,तथा समुद्रों के अन्य वैध उपयोगों और अबाध वैध समुद्री वाणिज्य तथाविवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि करते हैं।इस संबंध में, हम दक्षिण चीन सागर में पक्षों की आचार संहिता की घोषणा(डीओसी) के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं और दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता (सीओसी) के जल्दी निष्कर्ष की उम्मीद रखते हैं।
    • समुद्री मुद्दों पर आम चुनौतियों का सामना करने के लिए विस्तारित आसियान समुद्री मंच (ईएएमएफ) सहित मौजूदा प्रासंगिक तंत्र के माध्यम से समुद्री सहयोग को मजबूत करेंगे।
    • आईसीएओ और आईएमओ सहित मौजूदा प्रक्रियाओं और प्रथाओं के अनुसार समुद्री खोज और बचाव में आसियान और भारत के बीच प्रभावी समन्वय को बढ़ावा देने और अनुसंधान संस्थानों के बीच संबद्धता की वृद्धि को प्रोत्साहित करनेतथा समुद्री मुद्दों और समुद्री शिक्षा, अनुसंधान, विकास और नवाचार पर सहयोग करने के साथदुर्घटनाओं और घटनाओं को रोकने और प्रबंधित करने के लिए एक साथ काम करेंगे।
    • आसियान एसओएमटीसी+भारत परामर्श और आतंकवाद का मुकाबला करने परएडीएमएम-प्लस विशेषज्ञों केकार्यरतसमूह(ईडब्ल्यूजी सीटी) जैसे मौजूदा आसियान आधारित तंत्र और 2003 के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग के लिए आसियान-भारत संयुक्त घोषणा, 2015 में हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने पर ईएएस वक्तव्य, और आतंकवाद और आतंकवादी बयान और प्रचार की विचारात्मक चुनौतियों का सामना करने पर ईएएस विवरण, तथा2017 में अपनाये गयेधन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के विरोध पर ईएएस नेताओं की घोषणा, और आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय अपराध पर एआरएफ कार्य योजनाके अंतर्गत सूचना साझाकरण, कानून प्रवर्तन सहयोग और क्षमता निर्माण के माध्यम से आतंकवादके सभी रूपों और अभिव्यक्तियोंमेंआतंकवाद,हिंसक उग्रवाद और कट्टरता का मुकाबला करने में सहयोग को गहरा करेंगे। इसके अलावा, लोगों की तस्करी, तस्करी, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और चोरी तथा सशस्त्र डकैती सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए सहयोग और सहयोग को मजबूत करेंगे।
    • शांति, सुरक्षा, कानून के शासन को कायम रखने, टिकाऊ और समेकित विकास, समान विकास और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए मॉडरेट्स के वैश्विक आंदोलन पर लैंगकॉवी घोषणा के कार्यान्वयन का समर्थन करेंगे।
    • विदेशी आतंकवादियों औरआतंकवादी लड़ाकों कीसीमा पारगतिविधियों का मुकाबला करने और आतंकवादी संस्थाओं द्वारा सोशल मीडिया सहित इंटरनेट का दुरुपयोग करने के बाधितकरने औरआतंकवादियों, आतंकवादी समूहों और नेटवर्कों को ध्वस्त करने, आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रयासों को रोकने के लिए सहयोग को मजबूत करने और आतंकवादी समूहों के सदस्यों की भर्ती को रोकने; आतंकवादी समूहों और अभयारण्यों को लक्षित करने के प्रयासों का समर्थन करने; और आतंकवाद के प्रसार को रोकने और उसे रोकने के लिए और तत्काल कदम उठानेपर जोर देते हुए कहते हैं कि आतंकवाद के कृत्यों के लिए किसी भी आधार पर कोई औचित्य नहीं हो सकता तथा हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण के प्रति अपने संकल्प को दोहराते हैं;
    • संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद (सीसीआईटी) पर व्यापक सम्मलेन के वार्ता पर प्रयासों को ध्यान में रखेंगे, आतंकवाद के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
