"Narendra Modi addresses valedictory session of Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit"
"We should dream of fulfilling the world’s stomach: Narendra Modi"
"CM shares his vision for growth of agriculture sector"
"Shri Modi calls for holistic water management to help our farmers"
"Interlinking of river water grid is what we as a nation must think about in the coming days: Narendra Modi"
"Shri Modi speaks of integrating the youth of the nation, especially in rural areas, in agriculture: Narendra Modi"

 

वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन का फलदायी समापन

29 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 543 जिलों से 4500 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया

100 प्रगतिशील सफल किसानों ने प्रदर्शनी में प्रस्तुति की

30 विदेशी प्रतिनिधिमंडल और 12 देश सहभागी बने

मुख्यमंत्री ने उत्तम कृषि योगदान देने वाले प्रेरणादायी 445 किसानों को सम्मानित कर पुरस्कार प्रदान किए

किसान पंचायत से अभूतपूर्व सफलता वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट -2013

मुख्यमंत्री के साथ कई प्रतिनिधिमंडलों की वन टू वन बैठकें आयोजित

कृषि सम्मेलन की सफलता का श्रेय भारत की किसानशक्ति को

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन का आज महात्मा मन्दिर गांधीनगर में समापन करते हुए कहा कि इस वैश्विक कृषि सम्मेलन की सफलता से गुजरात ने समग्र भारत के कृषि क्षेत्र को जोड़ने की ऐतिहासिक पहल की है।

Valedictory session of Vibrant Gujarat Global Agriculture Summit

उन्होंने कृषि विकास के लिए चार लिंकेज की प्रेरक हिमायत की है। इंटर लिंकिंग ऑफ रिवर वाटर ग्रीड, एग्रो मार्केटिंग लिंकेज, एग्रोटेक एग्रो रिसर्च, लेब टु लेंड लिंकेज और एग्रो क्रेडिट लिंकेज के फार्मूले की रूपरेखा पेश की।

गुजरात सरकार ने पहली बार इस प्रकार की दो दिवसीय विश्व कृषि परिषद का गांधीनगर में आयोजन किया था जो आज अभूतपूर्व सफलता के साथ सम्पन्न हो गई। हिन्दुस्तान के 29 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों के 543 जिलों से 4500 किसान प्रतिनिधि और 12 देशों के 30 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाया। देश के 445 प्रगतिशील किसानों को गुजरात सरकार ने सम्मानित किया।

इस अवसर पर महात्मा मन्दिर परिसर में एग्रोटेक एशिया मेगा एक्जीबीशन में अंतर्राष्ट्रीय कृषि संशोधनों और टेक्नॉलॉजी की अदभुत् प्रदर्शनी भी यहां आयोजित की गई थी जिसे लाखों किसानों ने निहारा।

देश के हर भाग से आए कृषि क्षेत्र के विभिन्न कार्य सस्कृति के किसानों ने जिस अभूतपूर्व मनोयोग से इन चर्चा सेमीनारों में भाग लेकर मनोमंथन किया उसकी सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने इस ऐतिहासिक सफलता से साबित किया है कि इसे कृषि क्षेत्र ,देश के किसानों और कृषि विकास से कितना लगाव है। आज मुझे लगा कि ऐसी वैश्विक कृषि परिषद पहले आयोजित हुई होती तो और ज्यादा बेहतर होता।

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गुजरात सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित कर भारत को जोद्ने का स्तुत्य प्रयास किया है और देश के प्रत्येक जिले के किसानों को 51,000 का पुरस्कार प्रदान कर कृषि में प्रेरक योगदान देने वालों का ऋण स्वीकार किया है।

श्री मोदी ने भारत जैसे विशाल देश में पानी की महिमा और सर्वग्राही जल व्यवस्थापन करने पर बल देते हुए कहा कि पानी समुद्र में बेकार बह ना जाए और उसका सर्वाधिक उपयोग हो इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पहली बार नदियों को जोड़ने का सपना साकार करने की पहल की थी। इस सन्दर्भ में श्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में उत्पादन खर्च के महत्वपूर्ण इनपुट के तौर पर जल का महत्व स्वीकार करने और इंटर लिंकिंग ऑफ रिवर वाटरग्रीड प्रोजेक्ट अपनाने का सुझाव दिया। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल के व्यवस्थापन के लिए उन्होंने प्रेरक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में युवा कृषिकारों की नयी पीढ़ी आधुनिक खेती के लिए काफी उत्सुक है।

