ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की मैनेजमेंट विशेषज्ञों
के साथ प्रश्नोत्तरी
नेशनल इकॉनॉमी और मैनेजमेंट पर श्री मोदी ने पेश किया प्रेरक चिंतन
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गुड गवर्नेंस, मैनेजमेंट और इकॉनॉमी ग्रोथ सहित विशाल दायरे पर मैनेजमेंट विशेषज्ञों के सवालों के उत्तर दिए।
मुख्यमंत्री ने जो जवाब दिए, वह इस प्रकार हैं:
- वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अब दाओस इन एक्शन बन चुका है। गुजरात की पहचान की आर्थिक विकास के क्षेत्र में ऊंची साख बनी है। अब हमारा फोकस गुजरात के इनवेस्टमेंट का नहीं है बल्कि विशव के देशों के लिए बिजनस प्लेटफार्म का हब गुजरात बन गया है। गुजरात ने इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट इन्सेंटिव राज्यों की स्पर्धा और विदेश की धरती पर प्रतिनिधिमंडल भेजकर प्रोजेक्ट एमओयु करने की पुरानी परम्परा को दूर करके वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित करके अन्य राज्यों को भी ग्लोबल इकॉनॉमी का भागीदार बनाने का प्लेटफारम उपलब्ध करवाया है।
- सोलर एनर्जी और रिन्युएबल एनर्जी में गुजरात ने गेम चेंजर भूमिका सफलता से साबित करके देश में पहली बार सोलर पावर पॉलिसी को सफल बनाया तब 13 रुपये प्रति युनिट की दर से सौर ऊर्जा उत्पादित बिजली खरीदने की घोषणा की थी, तब कोयले और गैस आधारित बिजली की दर सिर्फ तीन रुपए थी। इसके बावजूद ईमानदारी से इस सरकार ने सोलर पावर पॉलिसी बनाई और इसके बाद इसी पॉलिसी के आधार पर भारत सरकार ने उसकी पोलिसी बनाई जिसमें बिजली की दर 19 रुपए घोषित की। स्वाभाविक है कि केन्द्र की महंगी दर की बिजली खरीद की सामने गुजरात टिक नहीं पाएगा मगर गुजरात की साख इतनी ऊंची है कि भारत सरकार अभी बमुश्किल 120 मेगावाट सोलर पावर हासिल कर पाई है जबकि गुजरात ने 750 मेगावाट सोलर पावर उत्पादन देश के चरणों में समर्पित कर दिया है। अब स्थिति यह हो गई है कि सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की कीमत घट रही है और कोयले- गैस की कीमत बढ़ रही है। देखते ही देखते दोनों 5 रुपे युनिट के समानांतर पहुंच जाएंगे। इस तरह गुजरात ने हिम्म्त करके सोलर पावर में गेम चेंजर की सफल भूमिका निभाई है।
- नर्मदा केनाल पर सोलर पेनल से बिजली पैदा करने में गुजरात ने दुनिया को नई राह दिखलाई है, अब केनाल के पानी में हाइड्रो टर्बाइन माइक्रो मशीन रखकर केनाल हेड पर सोलर और केनाल वाटर में हाइड्रो सोलर पावर का कम्बाइन उत्पादन करने पर रिसर्च शुरु किया गया है।
- टीम गुजरात की सफलता का रहस्य इसकी कार्यक्षमता है।
- मैनेजमेंट की बेस्ट क्वालिटी में गवर्नमेंट में राजनैतिक प्रतिनिधि जनता चुनती है और प्रशासनिक ब्युरोक्रेसी का माइंडसेट बदलना भी मुश्किल है.ऐसे में टीमवर्क ही बेस्ट रहे, ऐसा नेतृत्व मिलना चाहिए। कार्य की स्वतंत्रता और प्रत्येक की शक्ति को अवसर दीजिए।
- राज्य में पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस होना चाहिए। पॉलिसी पारदर्शी बनाने के लिए पीपुल्स पातीशिपेसन लेकर मिनिमम ग्रे एरिया हो तो भ्रष्टाचार या भेदभाव की सम्भावना नहीं के बराबर रहती है।