    • आईसीटी के इस्तेमाल और आईसीटी के उपयोग में एआरएफ अंतर-सत्रीयबैठकों और आसियान क्षेत्रीय निकायों द्वारा कीजाने वाली क्षेत्रीय साइबर क्षमता निर्माण पहलों को और मजबूत करने तथा2015 में आसियान-भारत साइबर सिक्योरिटी सम्मेलन में की गई चर्चा के आधार पर 2018 में प्रस्तावित प्रथम आसियान-भारत साइबर वार्ता के लिए आसियान साइबर सिक्योरिटी सहकारिता रणनीति के कार्यान्वयन,सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की सुरक्षा और एआरएफ कार्य योजना के कार्यान्वयन के माध्यम सेसाइबर सुरक्षा क्षमता निर्माण और नीति समन्वय पर आसियान और भारत के बीच सहयोग को मजबूत करेंगे।
    • आर्थिक सहयोग
    • आसियान-भारत के मुक्त व्यापार क्षेत्र के पूर्ण उपयोग और प्रभावी कार्यान्वयन के साथ-साथ 2018 में एक आधुनिक, व्यापक, उच्च गुणवत्ता युक्त और पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापक क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी)को तेजी से संपन्न कर आसियान-भारत आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाएंगे।
    • अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र संघ के कानून (यूएनसीएलओएस) पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार भारतीय और प्रशांत महासागर में समुद्री संसाधनों के संरक्षण और स्थायी उपयोग और इन संसाधनों को, अवैध, अनियोजित और अनियमित मछली पकड़ने सहित तटीय पारिस्थितिक तंत्र को क्षति और प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव, समुद्री अम्लीकरण, समुद्री मलबे और आक्रामक प्रजातियों से समुद्री वातावरण को नुकसान से बचाने के लिए सहयोग जारी रखेंगे।इस संबंध में, नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग की तलाश करेंगे और इस संबंध में सहयोग के संभावित ढांचे के बारे में भारत के प्रस्ताव को ध्यान में रखेंगे।
    • मनीला में6 नवंबर 2008 को हुई आसियान परिवहन मंत्रियों की चौदहवींबैठक में अपनाये गयेआसियान-भारत विमानन सहयोग ढांचे के अंतर्गत विमानन के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करेंगे, जिसमें क्षेत्रीय वायु सेवाओं पर आसियान-भारत कार्यदल द्वारा वायु सेवा परामर्श आयोजित करना, आसियान और भारत के बीच तकनीकी, आर्थिक और विनियामक मामलों पर एयरोस्पेस सहयोग की स्थापना शामिल है। आसियान और भारत के बीच पर्यटन, व्यापारऔर अधिक से अधिक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए करीबीआसियान-भारत वायु संपर्क स्थापित करेंगे।
    • आसियान और भारत के बीच समुद्री परिवहन सहयोग को बढ़ावा देने और बेहतर प्रभावी संपर्क बनाने के लिए बंदरगाहों के उन्नयन, समुद्री लॉजिस्टिक्स नेटवर्क और समुद्री सेवाओं के विकास में संभावित निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगेऔर आसियान और भारत को इन प्राथमिक क्षेत्रों पर चर्चा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
    • विमानन और समुद्री परिवहन क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने और आसियान-भारत वायु परिवहन समझौते (एटी-एटीए) और आसियान-भारत समुद्री परिवहन समझौते (एआई-एमटीए) के त्वरित समापन के लिए तत्पर हैं।
    • आईसीटी नीतियों को बढ़ाने, क्षमता निर्माण, डिजिटल कनेक्टिविटी, बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं में सुधार, कुछ आसियान सदस्य राज्यों में सॉफ्टवेयर विकास और प्रशिक्षण (सीईएसडीटी) में उत्कृष्टता के केंद्र की स्थापना के माध्यम से आईसीटी मानव संसाधन विकसित करने के लिए आईसीटी में सहयोग को मजबूत करेंगेऔर क्रमशः आसियान कनेक्टिविटी 2025 और आसियान आईसीटी मास्टर प्लान 2020 के समन्वय में,आईसीटी की शुरूआत को प्रोत्साहित करने और अपनाने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का पता लगाएंगे।
    • इसके अलावा माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, प्रसार, अपनाने और अनुकूलन के साथ-साथ क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता, वितरण चैनल, वित्तपोषण सुविधाओं, नवाचारों तक पहुंचऔर वैश्विक और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखला में एकीकृत होने के अवसरों, साथ ही साथ,जहां प्रासंगिक हो, परियोजना विकास निधि और त्वरित प्रभाव परियोजना निधि के उपयोगद्वारा स्थिर और सतत विकास को बढ़ावा देंगे।
    • कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के माध्यम से हमारे क्षेत्र में दीर्घकालिक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग को बढ़ाना जारी रखेंगे औरजहां लागू हो, अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि (आईएसए) सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।
    • आसियान-भारत नवाचार मंच, आसियान-भारत अनुसंधान एवं प्रशिक्षण फैलोशिप योजनाऔर आसियान-भारत सहयोगी अनुसंधान और विकास कार्यक्रम पर सहयोग के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) में क्षेत्रीय संबंधों को गहन करने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एपीएटीआई) 2016-2025 की दिशा में आगे बढ़ेंगे, जिनमें अन्य के अलावा, नैनो-टेक्नोलॉजी, सामग्री विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी, विज्ञानऔरप्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण में वृद्धि शामिल है।
    • आसियान-भारत अंतरिक्ष सहयोग कार्यक्रम के कार्यान्वयन के माध्यम से बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण दोहन में सहयोग जारी रखेंगे, जिसमें उपग्रहों को लॉन्च करना, टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड स्टेशनों के माध्यम से उनकी निगरानी और भूजल, समुद्र, वायुमंडल के निरंतरदोहन के लिए उपग्रह छवि डेटा का उपयोग और क्षेत्र के समान विकास के लिए डिजिटल संसाधनों के साथ-साथ अंतरिक्ष के लिए छोटे उपग्रहों, अंतर-उपग्रह संचार, उपग्रह प्रणोदनऔर विश्लेषिकी जैसे उभरती हुई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास में सहयोग का पता लगानाशामिल है।
    • आसियान-भारत व्यापार परिषद के माध्यम से निजी क्षेत्र की संलग्नता और व्यापार से व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना जारी रखेंगेऔर आसियान और भारत के उत्पादों और सेवाओं के बारे में ब्रांड जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक संबंधों को और अधिक व्यापक और गहरा करने के लिए व्यापारिककार्यक्रमों को प्रोत्साहित करेंगे। हम आसियान-भारत व्यापार और निवेश केंद्र की स्थापना के लिए तैयार हैं।
    • सामाजिक-सांस्कृतिक सहयोग
    • नीति निर्माताओं, प्रबंधकों और मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत से संबंधित शिक्षाविदों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करने,पारस्परिक हित केआसियान-भारत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाने वाले सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रतीकों और संरचनाओं को संरक्षित, रक्षित और पुनर्निर्मित करने के प्रयासों को तेज करने,मेकांग नदी के साथ शिलालेखों की मैपिंग के भारत के प्रस्ताव और आसियान-भारत संस्कृति और सभ्यता की कड़ियों पर सम्मेलन और गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से आसियान और भारत के बीच सभ्यतागत और ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे।
    • आसियान -2015के बादस्वास्थ्य विकास कार्यसूची से संबंधित क्षेत्रों, विशेषकर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पादों और पारंपरिक और पूरक दवाओं सहित गुणवत्ता वाली सस्ती दवाओंके क्षेत्र मेंस्वास्थ्य सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे।
    • सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और दिल्ली संवाद, आसियान-भारत चिंतक नेटवर्क (एआईएनटीटी), आसियान-भारत प्रख्यात व्यक्ति व्याख्यान श्रृंखला (एईईपीएलएस), राजनयिक प्रशिक्षणपाठ्यक्रम के साथ ही छात्रों, सांसदों, किसानों, मीडिया और अन्य युवा विनिमय कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के आपसी संपर्कों को और बढ़ाकर एक मजबूत सांस्कृतिक कड़ीको पुख्ता करेंगे।
    • अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण, उद्यमशीलता विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापनातथाभारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) छात्रवृत्ति, आसियान-भारत गुडविल छात्रवृत्ति, नालंदा छात्रवृत्ति जैसी वार्षिक छात्रवृत्ति देनेऔर विश्वविद्यालयों के आसियान-भारत नेटवर्क की स्थापना की संभावना का पता लगाने तथा आसियान विश्वविद्यालय नेटवर्क सहित अन्य विश्वविद्यालयों से विश्वविद्यालय विनिमयों को प्रोत्साहित कर, शिक्षा और युवा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करेंगे।
    • एक आसियानएक प्रतिक्रिया: क्षेत्र और क्षेत्र के बाहर, क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन में बेहतर समन्वय औरएक होकर आपदा का उत्तर देनेपर आसियान घोषणा कोसाकार करने के लिएअहा केंद्र और उसके भारतीय समकक्षों के बीच करीबी साझेदारी की स्थापना द्वारा आपदा प्रबंधन परमानवीय सहायता के आसियान समन्वय केंद्र(एएचए केंद्र) के कार्य का समर्थन करआपदा प्रबंधन और मानवतावादी सहायता में आसियान-भारत सहयोग को मजबूत करेंगे।
    • महिलाओं के सशक्तिकरण, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, उनके खिलाफ हिंसा के सभी प्रकार के उन्मूलन पर सरकारी अधिकारियों और आसियान और भारत के प्रासंगिक हितधारकों के बीच वार्ता को बढ़ावा देने के साथ-साथ आसियान-भारतकार्य योजना (पीओए) 2016-2020, और इन मामलों पर संबंधित आसियान ढांचों और तंत्रों का समर्थन करेंगे।
    • एएससीसी ब्ल्यूप्रिंट 2025,पर्यावरण पर आसियान वरिष्ठ अधिकारियों (एएसओएएन) की प्राथमिकताओं और जलवायु परिवर्तन पर आसियान कार्य समूह (एडब्ल्यूजीसीसी) की कार्य योजना 2016-2025 में उल्लिखित प्रासंगिक रणनीतिक उपायों के कार्यान्वयन के लिए पर्यावरणीय प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन में सहयोग को बढ़ावा देंगे।
    • ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान के जरिए, जैव विविधता के आसियान केंद्र (एसीबी)के कार्य के समर्थन सहित जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र में गिरावट के नुकसान को संबोधित करने के लिए संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के संचालन के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण और प्रबंधन मेंसहयोग को बढ़ाएंगे।
    • आसियान समुदाय के आगे एकीकरण और आसियान समुदाय के विजन 2025 के कार्यान्वयन के समर्थन के उद्देश्य से आसियान देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण, सहयोग निर्माण, नेटवर्किंग और सिविल सेवा मामलों में आसियान और भारत के बीच साझेदारी की संभावनाओं का अन्वेषण करेंगे।
    • संपर्क (कनेक्टिविटी)
    • भौतिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा घोषित 1 अरब अमेरिकी डॉलर केऋण का लाभ उठाते हुए, एमपीएसी 2025 और एआईएम 2020 के अनुरूप भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
    • भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना के जल्दी समापन को प्रोत्साहित करेंगे और इस त्रिपक्षीय राजमार्ग का कंबोडिया, लाओ पीडीआर और वियतनाम तक विस्तार करेंगे।
    • विकास अंतराल को कम करने पर सहयोग
  • आइएआई कार्ययोजनाIII को लागू करके आसियान के सदस्य राज्यों के भीतर और उनके बीच के विकास अंतराल को कम करने में आसियान के प्रयासों के लिए भारत के लगातार समर्थन का स्वागत और सराहना करते हैं।
  • नई दिल्ली, भारत में, पच्चीस जनवरी दो हजार अठारह में अपनाया गया।

 

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