वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन का फलदायी समापन
29 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 543 जिलों से 4500 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया
100 प्रगतिशील सफल किसानों ने प्रदर्शनी में प्रस्तुति की
30 विदेशी प्रतिनिधिमंडल और 12 देश सहभागी बने
मुख्यमंत्री ने उत्तम कृषि योगदान देने वाले प्रेरणादायी 445 किसानों को सम्मानित कर पुरस्कार प्रदान किए
किसान पंचायत से अभूतपूर्व सफलता वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट -2013
मुख्यमंत्री के साथ कई प्रतिनिधिमंडलों की वन टू वन बैठकें आयोजित
कृषि सम्मेलन की सफलता का श्रेय भारत की किसानशक्ति को
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन का आज महात्मा मन्दिर गांधीनगर में समापन करते हुए कहा कि इस वैश्विक कृषि सम्मेलन की सफलता से गुजरात ने समग्र भारत के कृषि क्षेत्र को जोड़ने की ऐतिहासिक पहल की है।
उन्होंने कृषि विकास के लिए चार लिंकेज की प्रेरक हिमायत की है। इंटर लिंकिंग ऑफ रिवर वाटर ग्रीड, एग्रो मार्केटिंग लिंकेज, एग्रोटेक एग्रो रिसर्च, लेब टु लेंड लिंकेज और एग्रो क्रेडिट लिंकेज के फार्मूले की रूपरेखा पेश की।
गुजरात सरकार ने पहली बार इस प्रकार की दो दिवसीय विश्व कृषि परिषद का गांधीनगर में आयोजन किया था जो आज अभूतपूर्व सफलता के साथ सम्पन्न हो गई। हिन्दुस्तान के 29 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों के 543 जिलों से 4500 किसान प्रतिनिधि और 12 देशों के 30 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाया। देश के 445 प्रगतिशील किसानों को गुजरात सरकार ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर महात्मा मन्दिर परिसर में एग्रोटेक एशिया मेगा एक्जीबीशन में अंतर्राष्ट्रीय कृषि संशोधनों और टेक्नॉलॉजी की अदभुत् प्रदर्शनी भी यहां आयोजित की गई थी जिसे लाखों किसानों ने निहारा।
देश के हर भाग से आए कृषि क्षेत्र के विभिन्न कार्य सस्कृति के किसानों ने जिस अभूतपूर्व मनोयोग से इन चर्चा सेमीनारों में भाग लेकर मनोमंथन किया उसकी सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने इस ऐतिहासिक सफलता से साबित किया है कि इसे कृषि क्षेत्र ,देश के किसानों और कृषि विकास से कितना लगाव है। आज मुझे लगा कि ऐसी वैश्विक कृषि परिषद पहले आयोजित हुई होती तो और ज्यादा बेहतर होता।
गुजरात सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित कर भारत को जोद्ने का स्तुत्य प्रयास किया है और देश के प्रत्येक जिले के किसानों को 51,000 का पुरस्कार प्रदान कर कृषि में प्रेरक योगदान देने वालों का ऋण स्वीकार किया है।
श्री मोदी ने भारत जैसे विशाल देश में पानी की महिमा और सर्वग्राही जल व्यवस्थापन करने पर बल देते हुए कहा कि पानी समुद्र में बेकार बह ना जाए और उसका सर्वाधिक उपयोग हो इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पहली बार नदियों को जोड़ने का सपना साकार करने की पहल की थी। इस सन्दर्भ में श्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में उत्पादन खर्च के महत्वपूर्ण इनपुट के तौर पर जल का महत्व स्वीकार करने और इंटर लिंकिंग ऑफ रिवर वाटरग्रीड प्रोजेक्ट अपनाने का सुझाव दिया। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल के व्यवस्थापन के लिए उन्होंने प्रेरक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में युवा कृषिकारों की नयी पीढ़ी आधुनिक खेती के लिए काफी उत्सुक है।