क्र्षि आधारित अर्थव्यवस्था में आर्थिक संतुलन के लिए नियमित खेती, डेयरी उद्योग, पशुपालन, मत्स्योद्योग, पोल्ट्रीफार्म और वृक्ष की खेती एग्रोफॉरेस्ट्री को समानता के साथ प्रोत्साहित करने का भी श्री मोदी ने सुझाव दिया।

देश में जमीन के प्रत्येक भाग का उपयोग करने के लिए खेती की सीमाओं पर वृक्ष लगाकार हरियाली खड़ी की जा सकती है। दो खेतों के बीच के स्थान में एग्रो फॉरेस्ट्री से काफी बल मिलेगा और किसानों को आत्महत्या करने की जरूरत नहीं होगी। इन तीन समान स्तम्भों पर कृषि संलग्न प्रवृत्तियों की ओर किसानों को प्रेरित करने का मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया, साथ ही समुद्र तट पर सी विड समुद्री शैवाल की खेत प्रणाली अपनाने पर जोर दिया।

श्री मोदी ने सर्वांगीण एग्रो मार्केट लिंकेज का प्रेरक सुझाव देते हुए कहा कि किसान ऐसा है जिसे खुद के कृषि उत्पादों के भाव तय करने का अधिकार नहीं है। इसके लिए एग्रो मार्केट लिंकेज काफी असरदार साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने एग्रो टेक्नॉलॉजी, कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के लैब टु लैंड लिंकेज की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और संशोधकों को उनकी बौद्धिक क्षमता को कृषि क्षेत्र, खेत तक पहुंचाने में संतोष की अनुभूति होगी। कृषि महोत्सव करके लैब टु लैंड द्वारा कृषि क्रांति कर गुजरात ने सफलता पाई है।

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श्री मोदी ने कृषि विषयक ऋण के एग्रो क्रेडिट लिंकेज के व्यापक नेटवर्क की जरूरत पर बल दिया। आज बैंकों के कुल लोन का मात्र पांच प्रतिशत ही कृषि को मिलता है। मगर किसानों को करज के बोझ से मुक्त करके ब्याज और कर्ज से होने वाले शोषण से आजाद कर किसान को उनकी ताकत के बल पर समृद्ध बनाया जा सकता है।

उन्होंने देश के प्रत्येक जिले के उत्तम किसानों की उपलब्धियों और सफलतागाथा को गुजरात सरकार की वेबसाइट पर प्रस्तुत करने की घोषणा की। इससे अधिकतर किसानों के उत्तम प्रयोग देशभर में वेबसाइट द्वारा पहुंच सकेंगे।उन्होंने अपेक्षा जतायी कि भारत सरकार कृषि विकास के लिए संशोधनों को प्रोत्साहन देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम आज खेत उत्पादन दो गुना करने का ध्येय रखेंगे तो पूर्ण करेंगे, यह सम्भव है। इससे पूरे देश का पेत भर सकेंगे और यदि तीन गुना अन्न उत्पादन करेंगे तो पूरी दुनिया को अनाज दे सकेंगे। भारत के किसानों में उतना सामर्थ्य है।

श्री मोदी ने कहा कि गांधीजी कहा करते थे कि सच्चा स्वराज गांवों को समृद्ध बनाने से आएगा और इसके लिए कृषि को समृद्ध बनाना होगा। हमारी कृषि नीति ऐसी होनी चाहिए।

इस अवसर पर डेनमार्क के फूड एंड एग्रीकल्चर मिनिस्टर काउंसिलर एंडर्स के एडम्सन, मडागास्कर एम्बेसी के रजांड्रासोआ लिएंटाइन, बोलिविया के राजदूत जोर्गे कोर्डेनास रोबेल्स, गाम्बिया के हाई कमिश्नर एलिया बाह, मालावा के राजदूत पर्क्स लिगोया, नागालैंड एग्रीकल्चर बोर्ड के पार्लामेंटरी सचिव बेंजोग्लीबा एडर, आशीष बहुगुणा, श्री अयप्पा, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव वरेश सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !