सात जिलों की किसानशक्ति का विशाल दर्शन

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे को मजबूत करने उच्चस्तरीय

कमेटी गठित की जाएगी : मुख्यमंत्री

कृषि मेला और पशु स्वास्थ्य मेले का श्री मोदी ने किया निरीक्षण

गांधीनगर, गुरुवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को आयोजित कृषि महोत्सव में यह घोषणा की कि खेती में मूल्य संवद्र्घन (वैल्यू एडिशन) के लिए कृषि उद्योग को प्रोत्साहन देने को कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का समावेश कर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए राज्य स्तरीय हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ, कृषि वैज्ञानिक, सरकार और प्रगतिशील किसानों का समावेश किया जाएगा। कृषिलक्षी ढांचागत सुविधा के तहत कोल्ड स्टोरेज, प्रिजर्वेशन, पैकेजिंग और मार्केटिंग सहित फॉरवर्ड लिन्केज का विजन अपनाया जाएगा।

कृषि महोत्सव अभियान के अंतर्गत आज वनवासी क्षेत्र नानापोंढा में दक्षिण गुजरात जोन के सात जिलों का कृषि महोत्सव आयोजित किया गया था। इस मौके पर भारी संख्या में उपस्थित किसानशक्ति का अभिवादन श्री मोदी ने किया। कृषि मेला और पशु स्वास्थ्य मेला का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने सरदार पटेल कृषि गौरव पुरस्कार विजेता च्कृषि ना ऋषिज् का सार्वजनिक सम्मान करने के अलावा कृषि, बागवानी साधन-सहायता का लाभार्थियों को वितरण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्रांति को किस तरह अंजाम दिया जाता है, इसकी दिशा गुजरात ने बताई है। इतना ही नहीं, किसान और गांवों सहित देश की अर्थव्यवस्था को ऐसी ताकत प्रदान की है जिसने कृषि विशेषज्ञों का ध्यान भी आकृष्ट किया है। उन्होंने कहा कि कृषि महोत्सव जैसा क्रांतिकारी आयोजन सिर्फ गुजरात सरकार ने ही किया है। लगातार आठ वर्षों से समूची सरकार किसानों के पास जाकर सरकार के कृषि दायित्व का बोध करा रही है।

श्री मोदी ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन तो दो वर्षों में एक बार तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाता है, लेकिन कृषि महोत्सव के दौरान पूरी सरकार एक महीने तक गांवों की खाक छानती है, जिससे किसानों को बल मिलता है। लेकिन इस बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह सरकार खेतीप्रधान देश की खेती को लेकर प्रगति की उपेक्षा और मानसिकता को बदलना चाहती है।

उन्होंने कहा कि कर्ज के बोझ तले दबे डांग के पहाड़ी इलाके में खेती करने वाले वनवासी किसानों को कृषि महोत्सव ने ही काजु की खेती के जरिए आर्थिक उन्नति की दिशा बतलाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में झूठ की फैक्ट्री चल रही है। उद्योगों के विकास से किसान और खेती बर्बाद हो गई है, ऐसी झूठी अफवाह फैलाने वालों को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि तापी से वापी और अंकलेश्वर से उमरगाम तक की उपजाऊ भूमि पर कारखाने स्थापित करने का पाप भूतकाल की सरकारों ने किया है। हमारी सरकार ने तो बंजर और समुद्रतट की खारी जमीन तथा रणीय क्षेत्र में उद्योगों का विकास किया है।

हमारे खिलाफ झूठ फैलाने वालों ने ही सोने की लगड़ी समान दक्षिण गुजरात की जमीन उद्योगों को सौंप दी, जबकि इस सरकार ने तो जहां खेती नहीं होती ऐसी जमीन पर उद्योग स्थापित करने की नीति अपनाई है।

श्री मोदी ने कहा कि खेती की जमीन में बढ़ोतरी संभव नहीं है, लिहाजा सीमित जमीन में वैज्ञानिक खेती की मदद से ज्यादा उत्पादन के जरिए समृद्घि हासिल करनी है।

पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के साथ बागवानी और फलों की खेती की तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दशक में गुजरात का फल आदि का उत्पादन 56 लाख टन से छलांग लगा कर 160 लाख टन पर पहुंच गया है। वहीं, महाराष्ट्र इस अरसे में 140 लाख टन से महज 160 लाख टन तक ही पहुंच सका। इस तरह गुजरात ने महाराष्ट्र के मुकाबले 300 फीसदी अधिक वृद्घि दर्ज की है।