क्र्षि आधारित अर्थव्यवस्था में आर्थिक संतुलन के लिए नियमित खेती, डेयरी उद्योग, पशुपालन, मत्स्योद्योग, पोल्ट्रीफार्म और वृक्ष की खेती एग्रोफॉरेस्ट्री को समानता के साथ प्रोत्साहित करने का भी श्री मोदी ने सुझाव दिया।
देश में जमीन के प्रत्येक भाग का उपयोग करने के लिए खेती की सीमाओं पर वृक्ष लगाकार हरियाली खड़ी की जा सकती है। दो खेतों के बीच के स्थान में एग्रो फॉरेस्ट्री से काफी बल मिलेगा और किसानों को आत्महत्या करने की जरूरत नहीं होगी। इन तीन समान स्तम्भों पर कृषि संलग्न प्रवृत्तियों की ओर किसानों को प्रेरित करने का मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया, साथ ही समुद्र तट पर सी विड समुद्री शैवाल की खेत प्रणाली अपनाने पर जोर दिया।
श्री मोदी ने सर्वांगीण एग्रो मार्केट लिंकेज का प्रेरक सुझाव देते हुए कहा कि किसान ऐसा है जिसे खुद के कृषि उत्पादों के भाव तय करने का अधिकार नहीं है। इसके लिए एग्रो मार्केट लिंकेज काफी असरदार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने एग्रो टेक्नॉलॉजी, कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के लैब टु लैंड लिंकेज की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और संशोधकों को उनकी बौद्धिक क्षमता को कृषि क्षेत्र, खेत तक पहुंचाने में संतोष की अनुभूति होगी। कृषि महोत्सव करके लैब टु लैंड द्वारा कृषि क्रांति कर गुजरात ने सफलता पाई है।
श्री मोदी ने कृषि विषयक ऋण के एग्रो क्रेडिट लिंकेज के व्यापक नेटवर्क की जरूरत पर बल दिया। आज बैंकों के कुल लोन का मात्र पांच प्रतिशत ही कृषि को मिलता है। मगर किसानों को करज के बोझ से मुक्त करके ब्याज और कर्ज से होने वाले शोषण से आजाद कर किसान को उनकी ताकत के बल पर समृद्ध बनाया जा सकता है।
उन्होंने देश के प्रत्येक जिले के उत्तम किसानों की उपलब्धियों और सफलतागाथा को गुजरात सरकार की वेबसाइट पर प्रस्तुत करने की घोषणा की। इससे अधिकतर किसानों के उत्तम प्रयोग देशभर में वेबसाइट द्वारा पहुंच सकेंगे।उन्होंने अपेक्षा जतायी कि भारत सरकार कृषि विकास के लिए संशोधनों को प्रोत्साहन देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम आज खेत उत्पादन दो गुना करने का ध्येय रखेंगे तो पूर्ण करेंगे, यह सम्भव है। इससे पूरे देश का पेत भर सकेंगे और यदि तीन गुना अन्न उत्पादन करेंगे तो पूरी दुनिया को अनाज दे सकेंगे। भारत के किसानों में उतना सामर्थ्य है।
श्री मोदी ने कहा कि गांधीजी कहा करते थे कि सच्चा स्वराज गांवों को समृद्ध बनाने से आएगा और इसके लिए कृषि को समृद्ध बनाना होगा। हमारी कृषि नीति ऐसी होनी चाहिए।
इस अवसर पर डेनमार्क के फूड एंड एग्रीकल्चर मिनिस्टर काउंसिलर एंडर्स के एडम्सन, मडागास्कर एम्बेसी के रजांड्रासोआ लिएंटाइन, बोलिविया के राजदूत जोर्गे कोर्डेनास रोबेल्स, गाम्बिया के हाई कमिश्नर एलिया बाह, मालावा के राजदूत पर्क्स लिगोया, नागालैंड एग्रीकल्चर बोर्ड के पार्लामेंटरी सचिव बेंजोग्लीबा एडर, आशीष बहुगुणा, श्री अयप्पा, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव वरेश सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।