कांग्रेस सरकार द्वारा १९८५ से १९९० के दौरान उद्योगों को दी गई कुल जमीन में से ९३ प्रतिशत जमीन गौचर जमीन थी
१९९०-१९९५ के दौरान ३२ प्रतिशत गौचर जमीन दी
श्री मोदी के ११ वर्ष के नेतृत्व में ४ प्रतिशत जितनी गौचर जमीन ही आवंटित की गई
कांग्रेस के झूठ की पोल एक बार फिर खुल गई
दिसंबर में विधानसभा के चुनाव करीब हैं, ऐसे में कांग्रेस की घबराहट बढ़ रही है जो देखी जा सकती है। गुजरात के लोगों ने वर्षों से इस पार्टी को सत्ता से दूर रखा है। इसलिए पिछले ११ वर्ष से निरंतर चल रही राज्य की विकासयात्रा में अवरोध डालने के लिए वह संभव हो उतनी तमाम युक्तियां अपनाकर झूठ फैला रहे हैं। कांग्रेस इसके लिए अफवाहें फैलाने से लेकर झूठे व्यक्तिगत आरोप द्वारा चरित्रहनन करने का मौका तक नहीं चूकी।कांग्रेस द्वारा फैलाए गए अनेक झूठ में से एक झूठ यह है कि गुजरात सरकार ने पिछले ११ वर्ष में भारी पैमाने पर गौचर जमीन उद्योगों को दे दी है। काल्पनिक बातें डराने के लिए अगर नोबल पुरस्कार दिया जाए तो इसकी सबसे सही हकदार गुजरात की कांग्रेस पार्टी ही है। आंकड़ों से पता चल जाएगा कि किसने यह कीमती गौचर जमीन दे दी और किसने इसको बचाने के तमाम प्रयास किए।
१९८५-१९९० में जब कांग्रेस सत्ता पर थी तब उसने उद्योगों को जो जमीन दी थी उसमें से ९३ प्रतिशत जमीन गौचर की थी।
इसके बाद १९९०-१९९५ के पांच वर्ष में, जब कांग्रेस सत्ता पर थी तब उद्योगों को दी गई कुल जमीन में से ३२ प्रतिशत जमीन गौचर की थी।
दक्षिण गुजरात की अत्यंत हरिभरि गौचर जमीन उद्योगों को देकर कांग्रेस ने अपनी भावनाविहीन मानसिकता का उदाहरण दिया था।
श्री नरेन्द्र मोदी २००१ में सत्ता पर आए, इसके बाद परिस्थिति बदलना शुरू हुई। पहले से ही उन्होंने गौचर जमीन के प्रति संवदेनशीलता बताई और उनके नेतृत्व में पिछले ११ वर्ष में उद्योगों को आवंटित की गई कुल जमीन में सिर्फ ४ प्रतिशत जितनी ही गौचर जमीन थी। भूतकाल में कभी ऐसे आंकड़े सुनने को नहीं मिले।
१९८० से १९९० के दशक में (जब गुजरात में प्रत्येक स्तर पर कांग्रेस का शासन था) गुजरात में से ३६०० हेक्टेयर जितनी गौचर की जमीन कम हो गई थी। परन्तु श्री नरेन्द्रभाई मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के दौरान पिछले ११ वर्ष में ६८०० हेक्टेयर जितनी जमीन बढ़ी है।तो गुजरात की गौचर जमीन को कौन खा गया?
कांग्रेस के अंधेर शासन में न सिर्फ गौचर जमीन बांटी गई बल्कि विकास का लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंचा। आज, अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में प्रगति नजर आती है। देश की कृषि विकास दर बमुश्किल ३ प्रतिशत के आसपास घुम रही है जबकि गुजरात की कृषि विकास दर ११ प्रतिशत जितनी है। इतना ही नहीं, राज्य के उद्योग भी बेहतर प्रगति कर रहे हैं। गुजरात देश में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान कर रहा है और भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात राज्य में बेरोजगारी की दर सबसे कम है।
अब, तय आपको करना हैः
गौचर जमीन के मामले में कांग्रेस का अपना व्यवहार बिल्कुल संवेदनहीन रहा है तो फिर गुजरात के लोगों को गौचर जमीन के मामले में कांग्रेस गुमराह क्यों कर रही है?
पार्टी के हितों की पूर्ति के लिए झूठ फैलाकर गुजरात की विकासयात्रा में रुकावटें डालने वाले इन लोगों पर भरोसा किया जा सकता है?
कभी नहीं।