प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी अधिनियम, 2013 में कुछ संशोधन करने के लिए कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2014 को संसद में पेश करने को मंजूरी दी गई।
कंपनी अधिनियम 2013 (अधिनियम) को 20 अगस्त, 2013 को अधिसूचित किया गया था। अधिनियम की कुल 470 धाराओं में से 283 धाराओं और उनसे संबंधित नियमों के 22 समूहों को अब तक लागू किया गया है। चार्टेड एकाउंटैंटों और व्यावसायिकों जैसे हितधारकों द्वारा उठाये गए मुद्दों को ध्यान में रखकर उक्त अधिनियम में संशोधनों का प्रस्ताव किया गया है। इनमें से प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं:-
न्यूनतम चुकता पूंजी की आवश्यकताओं को समाप्त करना, नये अधिनियम के तहत स्वीकृत जमा पर निश्चित सजा का प्रावधान, रजिस्ट्री में दायर बोर्ड प्रस्तावों के सार्वजनिक निरीक्षण को समाप्त करना, बिना दावे वाले और गैर चुकता लाभांशों के स्थानांतरण संबंधी नियमों को दुरूस्त करना, तय सीमा के प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रयास करना ताकि घोटाले की जानकारी केंद्र सरकार को प्राप्त हो सके, धारा 185 के तहत निदशकों को प्राप्त होने वाले कर्ज को मुक्त करना, वार्षिक आधार पर लेनदेन संबंधी स्वीकृति देने के लिए लेखा समिति को शक्ति संपन्न करना, धारा 447 के तहत घोटाले संबंधी अपराधों तक ही जमानत प्रतिबंधों को लागू करना आदि।