प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज 5739.56 करोड़ के खर्च से कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) को बढ़ावा देने, जारी रखने और स्थापित करने को स्वीकृति दे दी है। 11वीं योजना के कार्यक्रम में 630 केवीके को जारी रखने का विचार है साथ ही 12वीं योजना में 121 नए केवीके की स्थापना की योजना भी तैयार की गई है। इन केन्द्रों की स्थापना किसानों की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध गतिविधियां चलाने के लिए किया जाता है।
इस निर्णय से किसानों और विकास अधिकारियों को तकनीकी मूल्यांकन को प्रदर्शन क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी। केवीके किसानों के लिए बीज, पौध सामग्री, पशुधन विकृति दूर करने, मछली और जैव उत्पादन के संबंध में कृषि प्रौद्योगिकी की जानकारी और संसाधन केन्द्रों के रूप में कार्य करते हैं।
योजना के अंतर्गत नई मौलिक पहलों यथा कृषि में आईसीटी, फारमर फर्स्ट प्रोग्राम, कृषि भूमि नवीनता कोष तैयार करना, आपदा प्रबंधन कोष, प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र, बीज प्रसंस्करण सुविधाएं, सूक्ष्म पोषक तत्व विश्लेषण सुविधाएं, सौर पैनल, केवीके और केवीके नेट, विशेषीकृत केवीके और ई-फारमर्स और एकीकृत कृषि प्रणाली के विस्तार के लिए नवीन उपकरण, वर्षा जल संचयन ढांचा, मृदा और जल परीक्षण प्रयोगशालाएं, अति सूक्ष्म प्रसंस्करण सुविधाएं, नए केवीके केन्द्रों पर मछली पालन संबंधी जानकारी शामिल हैं। इसके अलावा, 16 नए कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्रों की स्थापना, परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञ प्रणाली नेटवर्क और जेडपीडी द्वारा कार्य प्रणाली और प्रस्ताव के विस्तार के लिए अनुशंसाएं भी शामिल हैं। योजना के अंतर्गत राज्य और केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयों को डायरेक्ट्रेट ऑफ एक्सटेन्शन से सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है।
योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय परियोजना निदेशालयों की संख्या को आठ से बढ़ाकर 11 करने और प्रस्तावित तीन नए क्षेत्रीय परियोजना निदेशालयों में क्षेत्रीय परियोजना निदेशक तथा प्रमुख वैज्ञानिक के पद के सृजन का भी प्रस्ताव किया गया है।