- टेक्नोलोजी ने गवर्नेंस में पार्दशिता ला दी है। गुजरात के भिलाड़ आरटीओ चेकपोस्ट की आय महाराष्ट्र के अछाड चेकपोस्ट से से 762 करोड़ ज्यादा है। एक ही नेशनल हाइवे पर आमने सामने बने चेक पोस्टों पर हासिल आय में इतना अंतर गुजरात की ई टेक्नॉलॉजी, ई गवर्नेंस की वजह से है।
- केन्द्र सरकार को जीएसटी सेल टैक्स का अमल करना हो तो समग्र भारत के राज्यों में उसके अमल की पूर्व शर्त है इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी का सक्षम नेटवर्क। बिजली के अभाव में यह सम्भव नहीं हो सकता, इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को यह हकीकत पता चल गई थी।
- दहेज का भारत के एकमात्र दुनिया के टॉप 25 इनवेस्टमेंट जोन में समावेश हुआ है।
- किसी भी कोने में कोई गरीब समाज में से कचरा उठाने का काम कर रहा हो तो वह भी देश सेवा का ही काम कर रहा है। मेरी जिम्मेदारी 6 करोड़ गुजरातियों की सेवा की है। इसका भू भाग गुजरात है मगर मैं राष्ट्र सेवा में हूं।
- गुजरात में मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर में वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रतियोगिता में खड़े रहने के लिए जीरो डिफेक्ट मेन्युफेक्चरिंग और बेस्ट पेकेजिंग टेक्निक में साख बनानी होगी। आज दुनिया के किसी भी वाहन में कहीं भी गुजरात में बना ऑटो पार्ट उपयोग में आता है।
- गुजरात सरकार ने अर्बन इंफ्रास्ट्रेक्चर, अर्बन मैनेजमेंट और अर्बन डवलपमेंट विषयक मानव संसाधन विकास के लिए मणिनगर में युनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए भवन बना दिया है परंतु युनिवर्सिटी के विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिल रही है।
- गुजरात के पास 1600 किलोमीटर लम्बा समुद्री तट है।स मरीन इंजिनियरिंग और कोस्टल मैनेजमेंट इंस्टीट्युट स्थापित करने की सबसे ज्यादा अनुकूलता है मगर भारत सरकार राजनैतिक भेदभाव के चलते गुजरात के प्रस्ताव को मंजूर नहीं कर रही।
- गुजरात ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के संकल्प के साथ आज मेडिक एजुयुकेशन की 5000 सीटें बढ़ाई हैं।
- मरीजों के लिए हॉस्पिटल बेड इंश्योरेंस बेनिफिट पॉलिसी भारत सरकार को बनानी चाहिए।
- युवा पीढ़ी के लिए फॉर्मल डिग्री एज्युकेशन के साथ स्कील डवलपमेंट के कोरस ही बेरोजगारी खत्म करने मंी सक्षम माध्यम हैं। गुजरात ने 986 जितने हुनर कौशल्य के कोर्स शुरु कर दिए हैं।
- ग्लोबल रिसेशन, वैश्विक मन्दी को अवसर में पलटने के लिए लॉ कोस्ट मेन्युफेक्चरिंग, इफेक्टिव गवर्नेंस और बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रेटजी ही लागु करनी पड़ेगी- गुजरात इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
- मैं भी इंसान हूं। मगर 2001 में मैने वादा किया था कि काम करते हुए मुझसे गलतियां होगी तो भी उसमें कोई दुर्भावना नहीं होगी, इस वचन का मैने पालन किया है। मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखी है। व्यक्तिगत लाभ के मुझ पर कोई दाग नहीं हैं। राजनैतिक आरोप के झूठ तो चलते रहेंगे। मुझे 6 करोड़ गुजरातियों का आशिर्वाद और भरोसा मिला है, मेरा सम्पूर्ण सेवाध्यान गुजरात ही है।