केन्द्र सरकार को गुजरात के साथ कृषि विकास की स्पर्धा की चुनौती पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि गुजरात की 11 फीसदी कृषि विकास दर की आधी दर भी हासिल कर बताए, लेकिन केन्द्र इस चुनौती को स्वीकारने तैयार नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार तो किसानों की बर्बादी की कीमत पर सत्तासुख भोगने पर आमादा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के किसानों ने श्वेतक्रांति की पहल कर अपना नाम रोशन किया और अब सफेद दूध की तरह कपास के उत्पादन में डंका बजाकर दूसरी श्वेतक्रांति को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के व्हाइट और ग्रीन रिवोल्यूशन की चर्चा देश में है। लेकिन केन्द्र सरकार ने पिंक रिवोल्यूशन (गुलाबी क्रांति) कर मांस-मटन के व्यापार का पाप किया है। विदेश में मटन निर्यात के लिए गौमांस-पशुमांस को प्रोत्साहन देकर कृषिप्रधान भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसके खिलाफ जागरूक बनने की जरूरत बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने बुलंद आवाज से इसके सामने अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि मुगल सल्तन से भी ज्यादा पशुओं के कत्ल का पाप केन्द्र सरकार कर रही है, जिसे हिन्दुस्तान की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

राज्य के दस वर्ष में चार कृषि विश्वविद्यालय और खेतीबाड़ी के 22 महाविद्यालय शुरू किए गए हैं जिनकी बैठक क्षमता 1330 है। आगामी वर्ष में एग्रीकल्चर एजुकेशन के पांच नए हाईटेक महाविद्यालय शुरू होने की भूमिका भी उन्होंने दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समुद्रतट पर ही नहीं बल्कि एक्वाकल्चर फार्म में भी मोती की खेती के नये प्रयोग को उनकी सरकार ने प्रोत्साहित किया है। साथ ही सागरतट पर बसने वाले समाजों की सखी मंडल की बहनों द्वारा सी-विड की खेती के लिए सहायता योजना भी शुरू की है।

इस मौके पर श्री मोदी ने खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले दक्षिण गुजरात के छह किसानों को शाल, सम्मानपत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया।

राज्य के कृषि मंत्री दिलीपभाई संघाणी ने कहा कि गुजरात के द्रुत कृषि विकास का अध्ययन करने के लिए देश-दुनिया के विशेषज्ञ यहां आ रहे हैं। नये संशोधनों, नई पद्घति और औजारों को किसानों तक पहुंचाकर सरकार ने कृषि क्षेेत्र में नये आयाम स्थापित किये हैं। कृषि मेले के दौरान आयोजित पशु स्वास्थ्य मेले ने केन्द्र सरकार का ध्यान भी आकृष्ट किया है।

वन एवं पर्यावरण मंत्री मंगूभाई पटेल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुनियोजित आयोजन के जरिए कृषि उपज के उत्पादन में गुजरात देश भर में अव्वल बना  है। कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देने को किसान की जमीन तक पहुंचे हैं। मूल्यसंवद्र्घन और ग्रेडिंग की वजह से किसानों को बड़ा फायदा हुआ है।

विधानसभा की दंडक श्रीमती उषाबेन पटेल ने कहा कि जनता के हित में राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का नतीजा आज सबके सामने है।

इस अवसर पर खेलकूद राज्य मंत्री ईश्वरभाई पटेल, राज्य कुटीर उद्योग और वाहन व्यवहार मंत्री रणजीतभाई गिलीटवाला, योजना आयोग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, सांसद सीआर पाटिल, वलसाड़ के विधायक दोलतराय देसाई, उमरगाम के विधायक रमणलाल पाटकर, डांग के विधायक विजयभाई पटेल, ओलपाड के विधायक किरीटभाई पटेल, वलसाड़ जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती मीनाबेन चौधरी, भाजपा के पदाधिकारी, राज्य के मुख्य सचिव ए.के. जोती, वलसाड़ कलक्टर एलसी पटेल, जिला विकास अधिकारी श्रीमती पी.भारथी, रेंज आईजी हसमुखभाई पटेल, जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्रसिंह वाघेला सहित वनवासी किसान भाई-बहन बड़ी संख्या में मौजूद थे।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए.आर. पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."